200 से ज्यादा बच्चों ने सीखे पढ़ाई के आसान तरीके, डांस और फन गेम्स में भी लिया हिस्सा

200 से ज्यादा बच्चों ने सीखे पढ़ाई के आसान तरीके, डांस और फन गेम्स में भी लिया हिस्सा

भास्कर न्यूज | जालंधर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नूरमहल आश्रम में 13-16 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए समर वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें 200 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। कैंप में बच्चों को डांस, फन गेम्स समेत तमाम गतिविधियां कराईं गईं। इसके साथ ही उनको सरल माध्यम से पढ़ाई करने के कई तरीके भी बताए गए। वर्कशॉप के पहले दिन साध्वी राजविंदर भारती ने बताया कि अधिकतर विद्यार्थी पढ़ाई को मुश्किल मानते हैं। उन्हें पढ़ाई करना बोरिंग लगता है। इसका सबसे बड़ा कारण है उन्हें सही ढंग से पढ़ाई करने के तरीके का पता न होना। वो पढ़ाई में विषयों को रट्टा लगाते हैं उन्हें समझकर नहीं पढ़ते। उन्होंने कहा कि अगर पढ़ाई विजुलाइजेशन, क्रिएटिविटी और प्रैक्टिकल के जरिए कराई जाए तो इससे बच्चों को अधिक आसानी होगी। वहीं साध्वी मनेन्द्रा भारती ने बच्चों को व्यक्तित्व शाला के प्रति प्रशिक्षित करते हुए जीवन के श्रेष्ठ मंत्र बताए। उन्होंने उन्होंने एक्टिविटी के माध्यम से बच्चों को उचित और अनुचित की पहचान करवाते हुए अश्लीलता, बुराई, झूठ, मोबाइल के गलत उपयोग इत्यादि से दूर रहकर श्रेष्ठ आचरण जीने का मंत्र सिखाया। साध्वी ने कहा कि अपनी गलतियों को हमेशा स्वीकार करते हुए, जहां से भी आपको कुछ अच्छा सीखने को मिले उसके लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। बच्चों को हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। क्योंकि सबसे पहले आपका परिवार ही आता है जहां आपकी कमजोरी ताकत में परिवर्तित हो सकती है। क्योंकि आज के आधुनिक युग मे बच्चे मोबाइल पर गेम्स खेल कर, वीडियो देखकर अपने घंटों बर्बाद कर देते हैं। इसके कारण बच्चे बहुत चिड़चड़े होते जा रहे हैं। उन्होंने बताया की ऐसी बुरी आदतों का क्षणिक आनंद आप के पूरे जीवन को बर्बाद कर सकती है। इसलिए इस उम्र में कुछ अच्छा ग्रहण करने में थोड़ी मेहनत जरूर लगेगी किन्तु आपका पूरा जीवन आनंद भरपूर हो जाएगा। भास्कर न्यूज | जालंधर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नूरमहल आश्रम में 13-16 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए समर वर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें 200 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। कैंप में बच्चों को डांस, फन गेम्स समेत तमाम गतिविधियां कराईं गईं। इसके साथ ही उनको सरल माध्यम से पढ़ाई करने के कई तरीके भी बताए गए। वर्कशॉप के पहले दिन साध्वी राजविंदर भारती ने बताया कि अधिकतर विद्यार्थी पढ़ाई को मुश्किल मानते हैं। उन्हें पढ़ाई करना बोरिंग लगता है। इसका सबसे बड़ा कारण है उन्हें सही ढंग से पढ़ाई करने के तरीके का पता न होना। वो पढ़ाई में विषयों को रट्टा लगाते हैं उन्हें समझकर नहीं पढ़ते। उन्होंने कहा कि अगर पढ़ाई विजुलाइजेशन, क्रिएटिविटी और प्रैक्टिकल के जरिए कराई जाए तो इससे बच्चों को अधिक आसानी होगी। वहीं साध्वी मनेन्द्रा भारती ने बच्चों को व्यक्तित्व शाला के प्रति प्रशिक्षित करते हुए जीवन के श्रेष्ठ मंत्र बताए। उन्होंने उन्होंने एक्टिविटी के माध्यम से बच्चों को उचित और अनुचित की पहचान करवाते हुए अश्लीलता, बुराई, झूठ, मोबाइल के गलत उपयोग इत्यादि से दूर रहकर श्रेष्ठ आचरण जीने का मंत्र सिखाया। साध्वी ने कहा कि अपनी गलतियों को हमेशा स्वीकार करते हुए, जहां से भी आपको कुछ अच्छा सीखने को मिले उसके लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। बच्चों को हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। क्योंकि सबसे पहले आपका परिवार ही आता है जहां आपकी कमजोरी ताकत में परिवर्तित हो सकती है। क्योंकि आज के आधुनिक युग मे बच्चे मोबाइल पर गेम्स खेल कर, वीडियो देखकर अपने घंटों बर्बाद कर देते हैं। इसके कारण बच्चे बहुत चिड़चड़े होते जा रहे हैं। उन्होंने बताया की ऐसी बुरी आदतों का क्षणिक आनंद आप के पूरे जीवन को बर्बाद कर सकती है। इसलिए इस उम्र में कुछ अच्छा ग्रहण करने में थोड़ी मेहनत जरूर लगेगी किन्तु आपका पूरा जीवन आनंद भरपूर हो जाएगा।   पंजाब | दैनिक भास्कर