हिमाचल प्रदेश के रामपुर के समेज में लापता 36 लोगों में से 3 के शवों की पहचान कर दी गई है। रेस्क्यूल दल को बीते मंगलवार को सुन्नी के पास सतलुज किनारे एक और शव मिला। देर शाम तक शव की पहचान सिद्धार्थ निवासी नंदरूल (कांगड़ा) के तौर पर की गई। सिद्धार्थ समेज में ग्रीनको प्रोजेक्ट में बतौर इंजीनियर काम करता था। समेज खड्ड में बादल फटने से लापता 2 अन्य शवों की भी पहचान कर दी गई है। दोनों शव 3 दिन पहले मिले थे।रामपुर के सुग्गा की रचना और झारखंड की प्रीतिका पुत्री राजकुमार पांडे की पहचान डीएनए सैंपल से हुई है। इस हादसे में प्रीतिका के मां-पिता दोनों अभी भी लापता है। प्रीतिका समेज स्कूल की छात्रा थी। समेज, डकोलढ़ और कोड डेम में पुलिस को अब तक 9 शव मिल गए है। मगर 6 की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड के 300 से ज्यादा जवान लापता लोगों की तलाश में जुटे है। हालांकि छह दिन के सर्च ऑपरेशन में समेज गांव में एक भी लापता व्यक्ति नहीं मिला। अब सतलुज किनारे सर्च ऑपरेशन पर जोर: डीसी डीसी शिमला अनुपंम कश्यप ने बताया कि समेज में लगभग 95 प्रतिशत क्षेत्र की खुदाई कर दी गई है। इस दौरान कुछ सामान जरूर मिला है। मगर लापता व्यक्ति यहां नहीं मिल पाए। उन्होंने बताया कि अब तक जो शव मिले है, उनमें ज्यादा कोल डैम में बरामद किए गए। इसलिए अब रेस्क्यू दल का फोकस समेज के बजाय सुन्नी के कोल डैम में ज्यादा रहेगा। इसके लिए सतलुज किनारे सर्च अभियान तेज किया जाएगा। प्रदेश में 41 लोग अभी भी लापता 6 दिन से सर्च ऑपरेशन के बाद समेज में 33, चौहारघाटी में 1, कुल्लू के बाघीपुल में 5 और श्रीखंड के सिंघगाड़ से 2 व्यक्ति अभी भी लापता है। प्रदेश में कुल मिलाकर 41 लोगों का अभी भी सुराग नहीं लग पाया है। कहां से कितने लोग लापता हुए प्रदेश में बुधवार आधी रात बादल फटने के बाद 36 लोग समेज खड्ड की बाढ़ में बह गए। कुर्पण खड्ड की बाढ़ में बाघीपुल से 7 लोग बहे। श्रीखंड के रास्ते में सिंघगाड़ से 2 लोग लापता हुए, जबकि मंडी की चौहारघाटी के राजबन गांव लैंडस्लाइड में 3 परिवारों के 11 लोग दब गए थे। अब तक कहां कितने शव मिले मंडी की चौहारघाटी में 9 शव मिले है। यहां पर 1 लड़के का अभी भी सुराग नहीं लग पाया। कुल्लू के बागीपुल में भी 2 शव मिले है, यहां पर भी अभी 5 लोग लापता है। समेज में 36 लोग लापता है। 3 की पहचान हो गई है, जबकि 6 शवों की पहचान होनी है। हिमाचल प्रदेश के रामपुर के समेज में लापता 36 लोगों में से 3 के शवों की पहचान कर दी गई है। रेस्क्यूल दल को बीते मंगलवार को सुन्नी के पास सतलुज किनारे एक और शव मिला। देर शाम तक शव की पहचान सिद्धार्थ निवासी नंदरूल (कांगड़ा) के तौर पर की गई। सिद्धार्थ समेज में ग्रीनको प्रोजेक्ट में बतौर इंजीनियर काम करता था। समेज खड्ड में बादल फटने से लापता 2 अन्य शवों की भी पहचान कर दी गई है। दोनों शव 3 दिन पहले मिले थे।रामपुर के सुग्गा की रचना और झारखंड की प्रीतिका पुत्री राजकुमार पांडे की पहचान डीएनए सैंपल से हुई है। इस हादसे में प्रीतिका के मां-पिता दोनों अभी भी लापता है। प्रीतिका समेज स्कूल की छात्रा थी। समेज, डकोलढ़ और कोड डेम में पुलिस को अब तक 9 शव मिल गए है। मगर 6 की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड के 300 से ज्यादा जवान लापता लोगों की तलाश में जुटे है। हालांकि छह दिन के सर्च ऑपरेशन में समेज गांव में एक भी लापता व्यक्ति नहीं मिला। अब सतलुज किनारे सर्च ऑपरेशन पर जोर: डीसी डीसी शिमला अनुपंम कश्यप ने बताया कि समेज में लगभग 95 प्रतिशत क्षेत्र की खुदाई कर दी गई है। इस दौरान कुछ सामान जरूर मिला है। मगर लापता व्यक्ति यहां नहीं मिल पाए। उन्होंने बताया कि अब तक जो शव मिले है, उनमें ज्यादा कोल डैम में बरामद किए गए। इसलिए अब रेस्क्यू दल का फोकस समेज के बजाय सुन्नी के कोल डैम में ज्यादा