पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजपा आज पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो चुके सुंदर श्याम अरोड़ा के निवास स्थान पर पहुंचे। उन्होंने अरोड़ा के साथ काफी समय बिताया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने इसे सियासी मुलाकात न बताकर इसे निजी भेंट बताया। उन्होंने कहा कि सुंदर श्याम अरोड़ा के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं। गत दिवस श्री अरोड़ा की सेहत खराब होने के चलते वह खबर लेने नहीं पहुंचे। आपको बता दें कि बाजवा के होशियारपुर में अरोड़ा के निवास पर पहुंचने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कांग्रेस में वापसी की चर्चा कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में श्री अरोड़ा कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं। हालांकि अभी तक इस संबंधी श्री अरोड़ा द्वारा कोई भी अधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है। परंतु हाल ही में चुनाव के दौरान होशियारपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के दौरान राजनीतिक शह मात के खेल के चलते भाजपा के एक गुट द्वारा अरोड़ा का नाम स्टेज पर चढ़ने वालों की लिस्ट में से कटवा दिया गया था, जिस कारण वह मोदी एवं प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ स्टेज पर नजर नहीं आए। जबकि इससे पहले हुई बड़ी रैलियों एवं कार्यक्रमों में सुंदर श्याम अरोड़ा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ स्टेज पर नज़र आते रहे हैं। रैली के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि अगर भाजपा का गुट सुंदर श्याम अरोड़ा को स्टेज पर चढ़ा देते तो हो सकता था कि इतनी सारी भीड़ उन्होंने 2027 में विधायक के रुप में स्वीकार कर लेती। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजपा आज पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो चुके सुंदर श्याम अरोड़ा के निवास स्थान पर पहुंचे। उन्होंने अरोड़ा के साथ काफी समय बिताया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने इसे सियासी मुलाकात न बताकर इसे निजी भेंट बताया। उन्होंने कहा कि सुंदर श्याम अरोड़ा के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं। गत दिवस श्री अरोड़ा की सेहत खराब होने के चलते वह खबर लेने नहीं पहुंचे। आपको बता दें कि बाजवा के होशियारपुर में अरोड़ा के निवास पर पहुंचने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कांग्रेस में वापसी की चर्चा कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में श्री अरोड़ा कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं। हालांकि अभी तक इस संबंधी श्री अरोड़ा द्वारा कोई भी अधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है। परंतु हाल ही में चुनाव के दौरान होशियारपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के दौरान राजनीतिक शह मात के खेल के चलते भाजपा के एक गुट द्वारा अरोड़ा का नाम स्टेज पर चढ़ने वालों की लिस्ट में से कटवा दिया गया था, जिस कारण वह मोदी एवं प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ स्टेज पर नजर नहीं आए। जबकि इससे पहले हुई बड़ी रैलियों एवं कार्यक्रमों में सुंदर श्याम अरोड़ा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ स्टेज पर नज़र आते रहे हैं। रैली के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि अगर भाजपा का गुट सुंदर श्याम अरोड़ा को स्टेज पर चढ़ा देते तो हो सकता था कि इतनी सारी भीड़ उन्होंने 2027 में विधायक के रुप में स्वीकार कर लेती। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर एयरपोर्ट पर ड्रोन मूवमेंट:3 घंटे फ्लाइट्स मूवमेंट को रोकना पड़ा; एयर इंडिया की फ्लाइट की लैंडिंग रोकी
