हिमाचल प्रदेश के ऊना में विजिलेंस ने नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर (JE) को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस टीम ने एक शिकायत के आधार पर नगर निगम बशदेड़ा (मेहतपुर) के JE की गिरफ्तारी को जाल बिछाया और रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, JE ने शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने 20 हजार की रकम आज ही JE को दी। इससे पहले यह जानकारी विजिलेंस को भी दी। जैसे ही ठेकेदार ने 20 हजार JE को दिए। विजिलेंस ने उसे रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर दिया। बिल क्लियर करने को मांगी रिश्वत इसमें शिकायतकर्ता के काफी समय से कुछ बिल पेंडिंग थे। वह बार बार इन्हें क्लियर करने की मांग कर रहा था। मगर JE ने बिल क्लियर करने के लिए रिश्वत मांगी। नालागढ़ का रहने वाला है JE गिरफ्तार JE का नाम शरीफ मोहम्मद है और वह लगभग 5 साल से नगर निगम बशदेड़ा में तैनात था। मूल रूप से वह सोलन जिले के नालागढ़ का रहने वाला है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में विजिलेंस ने नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर (JE) को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस टीम ने एक शिकायत के आधार पर नगर निगम बशदेड़ा (मेहतपुर) के JE की गिरफ्तारी को जाल बिछाया और रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, JE ने शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने 20 हजार की रकम आज ही JE को दी। इससे पहले यह जानकारी विजिलेंस को भी दी। जैसे ही ठेकेदार ने 20 हजार JE को दिए। विजिलेंस ने उसे रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर दिया। बिल क्लियर करने को मांगी रिश्वत इसमें शिकायतकर्ता के काफी समय से कुछ बिल पेंडिंग थे। वह बार बार इन्हें क्लियर करने की मांग कर रहा था। मगर JE ने बिल क्लियर करने के लिए रिश्वत मांगी। नालागढ़ का रहने वाला है JE गिरफ्तार JE का नाम शरीफ मोहम्मद है और वह लगभग 5 साल से नगर निगम बशदेड़ा में तैनात था। मूल रूप से वह सोलन जिले के नालागढ़ का रहने वाला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 3 नव-निर्वाचित विधायक 22 जुलाई को शपथ लेंगे:स्पीकर कुलदीप पठानिया विधानसभा में दिलाएंगे; CM सुखविंदर सुक्खू रहेंगे मौजूद
हिमाचल के 3 नव-निर्वाचित विधायक 22 जुलाई को शपथ लेंगे:स्पीकर कुलदीप पठानिया विधानसभा में दिलाएंगे; CM सुखविंदर सुक्खू रहेंगे मौजूद हिमाचल के तीन नव निर्वाचित विधायक 22 जुलाई को विधानसभा में शपथ लेंगे। इन्हें विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इसे लेकर विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह और हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के नव निर्वाचित विधायक आशीष शर्मा सोमवार से हिमाचल विधानसभा के सदस्य हो जाएंगे। इनके शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। कमलेश ठाकुर 9399 वोटों के अंतर से चुनाव जीती हैं, जबकि हरदीप बावा 8990 वोट और आशीष शर्मा 1571 वोट के अंतर से चुनाव जीते हैं। शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 और बीजेपी के 28 MLA हो जाएंगे। इस वजह से हुए उप चुनाव इन तीनों सीटों पर पूर्व निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के बाद 22 मार्च को इस्तीफा दिया था और 23 मार्च को केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और होशियार सिंह ने बीजेपी जॉइन की। इस वजह से इन तीनों सीटों पर उप चुनाव हुआ।
हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल
हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश और अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी के बीच बीती रात कांगड़ा जिले में भारी बारिश हुई। मंडी और ऊना के कुछ इलाकों में भी बारिश हुई है। कांगड़ा में 151.8 मिमी और धर्मशाला में 136.6 मिमी बारिश हुई है। पालमपुर में 112.4 मिमी, नगरोटा सूरियां में 99.6 मिमी, धौलाकुंआ में 82.5 मिमी, जोगिंद्रनगर में 52.0 मिमी, गुलेड़ में 46.4 मिमी और सुंदरनगर में 44.7 मिमी बारिश हुई है। वहीं चेतावनी के बावजूद कुछ अन्य इलाकों में बारिश नहीं हुई है। इस बार मानसून की गति प्रदेश में प्रवेश के बाद से धीमी पड़ गई है। बार-बार अचानक बाढ़ और भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो रही है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई है। इसका असर सेब के साथ-साथ किसानों की नगदी फसलों पर भी पड़ रहा है। आज इन जिलों में चेतावनी मौसम विभाग ने आज मंडी, कांगड़ा और चंबा में भी अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इस तरह मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 28 मई तक राज्य में बारिश की संभावना है। 26 से 28 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। सभी जिलों में नॉर्मल से कम बरसात हिमाचल में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हों। चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति, सिरमौर और ऊना जिला में तो 50 प्रतिशत से भी कम बारिश इस मानसून सीजन में हुई है। प्रदेश में एक जून से 23 जुलाई के बीच 275.4 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 159.5 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। लाहौल स्पीति जिला में तो नॉर्मल से 75 प्रतिशत, सिरमौर जिला में 58 प्रतिशत और चंबा में भी सामान्य से 54 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। 5500 करोड़ के सेब उद्योग पर संकट राज्य में बारिश की कमी के कारण 5500 करोड़ रुपये का सेब उद्योग खतरे में है। सेब के बगीचे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। सूखे के कारण सेब का आकार ठीक नहीं हो पा रहा है। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी। मिट्टी में पर्याप्त नमी न होने के कारण सेब के दाने फटने लगे हैं। इसी तरह किसानों की टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, शिमला मिर्च जैसी नगदी फसलें सूखे से प्रभावित हो रही हैं।
कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन
कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन कुल्लू जिले के कुलान्तक पीठ खराहल घाटी की न्योली पंचायत के गांव न्योली मुआफ़ीदार जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को शिवलिंग पर सतयुगी मोहरा मुकुट देव परम्परा अनुसार स्थापित किया। जिसे स्थानीय बोली में बीठ निकलना कहते हैं। शिवलिंग पर मोहर स्थापित होते ही आसपास के 12 गांव के हारियानों अनुयायियों के लिये कृषि कार्य पर पाबन्दी लग जाती है। यह पाबन्दी पांच दिन तक रहेगी। जानकारी अनुसार न्योली, जुआणी, जगोट, ओड़ीदार,ग्राहण, थरमाण, थरमाण सेरी, लुगडभट्ठी, जुआणी रोपा, जोकरपोधा, देवधार आदि गांव के लोग कृषि कार्य ही नहीं, बल्कि धरती पर या खेतों में लोहा से छुएंगे भी नहीं। अनुश्रुति अनुसार जब स्थानीय महिला खेत मे गुड़ाई कर रही थी तो कुदाली लगने से मोहरा जमीन से निकला था। किसी को नहीं मोहरा देखने की इजाज़त शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार निकलता है। बैसाखी व सावन में भादो माह लगते से पूर्व देव भंडार से निकालकर शिवलिंग में स्थापित किया जाता है। इस मोहरें को किसी को भी देखने की इजाजत नहीं है। वाद्य यंत्रों सहित मशालों की रोशनी में निकाला मोहरा न्योली में जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को वाद्य यंत्रों की थाप पर मशालों की रोशनी में मोहरा लाया गया। मोहरा मंदिर पहुँचते ही विधिवत शिवलिंग में स्थापित किया गया। शिवलिंग का श्रृंगार किया। महादेव के रथ का श्रृंगार मोहरा स्थापित करने के पश्चात वाद्य यंत्रों की विशेष धुन पर महादेव के रथ के श्रृंगार की प्रक्रिया एक घण्टे तक चली। महादेव के अन्य 16 मोहरों को स्थापित किया गया इनमें से कुल्लू के राजा मान सिंह ने 1717 ईस्वी में जुआणी महादेव को दिया वो मोहरा भी शामिल है। क्या कहते है देवता के कारदार देव प्रशासन में मुख्य अधिकारी कारदार होता है महादेव के कारदार ओम प्रकाश महन्त से बात की तो उन्होंने ने कहा कि शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार देवता के भंडार से निकाला जाता है। मोहरा निकलने के बाद स्थानीय वासियों के लिए कृषि कार्य पर पाबन्दी लगती है।