हिमाचल में 76 घंटे बाद भी 42 लोगों का सुराग:लाइव डिटेक्टर डिवाइस, खोजी कुत्तों के साथ सर्च ऑपरेशन; समेज में 36 लापता

हिमाचल में 76 घंटे बाद भी 42 लोगों का सुराग:लाइव डिटेक्टर डिवाइस, खोजी कुत्तों के साथ सर्च ऑपरेशन; समेज में 36 लापता

हिमाचल प्रदेश में आपदा के 76 घंटे बाद भी 45 लोगों का सुराग नहीं लग पाया है। खासकर शिमला जिला के रामपुर के समेज में लापता 36 में से एक भी व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। लापता लोगों की तलाश के लिए प्रशासन ने लाइव डिटेक्टर डिवाइस और खोजी कुत्ते घटनास्थल पर बुला दिए है। इनकी मदद से आज सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा। खोजी कुत्ते जहां जहां लोगों के दबे होने से संकेत दे रहे हैं, वहां पर जेसीबी से खुदाई कर लापता लोगों को खोजा रहा है। NDRF, SDRF, सीआईएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान लोगों की तलाश में लगे हुए है। तीन दिन से सर्च ऑपरेशन में अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। इससे अब मलबे में दबे लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें टूट गई है। मंडी की चौहारघाटी में जरूर बीते शनिवार को एक और महिला का शव मिला है। चौहारघाटी में बुधवार की रात के सैलाब में 11 लोग लापता हो गए थे। यहां अब तक शव मिल गए है, जबकि सातवें व्यक्ति को घटना वाले घायल निकाल दिया गया था। अब 3 माह और 11 साल की 2 लड़कियों सहित कुल 4 लोग लापता हैं। बागीपुल में 5 लोग अभी भी लापता कुल्लू के बागीपुल में भी एक ही परिवार के 5 सदस्य सहित 7 लोग लापता हो गए थे। इनमें एक महिला व एक पुरुष का शव मिल चुका हैं, जबकि 5 अभी भी लापता हैं। इनमें दो नेपाली भी शामिल है। राहत की बात यह है कि पिछले लगभग 55 घंटे से ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हुई। जिस कारण खतरनाक हो चुके नदी-नालों का जलस्तर कम हो रहा है। इस तरह काम करता हैं लाइव डिटेक्टर डिवाइस लाइव डिटेक्टर डिवाइस एक जीवन पहचान उपकरण है जिसका उपयोग आपदाओं के बाद बचाव कार्यों के दौरान किया जाता है। वायरलेस या वायर्ड भूकंपीय सेंसर मलबे के नीचे जीवन के संकेतों (कंपन) का पता लगाते हैं और फिर पीड़ितों का सटीक तरीके से पता लग जाता है। यह जलरोधी संचार जांच प्रणाली है, जिसमे 26 फीट लंबी केबल है, जिससे मलबे में दबे पीड़ितों से संपर्क किया जा सकता है। यह आकलन किया जा सकता है कि उन्हें किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है। हल्का और कॉम्पैक्ट, लीडर सर्च कंट्रोल बॉक्स डेढ़ घंटे की लाइफ वाली रिचार्जेबल बैटरी द्वारा संचालित होता है। हिमाचल प्रदेश में आपदा के 76 घंटे बाद भी 45 लोगों का सुराग नहीं लग पाया है। खासकर शिमला जिला के रामपुर के समेज में लापता 36 में से एक भी व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। लापता लोगों की तलाश के लिए प्रशासन ने लाइव डिटेक्टर डिवाइस और खोजी कुत्ते घटनास्थल पर बुला दिए है। इनकी मदद से आज सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा। खोजी कुत्ते जहां जहां लोगों के दबे होने से संकेत दे रहे हैं, वहां पर जेसीबी से खुदाई कर लापता लोगों को खोजा रहा है। NDRF, SDRF, सीआईएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान लोगों की तलाश में लगे हुए है। तीन दिन से सर्च ऑपरेशन में अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। इससे अब मलबे में दबे लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें टूट गई है। मंडी की चौहारघाटी में जरूर बीते शनिवार को एक और महिला का शव मिला है। चौहारघाटी में बुधवार की रात के सैलाब में 11 लोग लापता हो गए थे। यहां अब तक शव मिल गए है, जबकि सातवें व्यक्ति को घटना वाले घायल निकाल दिया गया था। अब 3 माह और 11 साल की 2 लड़कियों सहित कुल 4 लोग लापता हैं। बागीपुल में 5 लोग अभी भी लापता कुल्लू के बागीपुल में भी एक ही परिवार के 5 सदस्य सहित 7 लोग लापता हो गए थे। इनमें एक महिला व एक पुरुष का शव मिल चुका हैं, जबकि 5 अभी भी लापता हैं। इनमें दो नेपाली भी शामिल है। राहत की बात यह है कि पिछले लगभग 55 घंटे से ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हुई। जिस कारण खतरनाक हो चुके नदी-नालों का जलस्तर कम हो रहा है। इस तरह काम करता हैं लाइव डिटेक्टर डिवाइस लाइव डिटेक्टर डिवाइस एक जीवन पहचान उपकरण है जिसका उपयोग आपदाओं के बाद बचाव कार्यों के दौरान किया जाता है। वायरलेस या वायर्ड भूकंपीय सेंसर मलबे के नीचे जीवन के संकेतों (कंपन) का पता लगाते हैं और फिर पीड़ितों का सटीक तरीके से पता लग जाता है। यह जलरोधी संचार जांच प्रणाली है, जिसमे 26 फीट लंबी केबल है, जिससे मलबे में दबे पीड़ितों से संपर्क किया जा सकता है। यह आकलन किया जा सकता है कि उन्हें किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है। हल्का और कॉम्पैक्ट, लीडर सर्च कंट्रोल बॉक्स डेढ़ घंटे की लाइफ वाली रिचार्जेबल बैटरी द्वारा संचालित होता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर