हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 होटल को 25 नवंबर से बंद करने के हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश दे रखे है। जिसके चलते इन होटल का स्टाफ रविवार शाम को असमंजस की स्थिति में नजर आया। धर्मशाला के होटल कुणाल और कश्मीर हाउस में रविवार को सन्नाटा पसरा हुआ था। वीकेंड पर कभी यहां टूरिस्ट का जमावड़ा लग रहता था। एचपीटीडीसी के धर्मशाला डिवीजन के अंतर्गत आने वाले होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस के मैनेजर को मैनेजमेंट की तरफ से इन होटलों को खुला या बंद करने के संबंध में कोई ऑर्डर नहीं मिले हैं। एडवांस बुकिंग को लेकर असमंजस में कर्मचारी इन होटल्स का स्टाफ भी परेशान नज़र आया। जिसका कारण कि एचपीटीडीसी के आधिकारिक ऑनलाइन वेब पोर्टल पर बंद किए जाने वाले एचपीटीडीसी के होटल्स की बुकिंग ओपन है। होटल कुणाल में रविवार को तो कोई कमरा बुक नहीं हुआ है। लेकिन 29 नवंबर से लेकर एक दिसंबर तक रूम बुक हैं। जबकि कश्मीर हाउस में 26 नवंबर से रूम बुक हैं। ऐसे में होटल में तैनात स्टाफ अभी असमंजस की स्थिति में है कि इन एडवांस में हुई बुकिंग का क्या करें। हेड ऑफिस से नहीं मिला कोई इनपुट वहीं एचपीटीडीसी के धर्मशाला डिवीजन के एरिया जनरल मैनेजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि अभी तक हेड ऑफिस से इन यूनिट को बंद या खुला रखने के संबंध में कोई ऑर्डर नहीं मिले हैं। प्रदेश हाई कोर्ट के निर्णय का मैसेज भी वॉट्सऐप से ही मिला है। जब तक हेड आफिस से कोई ऑर्डर नहीं मिलते, तब तक यूनिट के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के पश्चात दिए है। 25 नवंबर से होटल होंगे बंद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम द्वारा इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो। वहीं वकील ओपी गोयल ने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार 25 नवंबर दोपहर 12 बजे के बाद कोई नई बुकिंग या पर्यटक को कमरा किराए पर नहीं दिया जा सकता है। प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के 9 होटलों को 25 नवंबर से इन होटलों को बंद करने का आदेश दिया है। होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस शामिल हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के कुल 18 घाटे में चल रहे होटलों में से 9 को अगले साल 31 मार्च तक अपना संचालन जारी रखने की अनुमति दे दी। पहले के आदेश में संशोधन के लिए एचपीटीडीसी के आवेदन पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नौ एचपीटीडीसी होटलों से संबंधित 19 नवंबर के आदेश को जारी रखने की। समीक्षा उनके प्रदर्शन के आधार पर अगले साल 31 मार्च के बाद की जाएगी। न्यायमूर्ति गोयल ने पहले एचपीटीडीसी को पिछले कुछ वर्षों में 40% से कम अधिभोग वाले 18 होटलों को 25 नवंबर से बंद करने का निर्देश दिया था। जिसमें होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 होटल को 25 नवंबर से बंद करने के हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश दे रखे है। जिसके चलते इन होटल का स्टाफ रविवार शाम को असमंजस की स्थिति में नजर आया। धर्मशाला के होटल कुणाल और कश्मीर हाउस में रविवार को सन्नाटा पसरा हुआ था। वीकेंड पर कभी यहां टूरिस्ट का जमावड़ा लग रहता था। एचपीटीडीसी के धर्मशाला डिवीजन के अंतर्गत आने वाले होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस के मैनेजर को मैनेजमेंट की तरफ से इन होटलों को खुला या बंद करने के संबंध में कोई ऑर्डर नहीं मिले हैं। एडवांस बुकिंग को लेकर असमंजस में कर्मचारी इन होटल्स का स्टाफ भी परेशान नज़र आया। जिसका कारण कि एचपीटीडीसी के आधिकारिक ऑनलाइन वेब पोर्टल पर बंद किए जाने वाले एचपीटीडीसी के होटल्स की बुकिंग ओपन है। होटल कुणाल में रविवार को तो कोई कमरा बुक नहीं हुआ है। लेकिन 29 नवंबर से लेकर एक दिसंबर तक रूम बुक हैं। जबकि कश्मीर हाउस में 26 नवंबर से रूम बुक हैं। ऐसे में होटल में तैनात स्टाफ अभी असमंजस की स्थिति में है कि इन एडवांस में हुई बुकिंग का क्या करें। हेड ऑफिस से नहीं मिला कोई इनपुट वहीं एचपीटीडीसी के धर्मशाला डिवीजन के एरिया जनरल मैनेजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि अभी तक हेड ऑफिस से इन यूनिट को बंद या खुला रखने के संबंध में कोई ऑर्डर नहीं मिले हैं। प्रदेश हाई कोर्ट के निर्णय का मैसेज भी वॉट्सऐप से ही मिला है। जब तक हेड आफिस से कोई ऑर्डर नहीं मिलते, तब तक यूनिट के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के पश्चात दिए है। 