पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल मोहाली (पीएनआरसी) के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत से नर्सिंग परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के आरोपी अरुणा छाबड़ा, पूर्व प्रिंसिपल केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर, जिला होशियारपुर को उसके गांव खुडा जस्सू, चंडीगढ़ से और आरोपी डॉ. कुलदीप सिंह महिरोक, संस्थापक महिरोक कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल साइंसेज, तेईपुर, तहसील पातड़ां, जिला पटियाला को उसके निजी अस्पताल ट्राइसिटी क्लीनिक एंड हॉस्पिटल डेरा बस्सी जिला मोहाली से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी इस चर्चित केस में अपनी गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहे थे। इस केस में पीएनआरसी की पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की प्रिंसिपल (सेवानिवृत्त) चरणजीत कौर चीमा और डॉ. अरविंदरवीर सिंह गिल निवासी बसंत विहार, होशियारपुर को पिछले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। बिना फार्म भरे ही लगी गई परीक्षा जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि पीएनआरसी द्वारा निजी नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला, परीक्षाओं और परिणामों में धोखाधड़ी के बारे में मिली शिकायत की जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि उक्त निजी नर्सिंग कॉलेजों के प्रबंधकों की मिलीभगत से पीएनआरसी में फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए गए। सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करते हुए जरूरी दाखिला फॉर्म, परीक्षा फॉर्म और परीक्षा फीस के बिना ही छात्रों की परीक्षाएं ली गईं। मान्यता मिलने से पहले ही सूची तैयार इस घोटाले का खुलासा करते हुए विजिलेंस प्रवक्ता ने बताया कि केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर होशियारपुर को भारतीय नर्सिंग काउंसिल नई दिल्ली से 25 सितंबर 2019 और पीएनआरसी से 29 नवंबर 2012 को मान्यता मिली थी, जबकि इस कॉलेज की मान्यता से पहले ही पीएनआरसी द्वारा जारी किए गए दाखिला फॉर्म और रसीद नंबर जारी किए गए थे। प्रवक्ता ने खुलासा किया कि इस कॉलेज से संबंधित 5 रोल नंबरों के दाखिला फॉर्म प्राप्त हुए थे, परंतु ये दाखिला फॉर्म/रोल नंबर पीएनआरसी द्वारा प्रिंसटन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग गुरदासपुर को जारी किए गए थे। इन 5 छात्रों की फर्जी दाखिला सूची कॉलेज को मान्यता प्राप्त होने से पहले अक्टूबर 2012 में ही तैयार कर ली गई थी। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल मोहाली (पीएनआरसी) के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत से नर्सिंग परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के आरोपी अरुणा छाबड़ा, पूर्व प्रिंसिपल केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर, जिला होशियारपुर को उसके गांव खुडा जस्सू, चंडीगढ़ से और आरोपी डॉ. कुलदीप सिंह महिरोक, संस्थापक महिरोक कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल साइंसेज, तेईपुर, तहसील पातड़ां, जिला पटियाला को उसके निजी अस्पताल ट्राइसिटी क्लीनिक एंड हॉस्पिटल डेरा बस्सी जिला मोहाली से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी इस चर्चित केस में अपनी गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहे थे। इस केस में पीएनआरसी की पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की प्रिंसिपल (सेवानिवृत्त) चरणजीत कौर चीमा और डॉ. अरविंदरवीर सिंह गिल निवासी बसंत विहार, होशियारपुर को पिछले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। बिना फार्म भरे ही लगी गई परीक्षा जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि पीएनआरसी द्वारा निजी नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला, परीक्षाओं और परिणामों में धोखाधड़ी के बारे में मिली शिकायत की जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि उक्त निजी नर्सिंग कॉलेजों के प्रबंधकों की मिलीभगत से पीएनआरसी में फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए गए। सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करते हुए जरूरी दाखिला फॉर्म, परीक्षा फॉर्म और परीक्षा फीस के बिना ही छात्रों की परीक्षाएं ली गईं। मान्यता मिलने से पहले ही सूची तैयार इस घोटाले का खुलासा करते हुए विजिलेंस प्रवक्ता ने बताया कि केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर होशियारपुर को भारतीय नर्सिंग काउंसिल नई दिल्ली से 25 सितंबर 2019 और पीएनआरसी से 29 नवंबर 2012 को मान्यता मिली थी, जबकि इस कॉलेज की मान्यता से पहले ही पीएनआरसी द्वारा जारी किए गए दाखिला फॉर्म और रसीद नंबर जारी किए गए थे। प्रवक्ता ने खुलासा किया कि इस कॉलेज से संबंधित 5 रोल नंबरों के दाखिला फॉर्म प्राप्त हुए थे, परंतु ये दाखिला फॉर्म/रोल नंबर पीएनआरसी द्वारा प्रिंसटन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग गुरदासपुर को जारी किए गए थे। इन 5 छात्रों की फर्जी दाखिला सूची कॉलेज को मान्यता प्राप्त होने से पहले अक्टूबर 2012 में ही तैयार कर ली गई थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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