हिसार जिले के गांव भाटला के पास ट्रैक्टर को एक कार ने पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें ट्रैक्टर में सवार एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। हांसी के नागरिक अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। हांसी सदर थाना पुलिस ने अज्ञात कार ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हांसी सदर थाना पुलिस को दिए बयान में नसीब ने बताया कि वह दलाय सिहं कालोनी हांसी का रहने वाला है। मै दुकानदारी का काम करता हूं। मेरा पिता 58 वर्षीय बजीर जो चिनाई का काम करता था। 30 अक्टूबर को सुबह चिनाई के काम के लिए गांव भाटला निवासी जसबीर के पास गया हुआ था। वह शाम करीब 7 बजे पर मेरे पास मेरे ताऊ के लड़के मजीद का फोन आया की आप के पापा का गांव भाटला बस अड्डा के पास एक्सीडेंट हो गया है। उसने बताया कि वह सूचना के बाद नागरिक अस्पताल हांसी पहुंचा। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को चैक करके मृत घोषित कर दिया। उसने अपने तौर पर पता किया तो पता चला की मेरा पिता चिनाई का काम करके घर आने के लिए जसबीर के ट्रैक्टर में बैठ कर बस अड्डा गांव भाटला की तरफ जा रहे थे। ट्रैक्टर को जसबीर चला रहा था। जब भाटला स्कूल के सामने बने ब्रेकर के पास पहुंचे तो हासी की तरफ से एक वैगनआर कार के ड्राइवर ने कार को तेज रफ्तार व गफलत लापरवाही से चलाता हुआ आया और अपनी कार की सिधी टक्कर ट्रेक्टर ट्राली में मार दी। टक्कर लगने से ट्रैक्टर में बैठा मेरा पिता बजीर निचे गिर गया और कार की टक्कर मेरे पिता को लगी जिसमें मेरे पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसको इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। हांसी सदर थाना पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने 100 को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने अज्ञात कर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिसार जिले के गांव भाटला के पास ट्रैक्टर को एक कार ने पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें ट्रैक्टर में सवार एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। हांसी के नागरिक अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। हांसी सदर थाना पुलिस ने अज्ञात कार ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हांसी सदर थाना पुलिस को दिए बयान में नसीब ने बताया कि वह दलाय सिहं कालोनी हांसी का रहने वाला है। मै दुकानदारी का काम करता हूं। मेरा पिता 58 वर्षीय बजीर जो चिनाई का काम करता था। 30 अक्टूबर को सुबह चिनाई के काम के लिए गांव भाटला निवासी जसबीर के पास गया हुआ था। वह शाम करीब 7 बजे पर मेरे पास मेरे ताऊ के लड़के मजीद का फोन आया की आप के पापा का गांव भाटला बस अड्डा के पास एक्सीडेंट हो गया है। उसने बताया कि वह सूचना के बाद नागरिक अस्पताल हांसी पहुंचा। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को चैक करके मृत घोषित कर दिया। उसने अपने तौर पर पता किया तो पता चला की मेरा पिता चिनाई का काम करके घर आने के लिए जसबीर के ट्रैक्टर में बैठ कर बस अड्डा गांव भाटला की तरफ जा रहे थे। ट्रैक्टर को जसबीर चला रहा था। जब भाटला स्कूल के सामने बने ब्रेकर के पास पहुंचे तो हासी की तरफ से एक वैगनआर कार के ड्राइवर ने कार को तेज रफ्तार व गफलत लापरवाही से चलाता हुआ आया और अपनी कार की सिधी टक्कर ट्रेक्टर ट्राली में मार दी। टक्कर लगने से ट्रैक्टर में बैठा मेरा पिता बजीर निचे गिर गया और कार की टक्कर मेरे पिता को लगी जिसमें मेरे पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसको इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। हांसी सदर थाना पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने 100 को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने अज्ञात कर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में सैनी सरकार के मंत्रिमंडल का एनालिसिस:गैर जाट पॉलिटिक्स पर ही चलेगी BJP; जीटी रोड-बागड़ बेल्ट को तरजीह, अहीरवाल में पावर बैलेंस
हरियाणा में सैनी सरकार के मंत्रिमंडल का एनालिसिस:गैर जाट पॉलिटिक्स पर ही चलेगी BJP; जीटी रोड-बागड़ बेल्ट को तरजीह, अहीरवाल में पावर बैलेंस हरियाणा में CM नायब सैनी की अगुआई वाली भाजपा सरकार ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को शपथ ले ली। मुख्यमंत्री के अलावा मंत्रिमंडल में 13 चेहरे शामिल किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 5 मंत्री ओबीसी बिरादरी से हैं जो BJP का कोर वोटबैंक रहा है। दूसरे नंबर पर SC, ब्राह्मण और जाट कम्युनिटी है जिनसे 2-2 मंत्री बनाए गए हैं। कैबिनेट में शामिल चेहरों को अगर जातीय समीकरणों के लिहाज से देखें तो यह बात एकदम स्पष्ट है कि BJP हरियाणा में अपनी गैर जाट पॉलिटिक्स पर ही आगे बढ़ेगी। सैनी की नई कैबिनेट अनुभव और युवा जोश का बढ़िया कंबीनेशन है। इसमें जहां अनिल विज और श्याम सिंह राणा जैसे अनुभवी चेहरों को जगह दी गई है वहीं गौरव गौतम, आरती राव और श्रुति चौधरी जैसे यंग फेस भी रखे गए हैं। इसके लिए भाजपा ने परिवारवाद के टैग की भी परवाह नहीं की। BJP ने मंत्रिमंडल बनाते समय क्षेत्रीय समीकरणों और पावर बैलेंस का भी पूरा ध्यान रखा। अहीरवाल बेल्ट से राव इंद्रजीत की बेटी को लिया तो उनके विरोधी राव नरबीर को भी कैबिनेट मिनिस्टर बना दिया। शपथग्रहण की सबसे रोचक बात यह रही कि CM नायब सैनी समेत 13 मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली। अकेले विधायक श्रुति चौधरी ऐसी मंत्री रहीं, जिन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली। नायब सैनी के मंत्रिमंडल में क्या खास, 5 सवाल-जवाब से जानिए पूरे 1. सवाल: कौन किसके कोटे से और क्यों मंत्री बना?
जवाब: मुख्यमंत्री नायब सैनी, सीधे केंद्रीय नेतृत्व की पसंद है। पार्टी ने उन्हें सीएम चेहरा बनाकर पूरा चुनाव लड़ा। सैनी के बाद दूसरे नंबर पर अनिल विज ने शपथ ली जो पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में हैं। विज 7वीं बार विधायक बने हैं। पार्टी उन्हें साइडलाइन करके पुराने साथियों को छोड़ने जैसा कोई मैसेज नहीं देना चाहती थी। कृष्णलाल पंवार 6 बार के विधायक और दलित बिरादरी का बड़ा चेहरा हैं। इस चुनाव में कांग्रेस की जगह भाजपा को ज्यादा दलित वोटर मिलने से पंवार की दावेदारी मजबूत हुई। राव नरबीर सीधे हाईकमान की पसंद हैं। वह