रहेगा। इसके लिए सतलुज किनारे सर्च अभियान तेज किया जाएगा। प्रदेश में 41 लोग अभी भी लापता 6 दिन से सर्च ऑपरेशन के बाद समेज में 33, चौहारघाटी में 1, कुल्लू के बाघीपुल में 5 और श्रीखंड के सिंघगाड़ से 2 व्यक्ति अभी भी लापता है। प्रदेश में कुल मिलाकर 41 लोगों का अभी भी सुराग नहीं लग पाया है। कहां से कितने लोग लापता हुए प्रदेश में बुधवार आधी रात बादल फटने के बाद 36 लोग समेज खड्ड की बाढ़ में बह गए। कुर्पण खड्ड की बाढ़ में बाघीपुल से 7 लोग बहे। श्रीखंड के रास्ते में सिंघगाड़ से 2 लोग लापता हुए, जबकि मंडी की चौहारघाटी के राजबन गांव लैंडस्लाइड में 3 परिवारों के 11 लोग दब गए थे। अब तक कहां कितने शव मिले मंडी की चौहारघाटी में 9 शव मिले है। यहां पर 1 लड़के का अभी भी सुराग नहीं लग पाया। कुल्लू के बागीपुल में भी 2 शव मिले है, यहां पर भी अभी 5 लोग लापता है। समेज में 36 लोग लापता है। 3 की पहचान हो गई है, जबकि 6 शवों की पहचान होनी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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वहीं रामकृष्ण मिशन समर्थक ब्रह्म समाज के पदाधिकारी ललित वर्मा ने पुलिस प्रशासन ने आरोप लगाया है कि पुलिस को पहले सूचना देने के बाद भी पुलिस ने क्यों कार्रवाही नही की। ललित वर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के आला अधिकारी इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि 16 नंवबर को हुई घटना की न्यायिक जांच करवाई जानी चाइए। 10-12 लोगों पर मामला दर्ज
बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला स्थित रामकृष्ण आश्रम में शनिवार की आधी रात को पथराव हुआ था। जिसमें QRT के जवानों समेत 7 से 8 लोग घायल हो गए । जिसके बाद पुलिस ने इसमें 10 से 12 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। FIR में इन लोगों के नाम
रामकृष्ण मिशन आश्रम में शनिवार रात को हुए विवाद के मामले में दर्ज एक एफआईआर में स्वामी तनमाहिमानन्दा, रामरुपानन्द, ललित वर्मा, संदीप, कर्ण नंदा, विनोद अग्रवाल, शीतल व्यास और नितिन व्यास के नाम का उल्लेख है। इसके अलावा कई अन्य लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं। क्या कहना है ब्रह्म समाज पक्ष का?
वहीं ब्रह्म समाज पक्ष के ट्रस्टी मोहिंदर कुमार ने बताया कि उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि 16 नवंबर को 5:00 के आसपास ब्रह्म समाज के लोग ब्रह्म उपासना के लिए ब्रह्म समाज मंदिर परिसर (रामकृष्ण मंदिर मन्दिर आश्रम) में गए और वहां पर 5 से 6 बजे तक ब्रह्म समाज उपासना का शांतिपूर्ण कार्य चलता रहा ब्रह्म समाज के लोगों ने वहां पर आप पूर्ण कलश स्थापना भी की। महिलाओं के साथ हुआ अभद्र व्यवहार
कुछ समय बाद संत तन्मयमहिमानंद और रूपानंद मंदिर परिसर में प्रवेश किया और वहां पूजा अर्चना कर रही महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया और स्थापित कलश को खंडित किया जिससे ब्रह्म समाज की धार्मिक भावना आहत हुई है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि उन्होंने स्वामी से कई बार प्रार्थना की लेकिन पार्थना करने के बाद भी उन्होंने कलश की स्थापना नही करने दिया। उसके बाद वह वहां शांति पूर्ण तरीके से उपासना कर रहे थे लेकिन फिर स्वामी ने अपने गुंडों को बुलाया और उन्होंने उपासना कर रहे ब्रह्म समाज के लोगो पर पत्थर, गमलों एंव डंडों से जानलेवा हमला करवाया। क्या है पूरा मामला?
दरअसल आपको बता दें कि राम कृष्ण मिशन व ब्रह्म समाज के एक धड़े की बीच यहां लगभग 30 बीघे के आस पास जमीन को लेकर विवाद चला हुआ है। इसको लेकर काफी समय से विवाद है यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है। पहले भी कई बार यह मामला उठा है। लेकिन शनिवार की मध्यरात्रि हुए घटना क्रम के बाद यह एक बार फिर गरमा गया है।