मंडी की पराशर घाटी में शनिवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश से बागी नाला में बाढ़ आ गई। यहां नाले में पानी के साथ पत्थर आने से दहशत पैदा हो गई। कटौला-बागी-पराशर सड़क को खासा नुकसान हुआ है। वहीं किसानों की फसल बरबाद हो गई। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर लोगों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। वहीं खतरे वाली जगह को छोड़ कर सुरक्षित स्थान जाने की हिदायत दी गई है। ज्वालापुर सड़क धंसने से यहां बड़ी बड़ी दरारें आ गई। स्थानीय लोग बलदेव सिंह, शिव राम, दलीप सिंह ने बताया कि शनिवार शाम करीब पांच बजे यहां भारी बारिश से बागी नाले में बाढ़ आ गया। ग्रामीणों ने निचले इलाके के लोगों को फोन कर सतर्क किया। उन्होंने बताया कि अभी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। बहरहाल रविवार को यहां मौसम साफ है, आसमान में घने बादल छाए हुए हैं। मंडी की पराशर घाटी में शनिवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश से बागी नाला में बाढ़ आ गई। यहां नाले में पानी के साथ पत्थर आने से दहशत पैदा हो गई। कटौला-बागी-पराशर सड़क को खासा नुकसान हुआ है। वहीं किसानों की फसल बरबाद हो गई। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर लोगों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। वहीं खतरे वाली जगह को छोड़ कर सुरक्षित स्थान जाने की हिदायत दी गई है। ज्वालापुर सड़क धंसने से यहां बड़ी बड़ी दरारें आ गई। स्थानीय लोग बलदेव सिंह, शिव राम, दलीप सिंह ने बताया कि शनिवार शाम करीब पांच बजे यहां भारी बारिश से बागी नाले में बाढ़ आ गया। ग्रामीणों ने निचले इलाके के लोगों को फोन कर सतर्क किया। उन्होंने बताया कि अभी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। बहरहाल रविवार को यहां मौसम साफ है, आसमान में घने बादल छाए हुए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
अंब में बोलेरो और आई-10 में टक्कर:नीलगाय आने से अनियंत्रित हुई, बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी जा रहे 6 श्रद्धालु घायल
अंब में बोलेरो और आई-10 में टक्कर:नीलगाय आने से अनियंत्रित हुई, बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी जा रहे 6 श्रद्धालु घायल हिमाचल प्रदेश में ऊना के उप मंडल अंब के तहत बोलेरो जीप व आई-10 कार के बीच हुई टक्कर में छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, संगरूर निवासी पवित्र सिंह अपनी दादी गुरदेव कौर, पत्नी हरप्रीत कौर और बहन रणजीत कौर, गुरविंदर कौर व चचेरी बहन कमलजीत कौर के साथ बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी में माथा टेकने आ रहा था। रविवार की रात करीब ढाई बजे जब यह लोग धुसाड़ा के पास पहुंचे तभी उनकी बोलेरो कार के सामने एक नीलगाय आ गई। नीलगाय में टकराने के बाद उनकी गाड़ी अनियंत्रित हो गई और सामने से आ रही आई-10 कार से टकरा गई। टक्कर के बाद पलटी बोलेरो टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो सड़क के बीचों-बीच पलट गई और कार का अगला हिस्सा विपरीत दशा की तरफ घूम गया। बोलेरो के सभी शीशे चटक गए और दो पिछले और एक अगला अगला टायर भी फट गया। वहीं, आई-10 का ड्राइवर साइड का अगला टायर फट गया और एयर बैग भी खुल गया। इस दुर्घटना में बोलेरो सवार गुरदेव कौर, हरप्रीत कौर, रंजीत कौर, गुरविंदर कौर, कमलजीत कौर और आई-10 चालक नैनादेवी निवासी कपिल देव घायल हो गए। घायलों को 108 एंबुलेंस के जरिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएचओ अंब गौरव भारद्वाज ने मामले की पुष्टि की है।
हिमाचल में भालू के बर्फी खाने का VIDEO:दुकान में घुसकर ले रहा स्वाद, आधी रात में दुकानदार के भगाने पर भागा