सीधे अमित शाह से टिकट लेकर आए थे और अब मंत्री भी केंद्रीय कोटे से बने हैं। कुछ ऐसा ही मामला विपुल गोयल का भी है। टिकट मिलने से लेकर मंत्री बनने तक, उनके केस में सीधे शाह की पसंद चली है। महिपाल ढांडा बड़ा जाट चेहरा है। वह CM सैनी की पिछली सरकार में राज्यमंत्री थे। इसबार उन्हें प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। ढांडा जाट बिरादरी के उन चुनिंदा नेताओं में से है जिनकी पूरी पॉलिटिक्स भाजपा से रही है। डॉ. अरविंद शर्मा ब्राह्मण बिरादरी का बड़ा चेहरा हैं। वह 2019 से 2024 तक रोहतक का सांसद रहते हुए खासे एक्टिव रहे। भाजपा के केंद्रीय नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं। श्याम सिंह राणा 2019 में टिकट कटने पर भाजपा छोड़ गए थे। इस बार चुनाव से पहले पार्टी में उनकी वापसी करवाने से लेकर टिकट दिलाने और फिर मंत्री बनाने तक में नायब सैनी की अहम भूमिका रही। रणबीर गंगवा 2019 से 2024 तक डिप्टी स्पीकर रहे। संसदीय मामलों की जानकार के चलते उनका दावा मजबूत रहा। भाजपा में आने से पहले रणबीर गंगवा इनेलो में थे। कृष्ण बेदी 20 साल से भाजपा में हैं। 2014 में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में वह मंत्री भी रहे। वह खट्टर के करीबियों में है। 2019 में मिनिस्टर रहते चुनाव हार जाने पर खट्टर ने अपने दूसरे टर्म में बेदी को अपना पॉलिटिकल सेक्रेटरी बनाया था। पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट में शामिल की गई श्रुति चौधरी को यूं तो जाट कोटे से माना जा सकता है लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण उनका बंसीलाल परिवार से होना है। श्रुति और उनकी मां किरण चौधरी चुनाव से कुछ अर्सा पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई थी। पार्टी किरण चौधरी को पहले ही राज्यसभा भेज चुकी है। आरती राव को केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की बेटी होने का फायदा मिला। गौरव गौतम को पार्टी ने संगठन में काम करने का इनाम दिया है। 2. सवाल: मंत्रिमंडल में किसकी चली, किसको झटका लगा
जवाब: मोटे तौर पर देखें तो कुलदीप बिश्नोई खाली हाथ रहे। उनके बेटे भव्य बिश्नोई चुनाव हार गए। उसके बाद कुलदीप अपने करीबी रणधीर पनिहार को भी मंत्री नहीं बनवा सके। दूसरा नाम केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत का है। राव ने अहीरवाल की 11 में से 10 सीटों पर अपनी पसंद से टिकट दिलवाए और उन्हें जितवा भी लिया लेकिन मंत्री सिर्फ बेटी आरती को ही बनवा सके। BJP ने राव के विरोधी नरबीर को भी मंत्री बनाकर साफ कर दिया कि अहीरवाल में वह अकेले इंद्रजीत के भरोसे नहीं रहने वाली। मंत्रिमंडल में केंद्रीय नेतृत्व और मनोहर लाल की पसंद सबसे ज्यादा चली। ढांडा, बेदी, श्रुति और रणबीर गंगवा खट्टर के करीबी हैं। विपुल गोयल, राव नरबीर, अनिल विज और गौरव गौतम केंद्रीय नेतृत्व की पसंद है। किरण चौधरी के कांग्रेस से BJP में आने के बाद दोनों हाथ में लड्डू हैं। खुद राज्यसभा सांसद और बेटी मंत्री बन गईं। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी अपने करीबी राजेश नागर को मंत्री बनवाने में कामयाब रहे। 3. सवाल: BJP ने जातीय समीकरण कैसे साधा?
