शिमला में सोशल मीडिया पर एक अकाउंट से भगवान शिव की फ़ोटो के साथ छेड़छाड़ व अश्लील फोटो डालने पर देवभूमि संघर्ष समिति भड़क गई। समिति ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत दी है और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। संघर्ष समिति सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा है कि फेसबुक पर सत्य की खोज नाम से एक अकाउंट पर बार बार भगवान शिव की फ़ोटो के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। इस बारे में उन्होंने आज बालूगंज थाना में शिकायत भी दर्ज करवाई है। मदन ठाकुर का कहना है कि भगवान शिव की अश्लील फोटो बनाई जा रही है, जिसे फेसबुक पर सत्य की खोज नामक पेज पर लगातार अपलोड किया जा रहा है। इसमें भगवान शिव के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने के साथ ही उनकी अश्लील फोटो बनाकर डाली जा रही है। यही नहीं इस पेज में भगवान श्रीराम और भगवान श्री कृष्ण को लेकर भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा इसको सोशल मीडिया वायरल करने का काम किया जा रहा है, इससे समाज में सांप्रदायिक सौहार्द खराब किया जा रहा है। मदन ठाकुर ने कहा कि भगवान का इस तरह से अपमान करने से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि चिंता का विषय है। ऐसे में पुलिस इस पेज को तुरंत बंद करे और इस तरह का कृत्य करने वालों पर एफआईआर कर उनको गिरफ्तार करे ताकि समाज में सौहार्द बना रहे। कार्रवाई नहीं करने पर दी चेतावनी देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि अगर इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हिंदू समाज सड़कों पर उतरकर खुद निर्णय करने को मजबूर होगा। जिसकी ज़िम्मेवारी शासन और प्रशासन की होगी। SP बोले ध्यान में नहीं आया मामला, सख्त कार्रवाई करेंगे इस मामले में एसपी संजीव गांधी का कहना है कि उनके ध्यान में अभी ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर ऐसा कोई मामला होगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिमला में सोशल मीडिया पर एक अकाउंट से भगवान शिव की फ़ोटो के साथ छेड़छाड़ व अश्लील फोटो डालने पर देवभूमि संघर्ष समिति भड़क गई। समिति ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत दी है और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। संघर्ष समिति सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा है कि फेसबुक पर सत्य की खोज नाम से एक अकाउंट पर बार बार भगवान शिव की फ़ोटो के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। इस बारे में उन्होंने आज बालूगंज थाना में शिकायत भी दर्ज करवाई है। मदन ठाकुर का कहना है कि भगवान शिव की अश्लील फोटो बनाई जा रही है, जिसे फेसबुक पर सत्य की खोज नामक पेज पर लगातार अपलोड किया जा रहा है। इसमें भगवान शिव के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने के साथ ही उनकी अश्लील फोटो बनाकर डाली जा रही है। यही नहीं इस पेज में भगवान श्रीराम और भगवान श्री कृष्ण को लेकर भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा इसको सोशल मीडिया वायरल करने का काम किया जा रहा है, इससे समाज में सांप्रदायिक सौहार्द खराब किया जा रहा है। मदन ठाकुर ने कहा कि भगवान का इस तरह से अपमान करने से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि चिंता का विषय है। ऐसे में पुलिस इस पेज को तुरंत बंद करे और इस तरह का कृत्य करने वालों पर एफआईआर कर उनको गिरफ्तार करे ताकि समाज में सौहार्द बना रहे। कार्रवाई नहीं करने पर दी चेतावनी देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि अगर इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हिंदू समाज सड़कों पर उतरकर खुद निर्णय करने को मजबूर होगा। जिसकी ज़िम्मेवारी शासन और प्रशासन की होगी। SP बोले ध्यान में नहीं आया मामला, सख्त कार्रवाई करेंगे इस मामले में एसपी संजीव गांधी का कहना है कि उनके ध्यान में अभी ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर ऐसा कोई मामला होगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी भारत 15 अगस्त को देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना चुका है। मगर हिमाचल में एक शहर ऐसा है जहां आजादी दिवस आज मनाया जा रहा है। शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाने की परंपरा 1947 से चली आ रही है। यहां आजादी दिवस को ‘जलसा’ फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाता है। इसके पीछे का इतिहास गौरवमयी है। नीचे इसके पीछे की पूरी वजह पढ़िए… साल 1946 में देश 360 रियासतों के राजाओं, राणाओं, नवाब और निजाम के शासन से मुक्ति के लिए लड़ रहा था। 1946 में ही ठियोग रियासत की जनता ने राजाओं की सत्ता से मुक्ति पाई। इसी साल ठियोग में देश के पहले प्रजामंडल का गठन किया गया। 16 अगस्त 1947 को लोग बासा ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर इकट्ठे हुए। जनता के दबाव में राजा को को गद्दी छोड़नी पड़ी। देश में पहली डेमोक्रेटिक सरकार ठियोग में बनी
