हरियाणा के हिसार जिले में देर रात पुलिस की गाड़ी और एक कार की आमने-सामने से टक्कर हो गई। हादसे में दो पुलिसकर्मियों सहित 4 लोग घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हिसार रेफर कर दिया। जानकारी के अनुसार देर रात हांसी के जींद चौक के नजदीक पुलिस की गाड़ी और एक कार की आपस में टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि दोनों गाड़ियां बुरा तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। एसएचओ सहित 4 घायल पुलिस की गाड़ी में सवार दो पुलिस कर्मियों और कार में सवार दो युवकों को गंभीर चोट आई है। जिन्हें देर रात ही हांसी के नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने चारों का इलाज कर उन्हें हिसार रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि ये हादसा धुंध के कारण हुआ है। पुलिस की गाड़ी में सवार एसएचओ सुमेर सिंह के पैर में गहरी चोट आई है और साथ में दूसरे पुलिस कर्मी को भी चोट आई है। जिसे हिसार रेफर कर दिया गया है। वहीं कार में सवार दो युवकों में से एक के मुंह और सिर पर और दूसरे के पैर में चोट लगी है। रेड करने जा रही थी पुलिस टीम डीएसपी रविन्द्र सांगवान ने बताया कि उनकी टीम देर रात को कही रेड करने जा रही थी। जैसे ही उनकी टीम जींद रोड पर पहुंची तो सामने से आ रहीं कार से उनकी गाड़ी की टक्कर हो गई। जिससे एसएचओ सुमेर सिंह सहित एक पुलिस कर्मी भी घायल हो गया। वहीं कार में सवार युवकों की पहचान हांसी के ही रहने वाले गणेश और सोनू के रूप में हुई है। वह दोनों भी इस हादसे में घायल हो गए। डीएसपी रविन्द्र सांगवान ने बताया कि यह हादसा रात में पड़ रही धुंध के कारण हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही आधा दर्जन के करीब पुलिस की गाड़ियां नागरिक अस्पताल में पहुंच गई। हरियाणा के हिसार जिले में देर रात पुलिस की गाड़ी और एक कार की आमने-सामने से टक्कर हो गई। हादसे में दो पुलिसकर्मियों सहित 4 लोग घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हिसार रेफर कर दिया। जानकारी के अनुसार देर रात हांसी के जींद चौक के नजदीक पुलिस की गाड़ी और एक कार की आपस में टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि दोनों गाड़ियां बुरा तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। एसएचओ सहित 4 घायल पुलिस की गाड़ी में सवार दो पुलिस कर्मियों और कार में सवार दो युवकों को गंभीर चोट आई है। जिन्हें देर रात ही हांसी के नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने चारों का इलाज कर उन्हें हिसार रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि ये हादसा धुंध के कारण हुआ है। पुलिस की गाड़ी में सवार एसएचओ सुमेर सिंह के पैर में गहरी चोट आई है और साथ में दूसरे पुलिस कर्मी को भी चोट आई है। जिसे हिसार रेफर कर दिया गया है। वहीं कार में सवार दो युवकों में से एक के मुंह और सिर पर और दूसरे के पैर में चोट लगी है। रेड करने जा रही थी पुलिस टीम डीएसपी रविन्द्र सांगवान ने बताया कि उनकी टीम देर रात को कही रेड करने जा रही थी। जैसे ही उनकी टीम जींद रोड पर पहुंची तो सामने से आ रहीं कार से उनकी गाड़ी की टक्कर हो गई। जिससे एसएचओ सुमेर सिंह सहित एक पुलिस कर्मी भी घायल हो गया। वहीं कार में सवार युवकों की पहचान हांसी के ही रहने वाले गणेश और सोनू के रूप में हुई है। वह दोनों भी इस हादसे में घायल हो गए। डीएसपी रविन्द्र सांगवान ने बताया कि यह हादसा रात में पड़ रही धुंध के कारण हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही आधा दर्जन के करीब पुलिस की गाड़ियां नागरिक अस्पताल में पहुंच गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अमेरिका से करनाल पहुंचा युवक का शव:12 जुलाई को अमेरिका में गोली मारकर की थी हत्या, गांव में हुआ अंतिम संस्कार हरियाणा में करनाल के युवक मोनू का शव आज अमेरिका से उसके पैतृक गांव में पहुंचा। मोनू की 12 जुलाई की रात को अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 26 वर्षीय युवक को करीब ढाई साल पहले परिवार ने 35 लाख रुपए कर्ज लेकर डंकी से अमेरिका भेजा था। वहां वह नौकरी कर रहा था। जब वह काम से लौट रहा था तो उसी दौरान उसको गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घर वालों को पता चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई थी। मोनू का शव भारत लाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। परिवार ने सरकार और अन्य लोगों से भी मदद की गुहार लगाई थी। शव घर पहुंचा तो घर वालों का रो रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने अंतिम दर्शन किए और फिर गांव के ही श्मशान में दाह संस्कार किया। 12 जुलाई की रात को मिली हत्या की खबर करनाल जिले में निसिंग के सराफा बाजार निवासी पवन कुमार वर्मा ने बताया कि बेटा मोनू डेल्फिया न्यूयॉर्क में रहता था। यहां वह कूरियर (डोर डेस्क) का काम करता था। हमें 12 जुलाई की रात को करीब 10 बजे पता चला कि मोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बेटे के पास ही एक लड़का रहता है, उसी ने कॉल करके वारदात के बारे में बताया। लड़के बताया कि फायरिंग में मोनू के अलावा 2 और लड़कों की मौत हुई। घर में सबसे छोटा था मोनू पिता ने बताया कि मेरे पांच बच्चे हैं। तीन लड़कियां और दो लड़के हैं। मोनू सबसे छोटा लड़का था। मैने बैंक और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर मोनू को अमेरिका भेजा था। उसकी भी भरपाई नहीं हो पाई थी। वह कर्ज भी लौटाना है। बेटा भी नहीं रहा और अब उसकी बॉडी भारत लाने के लिए आर्थिक तंगी आड़े आ रही है। भाई सोनू ने बताया कि मेरी शादी के समय मोनू 8 साल का था। मोनू सबसे लाडला भाई था। वह मेरे से 12 साल छोटा है। उन्होंने बताया कि मोनू सबसे पहले पुर्तगाल में गया था। वहां पर पक्का हो गया था, लेकिन वह यहां से घर आ गया। घर आने के बाद उसने अमेरिका जाने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि हमने मदद की गुहार लगाई थी। कुछ मदद मिली, जिसके बाद शव यहां पर आ सका। अब उसके बेटे की आत्मा को शांति मिल सकेगी और अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सकेगी।
3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था
3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था हिमाचल प्रदेश से BJP सांसद एक्ट्रेस कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को लेकर दिए के बयान पर बैकफुट पर आ गई हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपना बयान वापस लिया है। कहा है- यदि मैंने अपने बयान से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। कंगना ने अपने बयान पर सफाई तब दी है जब उनके बयान को लेकर विपक्ष BJP को घेरने में लगा था। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच आए कंगना के बयान से भाजपा ने भी कि किनारा कर लिया था। BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कहा था कि कंगना को 3 कृषि कानूनों पर बोलने का हक नहीं है। कंगना ने वीडियो में क्या कहा
कंगना ने आज X पर वीडियो जारी कर कहा, ‘बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे फार्मर्स लॉ (कृषि कानून) पर कुछ सवाल किए। और मैंने यह सुझाव दिया कि किसानों को फार्मर्स लॉ लाने का प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं, और डिसअपॉइंटेड हैं। जब फार्मर्स लॉ प्रपोज (प्रस्तावित) हुए थे तो काफी सारे लोगों ने इनका समर्थन किया था। लेकिन, बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री जी ने वे लॉ वापस ले लिए थे। और हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे भी यह बात अब ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब केवल एक कलाकार नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता भी हूं। और मेरे ओपिनियन (राय) मेरे नहीं होने चाहिए। वह पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। तो अगर मैंने अपने शब्दों से और अपनी सोच से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मुझे खेद रहेगा। आई टेक माय वर्ड्स बैक (मैं अपने शब्द वापस लेती हूं)।’ भाजपा क्या कह चुकी
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।’ 2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा था कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। विपक्ष ने घेरना शुरू किया तो भाजपा ने पल्ला झाड़ा
कंगना के बयान से भाजपा ने तब किनारा किया है, जब विपक्ष ने पार्टी को घेरना शुरू कर दिया था। पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया। कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।’ कंगना के बयान के बाद हरियाणा कांग्रेस की ओर से किया गया पोस्ट… कंगना के बयान से दूसरी बार भाजपा ने मुंह फेरा
3 कृषि कानूनों पर कंगना का ये तीसरा बयान था। हिमाचल प्रदेश के मंडी में दिए गए बयान से पहले भी कंगना 2 बार कृषि कानूनों पर बोल चुकी हैं, और सांसद बनने के बाद यह उनका दूसरा बयान है। वहीं, सांसद बनने के बाद आए उनके बयान से भाजपा पहले भी पल्ला झाड़ चुकी है। 26 अगस्त को भाजपा को बयान जारी करना पड़ा था। उसमें लिखा था- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। कंगना ने अपने बयान में कहीं 2 अहम बातें… 1. किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर 3-3 महीने में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी है। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना… पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए 3 कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप-चुनावों में मिली हार और 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।