देश के मैदानी इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। पहाड़ों पर इस बार रिकॉर्ड टूरिस्ट सैर करने पहुंच रहा है। पुलिस के अनुसार, शिमला में एक से 12 जून तक इस बार 5,12,373 वाहन देशभर से शिमला पहुंचे हैं। बीते साल की अपेक्षा यह 47,191 वाहन अधिक है। पहाड़ों की रानी शिमला में बीते साल एक से 12 जून तक 4,65,182 व्हीकल और साल 2022 में 3,22,172 वाहन शिमला पहुंचे हैं। शिमला के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों पर भी काफी टूरिस्ट पहुंच रहा है। इससे ज्यादातर पर्यटन स्थलों के होटलों में 90 प्रतिशत से अधिक ऑक्यूपेंसी हो गई है। वीकेंड पर इसमें ओर इजाफा हो जाता है। शिमला के अलावा मनाली, मणिकर्ण, धर्मशाला, रोहतांग, डलहौजी, मैक्लोड़गंज, भरमौर इत्यादि पर्यटन स्थलों पर भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। इससे पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ गई है। प्रदेश के पर्यटन कारोबार के लिए यह अच्छा संकेत है। गर्मी से बचने को पहाड़ों का रुख कर रहे पर्यटक मैदानी इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे है। हालांकि प्रदेश के ज्यादातर शहरों में भी पारा नॉर्मल से 5-6 डिग्री तक ज्यादा चल रहा है। मगर इलाकों की तुलना में शिमला, नारकंडा, कुफरी, महासू पीक, खजियार, डलहौजी, मैक्लोड़गंज में सुहावना मौसम बना हुआ है। इन शहरों में 22 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान चल रहा है। गर्मी से अच्छा टूरिस्ट सीजन : सूद शिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि मैदानी इलाकों में गर्मी से वजह से अच्छा टूरिस्ट शिमला पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे जून महीने में अच्छा टूरिस्ट सीजन रहने की उम्मीद है। शिमला में 15 जून से इंटरनेशनल समर फेस्टिवल शुरू हो रहा है। इससे आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में ओर इजाफा होगा और सैलानियों का अच्छा मनोरंजन हो पाएगा। इस बार अच्छा टूरिस्ट सीजन: ठाकुर मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि बीते महीने में लोकसभा चुनाव के कारण कम पर्यटक पहाड़ों पर आ रहा था। मगर जून माह में पर्यटन कारोबार ने अच्छी रफ्तार पकड़ी है। उन्होंने बताया कि इस बार ज्यादा गर्मी की वजह से काफी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। इससे होटलों में 90 से 95 प्रतिशत तक ऑक्यूपेंसी चल रही है। सड़कों पर बीच-बीच में लग रहा ट्रैफिक जाम शिमला में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से सड़कों पर बीच-बीच में ट्रैफिक जाम की स्थिति पनप रही है। इससे तारादेवी से लेकर कुफरी तक ट्रैफिक जाम भी लग रहा है। खासकर वीकेंड पर पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को बीच बीच में परेशानी से जूझना पड़ रहा है। देश के मैदानी इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। पहाड़ों पर इस बार रिकॉर्ड टूरिस्ट सैर करने पहुंच रहा है। पुलिस के अनुसार, शिमला में एक से 12 जून तक इस बार 5,12,373 वाहन देशभर से शिमला पहुंचे हैं। बीते साल की अपेक्षा यह 47,191 वाहन अधिक है। पहाड़ों की रानी शिमला में बीते साल एक से 12 जून तक 4,65,182 व्हीकल और साल 2022 में 3,22,172 वाहन शिमला पहुंचे हैं। शिमला के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों पर भी काफी टूरिस्ट पहुंच रहा है। इससे ज्यादातर पर्यटन स्थलों के होटलों में 90 प्रतिशत से अधिक ऑक्यूपेंसी हो गई है। वीकेंड पर इसमें ओर इजाफा हो जाता है। शिमला के अलावा मनाली, मणिकर्ण, धर्मशाला, रोहतांग, डलहौजी, मैक्लोड़गंज, भरमौर इत्यादि पर्यटन स्थलों पर भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। इससे पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ गई है। प्रदेश के पर्यटन कारोबार के लिए यह अच्छा संकेत है। गर्मी से बचने को पहाड़ों का रुख कर रहे पर्यटक मैदानी इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे है। हालांकि प्रदेश के ज्यादातर शहरों में भी पारा नॉर्मल से 5-6 डिग्री तक ज्यादा चल रहा है। मगर इलाकों की तुलना में शिमला, नारकंडा, कुफरी, महासू पीक, खजियार, डलहौजी, मैक्लोड़गंज में सुहावना मौसम बना हुआ है। इन शहरों में 22 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान चल रहा है। गर्मी से अच्छा टूरिस्ट सीजन : सूद शिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि मैदानी इलाकों में गर्मी से वजह से अच्छा टूरिस्ट शिमला पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे जून महीने में अच्छा टूरिस्ट सीजन रहने की उम्मीद है। शिमला में 15 जून से इंटरनेशनल समर फेस्टिवल शुरू हो रहा है। इससे आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में ओर इजाफा होगा और सैलानियों का अच्छा मनोरंजन हो पाएगा। इस बार अच्छा टूरिस्ट सीजन: ठाकुर मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि बीते महीने में लोकसभा चुनाव के कारण कम पर्यटक पहाड़ों पर आ रहा था। मगर जून माह में पर्यटन कारोबार ने अच्छी रफ्तार पकड़ी है। उन्होंने बताया कि इस बार ज्यादा गर्मी की वजह से काफी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। इससे होटलों में 90 से 95 प्रतिशत तक ऑक्यूपेंसी चल रही है। सड़कों पर बीच-बीच में लग रहा ट्रैफिक जाम शिमला में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से सड़कों पर बीच-बीच में ट्रैफिक जाम की स्थिति पनप रही है। इससे तारादेवी से लेकर कुफरी तक ट्रैफिक जाम भी लग रहा है। खासकर वीकेंड पर पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को बीच बीच में परेशानी से जूझना पड़ रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा:DA-एरियर नहीं मिलने पर सचिवालय में प्रदर्शन-नारेबाजी; सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी हिमाचल प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर महंगाई भत्ते (DA) व एरियर की घोषणा न होने पर कर्मचारियों में रोष पनप रहा है। इसकी शुरुआत बुधवार को प्रदेश सचिवालय शिमला से शुरू हो गई है। सचिवालय कर्मचारियों ने लंच के समय सचिवालय परिसर में विशाल प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार और अफसरशाही पर तीखे हमले किए। कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार पर करोड़ों रुपए फिजूलखर्ची करने और कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का आरोप लगाया है। कर्मचारी नेताओं ने यहां तक कह डाला कि अफसरों को महंगी लग्जरी गाड़ियों पर करोड़ों की फिजूलखर्ची की जा रही है। अफसरों को कई कई गाड़ियां दी गई, एक गाड़ी बेटे को लेने एडवर्ड स्कूल जाती है तो दूसरी गाड़ी बेटी को लेने चैल्सी स्कूल, तीसरी गाड़ी बीवी को लेने तथा चौथी गाड़ी सब्जी लेने मंडी जाती है। कर्मचारियों के अनुसार, घाटे की सबसे बड़ी यही वजह है। इस वजह से कर्मचारियों के वित्तीय लाभ रोकना सही नहीं है। सामूहिक अवकाश पर जाएंगे सचिवालय कर्मचारी: संजीव हिमाचल सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस पर उम्मीद थी, कि सरकार DA व एरियर का भुगतान करेगी। मगर ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, सरकार के पास कल तक का वक्त है। अगर सरकार बातचीत को बुलाती है तो सरकार के सामने मंच पर आकर मांग रखी जाएगी। अगर