हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के धर्मशाला तपोवन विधानसभा परिसर में जल्द ही विधान भवन की तस्वीर बदलने वाली है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें विधान भवन का गाइडेड टूर शुरू करने की योजना है। इसके तहत लोग टिकट लेकर विधान भवन की खूबियों का दीदार कर सकेंगे। तपोवन विधानसभा परिसर के गलियारों में अब आम लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की भी आसानी से एंट्री हो सकेगी। कॉलेज, विश्वविद्यालय और स्कूलों के विद्यार्थियों को विधानसभा मंडप और दीर्घा का भ्रमण करवाते हुए उसकी कार्य प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। विधानसभा सचिवालय इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजने जा रहा है, जिससे सरकार को आय भी होगी और साफ-सफाई भी बनी रहेगी। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से नेवा लागू तपोवन विधानसभा परिसर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए साल भर ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, युवा संसद के आयोजन, पंचायती राज संस्थाएं और शहरी निकाय भी अपने सम्मेलनों के लिए इसका उपयोग कर सकेंगे। पहली बार आठ करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) का प्रयोग किया जा रहा है। नेवा के माध्यम से सदन के सदस्य संसद और देश की अन्य विधानसभाओं के उत्कृष्ट व्यवहार से सीख सकते हैं और उन्हें अपना सकते हैं। इससे आम आदमी घर बैठे सदन की कार्रवाई देख सकेगा। सदन के कामकाज को कागज रहित बनाने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से नेवा को लागू किया गया है। इसे और सुदृढ़ बनाने के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए के बजट की मांग की गई है। तपोवन परिसर के पास चिन्हित की गई जमीन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि तपोवन परिसर के पास जमीन चिन्हित की गई है, जिस पर हॉस्टल कम होटल का निर्माण किया जाएगा। इससे हर वर्ष विधानसभा सदस्यों, स्टाफ और अधिकारियों को ठहराने पर होने वाले लाखों रुपए के खर्च को बचाया जा सकेगा। सत्र के दौरान यह हॉस्टल विधानसभा द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा और बाकी समय में इसे कॉमर्शियल होटल के रूप में संचालित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के धर्मशाला तपोवन विधानसभा परिसर में जल्द ही विधान भवन की तस्वीर बदलने वाली है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें विधान भवन का गाइडेड टूर शुरू करने की योजना है। इसके तहत लोग टिकट लेकर विधान भवन की खूबियों का दीदार कर सकेंगे। तपोवन विधानसभा परिसर के गलियारों में अब आम लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की भी आसानी से एंट्री हो सकेगी। कॉलेज, विश्वविद्यालय और स्कूलों के विद्यार्थियों को विधानसभा मंडप और दीर्घा का भ्रमण करवाते हुए उसकी कार्य प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। विधानसभा सचिवालय इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजने जा रहा है, जिससे सरकार को आय भी होगी और साफ-सफाई भी बनी रहेगी। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से नेवा लागू तपोवन विधानसभा परिसर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए साल भर ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, युवा संसद के आयोजन, पंचायती राज संस्थाएं और शहरी निकाय भी अपने सम्मेलनों के लिए इसका उपयोग कर सकेंगे। पहली बार आठ करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) का प्रयोग किया जा रहा है। नेवा के माध्यम से सदन के सदस्य संसद और देश की अन्य विधानसभाओं के उत्कृष्ट व्यवहार से सीख सकते हैं और उन्हें अपना सकते हैं। इससे आम आदमी घर बैठे सदन की कार्रवाई देख सकेगा। सदन के कामकाज को कागज रहित बनाने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से नेवा को लागू किया गया है। इसे और सुदृढ़ बनाने के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए के बजट की मांग की गई है। तपोवन परिसर के पास चिन्हित की गई जमीन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि तपोवन परिसर के पास जमीन चिन्हित की गई है, जिस पर हॉस्टल कम होटल का निर्माण किया जाएगा। इससे हर वर्ष विधानसभा सदस्यों, स्टाफ और अधिकारियों को ठहराने पर होने वाले लाखों रुपए के खर्च को बचाया जा सकेगा। सत्र के दौरान यह हॉस्टल विधानसभा द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा और बाकी समय में इसे कॉमर्शियल होटल के रूप में संचालित किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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