यूपी में योगी सरकार ने 1 करोड़ युवाओं को 2027 तक रोजगार देने का टारगेट तय किया है। इसे लिए निवेश पर फोकस किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में यह बात निकलकर आई है कि बेरोजगारी मुद्दा बना। यह आने वाले विधानसभा चुनाव में मुद्दा न बने, इस पर भाजपा सरकार काम कर रही है। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2027-28 तक यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश में बड़े स्तर पर निवेश की आवश्यकता है। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के स्तर पर बैठक हो चुकी है। इसमें यूपी में 2027 तक 105 से 120 लाख करोड़ रुपए निवेश लाने का लक्ष्य रखा गया है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारी का कहना कि निवेश का लक्ष्य पूरा हुआ तो यूपी में एक करोड़ युवाओं को सीधे तौर पर कंपनियों और उद्योगों में रोजगार मिलेगा। वहीं, इतनी ही संख्या में परोक्ष रूप से भी लोगों को रोजगार मिलेगा। नौकरी पर फोकस क्यों हो रही है सरकार
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यूपी में हार की सामूहिक जिम्मेदारी योगी सरकार और भाजपा दोनों पर आई। सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में दो लाख सरकारी नौकरी देने की तैयारी कर रही है। लेकिन सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। ऐसे में निवेश लाकर औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना ही रोजगार देने का एक मात्र जरिया है। ऐसे समझिए क्यों है आवश्यकता
वित्तीय वर्ष 2023-24 में यूपी की जीडीपी 22.6 लाख करोड़ रुपए थी। सरकार ने यूपी की अर्थव्यवस्था को 2027-28 तक वन ट्रिलियन डॉलर करने का टारगेट रखा है। लिहाजा सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 28 प्रतिशत के साथ जीपीडी भी 78.8 लाख करोड़ होनी चाहिए। इसके लए 105 से 120 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी। दो लाख एकड़ भूमि की आवश्यकता
प्रदेश में 2027 तक बड़े पैमाने पर निवेश लाने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है जमीन। सरकार ने 2 लाख एकड़ जमीन औद्योगिक विकास के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा है। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी की एसीआर भी तय होगी
शासन के ऐसा सामने आ रहा था कि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है। निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने, उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। ऐसे में शासन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब जिलाधिकारियों और मंडलायुक्त की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टी (एसीआर) में निवेश और क्रेडिट डिपोजिट रेश्यो को भी शामिल किया है। जानकारों का मानना है कि एसीआर खराब होने के डर से ना केवल जिलाधिकारी और मंडलायुक्त अधिक से अधिक निवेश प्रस्ताव क्रियान्वित करेंगे बल्कि जिले में निवेश लाने का प्रयास भी करेंगे। एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और होगी
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारी ने संभावना जताई कि सरकार निवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2026 तक एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन और कर सकती है। विभाग का मानना है कि 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 38 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश परियोजनाएं शुरू हो गईं है। छह सेक्टर जिनमें आएगा निवेश
प्रदेश सरकार ने निवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए छह प्रमुख सेक्टर चुने है। इनमें सेमीकंडक्टर,इंडस्ट्रियल पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम), ड्रोन, ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिगं और फूड प्रोसेसिंग। इन सेक्टर से जुड़े युवाओं को यूपी में ही बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। ये भी पढ़ें: यूपी उपचुनाव में 7 सीटों पर NDA मजबूत:अखिलेश और इरफान की सीट पर कांटे की टक्कर; कटेहरी-कुंदरकी में बदल रहे समीकरण यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग है। इन सीटों पर चुनावी तस्वीर हर दिन बदल रही है। भाजपा-सपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। उपचुनाव को 2027 विधानसभा चुनाव का टेस्ट माना जा रहा है। लोकसभा के रिजल्ट के बाद सपा अपना मोमेंटम बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रही है…(पढ़ें पूरी खबर) यूपी में योगी सरकार ने 1 करोड़ युवाओं को 2027 तक रोजगार देने का टारगेट तय किया है। इसे लिए निवेश पर फोकस किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में यह बात निकलकर आई है कि बेरोजगारी मुद्दा बना। यह आने वाले विधानसभा चुनाव में मुद्दा न बने, इस पर भाजपा सरकार काम कर रही है। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2027-28 तक यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश में बड़े स्तर पर निवेश की आवश्यकता है। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के स्तर पर बैठक हो चुकी है। इसमें यूपी में 2027 तक 105 से 120 लाख करोड़ रुपए निवेश लाने का लक्ष्य रखा गया है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारी का कहना कि निवेश का लक्ष्य पूरा हुआ तो यूपी में एक करोड़ युवाओं को सीधे तौर पर कंपनियों और उद्योगों में रोजगार मिलेगा। वहीं, इतनी ही संख्या में परोक्ष रूप से भी लोगों को रोजगार मिलेगा। नौकरी पर फोकस क्यों हो रही है सरकार
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यूपी में हार की सामूहिक जिम्मेदारी योगी सरकार और भाजपा दोनों पर आई। सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में दो लाख सरकारी नौकरी देने की तैयारी कर रही है। लेकिन सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। ऐसे में निवेश लाकर औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना ही रोजगार देने का एक मात्र जरिया है। ऐसे समझिए क्यों है आवश्यकता
वित्तीय वर्ष 2023-24 में यूपी की जीडीपी 22.6 लाख करोड़ रुपए थी। सरकार ने यूपी की अर्थव्यवस्था को 2027-28 तक वन ट्रिलियन डॉलर करने का टारगेट रखा है। लिहाजा सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 28 प्रतिशत के साथ जीपीडी भी 78.8 लाख करोड़ होनी चाहिए। इसके लए 105 से 120 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी। दो लाख एकड़ भूमि की आवश्यकता
प्रदेश में 2027 तक बड़े पैमाने पर निवेश लाने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है जमीन। सरकार ने 2 लाख एकड़ जमीन औद्योगिक विकास के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा है। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी की एसीआर भी तय होगी
शासन के ऐसा सामने आ रहा था कि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है। निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने, उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। ऐसे में शासन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब जिलाधिकारियों और मंडलायुक्त की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टी (एसीआर) में निवेश और क्रेडिट डिपोजिट रेश्यो को भी शामिल किया है। जानकारों का मानना है कि एसीआर खराब होने के डर से ना केवल जिलाधिकारी और मंडलायुक्त अधिक से अधिक निवेश प्रस्ताव क्रियान्वित करेंगे बल्कि जिले में निवेश लाने का प्रयास भी करेंगे। एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और होगी
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारी ने संभावना जताई कि सरकार निवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2026 तक एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन और कर सकती है। विभाग का मानना है कि 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 38 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश परियोजनाएं शुरू हो गईं है। छह सेक्टर जिनमें आएगा निवेश
प्रदेश सरकार ने निवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए छह प्रमुख सेक्टर चुने है। इनमें सेमीकंडक्टर,इंडस्ट्रियल पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम), ड्रोन, ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिगं और फूड प्रोसेसिंग। इन सेक्टर से जुड़े युवाओं को यूपी में ही बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। ये भी पढ़ें: यूपी उपचुनाव में 7 सीटों पर NDA मजबूत:अखिलेश और इरफान की सीट पर कांटे की टक्कर; कटेहरी-कुंदरकी में बदल रहे समीकरण यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग है। इन सीटों पर चुनावी तस्वीर हर दिन बदल रही है। भाजपा-सपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। उपचुनाव को 2027 विधानसभा चुनाव का टेस्ट माना जा रहा है। लोकसभा के रिजल्ट के बाद सपा अपना मोमेंटम बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रही है…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर