हरियाणा में गुरुग्राम के होटल से एनसीपी विधायकों को छुड़वाने व पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के पेहोवा में कार्यक्रम में दखल डाल कर चर्चा में आयी सोनिया दूहन ने शरद पवार की पार्टी को छोड़ने के मैसेज को कोरी अफवाह बताया है। उसने बुधवार को कहा कि वह अभी एनसीपी में ही है। सोनिया दूहन हिसार में नारनौंद क्षेत्र के गांव पेटवाड़ की रहने वाली है। बुधवार को सुबह से ही उनके एनसीपी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में जाने के मैसेज वायरल हो रहे हैं। नारनौंद हलके में पूरा दिन इसकी चर्चा होती रही। मंगलवार को एनसीपी (एसपी) की छात्र संघ अध्यक्ष सोनिया दूहन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सोनिया ने कहा कि उन्होंने एनसीपी नहीं छोडी है। सोनिया दूहन ने इस्तीफा देने के पीछे के कारणों का अभी खुलासा नहीं किया है। सोनिया दूहन पुणे में पायलट की ट्रेनिंग ले रही थीं। इसी दौरान वह एनसीपी के संपर्क में आयी थी। सोनिया करीब 10 साल से एनसीपी से जुड़ी हुई हैं। उनकी गिनती शरद पवार के करीबियों में होती है। सोनिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी स्टूडेंट्स विंग का नेतृत्व भी किया है। उन्हें एक बार एनसीपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वह एनसीपी की नेशनलिस्ट स्टूडेंट कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं। सोनिया ने गुरुग्राम के होटल से विधायकों को छुड़वाया था
सोनिया दूहन उस समय चर्चा में आई थी जब 2019 में उन्होंने गुरुग्राम के ओबरॉय होटल से एनसीपी के चार विधायकों को बाहर निकाला था। ये विधायक अजित पवार की बगावत के बाद बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में थे। चार विधायकों दौलत दरोदा, नरहरि जिरवाल, नितिन पवार और अनिल पाटिल थे। हरियाणा सरकार इन विधायकों पर नजर रख रही थी। इसके बावजूद सोनिया दूहन अपने विधायकों को वहां से ले जाने में कामयाब रहीं थी। सुप्रिया सुले से नाराजगी की बात कबूली
सोनिया दूहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने एनसीपी के छात्र संघ अध्यक्ष से इस्तीफा दिया है मगर वह अभी एनसीपी में हैं और शरद पवार के साथ है। उन्होंने अपनी शिकायत शरद पवार के सामने रख दी है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले का काम करने का तरीका उनको पसंद नहीं है। वह चाहती है एनसीपी राष्ट्रीय पार्टी की तरह काम करे मगर उनका काम करने का तरीका क्षेत्रीय पार्टी की तरह है। सोनिया ने कहा कि चुनाव में ना तो उनको किसी सभा में बुलाया गया और ना ही उनको किसी तरह की कोई जिम्मेदारी दी। वह एनसीपी में सिर्फ खाना खाने और आराम करने के लिए नहीं है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले ने उनको महाराष्ट्र में बैन करवा दिया जबकि वह एनसीपी से एक दशक से जुड़ी हुई हैं। सोशल मीडिया पर दो महीने से सक्रिय नहीं
सोनिया दूहन ने कहा कि चुनाव के समय में वह सोशल मीडिया पर दो महीने से अन एक्टिव हैं। उनको एक भी बार किसी मीटिंग व सभा में बुलाया नहीं गया। इसकी सारी जानकारी शरद पवार के सामने रखी थी। शरद पवार ने इस सब चीजों को समझा भी था और चर्चा करने की बात कही थी। मगर चर्चा हो पाती इससे ही ऐसी चीजें हो गई जिससे उनको छात्र संघ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। हरियाणा में गुरुग्राम के होटल से एनसीपी विधायकों को छुड़वाने व पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के पेहोवा में कार्यक्रम में दखल डाल कर चर्चा में आयी सोनिया दूहन ने शरद पवार की पार्टी को छोड़ने के मैसेज को कोरी अफवाह बताया है। उसने बुधवार को कहा कि वह अभी एनसीपी में ही है। सोनिया दूहन हिसार में नारनौंद क्षेत्र के गांव पेटवाड़ की रहने वाली है। बुधवार को सुबह से ही उनके एनसीपी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में जाने के मैसेज वायरल हो रहे हैं। नारनौंद हलके में पूरा दिन इसकी चर्चा होती रही। मंगलवार को एनसीपी (एसपी) की छात्र संघ अध्यक्ष सोनिया दूहन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सोनिया ने कहा कि उन्होंने एनसीपी नहीं छोडी है। सोनिया दूहन ने इस्तीफा देने के पीछे के कारणों का अभी खुलासा नहीं किया है। सोनिया दूहन पुणे में पायलट की ट्रेनिंग ले रही थीं। इसी दौरान वह एनसीपी के संपर्क में आयी थी। सोनिया करीब 10 साल से एनसीपी से जुड़ी हुई हैं। उनकी गिनती शरद पवार के करीबियों में होती है। सोनिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी स्टूडेंट्स विंग का नेतृत्व भी किया है। उन्हें एक बार एनसीपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वह एनसीपी की नेशनलिस्ट स्टूडेंट कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं। सोनिया ने गुरुग्राम के होटल से विधायकों को छुड़वाया था
सोनिया दूहन उस समय चर्चा में आई थी जब 2019 में उन्होंने गुरुग्राम के ओबरॉय होटल से एनसीपी के चार विधायकों को बाहर निकाला था। ये विधायक अजित पवार की बगावत के बाद बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में थे। चार विधायकों दौलत दरोदा, नरहरि जिरवाल, नितिन पवार और अनिल पाटिल थे। हरियाणा सरकार इन विधायकों पर नजर रख रही थी। इसके बावजूद सोनिया दूहन अपने विधायकों को वहां से ले जाने में कामयाब रहीं थी। सुप्रिया सुले से नाराजगी की बात कबूली
सोनिया दूहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने एनसीपी के छात्र संघ अध्यक्ष से इस्तीफा दिया है मगर वह अभी एनसीपी में हैं और शरद पवार के साथ है। उन्होंने अपनी शिकायत शरद पवार के सामने रख दी है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले का काम करने का तरीका उनको पसंद नहीं है। वह चाहती है एनसीपी राष्ट्रीय पार्टी की तरह काम करे मगर उनका काम करने का तरीका क्षेत्रीय पार्टी की तरह है। सोनिया ने कहा कि चुनाव में ना तो उनको किसी सभा में बुलाया गया और ना ही उनको किसी तरह की कोई जिम्मेदारी दी। वह एनसीपी में सिर्फ खाना खाने और आराम करने के लिए नहीं है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले ने उनको महाराष्ट्र में बैन करवा दिया जबकि वह एनसीपी से एक दशक से जुड़ी हुई हैं। सोशल मीडिया पर दो महीने से सक्रिय नहीं
सोनिया दूहन ने कहा कि चुनाव के समय में वह सोशल मीडिया पर दो महीने से अन एक्टिव हैं। उनको एक भी बार किसी मीटिंग व सभा में बुलाया नहीं गया। इसकी सारी जानकारी शरद पवार के सामने रखी थी। शरद पवार ने इस सब चीजों को समझा भी था और चर्चा करने की बात कही थी। मगर चर्चा हो पाती इससे ही ऐसी चीजें हो गई जिससे उनको छात्र संघ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