25 नवंबर से होटल होंगे बंद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम द्वारा इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो। वहीं वकील ओपी गोयल ने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार 25 नवंबर दोपहर 12 बजे के बाद कोई नई बुकिंग या पर्यटक को कमरा किराए पर नहीं दिया जा सकता है। प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के 9 होटलों को 25 नवंबर से इन होटलों को बंद करने का आदेश दिया है। होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस शामिल हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के कुल 18 घाटे में चल रहे होटलों में से 9 को अगले साल 31 मार्च तक अपना संचालन जारी रखने की अनुमति दे दी। पहले के आदेश में संशोधन के लिए एचपीटीडीसी के आवेदन पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नौ एचपीटीडीसी होटलों से संबंधित 19 नवंबर के आदेश को जारी रखने की। समीक्षा उनके प्रदर्शन के आधार पर अगले साल 31 मार्च के बाद की जाएगी। न्यायमूर्ति गोयल ने पहले एचपीटीडीसी को पिछले कुछ वर्षों में 40% से कम अधिभोग वाले 18 होटलों को 25 नवंबर से बंद करने का निर्देश दिया था। जिसमें होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस शामिल हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सरकार पर 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग:8 लाख बेरोजगार परेशान, पक्की नौकरी के स्थान पर आउटसोर्स, पार्ट-टाइम जॉब, रिटायरियों को दोबारा नौकरी हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार 22 महीने में लगभग 4400 लोगों को पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए है। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। राज्य सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स आधार पर दी गई है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी है। आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग खड़ा हो गया
सरकार के दावे के मुताबिक यदि आउटसोर्स, पार्ट टाइम को भी नौकरी मान लिया जाए तो भी 1.70 लाख नौकरियां देने का बैकलॉग खड़ा हो गया है। बेरोजगार युवा पक्की नौकरी मांग रहा है। कांग्रेस सरकार नई भर्तियां नहीं निकाल रही। कैबिनेट ने 6600 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे
बेरोजगारों के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि कैबिनेट ने 6600 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति दे रखी है। मगर भर्तियां कब होगी, इस पर असमंजस बना हुआ है। CM सुखविंदर सुक्खू के बार बार कहने के बावजूद चयन आयोग कैबिनेट द्वारा मंजूर पदों को विज्ञापित नहीं कर पा रहा। 3 साल पहले शुरू भर्तियों के रिजल्ट भी नहीं
राज्य में 3 साल पहले शुरू की गई सभी भर्तियों के रिजल्ट भी अब तक नहीं निकाले जा सके। हालांकि 3 दिन पहले ही सीएम सुक्खू ने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को 6 पोस्ट कोड के रिजल्ट दिवाली तक निकालने के निर्देश दिए जरूर है। मगर बेरोजगार युवा नई भर्तियां चाहता है। क्यों ये हालात बने
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद 23 दिसंबर, 2022 को पोस्ट कोड 965 JOA-IT भर्ती का पेपर लीक हुआ। पेपर लीक के कारण 26 दिसंबर, 2022 को प्रदेश सरकार ने चयन आयोग के कामकाज को निलंबित किया। इसके बाद जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक स्कैम सामने आया। इस वजह से 21 फरवरी, 2023 को कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया। बीते साल राज्य चयन आयोग का गठन किया गया। 30 सितंबर 2023 को इसमें IAS आरके प्रुथी को एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया। मगर एक साल बाद भी चयन आयोग नई भर्तियां शुरू नहीं कर पा रहा। हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (HPPSC) ने जरूर कुछ भर्तियां की है। मगर यह क्लास-1 और क्लास-2 श्रेणी की ही भर्तियां करता है। इस श्रेणी में कम लोगों को अब तक रोजगार दिया जा सका है। हिमाचल में 8 लाख से ज्यादा बेरोजगार
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पंजाब सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया है। शुक्रवार को 24 IPS अधिकारियों और 4 PPS अधिकारियों के तबादले किए हैं। मोहाली, पटियाला, बठिंडा, फाजिल्का, मानसा, मोगा, मलेरकोटला, पठानकोट, मुक्तसर, फरीदकोट, तरनतारन, बटाला, अमृतसर रूरल और जालंधर रूरल के SSP को बदल दिया गया है। नानक सिंह को SSP पटियाला, अमनीत कौंडल को SSP बठिंडा, चरणजीत सिंह को SSP अमृतसर रूरल, भागीरथ सिंह मीणा को SSP मानसा, दीपक को SSP मोहाली, गौरव को SSP तरनतारन, अंकुर गुप्ता को SSP मोगा, अश्वनी को SSP खन्ना, सुहैल कासिम को SSP पटियाला, प्रज्ञा जैन को SSP फरीदकोट, तुषार गुप्ता को SSP मुक्तसर, गगन अजीत सिंह को SSP मलेरकोटला, तलजिंदर को SSP पठानकोट, हरकमलप्रीत सिंह को SSP जालंधर रूरल और वरिंदर सिंह बराड़ को SSP फाजिल्का लगाया गया है। अफसरों के तबादले की लिस्ट…
