मुझे सम्मान चाहिए, जो अब मिल रहा है। उस घर में वापस जाकर मुझे पहले से बदतर जिंदगी जीनी पड़ेगी। इसलिए अब मैं वापस नहीं जाना चाहती हूं। पिछले तीन महीने से मैं वहां प्रताड़ना झेल रही थी। बात-बात पर मेरे साथ बदसलूकी की जाती थी। राहुल से बातचीत करने पर ताने दिए जा रहे थे। यह सब बर्दाश्त नहीं होता था, इसीलिए घर छोड़ दिया। अब वहां नहीं जाना। ये कहना है अपना देवी उर्फ अनीता का, जिनकी शुक्रवार रात 4 घंटे तक काउंसिलिंग चली। अधिकारी लगातार उसे समझाते रहे, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी। अंत में पुलिस ने उसे छोड़ दिया। वह राहुल के साथ कहीं निकल गई है। कहां जा रही है, यह किसी को नहीं बताया। काउंसिलिंग में अनीता ने अधिकारियों से क्या कुछ बताया, पढ़िए रिपोर्ट… मैंने चोरी नहीं की, सिर्फ 200 रुपए लेकर निकली
अनीता के पति जितेंद्र ने उस पर आरोप लगाए थे कि वह घर से 3.5 लाख नकद और 5 लाख के जेवर लेकर भागी है। लेकिन, काउंसलिंग के दौरान अनीता ने पुलिस अधिकारियों से बताया कि उसके ऊपर लगा चोरी का आरोप झूठा है। वह घर से सिर्फ 200 रुपए लेकर निकली थी। फिर राहुल के साथ चली गई। 20 साल से ख्वाहिशों को मारकर जी रही थी
अनीता ने बताया कि वह पिछले 20 सालों से अपनी ख्वाहिशों को मारकर जी रही थी। घर में परिवार वालों के ताने सुनने पड़ते थे। दूसरों के हिसाब से जीना पड़ता था। बच्चों को बड़ा करते-करते अपनी सारी ख्वाहिशें को मार दिया। अब मैं अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीऊंगी। राहुल के साथ खुश रहूंगी। राहुल मेरी भावनाओं को अच्छे से समझता है
राहुल मेरी भावनाओं को अच्छी तरह से समझता है। उसका सम्मान करता है। मैं उसके साथ हमेशा खुश रहेगी। उसने राहुल के साथ 9 दिन बिताए, जिसमें वह राहुल को अच्छी तरह से जान गई है। वह उसके साथ अपना सारा जीवन खुशी के साथ बिता सकती है। बच्चे अपने पिता और परिवार के साथ खुश रहेंगे
काउंसलिंग के दौरान जब अधिकारियों ने अनीता से उसके बच्चों के बारे में कहा तो उसने कहा कि बच्चे अपने पिता और परिवार के साथ खुश रहेंगे। अब वह अपने नए जीवन की शुरुआत करने जा रही है। अनीता को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया था। गुरुवार की सारी रात वह महिला केंद्र में ही रही। यहां घरेलू विवाद में आने वाली महिलाओं को रखा जाता है। उनकी काउंसलिंग होती है। सेंटर के कर्मचारियों ने बताया कि अनीता सारी रात अन्य महिलाओं से दूर ही रही। वह किसी से बात नहीं कर रही थी। 3 दिन बाद भी नहीं मानी तो पुलिस ने छोड़ा
अनीता 16 अप्रैल को दादों थाने पहुंची। उसे अरेस्ट किया गया। उसके बाद दोनों की काउंसिलिंग की गई। अनीता का पति भी उसे ले जाने को तैयार था लेकिन अनीता घर जाने को तैयार नहीं हुई। शुक्रवार को दोबारा उसकी काउंसलिंग कराई गई। लेकिन, वह नहीं मानी, इसलिए पुलिस ने उसे छोड़ दिया। परिवार के साथ पहुंचे थे गांव के लोग
