हिमाचल सरकार ने 1987 बैच के रिटायर IAS, प्रिंसिपल एडवाइजर टू सीएम एवं पूर्व मुख्य सचिव राम सुभग सिंह का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बुधवार को आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं सरकार ने अव्वर सचिव टू सीएम किरण शर्मा को भी छह माह के लिए री-अंगेज किया है। राम सुभग सिंह 31 जुलाई 2023 को रिटायर हो चुके हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने 31 जुलाई 2024 तक उनकी सेवा बढ़ाई थी और अपना प्रिंसिपल एडवाइजर लगाया। आज दोबारा उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दिया गया है। PMO के ऑर्डर के बाद मुख्य सचिव पद से हटाए थे राम सुभग सिंह राम सुभग सिंह को दूसरी बार सेवाकाल आगे बढ़ा गया। इसके बाद सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, क्योंकि पूर्व जयराम सरकार के दौरान विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने राम सुभग सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। खासकर प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली से पत्र आने के बाद रातों-रात पूर्व जयराम सरकार ने मुख्य सचिव को बदला था। तब राम सुभग सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था और आरडी धीमान को राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया था। पीएमओ के आदेशों पर हटाए गए आईएएस को कांग्रेस सरकार ने दूसरी बार मेहरबानी दिखाई है। 10 लाख बेरोजगारों से धोखा हिमाचल में 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार है। वहां पर चहेते रिटायरियों को बार बार एक्सटेंशन और री-एम्प्लॉयमेंट दी जा रही है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री सुक्खू के करीबी एवं हिमऊर्जा के ऑफिसर ऑन स्पेशन ड्यूटी (OSD) नरेश कुमार शर्मा को भी एक साल की एक्सटेंशन दी गई। इससे बेरोजगारों में भी सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। पूर्व जयराम सरकार ने भी चहेते अधिकारियों को एक्सटेंशन और री-एम्प्लॉयमेंट देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि तब कांग्रेस सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही बेरोजगारों से धोखा बताती रही। हिमाचल सरकार ने 1987 बैच के रिटायर IAS, प्रिंसिपल एडवाइजर टू सीएम एवं पूर्व मुख्य सचिव राम सुभग सिंह का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बुधवार को आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं सरकार ने अव्वर सचिव टू सीएम किरण शर्मा को भी छह माह के लिए री-अंगेज किया है। राम सुभग सिंह 31 जुलाई 2023 को रिटायर हो चुके हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने 31 जुलाई 2024 तक उनकी सेवा बढ़ाई थी और अपना प्रिंसिपल एडवाइजर लगाया। आज दोबारा उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दिया गया है। PMO के ऑर्डर के बाद मुख्य सचिव पद से हटाए थे राम सुभग सिंह राम सुभग सिंह को दूसरी बार सेवाकाल आगे बढ़ा गया। इसके बाद सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, क्योंकि पूर्व जयराम सरकार के दौरान विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने राम सुभग सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। खासकर प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली से पत्र आने के बाद रातों-रात पूर्व जयराम सरकार ने मुख्य सचिव को बदला था। तब राम सुभग सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था और आरडी धीमान को राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया था। पीएमओ के आदेशों पर हटाए गए आईएएस को कांग्रेस सरकार ने दूसरी बार मेहरबानी दिखाई है। 10 लाख बेरोजगारों से धोखा हिमाचल में 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार है। वहां पर चहेते रिटायरियों को बार बार एक्सटेंशन और री-एम्प्लॉयमेंट दी जा रही है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री सुक्खू के करीबी एवं हिमऊर्जा के ऑफिसर ऑन स्पेशन ड्यूटी (OSD) नरेश कुमार शर्मा को भी एक साल की एक्सटेंशन दी गई। इससे बेरोजगारों में भी सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। पूर्व जयराम सरकार ने भी चहेते अधिकारियों को एक्सटेंशन और री-एम्प्लॉयमेंट देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि तब कांग्रेस सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही बेरोजगारों से धोखा बताती रही। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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केक-समोसे पर मचा बवाल, CID जांच बिठानी पड़ी:हिमाचल CM के लिए मंगाया था, उनके स्टाफ को परोसे; रिपोर्ट में सरकार विरोधी कृत्य बताया
केक-समोसे पर मचा बवाल, CID जांच बिठानी पड़ी:हिमाचल CM के लिए मंगाया था, उनके स्टाफ को परोसे; रिपोर्ट में सरकार विरोधी कृत्य बताया हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को लाया गया नाश्ता उनके स्टाफ को परोसे जाने पर बवाल मच गया है। मामला यहां तक बढ़ गया कि CID के बड़े अधिकारी से इसकी इन्क्वायरी तक कराई गई। रिपोर्ट में कहा गया कि यह गलती सरकार विरोधी कृत्य है। हालांकि अभी किसी पर कार्रवाई नहीं की गई है। यह विवाद तब हुआ, जब बीती 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला स्थित CID मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। उस दिन सीएम के लिए लाए गए समोसे और केक गलती से उनके स्टाफ को परोस दिए गए। ऐसे में CM और कार्यक्रम में मौजूद VVIP मेहमानों को रिफ्रेशमेंट नहीं मिल सकी। अफसरशाही में अब यह मामला खूब सुर्खियों में है। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला… IG ने CM के लिए सब इंस्पेक्टर को केक-समोसे लाने को कहा
