हरियाणा के अग्रोहा में स्थित ऐतिहासिक टीले पर चल रही खुदाई में एक मानव कंकाल मिला है। पुरातत्व विभाग चंडीगढ़ सर्कल की टीम पिछले 45 दिनों से यहां खुदाई कर रही है। टीम की निदेशक कामेई अथोइलू काबुई के नेतृत्व में यह काम चल रहा है। खुदाई के लिए टीले पर 10×10 फीट के 12 ट्रेंच बनाए गए हैं। शनिवार को ए-वन ट्रेंच से मानव कंकाल की खोपड़ी मिली। उपनिदेशक डॉ. अर्कित प्रधान के अनुसार, कंकाल ज्यादा पुराना नहीं लगता क्योंकि यह टीले की सबसे ऊपरी परत में मिला है। आगे की खुदाई में कंकाल का पूरा हिस्सा मिलने की संभावना है। निदेशक काबुई ने बताया कि पहले की खुदाई में चौथी से 14वीं शताब्दी तक के अवशेष मिले थे। मौजूदा खुदाई में कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। इनमें कमल पुष्प सहित विभिन्न आकृतियों वाले खुदे हुए पत्थर, पुरातन इमारतों की दीवारें, मिट्टी की हांडियां, भवन के अवशेष, सीढ़ियों के अवशेष और मिट्टी के खिलौने शामिल हैं। मानव कंकालों की जांच की जाएगी पुरातत्व विभाग हरियाणा की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्य के मुताबिक, मिट्टी के ढक्कन, स्नान में प्रयुक्त पत्थर, छोटे गोल बर्तन और मिट्टी के मनके भी मिले हैं। मिले कंकाल की लैब में जांच की जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि यह किस उम्र के पुरुष या महिला का है। यहां से महाराजा अग्रसेन ने समाजवाद का पाठ पढ़ाया अग्रोहा वह स्थान जहां से महाराजा अग्रसेन ने पूरी दुनिया को समाजवाद का पाठ पढ़ाया। अग्रोहा जो प्राचीन काल से ही व्यापारिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना रहा। जहां कालांतर में आए आक्रांताओं और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अग्रोहा की सभ्यता लगभग समाप्त हो गई थी। वैश्य समाज के प्रयासों से महाराजा अग्रसेन कालक्रम और अग्रोहा के स्वर्णिम काल को पुनर्जीवित करने और विश्व के सामने अग्रोहा का इतिहास लाने के लिए अग्रोहा टीले की खोदाई का कार्य शुरू किया गया है। जहां पूर्व में हुई खोदाई में चौथी शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी तक की अनेक कालखंड की जानकारी मिली थी। अभी तक खुदाई में 5 सांस्कृतिक कालखंड मिले अभी तक हुई खोदाई में 5 सांस्कृतिक कालखंड प्राप्त हुए हैं। उत्खनन से एक बौद्ध स्तूप और एक हिंदू मंदिर का भी पता चला है। साइट से 4 इंडो ग्रीक, एक पंच-मार्क और अग्रोदका के 51 अन्य सिक्कों सहित सिक्कों का एक संग्रह मिला है। इस स्थल पर विभिन्न कालखंडों के चांदी और कांस्य के सिक्के भी पाए गए हैं। वे रोमन, कुषाण, यौधेय और गुप्त साम्राज्य से संबंधित हैं। इनमें प्रयुक्त भाषा प्राकृत है। खुदाई के दौरान लगभग 7 हजार कलाकृतियां बरामद हुईं। असंख्य पत्थर की मूर्तियों के अलावा, लोहे और तांबे के उपकरण और अर्ध-कीमती पत्थरों के मोती भी पाए गए हैं। वह समय दूर नहीं जब पूरी दुनिया अग्रोहा को विश्व धरोहर के रूप में जानेगा। हरियाणा के अग्रोहा में स्थित ऐतिहासिक टीले पर चल रही खुदाई में एक मानव कंकाल मिला है। पुरातत्व विभाग चंडीगढ़ सर्कल की टीम पिछले 45 दिनों से यहां खुदाई कर रही है। टीम की निदेशक कामेई अथोइलू काबुई के नेतृत्व में यह काम चल रहा है। खुदाई के लिए टीले पर 10×10 फीट के 12 ट्रेंच बनाए गए हैं। शनिवार को ए-वन ट्रेंच से मानव कंकाल की खोपड़ी मिली। उपनिदेशक डॉ. अर्कित प्रधान के अनुसार, कंकाल ज्यादा पुराना नहीं लगता क्योंकि यह टीले की सबसे ऊपरी परत में मिला है। आगे की खुदाई में कंकाल का पूरा हिस्सा मिलने की संभावना है। निदेशक काबुई ने बताया कि पहले की खुदाई में चौथी से 14वीं शताब्दी तक के अवशेष मिले थे। मौजूदा खुदाई में कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। इनमें कमल पुष्प सहित विभिन्न आकृतियों वाले खुदे हुए पत्थर, पुरातन इमारतों की दीवारें, मिट्टी की हांडियां, भवन के अवशेष, सीढ़ियों के अवशेष और मिट्टी के खिलौने शामिल हैं। मानव कंकालों की जांच की जाएगी पुरातत्व विभाग हरियाणा की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्य के मुताबिक, मिट्टी के ढक्कन, स्नान में प्रयुक्त पत्थर, छोटे गोल बर्तन और मिट्टी के मनके भी मिले हैं। मिले कंकाल की लैब में जांच की जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि यह किस उम्र के पुरुष या महिला का है। यहां से महाराजा अग्रसेन ने समाजवाद का पाठ पढ़ाया अग्रोहा वह स्थान जहां से महाराजा अग्रसेन ने पूरी दुनिया को समाजवाद का पाठ पढ़ाया। अग्रोहा जो प्राचीन काल से ही व्यापारिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना रहा। जहां कालांतर में आए आक्रांताओं और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अग्रोहा की सभ्यता लगभग समाप्त हो गई थी। वैश्य समाज के प्रयासों से महाराजा अग्रसेन कालक्रम और अग्रोहा के स्वर्णिम काल को पुनर्जीवित करने और विश्व के सामने अग्रोहा का इतिहास लाने के लिए अग्रोहा टीले की खोदाई का कार्य शुरू किया गया है। जहां पूर्व में हुई खोदाई में चौथी शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी तक की अनेक कालखंड की जानकारी मिली थी। अभी तक खुदाई में 5 सांस्कृतिक कालखंड मिले अभी तक हुई खोदाई में 5 सांस्कृतिक कालखंड प्राप्त हुए हैं। उत्खनन से एक बौद्ध स्तूप और एक हिंदू मंदिर का भी पता चला है। साइट से 4 इंडो ग्रीक, एक पंच-मार्क और अग्रोदका के 51 अन्य सिक्कों सहित सिक्कों का एक संग्रह मिला है। इस स्थल पर विभिन्न कालखंडों के चांदी और कांस्य के सिक्के भी पाए गए हैं। वे रोमन, कुषाण, यौधेय और गुप्त साम्राज्य से संबंधित हैं। इनमें प्रयुक्त भाषा प्राकृत है। खुदाई के दौरान लगभग 7 हजार कलाकृतियां बरामद हुईं। असंख्य पत्थर की मूर्तियों के अलावा, लोहे और तांबे के उपकरण और अर्ध-कीमती पत्थरों के मोती भी पाए गए हैं। वह समय दूर नहीं जब पूरी दुनिया अग्रोहा को विश्व धरोहर के रूप में जानेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