राहुल और अनीता के सरेंडर करने के बाद मडराक थाने में ही गुरुवार को उसके परिवार के लोगों को बुलाया गया था। अनीता का पति जितेंद्र जब थाने पहुंचा तो उसके साथ गांव के लोग भी पहुंचे थे। यहां लोगों ने अनीता को समझाने की कोशिश की थी। थाने के ही मीटिंग हॉल में गुरुवार को करीब 7 घंटे तक पंचायत हुई थी। अनीता का पति बोला कि वह अपनी पत्नी की गलतियों को माफ करने के लिए तैयार है। वह अपने बच्चों के लिए उसे घर ले जाएगा। पहले की तरह ही साथ रखेगा। लेकिन, अनीता ने घर जाने से मना कर दिया। शाम 7-8 बजे तक थाने में यह समझौता चलता रहा। अब जानिए पूरा मामला…
मडराक के गांव मनोहरपुर कायस्थ निवासी जितेंद्र कुमार की बेटी शिवानी की शादी दादों के गांव नगला मछरिया निवासी ओमवीर के बेटे राहुल से तय हुई थी। गोद भराई की रस्म हो चुकी थी। 16 अप्रैल को बारात आनी थी। दोनों तरफ शादी के कार्ड बंट रहे थे। रिश्तेदार भी आने शुरू हो गए थे। लेकिन, इससे 9 दिन पहले ही 6 अप्रैल को राहुल अपनी होने वाली सास अपना देवी उर्फ अनीता को लेकर फरार हो गया। दोनों परिवारों ने थाने में शिकायत देकर गुमशुदगी दर्ज कराई। दोनों दिल्ली, बिहार, नेपाल तक घूमते रहे। इसके बाद 16 अप्रैल को इन्होंने दादों थाने में आकर सरेंडर कर दिया। अनीता ने अपनी मर्जी से राहुल के साथ जाने की बात कबूल की। ———————————- ये खबर भी पढ़ें :- अलीगढ़ में सास बोली- दामाद के साथ ही रहूंगी, 7 साल का बच्चा बोला- मां घर चलो “मैं होने वाले दामाद राहुल के साथ ही रहना चाहती हूं, क्योंकि पति मेरे साथ मारपीट करते हैं। मुझे प्रताड़ित करते हैं। मुझे पति के पास नहीं जाना (रोते हुए) है। अब जब तक जिंदा रहूंगी राहुल के साथ ही रहूंगी” पढ़ें पूरी खबर मुझे सम्मान चाहिए, जो अब मिल रहा है। उस घर में वापस जाकर मुझे पहले से बदतर जिंदगी जीनी पड़ेगी। इसलिए अब मैं वापस नहीं जाना चाहती हूं। पिछले तीन महीने से मैं वहां प्रताड़ना झेल रही थी। बात-बात पर मेरे साथ बदसलूकी की जाती थी। राहुल से बातचीत करने पर ताने दिए जा रहे थे। यह सब बर्दाश्त नहीं होता था, इसीलिए घर छोड़ दिया। अब वहां नहीं जाना। ये कहना है अपना देवी उर्फ अनीता का, जिनकी शुक्रवार रात 4 घंटे तक काउंसिलिंग चली। अधिकारी लगातार उसे समझाते रहे, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी। अंत में पुलिस ने उसे छोड़ दिया। वह राहुल के साथ कहीं निकल गई है। कहां जा रही है, यह किसी को नहीं बताया। काउंसिलिंग में अनीता ने अधिकारियों से क्या कुछ बताया, पढ़िए रिपोर्ट… मैंने चोरी नहीं की, सिर्फ 200 रुपए लेकर निकली
अनीता के पति जितेंद्र ने उस पर आरोप लगाए थे कि वह घर से 3.5 लाख नकद और 5 लाख के जेवर लेकर भागी है। लेकिन, काउंसलिंग के दौरान अनीता ने पुलिस अधिकारियों से बताया कि उसके ऊपर लगा चोरी का आरोप झूठा है। वह घर से सिर्फ 200 रुपए लेकर निकली थी। फिर राहुल के साथ चली गई। 20 साल से ख्वाहिशों को मारकर जी रही थी
अनीता ने बताया कि वह पिछले 20 सालों से अपनी ख्वाहिशों को मारकर जी रही थी। घर में परिवार वालों के ताने सुनने पड़ते थे। दूसरों के हिसाब से जीना पड़ता था। बच्चों को बड़ा करते-करते अपनी सारी ख्वाहिशें को मार दिया। अब मैं अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीऊंगी। राहुल के साथ खुश रहूंगी। राहुल मेरी भावनाओं को अच्छे से समझता है
राहुल मेरी भावनाओं को अच्छी तरह से समझता है। उसका सम्मान करता है। मैं उसके साथ हमेशा खुश रहेगी। उसने राहुल के साथ 9 दिन बिताए, जिसमें वह राहुल को अच्छी तरह से जान गई है। वह उसके साथ अपना सारा जीवन खुशी के साथ बिता सकती है। बच्चे अपने पिता और परिवार के साथ खुश रहेंगे
काउंसलिंग के दौरान जब अधिकारियों ने अनीता से उसके बच्चों के बारे में कहा तो उसने कहा कि बच्चे अपने पिता और परिवार के साथ खुश रहेंगे। अब वह अपने नए जीवन की शुरुआत करने जा रही है। अनीता को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया था। गुरुवार की सारी रात वह महिला केंद्र में ही रही। यहां घरेलू विवाद में आने वाली महिलाओं को रखा जाता है। उनकी काउंसलिंग होती है। सेंटर के कर्मचारियों ने बताया कि अनीता सारी रात अन्य महिलाओं से दूर ही रही। वह किसी से बात नहीं कर रही थी। 3 दिन बाद भी नहीं मानी तो पुलिस ने छोड़ा
अनीता 16 अप्रैल को दादों थाने पहुंची। उसे अरेस्ट किया गया। उसके बाद दोनों की काउंसिलिंग की गई। अनीता का पति भी उसे ले जाने को तैयार था लेकिन अनीता घर जाने को तैयार नहीं हुई। शुक्रवार को दोबारा उसकी काउंसलिंग कराई गई। लेकिन, वह नहीं मानी, इसलिए पुलिस ने उसे छोड़ दिया। परिवार के साथ पहुंचे थे गांव के लोग
राहुल और अनीता के सरेंडर करने के बाद मडराक थाने में ही गुरुवार को उसके परिवार के लोगों को बुलाया गया था। अनीता का पति जितेंद्र जब थाने पहुंचा तो उसके साथ गांव के लोग भी पहुंचे थे। यहां लोगों ने अनीता को समझाने की कोशिश की थी। थाने के ही मीटिंग हॉल में गुरुवार को करीब 7 घंटे तक पंचायत हुई थी। अनीता का पति बोला कि वह अपनी पत्नी की गलतियों को माफ करने के लिए तैयार है। वह अपने बच्चों के लिए उसे घर ले जाएगा। पहले की तरह ही साथ रखेगा। लेकिन, अनीता ने घर जाने से मना कर दिया। शाम 7-8 बजे तक थाने में यह समझौता चलता रहा। अब जानिए पूरा मामला…
मडराक के गांव मनोहरपुर कायस्थ निवासी जितेंद्र कुमार की बेटी शिवानी की शादी दादों के गांव नगला मछरिया निवासी ओमवीर के बेटे राहुल से तय हुई थी। गोद भराई की रस्म हो चुकी थी। 16 अप्रैल को बारात आनी थी। दोनों तरफ शादी के कार्ड बंट रहे थे। रिश्तेदार भी आने शुरू हो गए थे। लेकिन, इससे 9 दिन पहले ही 6 अप्रैल को राहुल अपनी होने वाली सास अपना देवी उर्फ अनीता को लेकर फरार हो गया। दोनों परिवारों ने थाने में शिकायत देकर गुमशुदगी दर्ज कराई। दोनों दिल्ली, बिहार, नेपाल तक घूमते रहे। इसके बाद 16 अप्रैल को इन्होंने दादों थाने में आकर सरेंडर कर दिया। अनीता ने अपनी मर्जी से राहुल के साथ जाने की बात कबूल की। ———————————- ये खबर भी पढ़ें :- अलीगढ़ में सास बोली- दामाद के साथ ही रहूंगी, 7 साल का बच्चा बोला- मां घर चलो “मैं होने वाले दामाद राहुल के साथ ही रहना चाहती हूं, क्योंकि पति मेरे साथ मारपीट करते हैं। मुझे प्रताड़ित करते हैं। मुझे पति के पास नहीं जाना (रोते हुए) है। अब जब तक जिंदा रहूंगी राहुल के साथ ही रहूंगी” पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
4 घंटे काउंसिलिंग के बाद भी नहीं मानी सास:मेरठ में कहा-मुझे सम्मान चाहिए, बदतर जिंदगी में वापस नहीं जाना; राहुल संग खुश रहूंगी
