कानपुर में JNNURM के तहत बिछाई गई पाइप लाइन में आए दिन होने वाले लीकेज से जल्द कानपुरवासियों को मुक्ति मिल जाएगी। 10 किमी. पाइप लाइन को बदलकर नई मजबूत पाइपलाइन बिछाई जाएगी। कंपनीबाग के पास खुदाई कर ट्रायल भी किया गया। पाइप लाइन बिछाने के दौरान बैराज से जलापूर्ति बाधित नहीं होगी। पाइप लाइन बदलने की समय सीमा 1 साल तय की गई है। पुरानी पाइप लाइन को बदला जाएगा
जेएनएनयूआरएम के तहत मौजूदा पाइप लाइन जीआरपी की है जो अक्सर फटती रहती है। लीकेज होने पर अक्सर बैराज से प्लांट बंद करना पड़ता है। अब एमएस शॉ की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसकी खासियत यह है कि लीकेज नहीं होगा। पाइप लाइन का नेटवर्क 1400 एमएम से लेकर 1800 एमएम व्यास तक का होगा। आपूर्ति नहीं होगी प्रभावित
जल निगम नगरीय के अधिशाषी अभियंता प्रवीण यादव ने बताया कि नई पाइप लाइन बिछाने के काम के दौरान जलापूर्ति प्रभावित नहीं होगी। नई पाइप लाइन बिछने के बाद पुरानी से आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। 40 लाख आबादी तक पहुंचेगा पानी
नई पाइप लाइन के पड़ने से दोहरा फायदा होगा। पहला कि आए दिन होने वाले लीकेज से छुटकारा मिल जाएगा। दूसरा पूरी क्षमता से पानी सप्लाई होगा तो 10 की बजाय 40 लाख आबादी को पानी मिल सकेगा। मौजूदा पाइप लाइन में पानी के प्रेशर को आधे से भी कम रखा जाता है, जिससे 10 लाख आबादी तक ही पानी सप्लाई हो पाता है। पुरानी पाइप लाइन को निकाला नहीं जाएगा
पुरानी पाइप को निकाला नहीं जाएगा बल्कि मिट्टी में ही दबा दिया जाएगा। बताते चले कि पुरानी पाइप लाइन के भ्रष्टाचार में जल निगम के दो दर्जन से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी भी ब्लैकलिस्टेड की जा चुकी है। पहले 14 किमी में बिछाई जानी थी लाइन
बता दें कि जल निगम ने पहले 14 किलोमीटर तक समानांतर पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा था मगर मेट्रो ने अपने निर्माण क्षेत्र में चार किलोमीटर तक की पाइप लाइन बिछा दी है। अब कंपनीबाग से फूलबाग, कंपनी बाग से वाया रावतपुर (देवकी टॉकीज) दादा नगर होते हुए बारादेवी तक 10 किलोमीटर की नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी। 132 करोड़ रुपए होंगे खर्च
इसमें 132 करोड़ रुपए खर्च होंगे। छह फरवरी से नई पाइप बिछाने के कार्य का शुभारंभ कराया जाएगा। तीन कार्यदायी संस्थाओं को वर्क ऑर्डर दे दिया गया है। इस परियोजना से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी थी पूरी योजना
नई पाइप लाइन बिछाने की जरूरत इसलिए भी पड़ी कि पुरानी योजना पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। बता दें कि JNNURM (जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन योजना) के तहत लोगों को शुद्ध पीने का पानी मिले, इसके लिए 15 किलोमीटर की पाइप लाइन डाली गई। वर्ष-2009 में इसका काम पूरा हुआ और वर्ष-2015 में इसकी टेस्टिंग शुरू की गई। 2 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए योजना में 2 फेज में काम हुआ था। पहले फेज में 393 करोड़ रुपए से पाइप लाइन डालने का काम हुआ। इसके तहत गंगा बैराज में 20-20 करोड़ लीटर पानी की क्षमता के 2 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बने। सप्लाई के लिए 1800, 1600 और 1400 एमएम के पाइप डाले गए। टेस्टिंग में ही 30 जगह फूटे थे पाइप
योजना में कंपनीबाग से फूलबाग तक और कंपनीबाग से बारादेवी चौराहा तक पाइप लाइन डाली गई थी। मई 2015 में इन लाइनों की टेस्टिंग शुरू की गई। टेस्टिंग के पहले दिन ही 30 जगहों पर लीकेज होने लगी। पानी की मोटी धारा निकलने लगी। इसके बाद से ही योजना की जांच चल रही है। लीकेज से 10 लाख आबादी है परेशान
बता दें कि 3 दिन पहले सर्वोदय नगर में इस लाइन के लीकेज हो गया। जिससे 10 लाख आबादी को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। 17 जुलाई को पानी आपूर्ति शुरू हो सकती है। बीते 9 साल में इस लाइन में 900 से ज्यादा लीकेज हो चुके हैं। इन्हें बनाने में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च हो चुकी है। कानपुर में JNNURM के तहत बिछाई गई पाइप लाइन में आए दिन होने वाले लीकेज से जल्द कानपुरवासियों को मुक्ति मिल जाएगी। 10 किमी. पाइप लाइन को बदलकर नई मजबूत पाइपलाइन बिछाई जाएगी। कंपनीबाग के पास खुदाई कर ट्रायल भी किया गया। पाइप लाइन बिछाने के दौरान बैराज से जलापूर्ति बाधित नहीं होगी। पाइप लाइन बदलने की समय सीमा 1 साल तय की गई है। पुरानी पाइप लाइन को बदला जाएगा
जेएनएनयूआरएम के तहत मौजूदा पाइप लाइन जीआरपी की है जो अक्सर फटती रहती है। लीकेज होने पर अक्सर बैराज से प्लांट बंद करना पड़ता है। अब एमएस शॉ की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसकी खासियत यह है कि लीकेज नहीं होगा। पाइप लाइन का नेटवर्क 1400 एमएम से लेकर 1800 एमएम व्यास तक का होगा। आपूर्ति नहीं होगी प्रभावित
जल निगम नगरीय के अधिशाषी अभियंता प्रवीण यादव ने बताया कि नई पाइप लाइन बिछाने के काम के दौरान जलापूर्ति प्रभावित नहीं होगी। नई पाइप लाइन बिछने के बाद पुरानी से आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। 40 लाख आबादी तक पहुंचेगा पानी
नई पाइप लाइन के पड़ने से दोहरा फायदा होगा। पहला कि आए दिन होने वाले लीकेज से छुटकारा मिल जाएगा। दूसरा पूरी क्षमता से पानी सप्लाई होगा तो 10 की बजाय 40 लाख आबादी को पानी मिल सकेगा। मौजूदा पाइप लाइन में पानी के प्रेशर को आधे से भी कम रखा जाता है, जिससे 10 लाख आबादी तक ही पानी सप्लाई हो पाता है। पुरानी पाइप लाइन को निकाला नहीं जाएगा
पुरानी पाइप को निकाला नहीं जाएगा बल्कि मिट्टी में ही दबा दिया जाएगा। बताते चले कि पुरानी पाइप लाइन के भ्रष्टाचार में जल निगम के दो दर्जन से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी भी ब्लैकलिस्टेड की जा चुकी है। पहले 14 किमी में बिछाई जानी थी लाइन
बता दें कि जल निगम ने पहले 14 किलोमीटर तक समानांतर पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा था मगर मेट्रो ने अपने निर्माण क्षेत्र में चार किलोमीटर तक की पाइप लाइन बिछा दी है। अब कंपनीबाग से फूलबाग, कंपनी बाग से वाया रावतपुर (देवकी टॉकीज) दादा नगर होते हुए बारादेवी तक 10 किलोमीटर की नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी। 132 करोड़ रुपए होंगे खर्च
इसमें 132 करोड़ रुपए खर्च होंगे। छह फरवरी से नई पाइप बिछाने के कार्य का शुभारंभ कराया जाएगा। तीन कार्यदायी संस्थाओं को वर्क ऑर्डर दे दिया गया है। इस परियोजना से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी थी पूरी योजना
नई पाइप लाइन बिछाने की जरूरत इसलिए भी पड़ी कि पुरानी योजना पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। बता दें कि JNNURM (जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन योजना) के तहत लोगों को शुद्ध पीने का पानी मिले, इसके लिए 15 किलोमीटर की पाइप लाइन डाली गई। वर्ष-2009 में इसका काम पूरा हुआ और वर्ष-2015 में इसकी टेस्टिंग शुरू की गई। 2 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए योजना में 2 फेज में काम हुआ था। पहले फेज में 393 करोड़ रुपए से पाइप लाइन डालने का काम हुआ। इसके तहत गंगा बैराज में 20-20 करोड़ लीटर पानी की क्षमता के 2 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बने। सप्लाई के लिए 1800, 1600 और 1400 एमएम के पाइप डाले गए। टेस्टिंग में ही 30 जगह फूटे थे पाइप
योजना में कंपनीबाग से फूलबाग तक और कंपनीबाग से बारादेवी चौराहा तक पाइप लाइन डाली गई थी। मई 2015 में इन लाइनों की टेस्टिंग शुरू की गई। टेस्टिंग के पहले दिन ही 30 जगहों पर लीकेज होने लगी। पानी की मोटी धारा निकलने लगी। इसके बाद से ही योजना की जांच चल रही है। लीकेज से 10 लाख आबादी है परेशान
बता दें कि 3 दिन पहले सर्वोदय नगर में इस लाइन के लीकेज हो गया। जिससे 10 लाख आबादी को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। 17 जुलाई को पानी आपूर्ति शुरू हो सकती है। बीते 9 साल में इस लाइन में 900 से ज्यादा लीकेज हो चुके हैं। इन्हें बनाने में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च हो चुकी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर