पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज होशियारपुर दौरे पर हैं। शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 55 अध्यापकों को सम्मानित किया। सीएम ने अध्यापकों को तोहफा देते हुए कि जल्द ही पंजाब में दिल्ली की तर्ज पर पॉलिसी लाने की बात कही है। जिसमें अब अध्यापकों को सिर्फ पढ़ाने के लिए कहा जाएगा, जबकि अन्य सभी कामों से उन्हें निजात दी जाएगी। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि, नेशन बिल्डर टीचर्स को कहा जाता है, कौम का निर्माता। मैं खुद टीचर का बेटा हूं। मैं पिता को देखता रहा हूं। जिस स्कूल में वे पढ़ाते थे, मैं वहीं पढ़ता था। स्कूल में सीखी चीजें आज मेरे काम आ रही हैं। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में पॉलिसी लागू की थी, जल्द हम भी उसे पंजाब में ला रहे हैं। हर काम में टीचर की ड्यूटी लगती थी। वोटा बनाने, वोटें डलवाने, जनगणना में टीचर्स से काम लिया जाता था। कोरोना में भी टीचरों से काम लिया गया, लेकिन अब टीचर पढाने के अलावा कोई और काम नहीं करेंगे। जल्द इसे पंजाब में भी लागू किया जाएगा। स्कूली बच्चे आ जाते हैं बहकावे में सीएम मान ने कहा कि स्कूल में छुट्टी के बाद क्या होता है, कभी किसी ने सोचा है। स्कूलों को नशेड़ियों ने अड्डे बना लिए हैं। वे नौवीं-दसवीं के बच्चों को बहकातें, इस उम्र के बच्चे जल्द बेहकावे में आ जाते हैं। कई केस भी सामने आए हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्कूलों में केयर टेकर रखे जा रहे हैं। ताकि स्कूल व युवा बच्चों को बचाया जा सके। स्कूल होंगे पुलिस चौकियों से मुक्त सीएम ने कहा कि पंजाब में अभी भी कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पुलिस चौकियां या थाने बने हुए हैं। थानों व चौकियों में जब शरारती आंसरों की कुटाई होती है तो बच्चे सहम जाते हैं। लेकिन अब इन जगहों को चौकियों व थानों से मुक्त करवाया जाएगा। स्कूल पढ़ाने के लिए हैं और इसका प्रयोग पढ़ाई में ही होगा। 55 अध्यापकों को दिया गया सम्मान स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा मंजूर की गई सूची के अनुसार, राज्य पुरस्कार 55 अध्यापकों को दिया गया। इसके साथ ही 10 अध्यापकों को यंग टीचर अवार्ड सौंपे गए। स्कूलों में बेहतर सुविधाएं देने वाले 5 अध्यापकों को प्रबंधकीय अवॉर्ड और 7 अध्यापकों को विशेष सम्मान दिया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज होशियारपुर दौरे पर हैं। शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 55 अध्यापकों को सम्मानित किया। सीएम ने अध्यापकों को तोहफा देते हुए कि जल्द ही पंजाब में दिल्ली की तर्ज पर पॉलिसी लाने की बात कही है। जिसमें अब अध्यापकों को सिर्फ पढ़ाने के लिए कहा जाएगा, जबकि अन्य सभी कामों से उन्हें निजात दी जाएगी। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि, नेशन बिल्डर टीचर्स को कहा जाता है, कौम का निर्माता। मैं खुद टीचर का बेटा हूं। मैं पिता को देखता रहा हूं। जिस स्कूल में वे पढ़ाते थे, मैं वहीं पढ़ता था। स्कूल में सीखी चीजें आज मेरे काम आ रही हैं। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में पॉलिसी लागू की थी, जल्द हम भी उसे पंजाब में ला रहे हैं। हर काम में टीचर की ड्यूटी लगती थी। वोटा बनाने, वोटें डलवाने, जनगणना में टीचर्स से काम लिया जाता था। कोरोना में भी टीचरों से काम लिया गया, लेकिन अब टीचर पढाने के अलावा कोई और काम नहीं करेंगे। जल्द इसे पंजाब में भी लागू किया जाएगा। स्कूली बच्चे आ जाते हैं बहकावे में सीएम मान ने कहा कि स्कूल में छुट्टी के बाद क्या होता है, कभी किसी ने सोचा है। स्कूलों को नशेड़ियों ने अड्डे बना लिए हैं। वे नौवीं-दसवीं के बच्चों को बहकातें, इस उम्र के बच्चे जल्द बेहकावे में आ जाते हैं। कई केस भी सामने आए हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्कूलों में केयर टेकर रखे जा रहे हैं। ताकि स्कूल व युवा बच्चों को बचाया जा सके। स्कूल होंगे पुलिस चौकियों से मुक्त सीएम ने कहा कि पंजाब में अभी भी कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पुलिस चौकियां या थाने बने हुए हैं। थानों व चौकियों में जब शरारती आंसरों की कुटाई होती है तो बच्चे सहम जाते हैं। लेकिन अब इन जगहों को चौकियों व थानों से मुक्त करवाया जाएगा। स्कूल पढ़ाने के लिए हैं और इसका प्रयोग पढ़ाई में ही होगा। 55 अध्यापकों को दिया गया सम्मान स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा मंजूर की गई सूची के अनुसार, राज्य पुरस्कार 55 अध्यापकों को दिया गया। इसके साथ ही 10 अध्यापकों को यंग टीचर अवार्ड सौंपे गए। स्कूलों में बेहतर सुविधाएं देने वाले 5 अध्यापकों को प्रबंधकीय अवॉर्ड और 7 अध्यापकों को विशेष सम्मान दिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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