हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दिवाली पर कर्मचारियों व पेंशनर के लिए बड़ी घोषणाएं की है। CM ने शुक्रवार शाम के वक्त सचिवालय में बुलाई प्रेस कॉफ्रेंस में ऐलान किया कि दिवाली को देखते हुए इस बार अक्टूबर माह की सैलरी और पेंशन के लिए कर्मचारी-पेंशनर को एक नवंबर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने 4 दिन पहले 28 अक्टूबर को सैलरी-पेंशन देने का फैसला लिया है। CM सुक्खू ने सभी कर्मचारियों और पेंशनर को 1-1-2023 से देय 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त देने की घोषणा की। इससे 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकारी कोष पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री बोले-सभी पेंडिंग मेडिकल बिलों का भुगतान होगा सीएम ने कहा, जिन भी कर्मचारियों के मेडिकल बिल लटके हुए हैं उसके भुगतान के आदेश दे दिए गए है। किसी भी कर्मचारी का कोई मेडिकल बिल पेंडिंग नहीं रखा जाएगा। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को बताया अच्छा सीएम सुक्खू ने कहा, प्रदेश की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी है। उनकी सरकार वित्तीय अनुशासन ने रहकर काम कर रही है, ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके। हरियाणा के चुनाव में भाजपा ने गलत प्रचार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार ने एक महीने कर्मचारियों की सैलरी लेट करके 3 करोड़ रुपए की बचत की है। एनपीएस के 1364 कर्मचारियों को डीए मुख्यमंत्री ने कहा करीब 1364 कर्मचारी NPS में है। सरकार ने फैसला लिया है कि भारत सरकार द्वारा समय समय पर जारी की जाने पर महंगाई भत्ते की दरें एनपीएस अधिकारी और कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। इसे लेकर 10 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिए है। सीएम ने कहा, कहा कि 75 साल से अधिक आयु के सभी पेंशनर का पूरा एरियर प्रदान कर दिया जाएगा। हमारी एक बार भी ट्रैजरी ओवर ड्राफ्ट नहीं हुई CM सुक्खू ने कहा, हमारी ट्रैजरी अभी तक ओवर ड्राफ्ट नहीं हुई। हमने 11 दिसंबर 2022 को जब सत्ता संभाली तो उस दौरान गंभीर वित्तीय स्थिति थी। हमने दृष्टिकोण अपनाया और आर्थिक अनुशासन के लिए रणनीति बनाई। एक साल के भीतर 2200 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व कमाया। फिर भी मीडिया में ऐसा दिखाया गया कि तनख्वाह देने को पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्व सरकार ने चुनावी बेला में मुफ्त की रेवड़ियां बांटी और सरकारी खजाने पर बोझ डाला। अब झूठ के सहारे राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश की। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दिवाली पर कर्मचारियों व पेंशनर के लिए बड़ी घोषणाएं की है। CM ने शुक्रवार शाम के वक्त सचिवालय में बुलाई प्रेस कॉफ्रेंस में ऐलान किया कि दिवाली को देखते हुए इस बार अक्टूबर माह की सैलरी और पेंशन के लिए कर्मचारी-पेंशनर को एक नवंबर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने 4 दिन पहले 28 अक्टूबर को सैलरी-पेंशन देने का फैसला लिया है। CM सुक्खू ने सभी कर्मचारियों और पेंशनर को 1-1-2023 से देय 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त देने की घोषणा की। इससे 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकारी कोष पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री बोले-सभी पेंडिंग मेडिकल बिलों का भुगतान होगा सीएम ने कहा, जिन भी कर्मचारियों के मेडिकल बिल लटके हुए हैं उसके भुगतान के आदेश दे दिए गए है। किसी भी कर्मचारी का कोई मेडिकल बिल पेंडिंग नहीं रखा जाएगा। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को बताया अच्छा सीएम सुक्खू ने कहा, प्रदेश की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी है। उनकी सरकार वित्तीय अनुशासन ने रहकर काम कर रही है, ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके। हरियाणा के चुनाव में भाजपा ने गलत प्रचार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार ने एक महीने कर्मचारियों की सैलरी लेट करके 3 करोड़ रुपए की बचत की है। एनपीएस के 1364 कर्मचारियों को डीए मुख्यमंत्री ने कहा करीब 1364 कर्मचारी NPS में है। सरकार ने फैसला लिया है कि भारत सरकार द्वारा समय समय पर जारी की जाने पर महंगाई भत्ते की दरें एनपीएस अधिकारी और कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। इसे लेकर 10 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिए है। सीएम ने कहा, कहा कि 75 साल से अधिक आयु के सभी पेंशनर का पूरा एरियर प्रदान कर दिया जाएगा। हमारी एक बार भी ट्रैजरी ओवर ड्राफ्ट नहीं हुई CM सुक्खू ने कहा, हमारी ट्रैजरी अभी तक ओवर ड्राफ्ट नहीं हुई। हमने 11 दिसंबर 2022 को जब सत्ता संभाली तो उस दौरान गंभीर वित्तीय स्थिति थी। हमने दृष्टिकोण अपनाया और आर्थिक अनुशासन के लिए रणनीति बनाई। एक साल के भीतर 2200 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व कमाया। फिर भी मीडिया में ऐसा दिखाया गया कि तनख्वाह देने को पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्व सरकार ने चुनावी बेला में मुफ्त की रेवड़ियां बांटी और सरकारी खजाने पर बोझ डाला। अब झूठ के सहारे राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश की। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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