CM सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को किया सम्मानित:शिमला में 21 खिलाड़ियों को दिया 14.77 करोड़ का इनाम, बोले-सम्मान राशि 8 गुना बढ़ाई
CM सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को किया सम्मानित:शिमला में 21 खिलाड़ियों को दिया 14.77 करोड़ का इनाम, बोले-सम्मान राशि 8 गुना बढ़ाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए वीरवार को हिमाचल सरकार ने शिमला में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह आयोजित किया। शिमला में खेल विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान खेल मंत्री यादवेन्द्र गोमा और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहे। सीएम सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले 21 खिलाड़ियों को 14 करोड़ 77 लाख की राशि देकर सम्मानित किया। खिलाड़ियों की सम्मान राशि व्यवस्था परिवर्तन का सबूत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का जो नारा दिया था, उसका सबूत ओलिंपिक और पैरालिंपिक में पदक विजेताओं को सम्मान राशि 8 गुना बढ़ाई गई है। आज राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को करोड़ों की सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया है। भाजपा केवल समोसे और टॉयलेट की बात कर सकती है। कांग्रेस जो कहती है, वह करके दिखाती है। सरकार आने वाले समय में स्कूल और कॉलेजों के राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित करेगी। इन खिलाड़ियों को किया सम्मानित एथलेटिक्स में ऊना के निषाद कुमार को 7 करोड़ 80 लाख, मंडी के अजय कुमार को 2 करोड़ 50 लाख, कबड्डी में सिरमौर की रीतू नेगी, पुष्पा राणा, सुषमा, सोलन की कुमारी ज्योति, बिलासपुर की कुमारी निधि सहित पुरुष कबड्डी टीम के सदस्य रहे ऊना के विशाल भारद्वाज को 33 लाख 32 हजार 800 रुपए की बराबर सम्मान राशि दी गई। इसके अलावा फेंसिंग खिलाड़ी कुमारी ज्योति दत्ता को 3 लाख, हैंडबॉल टीम की सदस्य रही बिलासपुर की दीक्षा, शालिनी, प्रियंका ठाकुर, सोलन की निधि, मिताली, भावना, मेनका को 3-3 लाख सम्मान राशि दी गई है। वहीं बोसिया में मंडी की अंजली को 3 लाख, क्रिकेट में रेणुका सिंह 13 लाख 32 हजार, भारोत्तोलन में विकास ठाकुर को 2 करोड़, बॉक्सिंग में मंडी के आशीष कुमार को 5 लाख सहित शूटिंग में हमीरपुर के विजय कुमार को 2 लाख रुपए सम्मान राशि के रूप में आवंटित किए गए है। खेल मंत्री बोले- पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में की वृद्धि युवा एवं खेल सेवा मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने खेल मंत्रालय में पिछले बजट में अभूतपूर्व बदलाव किया। मुख्यमंत्री ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। वर्तमान सरकार अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। ओलिंपिक और पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक के लिए पहले जहां 3 करोड़ रुपए था। इस सरकार ने 5 करोड़ रुपए किया है। वहीं रजत पदक के लिए 2 करोड़ थे, अब 3 करोड रुपए दिए जा रहे हैं। कांस्य पदक में एक करोड़ की जगह 2 करोड़ की राशि की गई। एशियाई खेलों में पदक विजेता की बढ़ी सम्मान राशि उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक विजाताओं के लिए पहले 50 लाख था, अब 4 करोड़ रुपए दिया जा रहा है, रजत पद के लिए 30 लाख था, अब ढाई करोड़ में दिया जा रहा है। कांस्य पदक 20 लाख था और अब डेढ़ करोड रुपए दिया जा रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों में पहले स्वर्ण पदक के लिए 50 लख रुपए था, अब 3 करोड़ रुपए किया गया है। रजत पद के लिए 30 लाख रुपए से दो करोड़ किया गया है। वहीं कांस्य पदक विजेता को 20 लाख दिए जाते थे, उन्हें अब एक करोड़ दिए जा रहे है। यादवेंद्र गोमा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश से बाहर आयोजित होने वाली सभी खेल परीक्षा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 200 किलोमीटर यात्रा के लिए एसी-3 रेल किराया और 200 किलोमीटर से अधिक यात्रा पर इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया देने का प्रावधान किया है। सम्मान राशि बढ़ाकर युवा खिलाड़ियों को मिलेगी प्रेरणा पैरालिंपिक पदक विजेता निषाद कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद इस तरह का कार्यक्रम पहली बार हो रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों एक साथ प्रदेश सरकार सम्मानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खिलाड़ियों की राशि बड़ा कर उदाहरण पेश किया है। निषाद ने कहा पहले अन्य राज्यों के उदाहरण दिए जाते थे कि वहां खिलाड़ियों को इनाम के बड़ी राशि दी जाती है। परंतु अब हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों को खेलों के प्रेरणा मिलेगी।