कांगड़ा में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई:35 मीटर अधिक हुई माइनिंग, स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी

कांगड़ा में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई:35 मीटर अधिक हुई माइनिंग, स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी

कांगड़ा जिला के देहरा ढलियारा में एक स्टोन क्रशर द्वारा लीज से 35 मीटर ज्यादा अवैध खनन करने का मामला सामने आया है। दयाल पंचायत और ढलियारा पंचायत के पुराने रास्ते को उखाड़ने के बाद यह अवैध खनन उजागर हुआ। मौके पर माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए स्थिति का जायजा लिया। माइनिंग इंस्पेक्टर देहरा अश्वनी कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच में अवैध खनन के संकेत मिले हैं। लीज भूमि से 35 मीटर ज्यादा तक अवैध खनन हुआ है। उन्होंने बताया कि अगर पुष्टि होती है, तो संबंधित स्टोन क्रशर पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके। उधर स्टोन क्रेशर संचालक ने भी यह माना है कि रास्ते को उन्होंने ही उखाड़ा है। स्थानीय लोगों व दयाल युवक मंडल प्रधान विनायक ठाकुर ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर की है और माइनिंग विभाग से उचित कदम उठाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरा बन रही हैं। कांगड़ा जिला के देहरा ढलियारा में एक स्टोन क्रशर द्वारा लीज से 35 मीटर ज्यादा अवैध खनन करने का मामला सामने आया है। दयाल पंचायत और ढलियारा पंचायत के पुराने रास्ते को उखाड़ने के बाद यह अवैध खनन उजागर हुआ। मौके पर माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए स्थिति का जायजा लिया। माइनिंग इंस्पेक्टर देहरा अश्वनी कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच में अवैध खनन के संकेत मिले हैं। लीज भूमि से 35 मीटर ज्यादा तक अवैध खनन हुआ है। उन्होंने बताया कि अगर पुष्टि होती है, तो संबंधित स्टोन क्रशर पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके। उधर स्टोन क्रेशर संचालक ने भी यह माना है कि रास्ते को उन्होंने ही उखाड़ा है। स्थानीय लोगों व दयाल युवक मंडल प्रधान विनायक ठाकुर ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर की है और माइनिंग विभाग से उचित कदम उठाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरा बन रही हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर