आगरा के बरहन के 3 दिन पहले पुलिस टॉर्चर से परेशान एक युवक संजय ने फांसी लगा ली थी। छोटे भाई के बाद उसके बड़े भाई प्रमोद ने भी पुलिस से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। बड़े भाई का शव खेत में पेड़ से लटका मिला। मृतक के हाथ की कलाई में धागे से सुसाइड नोट भी बंधा था। सुसाइड नोट में उसने पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। लिखा है कि भाई की मौत के बाद पुलिस वाले उसे धमकी दे रहे थे। छोटे भाई ने भी पुलिस के डर और समाज में बेइज्जती होने के चलते सुसाइड किया था। गांव में दो भाइयों की सुसाइड के बाद तनाव भरा माहौल है। इस मामले में पीड़ित के जीजा की ओर से सादाबाद थाना प्रभारी व सब इंस्पेक्टर के खिलाफ तहरीर दी गई है। हाथ में बंधा मिला सुसाइड नोट
प्रमोद ने मरने से पहले अपने हाथ में सुसाइड नोट बांध लिया था। हाथ में बंधे मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि हरिओम दरोगा ने उठाया। दो दिन 11-12 को हवालात में बंद किया। एक लाख हवालात के सामने मांगे गए। 10 हजार रुपए लेकर 13 को छोड़ा। ऑफिस में पैसा दिया। 50 हजार रुपए की मांग की। पुलिस व हरिओम दरोगा ने प्रताड़ित किया। इसके बाद लिखा कि संजय फांसी लगाकर मर गया। अब मुझमें क्षमता नहीं है। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। मुझ पर फोन आ रहे हैं। आज ही बयान देने आ जाओ। मैंने कहा कल आऊंगा। नहीं आज ही आ जाओ। इसलिए मेरा दिमाग ठीक नहीं है। सरकार से प्रार्थना है कि मेरे परिवार की तरफ ध्यान दिया जाए। जय माता दी, जय श्री राम….। आखिर में लिखा कि पुलिस से पंगा लेने की भूल की। कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना। पुलिस सुसाइड नोट की जांच कर रही है। छोटे भाई का चालान हुआ, पीटा गया
बरहन के गांव रूपपुर के रहने वाले किसान संजय सिंह का साला सादाबाद में एक युवती को भगा कर ले गया था। सादाबाद में इसका मुकदमा दर्ज हुआ था। सादाबाद पुलिस ने साले को पकड़ने के लिए संजय सिंह को उठाया था। आरोप है कि उसे सादाबाद पुलिस ने यातनाएं दी थीं। बाद में शांति भंग में चालान कर उसे छोड़ दिया था। पुलिस ने उससे कहा था, अगर लड़की नहीं मिली तो फिर थाने ले आएंगे। शनिवार 22 जून को पुलिस ने उसे फिर से बुलाया था। पुलिस की यातना और धमकी से आहत होकर संजय ने शनिवार को अपने गांव में खेत में पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली थी। 72 घंटे में बडे़ भाई ने भी किया सुसाइड
छोटे भाई संजय की चिता की आग अभी ठंडी नहीं हुई थी कि सोमवार दोपहर को बडे़ भाई प्रमोद सिंह ने भी उसी जगह पेड़ से लटककर सुसाइड कर लिया। लोगों ने शव को पेड़ से लटके देखा तो गांव में सूचना दी। इसके बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग इकट्ठा हो गए। परिजनों और गांव वालों का आरोप है कि छोटे भाई की सुसाइड के बाद प्रमोद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR कराने के लिए थाने के चक्कर काट रहा था। मगर, उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इसको लेकर प्रमोद काफी दुखी था। इसीलिए उसने सुसाइड कर लिया।आगरा में होमगार्ड था प्रमोद
प्रमोद आगरा में होमगार्ड के रूप में तैनात था। छोटे भाई की मौत के समय प्रमोद ने रोते हुए कहा था- मेरे भाई को पुलिस ने बेवजह फंसाया है। उसे यातनाएं दी गईं। संजय की मौत के बाद भी परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा किया था। वो सीओ और दरोगा के निलंबन की मांग पर अडे़ थे। उस समय पुलिस ने उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कर दिया था। पुलिस के खिलाफ आक्रोश, जमकर नारेबाजी
दूसरे भाई के सुसाइड करने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने आवंलखेड़ा पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस वालों का जमकर विरोध किया। गांव में पुलिसकर्मियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव में तनाव का माहौल है। चार घंटे बाद उतारा शव