जवाब: भाजपा ने टिकट वितरण के बाद कैबिनेट गठन में भी अपनी गैर जाट पॉलिटिक्स को कंटीन्यू किया। सबसे ज्यादा 5 मिनिस्टर ओबीसी बिरादरी से बनाए गए। 30% आबादी वाली ओबीसी बिरादरी के भाजपा और कांग्रेस ने 21-21 कैंडिडेट उतारे थे। इस बिरादरी के जो 17 विधायक बने, उनमें से 14 भाजपा के हैं। मंत्रिमंडल में भी इसका असर दिखा। भाजपा के कुल 6 जाट विधायक चुनकर आए, इनमें से 2 को मंत्रिपद मिला। राज्य की कुल 17 रिजर्व सीटों में से 8 पर भाजपा के विधायक जीते जिनमें से 2 मंत्री बनाए गए। अगर ब्राह्मण बिरादरी की बात करें तो भाजपा ने इस कम्युनिटी के कुल 11 कैंडिडेट उतारे थे जिनमें से 7 विजयी रहे। अब इनमें से 2 को झंडी वाली कार दे दी गई। विधानसभा में इस बार वैश्य बिरादरी के जो विधायक पहुंचे हैं और यह दोनों ही भाजपा के हैं। कुल 12 पंजाबी विधायकों में से 9 भाजपा के हैं। राजपूत बिरादरी के दो विधायक बने हैं और यह दोनों ही BJP के हैं। पार्टी ने इन तीनों बिरादरियों से एक-एक मिनिस्टर बनाया है। 4. सवाल: क्षेत्रीय समीकरण क्या रहे?, सबसे ज्यादा मंत्री किस बेल्ट से
जवाब: BJP ने अपने परंपरागत गढ़ जीटी रोड बेल्ट को ज्यादा तरजीह दी। यहां से CM नायब सैनी के अलावा अनिल विज, श्याम सिंह राणा, महिपाल ढांडा और कृष्णलाल पंवार को मंत्री बनाया। पार्टी ने जीटी रोड बेल्ट की 23 में से 14 सीटें जीती थीं। बागड़ बेल्ट पर भी भाजपा मेहरबान दिखी। सियासी दिग्गजों वाली इस बेल्ट की 21 सीटों में से 8 सीटें भाजपा ने जीती। यहां से गंगवा और श्रुति को मिनिस्टर बनाया। बांगर बेल्ट में जींद-कैथल की 9 सीटें आती हैं। पार्टी ने यहां की नरवाना सीट से जीते बेदी को मंत्री बनाया। इन सबके मुकाबले अहीरवाल को कम तरजीह मिली। भाजपा ने यहां की 11 में से 10 सीटें जीतीं। इनमें से सिर्फ आरती और नरबीर को ही मंत्री बनाया गया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहे जाने वाले जाटलैंड या देशवाल बेल्ट में भाजपा की नॉन जाट पॉलिटिक्स इस बार सफल रही। उसने सोनीपत की 6 में से 4 सीटें जीती जबकि एक सीट पर उसका बागी विजयी रही। पार्टी ने यहां से विधायक बने ब्राह्मण चेहरे अरविंद शर्मा को मंत्री बनाया। इसके अलावा दिल्ली-यूपी से लगते साउथ हरियाणा से विपुल गोयल, राजेश नागर और गौरव गौतम को कैबिनेट में जगह मिली। यहां फरीदाबाद-पलवल की 9 सीटों में से भाजपा ने 7 पर जीत हासिल की। 5. सवाल: परिवारवाद, नए या रिपीट चेहरे कितने
जवाब: परिवारवाद के लिहाज से 2 चेहरे कैबिनेट में लिए गए हैं। पहला केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव और दूसरा किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी। नए चेहरों की बात करें तो पहली बार विधायक बने राजेश नागर और गौरव गौतम मंत्री बने हैं। मिनिस्टर बनी श्रुति और आरती राव का भी यह पहला ही चुनाव रहा। सैनी ने पिछली बार के 3 चेहरे रिपीट किए हैं। इनमें अनिल विज, महिपाल ढांडा और रणबीर सिंह गंगवा का नाम है। गंगवा भाजपा की अगुवाई वाली पिछली सरकार में डिप्टी स्पीकर थे। पिछली सरकार के मुकाबले आरती राव, श्रुति चौधरी, राजेश नागर, गौरव गौतम, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, राव नरबीर, विपुल गोयल, कृष्ण कुमार बेदी नए चेहरे हैं। हालांकि विपुल गोयल, राव नरबीर और कृष्ण बेदी 2014 से 2019 के दौरान मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट में शामिल रह चुके हैं। श्याम सिंह राणा तब संसदीय सचिव थे। बेदी 2019 में हार गए थे और राणा ने टिकट कट जाने पर चुनाव नहीं लड़ा। हरियाणा की नई सरकार से जुड़ी 3 अहम बातें 1. हरियाणा में डिप्टी CM के फॉर्मूले से परहेज
भाजपा ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में डिप्टी सीएम बनाए थे। हरियाणा में भी इसकी चर्चा थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे भाजपा को मिले बहुमत को वजह माना जा रहा है। भाजपा को 90 सीटों वाली विधानसभा में 46 के बहुमत से 2 ज्यादा 48 सीटें मिलीं हैं। 2019 में जब भाजपा बहुमत से चूक गई और 40 सीटों पर रह गई तो जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन के चलते दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद दिया था। 2. तीनों सीटों पर जीतने वाले नायब सैनी तीसरे सीएम
नायब सैनी प्रदेश के ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने 3 अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव जीता है। नायब ने पहले अंबाला की नारायणगढ़, फिर करनाल और इस चुनाव में लाडवा से जीत हासिल की। सैनी से पहले सिर्फ ओपी चौटाला ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 5 अलग-अलग सीटों से चुनाव जीता था। 3. निर्दलीयों को मंत्रिपद नहीं
प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिला था। इसके बावजूद 3 निर्दलीय विधायकों हिसार से सावित्री जिंदल, गन्नौर से देवेंद्र कादियान और बहादुरगढ़ से राजेश जून ने भाजपा को समर्थन दे दिया। इसके बाद उम्मीद थी कि सावित्री जिंदल को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि यह उम्मीद पूरी नहीं हुई। ये खबर भी पढ़ें… नायब सैनी दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने:13 मंत्री बनाए, इनमें 6 पहले भी मंत्री रहे; सबसे ज्यादा 5 OBC चेहरे, 2 महिलाएं हरियाणा में नायब सैनी ने दूसरी बार CM पद की शपथ ले ली है। सैनी राज्य के 19वें मुख्यमंत्री बने। हालांकि मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले वे 11वें नेता हैं। शपथ ग्रहण समारोह पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में हुआ (पूरी खबर पढ़ें)
हिमाचल में हरियाणा के टूरिस्ट लोगों से भिड़े:थार से ओवरटेक पर बहस, साथी ने गलती बताई तो उसे रेलिंग से फेंक दिया
हिमाचल में हरियाणा के टूरिस्ट लोगों से भिड़े:थार से ओवरटेक पर बहस, साथी ने गलती बताई तो उसे रेलिंग से फेंक दिया हिमाचल की राजधानी शिमला में हरियाणा के टूरिस्ट स्थानीय लोगों से भिड़ गए। यहां ओवरटेक करने को लेकर विवाद हुआ। इस दौरान टूरिस्ट आपस में भी उलझ गए। इन्होंने शराब पी हुई थी। पी कर ही गाड़ी चला रहे थे। पुलिस ने इन पर एक्शन लिया है। शराब के नशे में गाड़ी चलाने और ड्राइविंग लाइसेंस न होने पर चालान काटा। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपए का चालान काटा गया, जबकि शराब के नशे में वाहन चलाने पर जुर्माना कोर्ट तय करेगा। जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम को शिमला रेलवे स्टेशन के पास थार (HR-71L-7600) गाड़ी में हरियाणा के पांच-छह युवक आए। यहां उन्होंने पहले एक गाड़ी को ओवरटेक किया और फिर स्थानीय लोगों से बहस की। इस दौरान थार में ही सवार एक युवक ने गाड़ी चला रहे साथी को कहा कि तू गलत जगह ओवर टेक कर रहा है। इस पर वह आपस में ही लड़ पड़े। युवक ने अपने ही साथी को सड़क किनारे लगी रेलिंग के ऊपर से नीचे फेंक दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर लड़ाई रुकवाई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
मारपीट की इस घटना का मौके पर मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बालूगंज पुलिस के अनुसार बीती शाम को थाने में मारपीट की सूचना मिली थी। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब वहां से स्थानीय लोग चले गए थे, जिनके साथ हरियाणा के युवकों ने बहस की। इस वजह से इस घटना में FIR दर्ज नहीं की गई। हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले युवक