नहीं बुलाया गया तो शुक्रवार को फिर जनरल हाउस बुलाया जाएगा। इसमें 10 सितंबर तक आंदोलन को स्थगित किया जाएगा, क्योंकि 27 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र है। मानसून सत्र खत्म होते ही बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि यदि सरकार DA व एरियर का भुगतान नहीं करती तो प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। CM दफ्तर पर 19 करोड़ किए जा रहे खर्च: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, कुछ दिन पहले बनी बिल्डिंग में 2 मंत्री बैठ रहे हैं। इन्होंने लगभग 1 करोड़ रुपए नई बनी बिल्डिंग की रैनोवेशन में लगा दिए। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के लिए भी कार्यालय बनाया जा रहा है। इस पर 19.72 करोड़ रुपए खर्च को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दे दी गई है। इसी तरह स्पीकर दफ्तर पर लगभग 2 करोड़ खर्च कर दिए गए है। इसके लिए सरकार के पास पैसा है। कर्मचारियों को डीए-एरियर नहीं दिया जा रहा है। पूर्व जयराम सरकार भी नहीं दिया एरियर बता दें कि पूर्व जय राम सरकार ने 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। इस वक्त कर्मचारियों के लगभग 10 हजार करोड़ रुपए सरकार के पास बकाया है। कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे। मगर सीएम सुक्खू ने केवल 75 साल से अधिक आयु वर्ग के पेंशनर का ही एकमुश्त एरियर देने का ऐलान किया है। इससे दूसरे कर्मचारी भड़क उठे हैं। मगर कांग्रेस सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए एरियर व डीए के भुगतान को टाल रही है।
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मंडी में 10 दिन बाद बहाल हुई पजौंड़ पेयजल योजना:लाखों लोगों को राहत; बादल फटने से तहस नहस हो गई थी पाइपलाइन मंडी जिले के पधर उपमंडल की पजौंड़ नाला पेयजल योजना दस दिन बाद बहाल हो गई है। जिससे लोगों बड़ी राहत मिली। लगभग पच्चीस करोड़ से अधिक लागत की इस पेयजल स्कीम से पधर की लगभग दो दर्जन से अधिक पंचायतों की एक लाख के करीब आबादी लाभान्वित होती है। बीते 31 जुलाई देर रात को चौहारघाटी के राजबन में बादल फटने से पेयजल स्कीम बाधित हो गई थी। जगह जगह पर पाइप लाइन टूटने से जल शक्ति महकमे को सवा करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया। जबकि पधर मंडल में दो करोड़ से अधिक महकमे के एक ही दिन में डूब गए थे। पजौंड़ पेयजल स्कीम को बहाल करने के लिए विभाग ने दिन रात एक कर दिया। थलटूखोड़-ग्रामण सड़क बाधित हो जाने से बड़े डॉया की पाइपें कंधों में उठाकर राजबन और पजौंड़ तक पहुंचानी पड़ी। जिससे स्कीम को बहाल करने में दस दिन का समय लगा। मौके मौजूद रहे अधिकारी राहत कार्य को गति देने के लिए विभागीय अधिशाषी अभियंता अरविंद वर्मा और सहायक अभियंता दीक्षांत शर्मा स्वयं घटनास्थल पर जायजा लेते रहे। इस बड़ी स्कीम के साथ साथ चौहारघाटी की ग्राम पंचायत लटराण, धमच्याण, तरसवाण और जिल्हण की अन्य छोटी स्कीमें दो दिनों के भीतर बहाल कर लोगों को बढ़ी राहत मिली। सभी पंचायतों में पहुंचा पानी जबकि बड़ी स्कीम पजौंड़ नाला के बाधित रहने से पधर क्षेत्र की कुछ पंचायतों में त्राहि त्राहि मचना शुरू हो गई थी। अब दस दिन बाद पेयजल आपूर्ति बहाल होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। अधिशाषी अभियंता अरविंद वर्मा ने कहा कि बीते शनिवार को योजना पूर्ण रूप से बहाल हो चुकी है। सभी पंचायतों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कर दी है। भारी बरसात से पधर मंडल में ढाई करोड़ से अधिक का नुकसान विभाग को हुआ है।
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