हिमाचल हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सांसद हर्ष महाजन की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 3 सितंबर को तेलंगाना में राज्यसभा चुनाव के दृष्टिगत इस मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष को सुनने के पास हर्ष महाजन को अर्जी को खारिज कर दिया और बहस शुरू करने को कह दिया है। अब इस मामले में कल भी सुनवाई होगी। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस तेलंगाना से राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है। 3 सितंबर को तेलंगाना में राज्यसभा चुनाव है। लिहाजा हर्ष महाजन ने आज हिमाचल हाईकोर्ट में एक एप्लिकेशन दी, जिसमें उन्होंने कहा, अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से राज्यसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसका हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे केस में असर पड़ेगा। इसलिए इस केस की हियरिंग को डेफर किया जाए। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने लगातार सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने हर्ष महाजन को जवाब देने को कहा था। मगर तब उन्होंने अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया था। उसे भी अदालत ने खारिज किया था। अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से हिमाचल हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे एडवोकेट नीरज गुप्ता ने बताया कि उन्होंने हर्ष महाजन की एप्लिकेशन का विरोध किया और अदालत ने सांसद की अर्जी को खारिज कर दिया है। सिंघवी ने दायर की थी याचिका बता दें कि, अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका डालकर चुनौती दी है। इसमें उन्होंने मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद पर्ची से विजय घोषित करने के नियम को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यदि दो प्रत्याशी को बराबर-बराबर वोट मिलते हैं, उस सूरत में लॉटरी निकालने का जो फॉर्मूला है, वह गलत है। हारा हुआ डिक्लेयर किया अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार, नियम की एक धारणा को उन्होंने याचिका में चुनौती दी है। जब मुकाबला बराबरी पर होता है, उसके बाद पर्ची निकाली जाती है। जिसकी पर्ची निकलती है, उसे विनर डिक्लेयर होना चाहिए। मगर, अभी जिसकी पर्ची निकलती है, उसे हारा हुआ डिक्लेयर किया गया है। यह धारणा कानूनी रूप से गलत है। राज्यसभा चुनाव में सिंघवी व महाजन को मिले थे बराबर वोट बकौल सिंघवी पर्ची में जिसका नाम निकलता है, उसकी जीत होनी चाहिए। नियम में जिसने भी यह धारणा दी है, वो गलत है। कहा कि एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन नियम में यह धारणा है। उसे चुनौती दी गई है। यदि यह धारणा गलत है तो जो चुनाव हुए हैं, उसमे जो परिणाम घोषित हुआ है, वो भी गलत है। सिंघवी ने इलेक्शन को लीगल ग्राउंड पर चैलेंज किया है। सिंघवी और महाजन को मिले थे 34-34 वोट दरअसल, प्रदेश में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले थे। मुकाबला बराबर होने के बाद लॉटरी से हर्ष महाजन चुनाव जीत गए थे, क्योंकि पर्ची अभिषेक मनु सिंघवी की निकली थी। इस केस में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें सुनने के बाद BJP सांसद एवं प्रतिवादी बनाए गए हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया था। तब कोर्ट ने 9 जुलाई की सुनवाई से पहले जवाब देने के निर्देश दिए थे। हिमाचल हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सांसद हर्ष महाजन की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 3 सितंबर को तेलंगाना में राज्यसभा चुनाव के दृष्टिगत इस मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष को सुनने के पास हर्ष महाजन को अर्जी को खारिज कर दिया और बहस शुरू करने को कह दिया है। अब इस मामले में कल भी सुनवाई होगी। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस तेलंगाना से राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है। 3 सितंबर को तेलंगाना में राज्यसभा चुनाव है। लिहाजा हर्ष महाजन ने आज हिमाचल हाईकोर्ट में एक एप्लिकेशन दी, जिसमें उन्होंने कहा, अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से राज्यसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसका हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे केस में असर पड़ेगा। इसलिए इस केस की हियरिंग को डेफर किया जाए। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने लगातार सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने हर्ष महाजन को जवाब देने को कहा था। मगर तब उन्होंने अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया था। उसे भी अदालत ने खारिज किया था। अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से हिमाचल हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे एडवोकेट नीरज गुप्ता ने बताया कि उन्होंने हर्ष महाजन की एप्लिकेशन का विरोध किया और अदालत ने सांसद की अर्जी को खारिज कर दिया है। सिंघवी ने दायर की थी याचिका बता दें कि, अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका डालकर चुनौती दी है। इसमें उन्होंने मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद पर्ची से विजय घोषित करने के नियम को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यदि दो प्रत्याशी को बराबर-बराबर वोट मिलते हैं, उस सूरत में लॉटरी निकालने का जो फॉर्मूला है, वह गलत है। हारा हुआ डिक्लेयर किया अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार, नियम की एक धारणा को उन्होंने याचिका में चुनौती दी है। जब मुकाबला बराबरी पर होता है, उसके बाद पर्ची निकाली जाती है। जिसकी पर्ची निकलती है, उसे विनर डिक्लेयर होना चाहिए। मगर, अभी जिसकी पर्ची निकलती है, उसे हारा हुआ डिक्लेयर किया गया है। यह धारणा कानूनी रूप से गलत है। राज्यसभा चुनाव में सिंघवी व महाजन को मिले थे बराबर वोट बकौल सिंघवी पर्ची में जिसका नाम निकलता है, उसकी जीत होनी चाहिए। नियम में जिसने भी यह धारणा दी है, वो गलत है। कहा कि एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन नियम में यह धारणा है। उसे चुनौती दी गई है। यदि यह धारणा गलत है तो जो चुनाव हुए हैं, उसमे जो परिणाम घोषित हुआ है, वो भी गलत है। सिंघवी ने इलेक्शन को लीगल ग्राउंड पर चैलेंज किया है। सिंघवी और महाजन को मिले थे 34-34 वोट दरअसल, प्रदेश में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले थे। मुकाबला बराबर होने के बाद लॉटरी से हर्ष महाजन चुनाव जीत गए थे, क्योंकि पर्ची अभिषेक मनु सिंघवी की निकली थी। इस केस में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें सुनने के बाद BJP सांसद एवं प्रतिवादी बनाए गए हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया था। तब कोर्ट ने 9 जुलाई की सुनवाई से पहले जवाब देने के निर्देश दिए थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मणिमहेश को हेली-टैक्सी शुरू:चंबा से भी उड़ान भर सकेंगे श्रद्धालु; 5 कैंप बनाए, 26 अगस्त सुबह 3.40 बजे छोटे शाही-स्नान का मुहूर्त
हिमाचल में मणिमहेश को हेली-टैक्सी शुरू:चंबा से भी उड़ान भर सकेंगे श्रद्धालु; 5 कैंप बनाए, 26 अगस्त सुबह 3.40 बजे छोटे शाही-स्नान का मुहूर्त उत्तर भारत की पावन मणिमहेश यात्रा 26 अगस्त से 11 सितंबर तक चलेगी। इस यात्रा को लेकर प्रशासन ने इंतजाम पूरे कर दिए है। भरमौर से मणिमहेश तक जगह-जगह रेस्क्यू के लिए NDRF-SDRF जवानों के अलावा माउंटेनिरिंग संस्थान के वॉलेंटियर्स तैनात किए गए। 5 जगह बनाए कैंप में मेडिकल टीम की तैनाती और वीरवार से ही हेली टैक्सी सेवा भी आरंभ कर दी गई है। धार्मिक यात्रा में छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त इस बार 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा, जो देर रात 2 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान हजारों शिव भक्त डल में डुबकी लगाएंगे। वहीं राधा अष्टमी के अवसर पर यानी 11 सितंबर को शाही स्नान होगा। मणिमहेश यात्रा के लिए बीते 3-4 दिन से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मणिमहेश पहुंचने शुरू हो गए हैं। जम्मू कश्मीर के डोडा से भी शिव भक्तों का एक बड़ा जत्था मणिमहेश के डल में शाही स्नान कर चुका है। भरमौर से मणिमहेश तक शिव के जयकारों से गूंज रहा है। देशभर से मणिमहेश पहुंचते हैं शिव भक्त बता दें कि हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के दुर्गम क्षेत्र भरमौर में मणिमहेश यात्रा के लिए देशभर में बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं। आधिकारिक तौर पर यात्रा 26 अगस्त से शुरू हो रही है। मगर प्रशासन ने वीरवार से ही हेली टैक्सी सेवा आरंभ कर दी है। यहां बनाए गए कैंप, जहां मेडिकल टीम रहेगी तैनात प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। यहां प्रत्येक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा, क्योंकि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। घोड़े