CID की जांच रिपोर्ट के अनुसार शिमला के लक्कड़ बाजार स्थित होटल रेडिसन ब्लू से मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए समोसे और केक के 3 डिब्बे लाए गए। उस वक्त IG रैंक के एक अधिकारी ने पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर (SI) से सीएम के लिए होटल से कुछ खाने का सामान लाने को कहा था। SI ने आगे ASI और कॉन्स्टेबल को भेज दिया
SI ने बदले में एक सहायक एसआई (ASI) और एक हेड कांस्टेबल को जलपान का सामान लाने को कहा। इसके बाद ASI और हेड कॉन्स्टेबल होटल रेडिसन पहुंचे और वहां से 3 सीलबंद बक्सों में जलपान का सामान ले आए। सीआईडी मुख्यालय लौटकर इसकी सूचना SI को दी गई। SI ने इंस्पेक्टर को दिया सामान, उच्च अधिकारियों को पूछे बिना बांट दिया
SI ने होटल से नाश्ता आने के बाद इसे महिला इंस्पेक्टर को दे दिया। महिला इंस्पेक्टर ने यह सामान मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (MT) को भेज दिया। इंस्पेक्टर महिला ने इसकी जानकारी किसी भी उच्च अधिकारी को नहीं दी। सीएम के आने के बाद सारा सामान SI की मौजूदगी में बांट दिया गया। इस दौरान कई लोगों के हाथ में यह नाश्ता गया लेकिन किसी ने इसे सीएम के लिए लाए जाने को लेकर ध्यान नहीं दिया। पुलिस ने पर्यटन निगम कर्मी पर फोड़ा ठीकरा
पुलिस अधिकारियों ने अपने बयान में कहा कि जब उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पर्यटन निगम के कर्मचारियों से पूछा कि क्या तीन बक्सों में नाश्ता मुख्यमंत्री को परोसा जाना है, तो उन्होंने कहा कि वे मेन्यू में शामिल नहीं हैं। जांच रिपोर्ट में लिखा- ये CID-सरकार विरोधी काम
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्यमंत्री के लिए लाए गए नाश्ते की जानकारी SI को थी। रोचक बात यह है कि सीआईडी विभाग के एक अधिकारी ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि जांच रिपोर्ट में नामित सभी व्यक्तियों ने CID विरोधी और सरकार विरोधी तरीके से काम किया है, जिसके कारण VVIP को ये चीजें नहीं दी जा सकीं। CM के समोसे पर बीजेपी का तंज भाजपा विधायक एवं मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल की जनता परेशान है और हंसी की बात तो यह है की सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है। ऐसा लगता है कि सरकार को किसी भी विकासात्मक कार्यों की चिंता नहीं है, केवल मात्र खानपान की चिंता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए लाए गए समोसे से जुड़ी एक हालिया घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है। समोसे गलती से मुख्यमंत्री के बजाय उनके सुरक्षा कर्मचारियों के पास पहुंच गए, जिसकी सीआईडी जांच करवाई गई। जांच में इस गलती को “सरकार विरोधी” कृत्य करार दिया गया, सरकार विरोधी कृत्य अपने आप में ही एक बड़ा शब्द है।
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बार बार हिमाचल की टैक्सियों को टूरिस्ट नहीं उठाने देने की खबरें आ रही है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भी यही कर रहे है और पंजाब व हिमाचल की सरकारें अभी गहरी नींद में सोई हुई है।
हिमाचल के सुनील कुमार का नेशनल टीचर अवार्ड को चयन:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित; चंबा के खारगाट स्कूल में सेवारत्त; CM ने दी बधाई
हिमाचल के सुनील कुमार का नेशनल टीचर अवार्ड को चयन:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित; चंबा के खारगाट स्कूल में सेवारत्त; CM ने दी बधाई हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के अध्यापक सुनील कुमार का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए हुआ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए चयनित शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी है। इसके मुताबिक हिमाचल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खारगाट सिंहुता के सुनील कुमार का चयन नेशनल अवार्ड के लिए किया गया। सुनील कुमार लेक्चरर केमिस्ट्री है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज उन्हें दिल्ली में शिक्षक दिवस के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम में नेशनल टीचर अवार्ड से सम्मानित करेंगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीते जुलाई में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए देशभर के शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। सुनील कुमार ने भी इसके लिए आवेदन किया। इस वजह से नेशनल अवार्ड को चयन बताया जा रहा है कि सुनील कुमार का चयन बच्चों को पढ़ाने के लिए आईसीटी जैसी आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की वजह से किया गया है। सुनील कुमार बच्चों की एनरोलमेंट बढ़ाने, शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने, सोशल ऑडिट, स्टाफ ट्रेनिंग जैसी पहल करते रहे हैं। CM ने दी सुनील कुमार को बधाई राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सुनील कुमार का नाम घोषित होते ही उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, शिक्षा सचिव राकेश कंवर और समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने भी सुनील कुमार को इसके लिए बधाई दी है।