इसी दिन ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने। इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत अन्य 8 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। तब से ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। देश के लिए बलिदान देने वालों को किया जाता है याद
इस जलसा पर्व में न केवल देश के लिए बलिदान देने वाले महान सपूतों को याद किया जाता है, बल्कि सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन होता है। यह आयोजन 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। पूरी ठियोग रियासत की जनता इस पर्व के लिए ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों के बच्चे इसमें प्रस्तुतियां देते हैं। वीरभद्र सरकार ने जलसा को जिला स्तरीय का दर्जा दिया
जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व वीरभद्र सरकार ने ठियोग के इस जलसा पर्व को जिला स्तरीय का दर्जा दिया। परंपरा यह रही कि जलसा पर्व के लिए क्षेत्र के लोग हर साल नए कपड़ों की खरीददारी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मेले में पहुंचते हैं। मेला स्थल पर अगले 15 से 20 दिन इलाके के लोग खरीदारी के लिए पहुंचते है। कहां बसा है ठियोग शहर
ठियोग कस्बा शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे पर बसा है। शिमला से ठियोग पहुंचने में गाड़ी में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के लिए दूसरा कोई जरिया नहीं है। पहले प्रजामंडल के PM के बेटे बोले-
जलसा पर्व को लेकर प्रजामंडल के पहले प्रधानमंत्री रहे सूरत राम प्रकाश के बेटे एवं रिटायर्ड शास्त्री जय प्रकाश ने बताया कि कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, मगर ठियोग से पहले कहीं भी न प्रजामंडल बना और न मिनिस्ट्री का गठन हुआ। 16 अगस्त 1947 को ठियोग में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव रहेंगे या नहीं, फैसला आज:सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हाईकोर्ट ने CPS एक्ट रद्द किया था, सुविधाएं वापस लीं
हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव रहेंगे या नहीं, फैसला आज:सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हाईकोर्ट ने CPS एक्ट रद्द किया था, सुविधाएं वापस लीं सुप्रीम कोर्ट (SC) में आज हिमाचल के मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में सुनवाई होगी। कांग्रेस सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है। वहीं बीजेपी ने भी इसी मामले में कैविएट फाइल कर रखी है, ताकि कांग्रेस सरकार की SLP (विशेष अनुमति याचिका) सुनने से पहले बीजेपी भी अपना पक्ष अदालत में रख सके। बीजेपी के चौपाल से MLA बलवीर वर्मा की ओर से कैविएट फाइल की गई है। यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की कोर्ट में लगेगा। प्रदेश सरकार की ओर से इस केस की पैरवी सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल करेंगे। राज्य सरकार ने दलील दी है कि हिमाचल हाईकोर्ट ने बिमलोंशू राय बनाम असम के केस को आधार बनाते हुए फैसला सुनाया है, जबकि हिमाचल और असम का CPS एक्ट अलग था। हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि राज्य सरकार ने ये दलीलें हाईकोर्ट में भी दी। मगर जजमेंट के वक्त उन दलीलों का ज्यादा ध्यान में नहीं रखा गया। इसी ग्राउंड पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 13 नवंबर को हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट,2006 को निरस्त किया था। सुक्खू ने इन्हें लगा रखा था CPS
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों अर्की से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से एमएल ब्राक्टा, दून से राम कुमार चौधरी और पालमपुर से आशीष कुमार को CPS बनाया था। इन्होंने दी हाईकोर्ट में चुनौती
कल्पना नाम की एक महिला के अलावा BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।संविधान के अनुच्छेद 164(1)ए के तहत किसी भी राज्य की विधानसभा में मंत्रियों की संख्या 15 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। हिमाचल में 68 विधायक हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। बावजूद इसके प्रदेश सरकार में सीएम, डिप्टी सीएम सहित कुल 11 मंत्री हैं, जो 6 सीपीएस को मिलाकर 17 बनते हैं। इसी को तीन याचिकाओं में चुनौती दी गई थी। 13 नवंबर को कल्पना और बीजेपी के 11 विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया, जबकि पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर बीते बुधवार (20 नवंबर) को अदालत ने आदेश दिए। विधायकों की सदस्यता पर संकट
6 पूर्व CPS की विधायकी पर अभी संकट बना हुआ है। बीजेपी इनकी सदस्यता को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट बताते हुए चुनौती देने की तैयारी में है और विधि विशेषज्ञ से राय ले रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि अब CPS एक्ट में मिल रही प्रोटेक्शन भी समाप्त हो गई है। क्योंकि कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्य अयोग्यता अधिनियम 1971 की धारा 3 (डी) को भी असंवैधानिक करार दिया है। इसके तहत CPS पद को संरक्षण दिया गया था। साल 2005 में रद्द हो चुका CPS एक्ट
हिमाचल में CPS एक्ट दूसरी बार निरस्त हुआ है। इससे पहले साल 2005 में भी कोर्ट ने CPS एक्ट को निरस्त किया। इसके बाद राज्य सरकार ने नया CPS एक्ट 2006 बनाया। 2005 में भी कांग्रेस सरकार ने 12 CPS लगाए थे। साल 2009 में राज्य में पूर्व धूमल सरकार ने 3 CPS लगाए। तब ऊना से विधायक सत्तपाल सत्ती, पांवटा से सुखराम चौधरी और कुटलैहड़ से विधायक वीरेंद्र कंवर को CPS बनाया गया। 2012 में राज्य में फिर सत्ता परिवर्तन हुआ और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 2013 में 9 CPS लगाए। वीरभद्र सिंह ने नीरज भारती, राजेश धर्माणी, विनय कुमार, जगजीवन पाल, नंद लाल, रोहित ठाकुर, सोहन लाल ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल और मनसा राम को CPS बनाया। पूर्व BJP सरकार ने CPS नहीं चीफ व्हिप व डिप्टी चीफ व्हिप लगाए
इस दौरान देश के कई राज्यों में CPS की नियुक्ति के मामले सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे। 2017 में राज्य में फिर सत्ता परिवर्तन हुआ। तब जयराम के नेतृत्व में बनी बीजेपी सरकार ने CPS तो नहीं लगाए। मगर चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप लगाए। चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका भी अभी हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। दिसंबर 2022 में कांग्रेस की सरकार बनी। CM सुक्खू ने पहले कैबिनेट विस्तार व मंत्रियों की शपथ से पहले 6 CPS को शपथ दिलाई।
शिमला में 70 वर्षीय महिला जिंदा जली:लकड़ी के दो मंजिला मकान में लगी आग; परिवार के अन्य सदस्यों ने भागकर बचाई जान
शिमला में 70 वर्षीय महिला जिंदा जली:लकड़ी के दो मंजिला मकान में लगी आग; परिवार के अन्य सदस्यों ने भागकर बचाई जान शिमला के रोहड़ू में दो मंजिला मकान में आग लग गई। जिससे 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला जिंदा जल गई। जबकि अन्य लोगों ने भाग कर जान बचाई। लकड़ी का होने के कारण आग मकान में तेजी से फैल गई। सोमवार रात करीब 9 बजे कुटाडा गांव की घटना है। मृतका की पहचान दोसरी देवी के नाम से हुई है। घर के भीतर उस समय बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। लकड़ी का मकान होने के कारण आग तेजी से पूरे मकान में फैल गई। घर गांव के बीच स्थित था। इसलिए जैसे ही आग की खबर फैली, तो ग्रामीण तुरंत पंप और पावर स्प्रे लेकर आग बुझाने पहुंचे। गांव के लोग अपने घरों की टंकियों से पानी निकालकर आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगे। वहीं फायर बिग्रेड की टीम ने करीब आधे घंटे के देरी से पहुंची। जब तक मकान पूरा जल चुका था। परिवार के सदस्यों ने भागकर बचाई जान, महिला जिंदा जली आग के कोहराम के बीच मकान में मौजूद बच्चे और अन्य परिवार के सदस्य किसी तरह जान बचाकर बाहर निकले। लेकिन अफरातफरी में बुजुर्ग महिला दोसारी देवी दूसरी मंजिल के बरामदे में फंस गईं। ग्रामीणों ने उन्हें बचाने की कोशिश की। लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई भी भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। आखिरकार महिला की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को ग़मग़ीन कर दिया है। प्रशासन ने दी परिवार को फौरी राहत रोहड़ू के एसडीएम विजय वर्धन ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने अन्य अधिकारियों के साथ खुद घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। बुजुर्ग महिला के शव को बरामद कर लिया गया है। प्रभावित परिवार को प्रशासन की ओर से फौरी राहत प्रदान की गई है। बेघर हुए परिवार के रहने का प्रबंध किया गया है। कुमारसैन में अग्निकांड, दो मंजिला मकान जलकर राख वहीं रोहडू की इस घटना के अलावा शिमला जिला के कुमारसैन उपमंडल के अढ़ोथ गांव में भी आग की एक अन्य घटना पेश आई है। यहां पर देर रात चेत राम का दो मंजिला मकान आग की चपेट में आ गया। मकान लकड़ी का बना था। जिससे आग ने पूरे घर को तेजी से अपनी चपेट में ले लिया। आग लगने की इस घटना में चेत राम के मकान में रखा सभी सामान कपड़े, बिस्तर और अन्य आवश्यक वस्तुएं पूरी तरह जल गईं। परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।