और हेली टैक्सी से भी कर सकते हैं यात्रा मणिमहेश यात्रा ज्यादातर श्रद्धालु पैदल करते हैं। जो चलना नहीं चाहते या चलने में सक्षम नहीं हैं, वह घोड़ों, हेली टैक्सी या कुली के माध्यम से भी यात्रा कर सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने हेली टैक्सी, कुली और घोड़ों का किराया तय कर दिया है। हेली टैक्सी से भरमौर से गौरीकुंड तक श्रद्धालुओं को 3875 रुपए एक साइड का किराया देना होगा। हेली टैक्सी का किराया इस बार पिछले साल की अपेक्षा 20 प्रतिशत कम है। चंबा से गौरीकुंड तक पहली बार हेली टैक्सी सेवा SDM भरमौर-कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि पहली बार चंबा से भी गौरीकुंड तक हेली टेक्सी सेवा शुरू की जा रही है। इसके लिए 25 हजार रुपए किराया निर्धारित किया गया है। श्रद्धालु मंदिर ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं। घोड़े पर यात्रा को देने होंगे 4700 रुपए भरमौर के हड़सर से मणिमहेश तक घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। इसी तरह 5 कैंप के बीच का भी अलग अलग किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से ज्यादा दर्रें वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह कुली के लिए भी किराया तय किया गया है। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पढ़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानों के बीच बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भीदेखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह अध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास ऐसा मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया। श्रद्धालुओं के जारी की एडवाइजरी इस यात्रा के दृष्टिगत प्रशासन ने शिव भक्तों को एडवाइजरी जारी की है। इसका पालन सभी श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा है। बिना पंजीकरण यात्रा की इजाजत नहीं होगी। मणिमहेश यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। खतरनाक रास्तों के कारण कई बार अनहोनी भी हो जाती है। 3 दिन पहले भी ऊना के एक श्रद्धालु लैंडस्लाइड के कारण मौत हो चुकी है। मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन
अमेरिकी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसदों पर हमला:मैक्लोड़गंज में गाड़ी रोककर दी धमकी, हिरासत में महिला, सांसदों ने जताई चीन की साजिश की आशंका
अमेरिकी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसदों पर हमला:मैक्लोड़गंज में गाड़ी रोककर दी धमकी, हिरासत में महिला, सांसदों ने जताई चीन की साजिश की आशंका हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के हेड-ऑफिस के बाहर बीती शाम को अमेरिकी मूल की तिब्बती विदेशी महिला ने निर्वासित तिब्बती सांसद की गाड़ी रोककर हमला किया। हमले के पहले इंटेलिजेंस इनपुट के बाद पुलिस पहले से मौके पर मौजूद थी। इससे विदेशी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसद पर हमला नाकाम हो गया। पुलिस ने हमला करने वाली महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। निर्वासित तिब्बती सांसदों पर यह हमला तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की हत्या के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां के एक दिन बाद हुआ। हमलावर विदेशी महिला को हिरासत में लेकर जांच जारी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार हमला करने वाली महिला तिब्बती मूल की अमेरिका नागरिक है। महिला के पासपोर्ट और वीजा की जांच की जा रही है। पुलिस पता लगा रही है कि महिला कब और किस इरादे से मैक्लोडगंज पहुंची। कांगड़ा की SP शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि महिला के हमले की मंशा का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस पहले से अलर्ट थी। इसलिए हमले को नाकाम किया गया। हमला करने वाली महिला अमेरिकी नागरिक है। उससे पूछताछ जारी है। मैक्लोडगंज में चल रहा निर्वासित तिब्बती सांसदों का अधिवेशन बता दें कि मैक्लोडगंज में इन दिनों 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का 8वां आम अधिवेशन चल रहा है। इसमें निर्वासित तिब्बतियों के चार्टर में चीन-तिब्बत संघर्ष के समाधान पर गहनता से विचार विमर्श चल रहा है। इस अधिवेशन के दौरान इस तरह की घटनाओं ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं। तिब्बत निर्वासित सांसद घटना के पीछे चीन की साजिश होने