हिमाचल प्रदेश में मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार को भड़काने वाली महिला की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कांगड़ा के लंबागांव पुलिस स्टेशन में FIR के बाद DC कांगड़ा ने भी महिला के इस आचरण को लेकर नोटिस जारी कर दिया है। महिला को सात दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद महिला पर निलंबन की गाज गिरनी तय मानी जा रही है। दरअसल, कश्मीरियों से बदसलूकी करने वाली सुषमा देवी नाम की महिला लंबागांव वार्ड से पंचायत समिति सदस्य (BDC) है। देश का संविधान और हिमाचल का पंचायतीराज एक्ट किसी भी लोक सेवक को इस तरह जन भावनाएं भड़काने की इजाजत नहीं देता। जब भी कोई लोक सेवक चुनाव जीतता है, तो उन्हें पद की गरिमा बनाए रखने, ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने और हर हाल में देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई जाती है। मगर सुषमा देवी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के गंभीर आरोप लगे है। पुलिस ने महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 196 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई की जा रही है। एक्ट में सस्पेंड करने का प्रावधान: जिला पंचायत अधिकारी जिला पंचायत अधिकारी धर्मशाला नीलम कटोच ने बताया कि एसडीएम से जांच रिपोर्ट और FIR की कॉपी मिलने के बाद सुषमा को नोटिस दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमारा एक्ट किसी को भी किसी के धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं देता। खासकर लोक सेवक तो बिल्कुल भी ऐसा आचरण नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज एक्ट में ऐसे आचरण पर सस्पेंड करने का प्रावधान है। 23 नवंबर का वीडियो 25 को वायरल, 26 को FIR बता दें कि बीते 23 नवंबर को एक वीडियो वायरल होता है। जिसमे दो महिलाएं और दो कश्मीरी नजर आ रहे हैं। इनमें से एक महिला कश्मीरियों के आर्थिक बहिष्कार और हिमाचल में मुसलमानों को नहीं आने की बात करती है। यह वीडियो 25 नवंबर को सोशल मीडिया में वायरल होता है। मगर तब तक यह मालूम नहीं पड़ता कि वीडियो कहा है। SP कांगड़ा के निर्देशों पर FIR 26 नवंबर को कश्मीरियों से बदसलूकी करने वाली महिला की पहचान होती है और SP कांगड़ा के निर्देशों पर महिला के खिलाफ FIR होती है। इस वीडियों में महिला न केवल मुसलमानों के बहिष्कार बल्कि उन्हें जय श्री राम बोलने को भी कहती है। महिला कहती है कि इनका सामान कोई न खरीदे। जो सामान खरीदना है, वो हिंदू दुकानदारों से खरीदे। ये क्या हमें मुफ्त में देंगे। अगर मुफ्त भी देंगे तो भी नहीं लेंगे। हिमाचल प्रदेश में मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार को भड़काने वाली महिला की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कांगड़ा के लंबागांव पुलिस स्टेशन में FIR के बाद DC कांगड़ा ने भी महिला के इस आचरण को लेकर नोटिस जारी कर दिया है। महिला को सात दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद महिला पर निलंबन की गाज गिरनी तय मानी जा रही है। दरअसल, कश्मीरियों से बदसलूकी करने वाली सुषमा देवी नाम की महिला लंबागांव वार्ड से पंचायत समिति सदस्य (BDC) है। देश का संविधान और हिमाचल का पंचायतीराज एक्ट किसी भी लोक सेवक को इस तरह जन भावनाएं भड़काने की इजाजत नहीं देता। जब भी कोई लोक सेवक चुनाव जीतता है, तो उन्हें पद की गरिमा बनाए रखने, ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने और हर हाल में देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई जाती है। मगर सुषमा देवी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के गंभीर आरोप लगे है। पुलिस ने महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 196 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई की जा रही है। एक्ट में सस्पेंड करने का प्रावधान: जिला पंचायत अधिकारी जिला पंचायत अधिकारी धर्मशाला नीलम कटोच ने बताया कि एसडीएम से जांच रिपोर्ट और FIR की कॉपी मिलने के बाद सुषमा को नोटिस दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमारा एक्ट किसी को भी किसी के धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं देता। खासकर लोक सेवक तो बिल्कुल भी ऐसा आचरण नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज एक्ट में ऐसे आचरण पर सस्पेंड करने का प्रावधान है। 23 नवंबर का वीडियो 25 को वायरल, 26 को FIR बता दें कि बीते 23 नवंबर को एक वीडियो वायरल होता है। जिसमे दो महिलाएं और दो कश्मीरी नजर आ रहे हैं। इनमें से एक महिला कश्मीरियों के आर्थिक बहिष्कार और हिमाचल में मुसलमानों को नहीं आने की बात करती है। यह वीडियो 25 नवंबर को सोशल मीडिया में वायरल होता है। मगर तब तक यह मालूम नहीं पड़ता कि वीडियो कहा है। SP कांगड़ा के निर्देशों पर FIR 26 नवंबर को कश्मीरियों से बदसलूकी करने वाली महिला की पहचान होती है और SP कांगड़ा के निर्देशों पर महिला के खिलाफ FIR होती है। इस वीडियों में महिला न केवल मुसलमानों के बहिष्कार बल्कि उन्हें जय श्री राम बोलने को भी कहती है। महिला कहती है कि इनका सामान कोई न खरीदे। जो सामान खरीदना है, वो हिंदू दुकानदारों से खरीदे। ये क्या हमें मुफ्त में देंगे। अगर मुफ्त भी देंगे तो भी नहीं लेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सचिवालय में फिर गरजे कर्मचारी:बोले- प्रिविलेज मोशन वापस लिया जाए; DA की किश्त देने के लिए जताया आभार हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन को वापस लेने की मांग की है। सचिवालय में मंगलवार को आयोजित जनरल हाउस में मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उनके खिलाफ मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा लाया गया विशेषाधिकार हनन का नोटिस वापस लिया जाए। संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों की मांग उठाई है। इसके लिए 2 जनरल हॉउस हुए। पहले जनरल हॉउस में उन्हें मेमो दिया गया। दूसरे के बाद प्रिविलेज मोशन लाया गया। मगर उन्हें खुशी है कि उन्होंने प्रदेश के हजारों कर्मचारियों की आवाज उठाई। उनके आंदोलन के बाद सरकार को कर्मचारियों की मांगें पूरी की है। उन्होंने कहा कि उन्हें तो जानकारी मिली है कि किसी ने उनके खिलाफ पुलिस को भी शिकायत दी है, जिसमे आरोप लगाया गया कि कर्मचारी नेताओं के भाषणों से प्रदेश में अराजकता फेल सकती है। उन्होंने कहा कर्मचारियों के हकों की लड़ाई के लिए वह FIR और प्रिविलेज मोशन का सामना करने को तैयार है। बता दें कि बीते अगस्त माह में सचिवालय कर्मचारियों ने मंत्री राजेश धर्माणी के एक बयान के बाद उनके खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की थी। इस पर धर्माणी ने विधानसभा में कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया है। सरकार का जताया आभार सचिवालय कर्मचारियों की आम सभा में कर्मचारियों ने महंगाई भत्ते (DA) की एक किश्त देने, पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान और 28 अक्टूबर को वेतन के भुगतान के लिए सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया। संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि इन सब सौगातों से कर्मचारियों और पेंशनर्स की नाराजगी सरकार के प्रति कुछ हद तक दूर हो गई है। पेंडिंग DA, एरियर और वेतन के एरियर के लिए महासंघ जल्द CM सूक्खु से मुलाकात करेगा और 21 महीनों के पेंडिंग DA एरियर व 2016 के पेय एरियर की मांग उठाएंगे।
हमीरपुर नगर निगम शामिल होंगे 84 रिवेन्यू गांव:22 वार्ड बनेंगे, 5 साल तक कोई टैक्स नहीं, नई प्रपोजल में 28 विलेज बाहर
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नगर निगम का जो नया ढांचा रिवेन्यू विलेज के हिसाब से तैयार किया गया। उसमें 31.52 स्क्वायर किलोमीटर का क्षेत्रफल आएगा। यही नए नगर निगम का ढांचा होगा। इसकी सारी परिधि में जितने 84 गांव आएंगे। उनमें विकास, उससे जुड़ी हुई मूलभूत सुविधाएं सभी नगर निगम ही करवाएगा। सबसे अहम इलाके
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अब दिसंबर 2025 में पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव होंगे। उसमें नए जुड़े क्षेत्रों में नगर निगम के वार्ड बनेंगे और चुनाव उसी आधार पर होंगे। इसीलिए अभी से चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग भी गुणा-भाग के जरिए राजनीतिक समीकरणों को भुनाने में जुट गए हैं। नगर निगम की रिपोर्ट भेज दी है- ईओ
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उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद हमीरपुर को नगर परिषद के स्थान पर नगर निगम बनाने की ख़्वाहिश सरकार बनने के तुरंत बाद जताई थी।
हिमाचल में हीटर के टिकट पर सरकार की सफाई:लगेज पॉलिसी के हिसाब से काटा गया; तय मात्रा से ज्यादा सामान पर वसूला किराया
हिमाचल में हीटर के टिकट पर सरकार की सफाई:लगेज पॉलिसी के हिसाब से काटा गया; तय मात्रा से ज्यादा सामान पर वसूला किराया हिमाचल में 2 दिन से सरकारी बसों में कुकर और हीटर का किराया वसूले जाने की खूब चर्चाएं थी। इस पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) प्रबंधन ने आज सफाई दी है। निगम प्रबंधन ने दावा किया कि जिन छात्रों से हीटर का टिकट काटा गया है, उनके पास दो बैग के अलावा भी सामान था। बता दें कि 4 दिसंबर को शिमला से धर्मशाला जा रही सरकारी बस में रोहन कौंडल नाम के कंडक्टर ने हीटर का टिकट काटा था। इस बस में शिमला से दो छात्र यात्रा कर रहे थे, जिनके पास 5 बैग, एक हीटर व एक टेबल था। HRTC की लगेज पॉलिसी के हिसाब से प्रत्येक यात्री अपने साथ 30 किलो सामान या फिर किसी भी आकार के दो बैग मुफ्त ले जा सकता है। शिमला से धर्मशाला जा रहे दोनों छात्रों के पास अधिकृत सामान के अतिरिक्त 30 किलो सामान पाया गया। इसलिए कंडक्टर ने टिकट काटा है। निगम की लगेज पॉलिसी के हिसाब से टिकट गलत नहीं है। रिकांगपियो डिप्पो की बस के कंडक्टर ने काटा था टिकट बता दें कि रिकांगपियो डिप्पो के कंडक्टर ने डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा था। इससे कांग्रेस सरकार की सोशल मीडिया में खूब किरकिरी हुई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा। इसके बाद जांच में पता चला कि लगेज पॉलिसी के हिसाब से टिकट सही पाया गया। सरकार की हुई किरकिरी प्रेशर कुकर के टिकट के कारण भी सरकार की खूबस किरकिरी हुई है। इसे देखते हुए HRTC प्रबंधन ने सभी कंडक्टर को लगेज पॉलिसी के बारे में एजुकेट करने के निर्देश दे दिए है, ताकि वे यात्रियों से घरेलू उपयोग की वस्तुओं पर किराया न वसूलें।