हिमाचल प्रदेश में समोसे पर संग्राम छिड़ गया है। महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी इसे मुद्दा बना रही है। बीजेपी के तमाम बड़े नेता कांग्रेस सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) शिमला में आज ‘समोसा मार्च’ निकालने जा रहा है। BJYM नेता और कार्यकर्ता शिमला के शेरे-ए-पंजाब से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर तक मार्च निकालेंगे। BJYM के प्रदेश अध्यक्ष तिलक ने बताया कि समोसा मार्च के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू को समोसा खिलाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समोसे की जांच कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पूरे देश में हिमाचल की बदनामी हुई है। CM के गृह जिले के MLA ने सुक्खू को 11 समोसे भेजे वहीं सीएम सुक्खू के गृह जिले हमीरपुर से BJP विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री को ऑनलाइन माध्यम से 11 समोसे भेजे। आशीष शर्मा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सुक्खू सरकार पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि प्रदेश पहले ही बेरोजगारी, वित्तीय संकट, कर्मचारियों की पेंशन में देरी और डीए बकाया जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री सुक्खू जी के लिए लाए गए समोसों पर सीआईडी जांच का आदेश देना बेहद निराशाजनक है। जब हिमाचल के लोग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो सरकार को असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि ऐसे मामलों पर। उन्होंने आगे लिखा कि इसी के विरोध में उन्होंने मैंने मुख्यमंत्री को 11 समोसे भेजे हैं, ताकि उन्हें याद दिला सकूं कि जनता की असली समस्याओं का समाधान करना अधिक महत्वपूर्ण है। हमें उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो वाकई मायने रखते हैं। सुधीर शर्मा बोले- महज समोसे खाने पर सीआईडी जांच कैसे करवाई जा सकती है धर्मशाला से BJP विधायक सुधीर शर्मा ने भी समोसा मामले में कांग्रेस सरकार पर चुटकी ली। सुधीर शर्मा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि प्रदेश में किस तरह से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुआई में नॉन सीरियस सरकार चल रही है। हिमाचल के इतिहास में शायद ही ऐसी घटना कभी देखने को मिली होगी, जो इस सरकार के कार्यकाल में हमें देखने और सुनने को मिली है। सुधीर शर्मा ने कहा कि आखिर कोई सरकार कैसे महज समोसे खाने पर किसी की सीआईडी जांच करवा सकती है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा और पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती भी सुक्खू सरकार को समोसा विवाद को लेकर घेर चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी सरकार की इसे लेकर खूब किरकिरी हो रही है। ऐसे पैदा हुआ समोसा विवाद बीते 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला स्थित CID मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उस दिन CM के लिए लाए गए समोसे और केक उनके स्टाफ को परोस दिए गए। पुलिस अधिकारियों ने इसकी जांच बैठा दी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि यह काम सरकार और सीआईडी विरोधी है। DG बोले- किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी इस मामले में CID के DG संजीव रंजन ओझा ने कहा है कि यह आंतरिक मामला है। रिपोर्ट लीक हो गई है, यह सीरियस इशू है। अब इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। इससे सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है। किसी के खिलाफ कार्रवाई कोई नहीं होगी। किसी से कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया है। CID में रहकर इंटरनल रिपोर्ट लीक करना भी गलत है। जांच का मकसद यह पता लगाना था कि किसकी लापरवाही से VVIP की रिफ्रेशमेंट दूसरे लोगों में बांट दी गई। हिमाचल प्रदेश में समोसे पर संग्राम छिड़ गया है। महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी इसे मुद्दा बना रही है। बीजेपी के तमाम बड़े नेता कांग्रेस सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) शिमला में आज ‘समोसा मार्च’ निकालने जा रहा है। BJYM नेता और कार्यकर्ता शिमला के शेरे-ए-पंजाब से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर तक मार्च निकालेंगे। BJYM के प्रदेश अध्यक्ष तिलक ने बताया कि समोसा मार्च के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू को समोसा खिलाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समोसे की जांच कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पूरे देश में हिमाचल की बदनामी हुई है। CM के गृह जिले के MLA ने सुक्खू को 11 समोसे भेजे वहीं सीएम सुक्खू के गृह जिले हमीरपुर से BJP विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री को ऑनलाइन माध्यम से 11 समोसे भेजे। आशीष शर्मा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सुक्खू सरकार पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि प्रदेश पहले ही बेरोजगारी, वित्तीय संकट, कर्मचारियों की पेंशन में देरी और डीए बकाया जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री सुक्खू जी के लिए लाए गए समोसों पर सीआईडी जांच का आदेश देना बेहद निराशाजनक है। जब हिमाचल के लोग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो सरकार को असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि ऐसे मामलों पर। उन्होंने आगे लिखा कि इसी के विरोध में उन्होंने मैंने मुख्यमंत्री को 11 समोसे भेजे हैं, ताकि उन्हें याद दिला सकूं कि जनता की असली समस्याओं का समाधान करना अधिक महत्वपूर्ण है। हमें उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो वाकई मायने रखते हैं। सुधीर शर्मा बोले- महज समोसे खाने पर सीआईडी जांच कैसे करवाई जा सकती है धर्मशाला से BJP विधायक सुधीर शर्मा ने भी समोसा मामले में कांग्रेस सरकार पर चुटकी ली। सुधीर शर्मा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि प्रदेश में किस तरह से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुआई में नॉन सीरियस सरकार चल रही है। हिमाचल के इतिहास में शायद ही ऐसी घटना कभी देखने को मिली होगी, जो इस सरकार के कार्यकाल में हमें देखने और सुनने को मिली है। सुधीर शर्मा ने कहा कि आखिर कोई सरकार कैसे महज समोसे खाने पर किसी की सीआईडी जांच करवा सकती है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा और पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती भी सुक्खू सरकार को समोसा विवाद को लेकर घेर चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी सरकार की इसे लेकर खूब किरकिरी हो रही है। ऐसे पैदा हुआ समोसा विवाद बीते 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला स्थित CID मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उस दिन CM के लिए लाए गए समोसे और केक उनके स्टाफ को परोस दिए गए। पुलिस अधिकारियों ने इसकी जांच बैठा दी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि यह काम सरकार और सीआईडी विरोधी है। DG बोले- किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी इस मामले में CID के DG संजीव रंजन ओझा ने कहा है कि यह आंतरिक मामला है। रिपोर्ट लीक हो गई है, यह सीरियस इशू है। अब इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। इससे सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है। किसी के खिलाफ कार्रवाई कोई नहीं होगी। किसी से कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया है। CID में रहकर इंटरनल रिपोर्ट लीक करना भी गलत है। जांच का मकसद यह पता लगाना था कि किसकी लापरवाही से VVIP की रिफ्रेशमेंट दूसरे लोगों में बांट दी गई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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