की भी शंका व्यक्त कर चुके हैं। इन घटनाओं के पीछे चीनी साजिश को पुख्ता करने वाले कई तथ्य सुरक्षा एजेंसियों को मिले हैं। दोरजे बोले- दलाई लामा के बारे में दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण तिब्बती सांसद मिंग्युर दोरजी ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दलाई लामा के बारे में की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब भी वह ऐसी चीजों को देखते हैं, तो उन्हें बहुत परेशानी और दुख होता है। हमें ऐसी टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने दलाई लामा और निर्वासित सांसद पर हुए हमले पर चीनी साजिश की आशंका जताई है।
हिमाचल भाजपा अध्यक्ष ने सुक्खू सरकार को घेरा:खरगे के बयान का लिया सहारा, डॉ. राजीव बिंदल बोले- झूठी गारंटियों का हुआ भंडाफोड़
हिमाचल भाजपा अध्यक्ष ने सुक्खू सरकार को घेरा:खरगे के बयान का लिया सहारा, डॉ. राजीव बिंदल बोले- झूठी गारंटियों का हुआ भंडाफोड़ हिमाचल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला बोला है। बिंदल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान के सहारे प्रदेश की सुखविंदर सिंह सूक्खु सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस शासित सरकार की झूठी गारंटियों का देश में भंडाफोड़ हो गया है। पूरे देश को इस बात का पता लग गया है कि हिमाचल में सत्ता प्राप्त करने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को ठगा है और कांग्रेस के नेताओं को कांग्रेस के ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अच्छी नसीहत दी है। खड़गे ने राहुल,सोनिया को दी नसीहत भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया, राहुल गांधी समेत सभी मुख्यमंत्री व राज्य में नेताओं को नसीहत दी है कि नेता उतनी ही गारंटी दें जितनी पूरी की जा सकें । उन्होंने आगे और भी बड़ा दावा किया है कि खड़गे ने तो यहां तक कह दिया है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का बेड़ागर्क हो गया है और अब और सरकारों का बेड़ागर्क न करें। ना ऐसे कभी पहले हुआ ना आगे होगा बिंदल ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह हिमाचल प्रदेश में जनता को ठगा है, ऐसा न कभी पहले हुआ है ना भविष्य में होगा। उन्होंने कहा कि 22 महीने की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार सबसे निक्कमी सरकार साबित हुई है। कांग्रेस ने झूठी गारंटियां दी है जो पूरी नहीं हुई है। कांग्रेस ने झूठी गारंटियों का पहाड़ खड़ा करके लोगों से वोट प्राप्त किए और अब वो झूठी गारंटियां एक-एक करके धराशाही हो रही है। बिंदल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को अच्छी दी है। क्या कहा था कांग्रेस अध्यक्ष…? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने पार्टी नेताओं को चेताया और कहा, यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा। सड़कों पर रेत डालने के भी पैसे नहीं होंगे। अगर यह सरकार असफल हुई तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। दरअसल, खड़गे महाराष्ट्र चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा किए जाने वाले घोषणा पत्रों पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप लोगों ने कर्नाटक में पांच गारंटी का वादा किया था। जिसको देखते हुए महाराष्ट्र में भी पांच गारंटी का वादा किया जा रहा है, लेकिन आज आपने बताया कि एक गारंटी हम रद्द कर देंगे। लगता है आप लोग अखबार नहीं पढ़ते हैं। पीएम मोदी भी गारंटियों पर बोला था हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस शासित राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए लिखा है कि, कांग्रेस पार्टी को यह बात अब समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल और नामुमकिन है. वे लगातार प्रचार अभियान के दौरान लोगों से ऐसे वादे करते रहते हैं, जिन्हें वे कभी पूरा नहीं कर पाते। अब वे लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आज कांग्रेस की सरकार वाले किसी भी राज्य को देख लीजिए- हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना. विकास की गति और वित्तीय स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उनकी तथाकथित गारंटियां अधूरी हैं, जो इन राज्यों के लोगों के साथ एक भयानक धोखा है। ऐसी राजनीति का शिकार गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें न केवल इन वादों के लाभों से वंचित किया जाता है, बल्कि उनकी मौजूदा योजनाओं को भी कमजोर किया जाता है।