हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को 2 IPS और HPS अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए है। साल 2012 बैच के IPS एवं SP स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) विजिलेंस शिमला रमेश चंदर छाजटा को SP लीव रिजर्व पुलिस मुख्यालय शिमला लगाया है। SP लीव रिजर्व वीरेंद्र कालिया को SP स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) विजिलेंस शिमला के लिए ट्रांसफर किया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है। पुलिस विभाग में आने वाले दिनों में जल्द बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज केस के दौरान एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने भी यह बात हाईकोर्ट में कही थी। हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को 2 IPS और HPS अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए है। साल 2012 बैच के IPS एवं SP स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) विजिलेंस शिमला रमेश चंदर छाजटा को SP लीव रिजर्व पुलिस मुख्यालय शिमला लगाया है। SP लीव रिजर्व वीरेंद्र कालिया को SP स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) विजिलेंस शिमला के लिए ट्रांसफर किया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है। पुलिस विभाग में आने वाले दिनों में जल्द बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज केस के दौरान एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने भी यह बात हाईकोर्ट में कही थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में समेज स्कूल के 9 छात्र लापता:गांव का नामो-निशान मिटा, मगर पाठशाला के होनहार द्वारा जीती ट्राफी सुरक्षित, नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी लापता
हिमाचल में समेज स्कूल के 9 छात्र लापता:गांव का नामो-निशान मिटा, मगर पाठशाला के होनहार द्वारा जीती ट्राफी सुरक्षित, नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी लापता हिमाचल प्रदेश के समेज में कुदरत के कहर ने पूरे गांव का नामो निशान मिटा दिया। मगर इस स्कूल की होनहार बेटियों द्वारा कुछ दिन पहले ही बैडमिंटन में जीती ट्रॉफी स्कूल की क्षतिग्रस्त बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर सुरक्षित है। यह ट्रॉफी आपदा के बादसमेज पहुंच रहे हरेक व्यक्ति को स्कूल के 9 उन होनहार छात्रों की बार-बार याद दिला रही है, जो बुधवार आधी रात से लापता है। इस हादसे में समेज स्कूल में 10वीं क्लास में पढ़ने वाली जिया, राधिका, अदिती, अंजली और इनके सहपाठी अरुण भी लापता है। नौवीं कक्षा की स्टूडेंट आरुषि और छठी कक्षा की योगप्रिया का भी अब तक सुराग नहीं लग पाया। इनके परिजन व रिश्तेदारों की नजर डरावनी आवाज से बह रहे समेज खड्ड पर टिकी है। 36 लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें कम होती जा रही परिजन इनके सुरक्षित मिलने को लेकर करिश्में की आस में बैठे हैं। मगर मलबे में दबे इन बच्चों समेत सभी 36 लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें धीरे-धीरे दम तोड़ रही है,क्योंकि हादसा हुए लगभग 40 घंटा बीत गया है, लेकिन अब तक समेज में एक भी व्यक्ति का सुराग नहीं लग पाया। यहां पर केवल एक व्यक्ति के शरीर का एक कटा हुआ अंग मिला है। हालांकि रेस्क्यू टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है। रामपुर के समेज से सुन्नी तक करीब 85 किलोमीटर एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। माना यह जा रहा है कि पानी के तेज बहाल में लोग बह गए है। इसलिए इनके समेज में मिलने की कम संभावना है।
हिमाचल में मानसून की गति धीमी, आज-कल खिलेगी धूप:इस बार सामान्य से 23% कम बादल बरसे; 25 अगस्त से कुछ जिलों में फिर बारिश
हिमाचल में मानसून की गति धीमी, आज-कल खिलेगी धूप:इस बार सामान्य से 23% कम बादल बरसे; 25 अगस्त से कुछ जिलों में फिर बारिश हिमाचल प्रदेश में मानसून धीमा पड़ गया है। इस सप्ताह यानी 15 से 23 अगस्त के बीच प्रदेश में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश और पूरे मानसून सीजन में 23 प्रतिशत कम बादल बरसे है। आज और कल भी बारिश के आसार नहीं है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 48 घंटे तक प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। 25 अगस्त से जरूर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे 6 जिले बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कुछेक क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। अन्य जिलों में आगामी 28 अगस्त तक बारिश के आसार नहीं है। मानसून सीजन में 23% कम बादल बरसे प्रदेश में 1 जून से 22 अगस्त तक 558.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 430.8 मिलीमीटर बादल बरसे हैं, जोकि सामान्य से 23 प्रतिशत कम है। प्रदेश में शिमला इकलौता ऐसा जिला है जहां सामान्य से मात्र 1 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से काफी कम बादल बरसे हैं। कांगड़ा जिले में अगस्त महीने के दौरान जरूर अच्छी बारिश हुई है। मगर पूरे मानसून सीजन में कांगड़ा में भी सामान्य से कम बरसात रही। किस जिला में सामान्य से कितनी कम व ज्यादा बारिश बरसात से 135 घर जमींदोज प्रदेश में अब तक हुई बारिश से 120 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई है। इस सीजन में 135 घर पूरी तरह जमींदोज हुए हैं, जबकि 408 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। मानसून में 55 दुकानें, 3 लेबर शेड और 409 गौशालाएं भी तबाह हुई है। 49 सड़कें यातायात के लिए बंद प्रदेश में बीते सप्ताह हुई बारिश के कारण प्रदेशभर में 49 सड़कें यातायात के लिए बंद पड़ी है। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि 25 अगस्त तक सभी सड़कें बहाल कर दी जाएगी। इनकी बहाली के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
सेवानिवृत्त BSF को निधन के बाद किया गया सम्मानित:किन्नौर में डीआईजी BSF के पद पर थे तैनात, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला सबसे उम्रदराज भारतीय
सेवानिवृत्त BSF को निधन के बाद किया गया सम्मानित:किन्नौर में डीआईजी BSF के पद पर थे तैनात, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला सबसे उम्रदराज भारतीय भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सेवानिवृत्त उप महानिरीक्षक (DIG) स्वर्गीय शरब चंदूब नेगी को उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित नैन सिंह-किशन सिंह लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया है। 8 मार्च 1950 को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में जन्मे नेगी की पर्वतारोहण में विरासत अद्वितीय है। 56 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर चढ़े एक पर्वतारोही के रूप मे उनका अभियान उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों तक ले गया। विशेष रूप से 2006 में बीएसएफ अभियान के हिस्से के रूप में माउंट एवरेस्ट पर उन्होंने चढ़ाई की, एक ऐसी उपलब्धि जिसने उनका नाम पर्वतारोहण इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। 56 साल की उम्र में, नेगी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे उम्र दराज भारतीय बन गए। 2010 में हुए थे सेवानिवृत्त नेगी के अन्य उल्लेखनीय अभियानों में 1996 में माउंट सासेर कांगड़ी-IV, 2005 में माउंट सतोपंथ और माउंट चंद्र भागा श्रृंखला (1994) शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के नेसंग गांव से ताल्लुक रखने वाले नेगी ने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान बीएसएफ बटालियन की कमान भी संभाली थी। 33 साल की सेवा के बाद वह 2010 में सेवानिवृत्त हुए। 2012 से 2020 तक हिमाचल प्रदेश एवरेस्टर एसोसिएशन (HPE) के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले नेगी ने क्षेत्र में पर्वतारोहण और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 3 पर्वतरोहियों को बचाने में निभाई थी भूमिका नेगी 2012 और 2020 के बीच, उन्होंने हिपा, शिमला के सहयोग से किन्नौर के युवाओं के लिए आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और पर्वतीय बचाव, प्राथमिक चिकित्सा और अग्निशमन प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने सहित कई पहलों का समन्वय किया। 2006 में, नेगी ने एक और दुर्लभ उपलब्धि हासिल की, जब BSF एवरेस्ट अभियान के दौरान, उन्होंने 23,520 फीट की ऊंचाई से 3 पर्वत रोहियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शरब चंदूब की 29 सितंबर, 2020 को किन्नौर जिले में मौत हो गई, जब वे स्वेच्छा से चीन सीमा के लिए एक छोटा रास्ता खोजने के लिए एक टोही मिशन का नेतृत्व कर रहे थे। शरब चंदूब नेगी के निधन से पर्वतारोहण समुदाय में एक खालीपन आ गया, लेकिन उनकी विरासत साहसी लोगों की नई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।