हिमाचल में भालू के बर्फी खाने का VIDEO:दुकान में घुसकर ले रहा स्वाद, आधी रात में दुकानदार के भगाने पर भागा हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक भालू दुकान में मिठाई खा रहा है। बताया जा रहा है कि चंबा के चुवाड़ी-जोत में बीती रात को एक भालू दुकान का ताला तोड़कर हलवाई की दुकान में घुसता और वहां रखी मिठाई खाने लग जाता है। रात में जब हलवाई ने कुछ आवाजें सुनी और घर से साथ बनी दुकान में देखा तो भालू बर्फी का आनंद ले रहा था। दुकानदार ने मिठाई खा रहे भालू की वीडियो बना दिया, जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दुकानदार के चिल्लाने के बाद भालू मौके से भाग गया। क्षेत्र में कई बार लोगों पर हमला करते रहे भालू बता दें कि चुवाड़ी-जोत क्षेत्र के लोग आए दिन भालुओं के हमले से परेशान है। क्षेत्र में भालू न केवल लोगों पर हमला कर देते हैं, बल्कि किसानों की नगदी फसलों को भी कई बार चट कर जाते है। कई बार गौशालाओं को तोड़ देते है। मगर इस बार भालू ने दुकान में घुस मिठाई खाता है।
हिमाचल हाईकोर्ट का CM के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका:AU की जमीन टूरिज्म विलेज को देने पर रोक, 112 हेक्टेयर देने की थी तैयारी
हिमाचल हाईकोर्ट का CM के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका:AU की जमीन टूरिज्म विलेज को देने पर रोक, 112 हेक्टेयर देने की थी तैयारी हिमाचल हाईकोर्ट ने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर की 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश दिए। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव कृषि, प्रधान सचिव पर्यटन व अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता संस्था के अनुसार, पर्यटन गांव बनाने के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की जमीन ट्रांसफर करना कानूनन गलत है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार के पास अन्य विकल्प मौजूद है। पालमपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक संस्थान है। 1950 में लुधियाना यूनिवर्सिटी के केंद्र के तौर पर कांगड़ा में क्षेत्रीय केंद्र शुरू कांगड़ा में सबसे पहले 1950 के दशक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में यह संस्थान शुरू हुआ। जब कांगड़ा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाने के बाद राज्य सरकार ने इसे पूर्ण विकसित विश्वविद्यालय बना दिया। 112 हैक्टेयर जमीन ट्रांसफर करने की तैयारी कृषि विश्वविद्यालय के पास शुरू में करीब 400 हेक्टेयर जमीन थी। समय के साथ विश्वविद्यालय की 125 हेक्टेयर जमीन विभिन्न सरकारी विभागों को आवंटित कर दी गई। अब यदि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन गांव परियोजना के लिए इस्तेमाल की जाती है तो यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी। शोध के लिए निर्धारित जमीन पर टूरिज्म विलेज न बनाया जाए प्रार्थी संस्था के अनुसार कृषि शोध के लिए निर्धारित जमीन का इस्तेमाल पर्यटन गांव बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने प्रस्तावित पर्यटन गांव बनाने के लिए अपनी 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए अपनी सहमति पहले ही दे दी है। कर्मचारी-स्टूडेंट सब खिलाफ यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संगठन और पालमपुर के कई अन्य संगठन कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कृषि विश्वविद्यालय से ली गई जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का प्रस्ताव कर रही है। CM सुक्खू के सपने को झटका कोर्ट के अंतरिम आदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल के तौर पर विकसित करने का ऐलान किया है। मगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के टीचर व छात्र संगठनों के अलावा कुछ स्थानीय लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस सरकार यूनिवर्सिटी की इस जमीन पर विभिन्न गतिविधियां शुरू करने की योजना बना रही थी।