हरियाणा के हिसार में जिंदल पुल से एक तेज रफ्तार कार करीब 6.5 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिर गई। इस हादसे में कार सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि पुल के ऊपर से नीचे उतरते समय वह बिजली के खंभों से टकरा गई। इससे आसपास के इलाके की बिजली गुल हो गई। घटना सुबह 4 बजे की है। फिलहाल पुलिस को घटना की जानकारी मिल गई है। पुलिस घायल युवकों से बातचीत करने की कोशिश कर रही है, हालांकि दोनों युवकों की हालत गंभीर बताई जा रही है। राहगीरों ने घायलों को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि कार के एयर बैग खुलने से दोनों युवकों की जान बच गई, लेकिन इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद उनके हाथ-पैर फ्रैक्चर हो गए। जिंदल पुल पर कार का संतुलन बिगड़ा घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे एक तेज रफ्तार कार शहर से दिल्ली की ओर जा रही थी। जिंदल ओवरब्रिज पर चढ़ते समय अचानक कार का संतुलन बिगड़ गया और वह ओवरब्रिज की दीवार से टकराने के बाद नीचे बिजली के खंभों से जा टकराई। फिलहाल पुलिस घायलों का पता लगाने में जुटी है। हरियाणा के हिसार में जिंदल पुल से एक तेज रफ्तार कार करीब 6.5 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिर गई। इस हादसे में कार सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि पुल के ऊपर से नीचे उतरते समय वह बिजली के खंभों से टकरा गई। इससे आसपास के इलाके की बिजली गुल हो गई। घटना सुबह 4 बजे की है। फिलहाल पुलिस को घटना की जानकारी मिल गई है। पुलिस घायल युवकों से बातचीत करने की कोशिश कर रही है, हालांकि दोनों युवकों की हालत गंभीर बताई जा रही है। राहगीरों ने घायलों को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि कार के एयर बैग खुलने से दोनों युवकों की जान बच गई, लेकिन इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद उनके हाथ-पैर फ्रैक्चर हो गए। जिंदल पुल पर कार का संतुलन बिगड़ा घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे एक तेज रफ्तार कार शहर से दिल्ली की ओर जा रही थी। जिंदल ओवरब्रिज पर चढ़ते समय अचानक कार का संतुलन बिगड़ गया और वह ओवरब्रिज की दीवार से टकराने के बाद नीचे बिजली के खंभों से जा टकराई। फिलहाल पुलिस घायलों का पता लगाने में जुटी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 3 सीटों पर साइलेंट बागियों का खतरा:BJP-कांग्रेस के 4 नेताओं ने नहीं छोड़ी पार्टी, उम्मीदवारों के समर्थन में भी नहीं
हरियाणा में 3 सीटों पर साइलेंट बागियों का खतरा:BJP-कांग्रेस के 4 नेताओं ने नहीं छोड़ी पार्टी, उम्मीदवारों के समर्थन में भी नहीं हरियाणा में रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को ‘साइलेंट’ बागियों से खतरा है। कोसली में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश यादव और बीजेपी प्रत्याशी अनिल डहीना के अलावा बावल में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. कृष्ण कुमार और रेवाड़ी सीट से कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह यादव के सामने बागियों से निपटना चुनौती है। कुछ बागी पार्टी छोड़ निर्दलीय मैदान में उतार चुके हैं, लेकिन 4 बड़े चेहरे राव यादवेंद्र, बिक्रम ठेकेदार, रणधीर सिंह कापड़ीवास और डॉ. बनवारी लाल ने ना पार्टी छोड़ी और ना ही प्रत्याशी के समर्थन में दिख रहे हैं। चारों के पास खुद का जनाधार भी है। ऐसे में तीनों सीटों पर भीतरघात की पूरी संभावनाएं दिख रही है। इन्हें मनाने की कोशिशें भी अभी तक नहीं हुई हैं। दरअसल, इस बार बीजेपी और कांग्रेस को इन तीनों ही सीटों पर प्रत्याशियों का चयन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बीजेपी ने तीनों ही सीटों पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस ने बावल और कोसली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के नेताओं को तरजीह दी और रेवाड़ी सीट पर कांग्रेस ने सिटिंग MLA चिरंजीव राव को फिर से प्रत्याशी बनाया है। बावल में 52 नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन यहां पार्टी ने डॉ. एमएल रंगा को टिकट दी। हुड्डा गुट से होने के कारण उनका अभी विरोध देखने को नहीं मिला है। इसी तरह चिरंजीव के खिलाफ भी अभी तक किसी तरह का विरोध नहीं हुआ। हालांकि कोसली सीट पर कांग्रेस को बड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। जगदीश के सामने यादवेंद्र चुनौती
कांग्रेस की तरफ से कोसली में प्रत्याशी बनाए गए जगदीश यादव के सामने दो चुनौतियां हैं। एक हैं यहां से टिकट के दावेदारों में शामिल पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह, जो की पहले ही अपने बागी तेवर अपना चुके हैं। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में नही उतरे हैं और ना ही उन्होंने अभी तक पार्टी छोड़ी है। वह इशारों-इशारों में कह चुके हैं कि वह जगदीश को नहीं जीतने देंगे। वहीं दूसरी चुनौती हैं टिकट के एक और दावेदार मनोज कोसलिया, जो कि निर्दलीय ही मैदान में उतार चुके हैं। अनिल के सामने खतरा बन सकते हैं बिक्रम ठेकेदार
राव इंद्रजीत सिंह की साफारिश पर बीजेपी ने कोसली सीट पर अनिल डहीना को चुनावी मैदान में उतारा है। अनिल डहीना एक बार जिला पार्षद रह चुके हैं। हालांकि 2 साल पहले हुए जिला पार्षद चुनाव में वो हार गए थे। उनका इस सीट पर खुद का कोई जनाधार नहीं है। उनकी नौका पूरी तरह राव इंद्रजीत सिंह के भरोसे पर है, लेकिन चुनौती पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार से भी है। बिक्रम ठेकेदार भी टिकट के दावेदार थे। जब उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने अपने बागी तेवर भी दिखाए। हालांकि वो ना तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं और ना ही उन्होंने पार्टी से किनारा किया है। ऐसे में अनिल के सामने भी भीतरघात से निपटना दोहरी चुनौती होगी। लक्ष्मण का खेल बिगाड़ सकते हैं कापड़ीवास
रेवाड़ी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के लिए सबसे बड़ा खतरा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास हैं, जिन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले। टिकट कटने से नाराज होकर दो बड़े चेहरे सतीश यादव आप की टिकट पर और सन्नी यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन कापड़ीवास पूरी तरह शांत बैठे हुए हैं। उन्हें पार्टी नेतृत्व की तरफ से मनाने के भी खूब प्रयास किए गए लेकिन वे अभी तक लक्ष्मण सिंह यादव से दूरी बनाए हुए हैं। 2019 के चुनाव में टिकट कटने पर रणधीर सिंह कापड़ीवास ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें वो 35 हजार से ज्यादा वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। बीजेपी की हार का कारण भी रणधीर सिंह कापड़ीवास के निर्दलीय चुनाव लड़ने को ही माना गया था। बावल में हैं डॉ. बनवारी साइलेंट
बीजेपी ने बावल सीट पर पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटकर हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर पद से नौकरी छोड़कर राजनीति में आए डॉ. कृष्ण कुमार को टिकट दी है। राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी के चलते डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटी गई। ऐसे में डॉ. कृष्ण कुमार की जीत की जिम्मेदारी भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कंधों पर है। डॉ. बनवारी लाल टिकट कटने से नाराज तो है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं की है। 8 साल से ज्यादा मंत्री रहने के दौरान डॉ. बनवारी लाल ने इलाके में अपनी खुद की पकड़ मजबूत की है। जबकि डॉ. कृष्ण कुमार अभी नए हैं। डॉ. बनवारी का साइलेंट रहना बगावती संकेत है। ऐसे में इस बगावत से निपटना कृष्ण कुमार के लिए एक चुनौती है। रूठों के मान जाने के चांस कम
तीनों ही सीटों पर अभी रूठों को मनाने की कोई गंभीर कोशिशें नहीं हुई हैं। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास को जरूर सीएम नायब सैनी ने मिलने के लिए बुलाया था। बाकी अन्य रूठे अभी शांत बैठे हुए हैं। उनके मान जाने के चांस भी बहुत कम है। यही वजह है कि बागी संकेत दे चुके नेता अब टिकट कटने का बदला लेने के लिए रूप रेखाएं तैयार कर रहे है। सबसे ज्यादा खतरा कोसली और रेवाड़ी सीट पर नजर आ रहा है। यहां कांग्रेस के लिए भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस की टिकट के दावेदार रहे नेताओं के भी भीतरघात करने की पूरी संभावनाएं हैं।
हरियाणा से मोदी कैबिनेट में 3 मंत्रियों की चर्चा:शपथ पर टिकी हैं सबकी निगाहें, पूर्व CM को लेकर शाह-राजनाथ दे चुके संकेत
हरियाणा से मोदी कैबिनेट में 3 मंत्रियों की चर्चा:शपथ पर टिकी हैं सबकी निगाहें, पूर्व CM को लेकर शाह-राजनाथ दे चुके संकेत देश में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है। आज शपथ ग्रहण समारोह होना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा से 3 मंत्री बनाए जाएंगे। करनाल से सांसद मनोहर लाल खट्टर, गुरुग्राम से राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर को मोदी कैबिनेट के तीसरे कार्यकाल में जगह मिल सकती है। इसकी मुख्य वजह यह है कि हरियाणा में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चूंकि पार्टी लोकसभा में 5 सीटें हार चुकी है, इसलिए केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि हरियाणा का प्रतिनिधित्व ज्यादा हो, ताकि विधानसभा में नतीजे अच्छे रहें। हरियाणा के पूर्व CM और नवनिर्वाचित सांसद मनोहर लाल खट्टर को मंत्री पद मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं, क्योंकि हरियाणा में गुड़गांव रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोहर लाल की कार्यप्रणाली की तारीफ की। वे CM पद से हटाए गए और उसके दो दिन बाद ही उनको लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। अमित शाह और रक्षा मंत्री दे चुके संकेत इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने करनाल में रैली की उसमें भी संकेत सामने आए कि मनोहर लाल के लिए कुछ और ही सोच रखा है। घरौंडा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने भाषण में स्पष्ट कर दिया था कि मनोहर लाल सिर्फ सांसद ही नहीं रहेंगे, केंद्रीय नेतृत्व ने इनके लिए बहुत बड़ा सोच रखा है। केंद्रीय नेतृत्व के तीन बड़े नेताओं के बयान सामने आए और मनोहर लाल करनाल लोकसभा सीट को अच्छे मार्जिन से जीतने में भी कामयाब हो गए। अब मनोहर लाल संसद तक पहुंच चुके है। अब करनाल वासियों की नजरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट पर है। आखिर कौन सा पद मनोहर लाल को मिल सकता है? दो टर्म के CM रह चुके हैं मनोहर लाल केंद्रीय नेतृत्व ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में विधानसभा का टिकट दिया था। उस समय यह भी कयास नहीं लगाए जा रहे थे कि मनोहर लाल को सीएम अपॉइंट किया जा सकता है। बीजेपी बहुमत के साथ आई और मनोहर लाल को सीएम बनाया गया। 2019 के चुनाव में गठबंधन की सरकार बनी, उसमें भी मनोहर लाल को सीएम बनाया गया। अब 2024 में मनोहर लाल को सीएम की कुर्सी से उतारकर लोकसभा का टिकट थमा दिया गया। कांग्रेस ने मनोहर लाल के सामने यूथ प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को उतारा, लेकिन दिव्यांशु 2.32 लाख वोटो से हार गए। जिसके बाद मनोहर लाल के लिए दिल्ली में संसद का रास्ता साफ हो गया और अब वे संसद में करनाल लोकसभा के मुद्दों को उठाएंगे। जिस तरह से बड़े बड़े नेताओं ने उनको कुछ ओर ही पद देने की बात कही है, वह क्या हो सकता है, वह भी लोगों के बीच जिज्ञासा का कारण बना हुआ है। सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ लगी हुई है। हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में भी मनोहर लाल का नाम आ रहा है लेकिन वह बाद की बात है और फिलहाल नजरे कौन सा मंत्री पद मिल सकता है, उस पर है।
हिसार में भयावह हादसे का लाइव VIDEO:स्कूटी को टक्कर मार कर पलटी तेज रफ्तार कार; महिला टीचर और 2 बच्चे घायल
हिसार में भयावह हादसे का लाइव VIDEO:स्कूटी को टक्कर मार कर पलटी तेज रफ्तार कार; महिला टीचर और 2 बच्चे घायल हरियाणा के हिसार में सेक्टर 14 में एक स्कूटी और कार की टक्कर हो गई। हादसे में स्कूटी सवार अध्यापिका व उसके 6 वर्षीय बच्ची को चोट आई है। वही अध्यापिका के किराएदार के बेटे को भी चोट लगी है। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। स्कूटी से टकराने के बाद कार पलट गई। हादसे के दौरान आसपास के लोग इकट्ठा हुए और घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सिटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर 14 की रहने वाली ममता ने बताया कि वह एक प्राइवेट स्कूल में अध्यापिका है और वह उसके पति ठेकेदार है उसके दो बच्चे हैं उसने बताया कि वह अपनी 6 वर्षीय बेटी हुनर के साथ दुकान से घर का सामान लेने के लिए गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि सामान ज्यादा होने के कारण उसने अपने घर में किराएदार का लड़का अर्णव को बुलाया वह अपने दोस्त की स्कूटी लेकर खड़ा था। सामान ज्यादा होने के कारण उनकी स्कूटी लेकर वहां से सामान को स्कूटी पर रख कर चल पड़ी। स्कूटी पर बेटी हुनर आगे खड़ी हो गई और अर्णव पीछे बैठ गया। उसने बताया कि वह दुकान से अपने घर को चली तो थोड़ी देर चलते ही मोड़ के पास सामने से एक कार ने सामने से उसकी स्कूटी मे सीधी टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही वह, उसकी बेटी और किराएदार का लड़का नीचे गिर गया। ममता ने बताया कि कार ड्राइवर तेज गति से कार को चल रहा था। इसके चलते यह हादसा हुआ। हादसा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। स्कूटी से टक्कर लगने के बाद कार भी बुरी तरह से पलट गई। ममता ने बताया कि उसके सिर पर चोट आई है। वही उसके किराएदार के बेटे के पैर में फ्रेक्चर हुआ है। उसकी 6 वर्षीय बेटी के भी सिर पर चोट आई है। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।