अमृतसर एयरपोर्ट पर ड्रोन मूवमेंट:3 घंटे फ्लाइट्स मूवमेंट को रोकना पड़ा; एयर इंडिया की फ्लाइट की लैंडिंग रोकी पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार रात संदिग्ध ड्रोन मूवमेंट के कारण 3 घंटे तक उड़ानों को रोकना पड़ा। ड्रोन मूवमेंट के चलते एयर इंडिया की दिल्ली- अमृतसर फ्लाइट को लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई और रात उसे वापस दिल्ली लौटना पड़ा। ड्रोन के कारण 10 से रात 1 बजे तक फ्लाइट्स की आवाजाही को रोक दिया गया। एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार 3 ड्रोन की मूवमेंट देखने को मिली। ये मूवमेंट रात 10.15 बजे से 11 बजे तक रही। इस बीच ड्रोन कभी एयरपोर्ट के ऊपर आता और कभी साइड पर चला जाता। इनमें दो ड्रोन राजासांसी साइड एयरपोर्ट की बाउंड्री के पास व टर्मिनल की बैकसाइड पर दिखाई दिए। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने आगे जानकारी दी तो सुरक्षा के लिहाज से उड़ानों की आवाजाही रोक दी गई। 20 मिनट फ्लाइट करती रही इंतजार, अंत में वापस लौटना पड़ा रात 10.30 बजे दिल्ली से आई एयर इंडिया की उड़ान 20 मिनट तक हवा में लटकी रही और ड्रोन के कारण क्लेयरेंस ना मिलने पर उसे वापस लौटना पड़ा। देर रात एयर ट्रेफिक क्लीयर होने के कारण ये फ्लाइट सुबह 4 बजे अमृतसर पहुंची। इसके अलावा इंडिगो की पुणे, इंडिगो की दिल्ली, एयर एशिया और बैटिक एयर की कुआलालंपुर उड़ानें देरी से टेकऑफ कर पाईं। इनके अलावा कई उड़ानें देर रात एक बजे के बाद ही रवाना हुईं। पुलिस और एजेंसियों ने रात को एयरपोर्ट के अंदर और बाहर सर्च अभियान भी चलाया। मंगलवार सुबह भी 2 बार सर्च अभियान चलाया गया। सर्च अभियान के दौरान ड्रोन सर्च करने में असफलता हासिल हुई। फ्लाइट्स के लिए खतरा हैं ड्रोन भारतीय एयरक्राफ्ट एक्ट के अनुसार हवाई अड्डे के 4 किमी के भीतर ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता। 20 किमी के एरिया में बिल्डिंग की हाइट को लेकर भी एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी लेनी पड़ती है। बिना परमिशन ड्रोन उड़ाने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। प्लेन के इंजन में ड्रोन टकरा जाए तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। एयरपोर्ट जैसे इलाकों में सिग्नल जैमर लगाए जाते हैं ताकि रिमोट व ड्रोन का कनेक्शन आपस में टूट जाए। चाइनीज ड्रोन बने चिंता चाइनीज छोटे ड्रोन चिंता का विषय बने हुए हैं। दरअसल, ये छोटे चाइनीज ड्रोन 4-5 किमी दूरी व ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं। जैमर की सहायता से इन्हें गिराया जा सकता है, लेकिन इनकी कम आवाज व निची उड़ान के कारण ये रडार से बच जाते हैं। जितने समय में सुरक्षा एजेंसियां चौकस होती हैं, ये ड्रोन वापस अपने पायलट के पास पहुंच जाता है। तीन बार ड्रोन मूवमेंट के बारे में सुना, कंफर्म नहीं है एयरपोर्ट के कार्यकारी डायरेक्टर संदीप अग्रवाल ने बताया कि सोमवार रात 3 ड्रोन मूवमेंट्स का पता चला है। अभी कुछ कंफर्म नहीं है। रात 1 बजे फ्लाइट्स का आवागमन दोबारा शुरू हो गया था। एक उड़ान डायवर्ट होने के साथ 4 उड़ानें देरी से गई। वहीं, एसीपी नॉर्थ मनिंदर सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट के अंदर व आसपास ड्रोन एक्टिविटी की जानकारी मिली थी। जांच की गई। जांच में ड्रोन एक्टिविटी को लेकर कुछ सामने नहीं आया है। कहीं जन्माष्टमी कार्यक्रम के दौरान ड्रोन न उड़ाया गया हो। इस एंगल से भी जांच की जा रही है। फिलहाल लिखित में कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन जांच चल रही है। दो सालों में तीन घटनाएं आई सामने 29 सितंबर 2023: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एयरपोर्ट पर दो विमानों के बीच अचानक से ड्रोन उड़ने लगा। 19 नवंबर 2023: मणिपुर में रनवे के पास ड्रोन की सूचना मिली। इंफाल हवाई अड्डे पर 3 उड़ानें तीन घंटे खड़ी रहीं। दो उड़ानों को डायवर्ट किया गया। 3 मार्च 2023: गया प्रशासन को चिट्ठी मिली। लिखा था कि एयरपोर्ट को ड्रोन से उड़ा दिया जाएगा। इसके बाद गया एयरपोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल है। किसी समय पर राज्य में सबसे प्रमुख पार्टी रही अकाली दल पर आज खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि जालंधर उप-चुनाव के नतीजे कह रहे हैं। जालंधर वेस्ट विधानसभा उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार रहीं सुरजीत कौर को समर्थन देने के बजाए बीएसपी के उम्मीदवार रहे बिंदर लाखा को समर्थन देने का ऐलान किया गया था। ऐसे में जिस बसपा को अकाली दल प्रधान द्वारा समर्थन दिया गया, उन्हें सिर्फ 734 वोट ही मिल पाए। वो भी तब, जब राज्य की क्षेत्रीय पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन बसपा को दिया था। वहीं, बिना अकाली दल प्रधान के समर्थन के शिअद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी सुरजीत कौर ने करीब 1242 वोट बटोर लिए। ऐसा तब हुआ, जब उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें समर्थन नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब अकाली दल पर खतरे की घंटी बज रही है। ऐसा क्यों हुआ, पढ़ें इसके प्रमुख कारण…. 