हिमाचल प्रदेश का सबसे प्राचीन गांव मलाणा आठ दिन से देश दुनिया से कटा हुआ है। बिजली, पानी, सड़कें, पुल सब बह गए है। अब राशन की भी किल्लत हो गई है। ग्रामीणों ने फिर भी हार नहीं मानी और सरकारी मदद मिलने से पहले ही मूलभूत सुविधाओं की बहाली में जुट गए हैं। ग्रामीणों ने पहले उफनते हुए मलाणा खड्ड पर लकड़ी का शानदार पुल बनाया। अब हेलिपैड बनाने में जुट गए है, ताकि हेलिकॉप्टर से राशन की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके। दरअसल, बीते 31 जुलाई की रात श्रीखंड में बाढ़ के बाद मलाणा क्षेत्र में भीषण तबाही हुई है। इससे मलाणा क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें, पुल टूट गए है। इससे क्षेत्र की दुकानों में राशन की सप्लाई नहीं हो पा रही। लोगों के घर पर रखा राशन का स्टॉक भी खत्म हो रहा है। इसी तरह क्षेत्र में एक सप्ताह बाद बिजली भी बहाल नहीं हो पाई।’ जिला प्रशासन ने भेजी थी टीम जिला प्रशासन ने दो दिन पहले मलाणा क्षेत्र की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक टीम भेजी थी। टीम ने ग्रामीणों के साथ मीटिंग की। इसमें हेलिपैड बनाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि सड़क बहाली में अभी लंबा वक्त लगेगा। हेलिकॉप्टर से राशन भेजेगा प्रशासन जिला प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से राशन भेजने का भरोसा दिया है। ऐसे में हेलिकॉप्टर की उतारने के प्राइमरी स्कूल के साथ लगती खाली जमीन पर हेलिपैड बनाया जा रहा है। मलाणावासी पुल तैयार करने के बाद अब हेलिपैड के लिए जमीन समतल करने में जुट गए हैं। कुदाली, फावड़ा लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण हेलिपैड बनाने में जुटे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि यदि बारिश नहीं हुई तो दो दिन में पुल तैयार हो जाएगा। इसके बाद ही मलाणा घाटी में हेलिकॉप्टर से राशन की सप्लाई संभव हो पाएगी। मलाणा डैम को भी भारी नुकसान आपको बता दें कि ये वहीं क्षेत्र है जहां मलाणा-1 और मलाणा-2 पावर प्रोजेक्ट भी है। इन दोनों प्रोजेक्ट के डैम को भी 31 जुलाई और 1 अगस्त की बारिश से नुकसान हुआ है। खासकर मलाणा-2 डैम को भारी क्षति हुई है। हिमाचल प्रदेश का सबसे प्राचीन गांव मलाणा आठ दिन से देश दुनिया से कटा हुआ है। बिजली, पानी, सड़कें, पुल सब बह गए है। अब राशन की भी किल्लत हो गई है। ग्रामीणों ने फिर भी हार नहीं मानी और सरकारी मदद मिलने से पहले ही मूलभूत सुविधाओं की बहाली में जुट गए हैं। ग्रामीणों ने पहले उफनते हुए मलाणा खड्ड पर लकड़ी का शानदार पुल बनाया। अब हेलिपैड बनाने में जुट गए है, ताकि हेलिकॉप्टर से राशन की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके। दरअसल, बीते 31 जुलाई की रात श्रीखंड में बाढ़ के बाद मलाणा क्षेत्र में भीषण तबाही हुई है। इससे मलाणा क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें, पुल टूट गए है। इससे क्षेत्र की दुकानों में राशन की सप्लाई नहीं हो पा रही। लोगों के घर पर रखा राशन का स्टॉक भी खत्म हो रहा है। इसी तरह क्षेत्र में एक सप्ताह बाद बिजली भी बहाल नहीं हो पाई।’ जिला प्रशासन ने भेजी थी टीम जिला प्रशासन ने दो दिन पहले मलाणा क्षेत्र की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक टीम भेजी थी। टीम ने ग्रामीणों के साथ मीटिंग की। इसमें हेलिपैड बनाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि सड़क बहाली में अभी लंबा वक्त लगेगा। हेलिकॉप्टर से राशन भेजेगा प्रशासन जिला प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से राशन भेजने का भरोसा दिया है। ऐसे में हेलिकॉप्टर की उतारने के प्राइमरी स्कूल के साथ लगती खाली जमीन पर हेलिपैड बनाया जा रहा है। मलाणावासी पुल तैयार करने के बाद अब हेलिपैड के लिए जमीन समतल करने में जुट गए हैं। कुदाली, फावड़ा लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण हेलिपैड बनाने में जुटे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि यदि बारिश नहीं हुई तो दो दिन में पुल तैयार हो जाएगा। इसके बाद ही मलाणा घाटी में हेलिकॉप्टर से राशन की सप्लाई संभव हो पाएगी। मलाणा डैम को भी भारी नुकसान आपको बता दें कि ये वहीं क्षेत्र है जहां मलाणा-1 और मलाणा-2 पावर प्रोजेक्ट भी है। इन दोनों प्रोजेक्ट के डैम को भी 31 जुलाई और 1 अगस्त की बारिश से नुकसान हुआ है। खासकर मलाणा-2 डैम को भारी क्षति हुई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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