हिमाचल में BDO ने पंचायत प्रधान से मांगी 10 हजार रुपये की रिश्वत, विजिलेंस ने किया गिरफ्तार

हिमाचल में BDO ने पंचायत प्रधान से मांगी 10 हजार रुपये की रिश्वत, विजिलेंस ने किया गिरफ्तार

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> जिन कंधों पर व्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ मजबूत करने का ज़िम्मा है, वही सिस्टम को कुरेदने में लगे हुए हैं. एक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर- BDO ने ग्राम पंचायत प्रधान से करीब 1.5 लाख रुपये के विकास कार्य के लिए राशि स्वीकृत कराने के लिए ही रिश्वत की मांग कर डाली. उपायुक्त कार्यालय से विकास कार्यों के लिए राशि जारी होनी थी. इसके लिए ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर ने पंचायत प्रधान को 10 हज़ार रुपये की रिश्वत देने के लिए कहा. मामला हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के तहत आने वाले परागपुर का है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजिलेंस ने आरोपी अधिकारी को किया गिरफ्तार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परागपुर के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर वीरेंद्र कुमार कौशल ने ग्राम पंचायत कडोआ की प्रधान रीना देवी से 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. जिस वक़्त अधिकारी प्रधान से रिश्वत ले रहा था, उस समय विजिलेंस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया. मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ी है कि आख़िर क्यों अधिकारी सिर्फ अपने सरकारी वेतन पर काम नहीं कर सकते. अधिकारियों को अपना ही दायित्व निभाने के लिए अतिरिक्त आर्थिक लाभ की जरूरत आख़िर क्यों पड़ जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले में विजिलेंस की जांच जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार होने के मामले में हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धर्मशाला में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम, 2018 की धारा- 7 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपी अधिकारी को विजिलेंस ने गिरफ़्तार कर लिया है. इस मामले में जांच जारी है. इससे पहले सात फरवरी को विजिलेंस ने फ़ूड सेफ़्टी अधिकारी भाविता टंडन को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ़्तार किया था. यह महिला अधिकारी एक मामले के निपटारे के लिए रिश्वत मांग रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/twjtznP05rI?si=WYApVYPm7UFkYD0V” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:&nbsp;<a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-bjp-mla-hans-raj-announces-reward-of-51000-rupees-for-those-who-will-inform-about-chitta-smuggling-in-chamba-2885989″>Himachal: ‘जो भी शख्स चिट्टा बेचने वालों की…’, हिमाचल में BJP विधायक हंस राज का बड़ा ऐलान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> जिन कंधों पर व्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ मजबूत करने का ज़िम्मा है, वही सिस्टम को कुरेदने में लगे हुए हैं. एक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर- BDO ने ग्राम पंचायत प्रधान से करीब 1.5 लाख रुपये के विकास कार्य के लिए राशि स्वीकृत कराने के लिए ही रिश्वत की मांग कर डाली. उपायुक्त कार्यालय से विकास कार्यों के लिए राशि जारी होनी थी. इसके लिए ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर ने पंचायत प्रधान को 10 हज़ार रुपये की रिश्वत देने के लिए कहा. मामला हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के तहत आने वाले परागपुर का है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजिलेंस ने आरोपी अधिकारी को किया गिरफ्तार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परागपुर के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर वीरेंद्र कुमार कौशल ने ग्राम पंचायत कडोआ की प्रधान रीना देवी से 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. जिस वक़्त अधिकारी प्रधान से रिश्वत ले रहा था, उस समय विजिलेंस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया. मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ी है कि आख़िर क्यों अधिकारी सिर्फ अपने सरकारी वेतन पर काम नहीं कर सकते. अधिकारियों को अपना ही दायित्व निभाने के लिए अतिरिक्त आर्थिक लाभ की जरूरत आख़िर क्यों पड़ जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले में विजिलेंस की जांच जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार होने के मामले में हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धर्मशाला में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम, 2018 की धारा- 7 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपी अधिकारी को विजिलेंस ने गिरफ़्तार कर लिया है. इस मामले में जांच जारी है. इससे पहले सात फरवरी को विजिलेंस ने फ़ूड सेफ़्टी अधिकारी भाविता टंडन को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ़्तार किया था. यह महिला अधिकारी एक मामले के निपटारे के लिए रिश्वत मांग रही थी.</p>
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