1. अकाली दाल का जालंधर वेस्ट में हुए उप चुनाव में इतना बुरा प्रदर्शन कारण पार्टी की अंदरुनी कलह है। ऐसे में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अपने उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह न करके, बसपा को स्पोर्ट करना अकाली दल पर भारी पड़ गया। पंजाब की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा हो और उसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के बजाए किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया हो। 2. दूसरा सबसे बड़ा कारण, वरिष्ठ नेताओं द्वारा उक्त एरिया में चुनाव प्रचार न करना है। अकाली दल की उम्मीदवार रही सुरजीत कौर के लिए बीबी जगीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, सरवण सिंह फिल्लौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर को छोड़कर किसी भी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार नहीं किया। जिससे लोगों के बीच तक सुरजीत कौर की आवाज नहीं पहुंच सकी। 3. तीसरा बड़ा कारण, अकाली दल पर लगे बेअदबी और अन्य गंभीर आरोपों का है। जालंधर वेस्ट एरिया में ज्यादातर वोट एससी हैं और उक्त सीट भी एससी है। ऐसे में अकाली दल पर लगे आरोपों की वजह से लोगों ने उक्त पार्टी से किनारा कर लिया। अकाली दल ने जिस बसपा को स्पोर्ट किया, उसका भी परफॉर्मेंस गिर गया।
लुधियाना में आग से एक की मौत:सरेंडर करने थाने पहुंची पत्नी, बोली- मैंने कर दी अपने पति की हत्या
लुधियाना में आग से एक की मौत:सरेंडर करने थाने पहुंची पत्नी, बोली- मैंने कर दी अपने पति की हत्या लुधियाना में पति की हत्या का दावा कर आत्मसमर्पण करने वाली महिला को पुलिस ने छोड़ दिया है। महिला ने थाने में आत्मसमर्पण करते हुए दावा किया था कि उसने गांव फुल्लांवाल में एक प्लॉट में बने कमरे में अपने पति को आग लगाकर उसकी हत्या कर दी है। हालांकि, मृतक के भाई वहां पहुंच गए और दावा करने लगे कि उसने खुद को आग लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। मृतक के भाइयों द्वारा आत्महत्या का दावा करते हुए हलफनामा दायर करने के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी को छोड़ दिया। पुलिस ने उनके बयान दर्ज करने के बाद बीएनएसएस की धारा 194 के तहत जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक की पहचान 35 वर्षीय रंजीत वर्मा के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के हरदोई का रहने वाला था। परिजनों के अनुसार मृतक के परिवार में पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। उन्हें पता था कि अगर बच्चों की मां को हत्या के आरोप में जेल भेजा गया, तो पुलिस बच्चों की कस्टडी उन्हें दे देगी। चूंकि वे बच्चों को अपने पास रखने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए उन्होंने बहुत कोशिश की कि महिला जेल न जाए। शराब पीकर पत्नी व बच्चों से करता था मारपीट मराडो पुलिस चौकी के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर तरसेम सिंह ने बताया कि महिला चांदी देवी ने शहीद भगत सिंह नगर पुलिस चौकी में शिकायत की थी कि उसने अपने पति को कमरे में सोते समय आग लगा दी है, क्योंकि वह शराब पीकर उसे और उसके बच्चों को पीटता था। पुलिस कर्मियों ने उसे पुलिस चौकी ललतों में शिकायत करने के लिए उसे भेजा और दावा किया कि यह क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। महिला ने ललतों पुलिस चौकी में शिकायत की और वहीं बयान दोहराया। ललतों पुलिस चौकी के कर्मियों ने उसे पुलिस चौकी मराडो में भेज दिया, क्योंकि यह क्षेत्र मराडो पुलिस चौकी के अधिकार क्षेत्र में आता है। सब-इंस्पेक्टर ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने कमरे से व्यक्ति का जला हुआ शव बरामद किया और उसके भाइयों को सूचित कर कार्रवाई के लिए बयान दर्ज करने को कहा। महिला बयानों से पलटी,पुलिस जांच में जुटी सब-इंस्पेक्टर ने बताया कि मृतक के भाइयों ने दावा करना शुरू कर दिया कि उसने नशे की हालत में आत्महत्या की है और वे इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते। बाद में महिला अपने बयान से पलट गई और दावा किया कि उसके पति ने आत्महत्या की है। सब-इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 196 के तहत जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच के बाद पुलिस कार्रवाई करेगी।