हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव में वोटिंग पूरी हो गई है। चुनाव आयोग के शाम 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार उप चुनाव में 69 प्रतिशत मतदान हो चुका है। लाहौल स्पीति में सबसे ज्यादा 73.72 फीसदी और बड़सर में सबसे कम 50 प्रतिशत मतदान हुआ है। धर्मशाला विधानसभा सीट पर 71.30 प्रतिशत, कुटलैहड़ में 71.40 प्रतिशत, गगरेट में 68.28 फीसदी और सुजानपुर में 63 प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। इसी के साथ छह सीटों पर 25 दावेदारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। छह सीटों पर 4.55 लाख मतदाता छह सीटों पर उप चुनाव में 4,54,926 मतदाताओं में 69 प्रतिशत ने वोट दिया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में घटे सियासी घटनाक्रम की वजह से कांग्रेस के छह विधायक अयोग्य घोषित ठहराए गए। जिस वजह से आज धर्मशाला, लाहौल स्पीति, गगरेट, कुटलैहड़, बड़सर और सुजानपुर सीट पर उप चुनाव हो रहा है। इन चुनाव के नतीजे हिमाचल सरकार का भविष्य तय करेंगे। छह सीटों पर हो रहे उप चुनाव में बीजेपी के बागियों ने धर्मशाला और लाहौल स्पीति में मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया है। खासकर लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी वहीं धर्मशाला सीट पर बीजेपी के बागी एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा को इसका नुकसान हो सकता है। हालांकि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और सुधीर शर्मा में ही माना जा रहा है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। सुजानपुर में 6 दावेदारों में मुकाबला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में छह दावेदार है। यहां पर राजेन्द्र राणा बीजेपी, कैप्टन रणजीत सिंह राणा कांग्रेस, राजेश कुमार निर्दलीय, रविन्द्र सिंह डोगरा एनसीपी, अनिल राणा तथा शेर सिंह निर्दलीय मैदान में है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत आपको बता दें कि इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया। हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव में वोटिंग पूरी हो गई है। चुनाव आयोग के शाम 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार उप चुनाव में 69 प्रतिशत मतदान हो चुका है। लाहौल स्पीति में सबसे ज्यादा 73.72 फीसदी और बड़सर में सबसे कम 50 प्रतिशत मतदान हुआ है। धर्मशाला विधानसभा सीट पर 71.30 प्रतिशत, कुटलैहड़ में 71.40 प्रतिशत, गगरेट में 68.28 फीसदी और सुजानपुर में 63 प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। इसी के साथ छह सीटों पर 25 दावेदारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। छह सीटों पर 4.55 लाख मतदाता छह सीटों पर उप चुनाव में 4,54,926 मतदाताओं में 69 प्रतिशत ने वोट दिया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में घटे सियासी घटनाक्रम की वजह से कांग्रेस के छह विधायक अयोग्य घोषित ठहराए गए। जिस वजह से आज धर्मशाला, लाहौल स्पीति, गगरेट, कुटलैहड़, बड़सर और सुजानपुर सीट पर उप चुनाव हो रहा है। इन चुनाव के नतीजे हिमाचल सरकार का भविष्य तय करेंगे। छह सीटों पर हो रहे उप चुनाव में बीजेपी के बागियों ने धर्मशाला और लाहौल स्पीति में मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया है। खासकर लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी वहीं धर्मशाला सीट पर बीजेपी के बागी एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा को इसका नुकसान हो सकता है। हालांकि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और सुधीर शर्मा में ही माना जा रहा है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। सुजानपुर में 6 दावेदारों में मुकाबला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में छह दावेदार है। यहां पर राजेन्द्र राणा बीजेपी, कैप्टन रणजीत सिंह राणा कांग्रेस, राजेश कुमार निर्दलीय, रविन्द्र सिंह डोगरा एनसीपी, अनिल राणा तथा शेर सिंह निर्दलीय मैदान में है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत आपको बता दें कि इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 9 होटलों पर आज जड़ना होगा ताला:हाईकोर्ट के आदेश; चिंता में 200 कर्मचारी, घाटे को लेकर झूठे आंकड़े देने का आरोप हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों पर आज हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) 9 होटलों पर आज ताला जड़ा जाना है। मगर इसे लेकर होटल कर्मियों को अब तक क्लियर दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। इससे इन होटलों के 200 से ज्यादा कर्मचारी अभी असमंजस में है। इन्हें दूसरी यूनिट में भी अभी ट्रांसफर नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने इन होटलों को घाटे का तर्क देकर बंद करने के फरमान जारी किए है। वहीं HPTDC कर्मियों ने निगम प्रबंधन पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का आरोप है कि HPTDC के इन होटल को प्राइवेट हाथों में देने की मंशा से घाटे में दिखाया गया है। इसे देखते हुए निगम कर्मियों ने हाईकोर्ट से भी 9 होटलों को खुला रखने की मोहलत मांगी है। HPTDC के आग्रह पर कोर्ट ने बीते शुक्रवार को 9 होटल 31 मार्च 2025 तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। अब 9 होटल ऐसे बचे हैं, जिन पर आज ताला जड़ा जाना है। इन होटल को बंद करने व खुला छोड़ने की मोहलत बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह HPTDC के 18 होटल को सफेद हाथी बताते हुए 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल बीते शुक्रवार को द पैलेस होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, कैसल नागर और धौलाधार को खुला रखने की इजाजत दे दी है। मगर होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल सरवरी कुल्लू, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल शिवालिक परवाणू को बंद करने के आदेश दिए। 70 करोड़ से ज्यादा के घाटे में निगम हाईकोर्ट ने ये आदेश HPTDC के पेंशनर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए थे, क्योंकि 70 करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रहा निगम अपने पेंशनर को वित्तीय लाभ नहीं दे पा रहा। कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा, ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट सफेद हाथी बता चुका कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है।
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