घूमने आए युवक यमुनानगर के बिलासपुर के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार सुमित राणा गाड़ी चला रहा था, जबकि उसके साथ मोहित गर्ग, गुरविंदर सिंह, अरुण शर्मा, अंकुश मौजूद थे। ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल में पंजाब के टूरिस्ट की हत्या, दोस्तों के साथ घूमने गया; रेस्टोरेंट में शराब पीने को लेकर हुआ विवाद, कर्मचारियों ने पीटा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में गुरुवार को पंजाब के एक टूरिस्ट की हत्या कर दी गई। वह रेस्टोरेंट में गया था। वहां शराब पीने को लेकर विवाद पैदा हुआ, जिसमें रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों ने उसे पीट दिया। इसमें मारपीट में उसके सिर में गहरी चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई। यह वारदात धर्मशाला में मैक्लोडगंज थाने के अंतर्गत भागसूनाग की है। मृतक की पहचान नवदीप सिंह (33) निवासी गुरु तेगबहादुर नगर टिबी, फगवाड़ा पंजाब के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। (पूरी खबर पढ़ें)
नारनौल में AAP नेता को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस:चुनाव चिन्ह झाड़ू व झंडे बांटे; आंखों के मुफ्त ऑपरेशन कैंप का जिक्र नहीं
नारनौल में AAP नेता को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस:चुनाव चिन्ह झाड़ू व झंडे बांटे; आंखों के मुफ्त ऑपरेशन कैंप का जिक्र नहीं हरियाणा के नारनौल में आम आदमी पार्टी (AAP) के संगठन मंत्री एवं नारनौल के उद्योगपति रविन्द्र मटरू को चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी किया गया है। उन पर 27 अगस्त को चुनाव चिन्ह झाड़ू, पंपलेट व झंडे बांटने का आरोप है। नारनौल के एसडीएम कम रिटर्निंग अधिकारी 30 अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा है। नारनौल विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिए गए नोटिस में रविंद्र मटरु को कहा गया है कि 27 अगस्त को उन्होंने अपने निवास स्थान पर आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू, पंपलेट व झंडे बांटे हैं। ऐसा करके उन्होंने चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस बारे में उनको दो दिन में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। रविन्द्र मटरू को दिए नोटिस में कहा गया है कि अगर आपने इसका उत्तर नहीं दिया तो आपके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के बारे में चुनाव आयोग को उचित कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। हैरानी की बात यह है कि इस नोटिस में निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर और उसमें बांटे गए चश्मे व दवाइयों तथा मुफ्त भोजन का कोई हवाला नहीं है। बता दे की 27 अगस्त को आम आदमी पार्टी के संगठन मंत्री रविंद्र मटरू ने अपने निवास स्थान पर निशुल्क नेत्र चिकित्सा जांच शिविर भी लगाया था। इस शिविर में नेत्रों की निशुल्क जांच, चश्मा, दवा व आंखों के ऑपरेशन आदि की भी मुफ्त व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा आने वाले सभी लोगों को भोजन भी करवाया गया था। यह सब करने के बाद सभी आने वाले महिलाओं व पुरुषों को निशुल्क झाड़ू, पंपलेट व आम आदमी पार्टी के झंडे वितरित किए गए थे। इन बातों का नोटिस में उल्लेख न होने पर हैरानी जताई जा रही है। 27 अगस्त को लघु सचिवालय नारनौल में डीसी की पत्रकार वार्ता में डीसी व एसपी निवास के सामने आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन का मामला उठाया गया था। डीसी ने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात नहीं है। तब पत्रकारों द्वारा इस पर हैरानी जताई और सवाल उठाया कि जिले का खुफिया तंत्र इस मामले में क्यों चुप रहा और उन्होंने आलाधिकारियों को रिपोर्ट क्यों नहीं दी। मामला उठाये जाने के बाद डीसी ने इस मामले पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था।