परिजन और ग्रामीणों की मांग है कि जब तक संजय की सुसाइड के जिम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा, तब तक वो प्रमोद का शव नहीं उतारेंगे। चार घंटे बाद रात नौ बजे शव को नीचे उतारा गया। आगरा के बरहन के 3 दिन पहले पुलिस टॉर्चर से परेशान एक युवक संजय ने फांसी लगा ली थी। छोटे भाई के बाद उसके बड़े भाई प्रमोद ने भी पुलिस से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। बड़े भाई का शव खेत में पेड़ से लटका मिला। मृतक के हाथ की कलाई में धागे से सुसाइड नोट भी बंधा था। सुसाइड नोट में उसने पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। लिखा है कि भाई की मौत के बाद पुलिस वाले उसे धमकी दे रहे थे। छोटे भाई ने भी पुलिस के डर और समाज में बेइज्जती होने के चलते सुसाइड किया था। गांव में दो भाइयों की सुसाइड के बाद तनाव भरा माहौल है। इस मामले में पीड़ित के जीजा की ओर से सादाबाद थाना प्रभारी व सब इंस्पेक्टर के खिलाफ तहरीर दी गई है। हाथ में बंधा मिला सुसाइड नोट
प्रमोद ने मरने से पहले अपने हाथ में सुसाइड नोट बांध लिया था। हाथ में बंधे मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि हरिओम दरोगा ने उठाया। दो दिन 11-12 को हवालात में बंद किया। एक लाख हवालात के सामने मांगे गए। 10 हजार रुपए लेकर 13 को छोड़ा। ऑफिस में पैसा दिया। 50 हजार रुपए की मांग की। पुलिस व हरिओम दरोगा ने प्रताड़ित किया। इसके बाद लिखा कि संजय फांसी लगाकर मर गया। अब मुझमें क्षमता नहीं है। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। मुझ पर फोन आ रहे हैं। आज ही बयान देने आ जाओ। मैंने कहा कल आऊंगा। नहीं आज ही आ जाओ। इसलिए मेरा दिमाग ठीक नहीं है। सरकार से प्रार्थना है कि मेरे परिवार की तरफ ध्यान दिया जाए। जय माता दी, जय श्री राम….। आखिर में लिखा कि पुलिस से पंगा लेने की भूल की। कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना। पुलिस सुसाइड नोट की जांच कर रही है। छोटे भाई का चालान हुआ, पीटा गया
बरहन के गांव रूपपुर के रहने वाले किसान संजय सिंह का साला सादाबाद में एक युवती को भगा कर ले गया था। सादाबाद में इसका मुकदमा दर्ज हुआ था। सादाबाद पुलिस ने साले को पकड़ने के लिए संजय सिंह को उठाया था। आरोप है कि उसे सादाबाद पुलिस ने यातनाएं दी थीं। बाद में शांति भंग में चालान कर उसे छोड़ दिया था। पुलिस ने उससे कहा था, अगर लड़की नहीं मिली तो फिर थाने ले आएंगे। शनिवार 22 जून को पुलिस ने उसे फिर से बुलाया था। पुलिस की यातना और धमकी से आहत होकर संजय ने शनिवार को अपने गांव में खेत में पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली थी। 72 घंटे में बडे़ भाई ने भी किया सुसाइड
छोटे भाई संजय की चिता की आग अभी ठंडी नहीं हुई थी कि सोमवार दोपहर को बडे़ भाई प्रमोद सिंह ने भी उसी जगह पेड़ से लटककर सुसाइड कर लिया। लोगों ने शव को पेड़ से लटके देखा तो गांव में सूचना दी। इसके बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग इकट्ठा हो गए। परिजनों और गांव वालों का आरोप है कि छोटे भाई की सुसाइड के बाद प्रमोद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR कराने के लिए थाने के चक्कर काट रहा था। मगर, उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इसको लेकर प्रमोद काफी दुखी था। इसीलिए उसने सुसाइड कर लिया।आगरा में होमगार्ड था प्रमोद
प्रमोद आगरा में होमगार्ड के रूप में तैनात था। छोटे भाई की मौत के समय प्रमोद ने रोते हुए कहा था- मेरे भाई को पुलिस ने बेवजह फंसाया है। उसे यातनाएं दी गईं। संजय की मौत के बाद भी परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा किया था। वो सीओ और दरोगा के निलंबन की मांग पर अडे़ थे। उस समय पुलिस ने उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कर दिया था। पुलिस के खिलाफ आक्रोश, जमकर नारेबाजी
दूसरे भाई के सुसाइड करने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने आवंलखेड़ा पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस वालों का जमकर विरोध किया। गांव में पुलिसकर्मियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव में तनाव का माहौल है। चार घंटे बाद उतारा शव
परिजन और ग्रामीणों की मांग है कि जब तक संजय की सुसाइड के जिम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा, तब तक वो प्रमोद का शव नहीं उतारेंगे। चार घंटे बाद रात नौ बजे शव को नीचे उतारा गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर