हरियाणा में लव-मैरिज पर घमासान:2 गांवों में 7 दिनों से तनाव; एक ने दूसरे की सुविधाएं रोंकी, प्रेमी जोड़ा बोला- जान को खतरा

हरियाणा में लव-मैरिज पर घमासान:2 गांवों में 7 दिनों से तनाव; एक ने दूसरे की सुविधाएं रोंकी, प्रेमी जोड़ा बोला- जान को खतरा

पहले प्यार फिर शादी और अब तनाव के चलते जिंदगी का खतरा। हरियाणा के नारनौल में युवक-युवती की लव-मैरिज एक तरह से घमासान बन गई है। कानूनन लड़का-लड़की बालिग होने के साथ अपनी मर्जी से शादी कर चुके हैं, लेकिन दोनों के गांव साथ-साथ होने की वजह से सामाजिक तौर पर उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा। इस शादी से खफा लड़की के गांव के लोगों ने लड़के के गांव का एक तरह से बहिष्कार कर दिया है। दोनों गांव के बीच पिछले एक सप्ताह से तनाव बना हुआ हैं। एक गांव ने दूसरे गांव के ग्रामीणों की तमाम सुख-सुविधाओं पर ही ब्रेक लगा दिया है। 50 साल का भाईचारा एक तरह से खतरे में पड़ गया हैं। सामाजिक सौहार्द कायम करने के लिए दोनों तरफ से पंचायतें हो चुकी हैं, लेकिन समाधान के नाम पर कुछ नहीं हुआ। वहीं प्रेमी जोड़ा जान के खतरे के लिए सेफ हाउस में दिन गुजार रहा है। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. गांव के बस स्टैंड से प्यार की कहानी शुरू हुई
ग्रामीणों के मुताबिक बिगोपुर का लड़का नारनौल के किसी कोचिंग सेंटर में कोचिंग लेने के लिए जाता था। जबकि धोलेड़ा की करीब 24 वर्षीय लड़की नारनौल के कॉलेज में पढ़ाई करती थी। दोनों धोलेड़ा गांव के बस स्टैंड से रोजाना बस पकड़ते थे। तभी दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी और फिर ये नजदीकियां प्यार में बदल गईं। दोनों एक ही जाति (यादव) से संबंध रखते हैं, लेकिन दोनों के गांव साथ-साथ होने की वजह से उन्हें लगा कि परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं होंगे। इसलिए दोनों ने भागकर शादी करने का फैसला किया। दोनों घर से भागकर यूपी के गाजियाबाद पहुंचे। यहां 9 जून को दोनों ने पहले आर्य समाज मंदिर और फिर लोकल कोर्ट में लव मैरिज की। दोनों लड़का-लड़की एक दूसरे को पिछले 5 सालों से जानते थे। शादी का पता लगते ही भड़के ग्रामीण, बहिष्कार का ऐलान
दोनों के शादी करने की खबर जब गांव धोलेड़ा में पहुंची तो लड़की के परिजन खफा हो गए। प्रेमी जोड़ा इस बात से पहले से वाकिफ था। जिसके चलते दोनों शादी कर वापस 13 जून को नारनौल कोर्ट में सुरक्षा मांगने पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर दोनों को 7 दिन के लिए सेफ हाउस में रखने का आदेश दिया गया। वहीं इस बात का पता चलते ही लड़की के गांव धोलेड़ा खुर्द के ग्रामीणों ने उसी दिन 5 गांवों की पंचायत बुलाई और बिगोपुर गांव के ग्रामीणों का बहिष्कार करने का फरमान सुना दिया। चूंकि धोलेड़ा और बिगोपुर गांव की सीमा साथ लगती हुई है। दोनों गांव के बीच आधा किलोमीटर की दूरी है। बिगोपुर गांव की सुविधाओं पर रोक लगाई
दोनों गांव के बीच 50 साल से ज्यादा समय से भाईचारा है। बिगोपुर गांव और धोलेड़ा का बस स्टैंड, बैंक, मार्केट सब एक हैं। ये मार्केट, बैंक, बस स्टैंड गांव धोलेड़ा में बने हुए हैं। ऐसे में धोलेड़ा के ग्रामीणों द्वारा इन तमाम सुविधाओं पर एक तरह से रोक लगाने से बिगोपुर गांव के लोग परेशान हो गए। बिगोपुर गांव के ग्रामीणों की माने तो जब उनके गांव के लोग धोलेड़ा से बस पकड़ने या फिर बैंक में काम कराने के लिए जाने लगे तो उन्हें रोका जाने लगा। साथ ही धोलेड़ा में बिगोपुर के ग्रामीणों की करीब 10 दुकानें है, जिन्हें 9 जून के बाद से ही बंद कराया हुआ है। उन्हें दुकानें तक खोलने नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं धोलेड़ा से अगर कोई बिगोपुर का स्टूडेंट बस पकड़ने के लिए पहुंचे तो उसे बस में ही सवार नहीं होने दिया जा रहा। धोलेड़ा के ग्रामीण मार्केट में धरना लगाकर बैठे
दोनों तरफ से तनाव होने की सूरत में 17 जून को बिगोपुर गांव की तरफ से आसपास के 31 गांवों की पंचायत बुलाई गई। जिसमें निर्णय लिया गया कि दोनों गांवों के 7-7 लोगों को शामिल कर इस पूरे मामले को सुलझाया जाएगा, लेकिन धोलेड़ा के ग्रामीण 13 जून से ही अपने गांव की मार्केट के बाहर धरना लगाकर बैठे हुए हैं। उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि लड़की को वापस उसके परिजनों के पास भेजा जाएगा। लड़की ने जान को खतरा बताया, सेफ हाउस में रह रहे
वहीं दूसरी तरफ जब लड़की को दोबारा से कोर्ट में पेश किया गया तो उसने खुद की जान को खतरा बताते हुए तीन लोगों पर आरोप भी लगाया। जिसके बाद लड़की और लड़के को फिर से 20 दिन के लिए सेफ हाउस में भेज दिया गया है। बुधवार को परेशान होकर बिगोपुर के ग्रामीण नारनौल में एसपी अर्श वर्मा से भी मिले और बताया कि शादी लड़का-लड़की ने की है और सामाजिक सौहार्द पूरे गांव का बिगाड़ा जा रहा है। इस पर एसपी ने 3 दिन के अंदर पूरे मामले का समाधान कराने का आश्वासन दिया। पहले प्यार फिर शादी और अब तनाव के चलते जिंदगी का खतरा। हरियाणा के नारनौल में युवक-युवती की लव-मैरिज एक तरह से घमासान बन गई है। कानूनन लड़का-लड़की बालिग होने के साथ अपनी मर्जी से शादी कर चुके हैं, लेकिन दोनों के गांव साथ-साथ होने की वजह से सामाजिक तौर पर उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा। इस शादी से खफा लड़की के गांव के लोगों ने लड़के के गांव का एक तरह से बहिष्कार कर दिया है। दोनों गांव के बीच पिछले एक सप्ताह से तनाव बना हुआ हैं। एक गांव ने दूसरे गांव के ग्रामीणों की तमाम सुख-सुविधाओं पर ही ब्रेक लगा दिया है। 50 साल का भाईचारा एक तरह से खतरे में पड़ गया हैं। सामाजिक सौहार्द कायम करने के लिए दोनों तरफ से पंचायतें हो चुकी हैं, लेकिन समाधान के नाम पर कुछ नहीं हुआ। वहीं प्रेमी जोड़ा जान के खतरे के लिए सेफ हाउस में दिन गुजार रहा है। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. गांव के बस स्टैंड से प्यार की कहानी शुरू हुई
ग्रामीणों के मुताबिक बिगोपुर का लड़का नारनौल के किसी कोचिंग सेंटर में कोचिंग लेने के लिए जाता था। जबकि धोलेड़ा की करीब 24 वर्षीय लड़की नारनौल के कॉलेज में पढ़ाई करती थी। दोनों धोलेड़ा गांव के बस स्टैंड से रोजाना बस पकड़ते थे। तभी दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी और फिर ये नजदीकियां प्यार में बदल गईं। दोनों एक ही जाति (यादव) से संबंध रखते हैं, लेकिन दोनों के गांव साथ-साथ होने की वजह से उन्हें लगा कि परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं होंगे। इसलिए दोनों ने भागकर शादी करने का फैसला किया। दोनों घर से भागकर यूपी के गाजियाबाद पहुंचे। यहां 9 जून को दोनों ने पहले आर्य समाज मंदिर और फिर लोकल कोर्ट में लव मैरिज की। दोनों लड़का-लड़की एक दूसरे को पिछले 5 सालों से जानते थे। शादी का पता लगते ही भड़के ग्रामीण, बहिष्कार का ऐलान
दोनों के शादी करने की खबर जब गांव धोलेड़ा में पहुंची तो लड़की के परिजन खफा हो गए। प्रेमी जोड़ा इस बात से पहले से वाकिफ था। जिसके चलते दोनों शादी कर वापस 13 जून को नारनौल कोर्ट में सुरक्षा मांगने पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर दोनों को 7 दिन के लिए सेफ हाउस में रखने का आदेश दिया गया। वहीं इस बात का पता चलते ही लड़की के गांव धोलेड़ा खुर्द के ग्रामीणों ने उसी दिन 5 गांवों की पंचायत बुलाई और बिगोपुर गांव के ग्रामीणों का बहिष्कार करने का फरमान सुना दिया। चूंकि धोलेड़ा और बिगोपुर गांव की सीमा साथ लगती हुई है। दोनों गांव के बीच आधा किलोमीटर की दूरी है। बिगोपुर गांव की सुविधाओं पर रोक लगाई
दोनों गांव के बीच 50 साल से ज्यादा समय से भाईचारा है। बिगोपुर गांव और धोलेड़ा का बस स्टैंड, बैंक, मार्केट सब एक हैं। ये मार्केट, बैंक, बस स्टैंड गांव धोलेड़ा में बने हुए हैं। ऐसे में धोलेड़ा के ग्रामीणों द्वारा इन तमाम सुविधाओं पर एक तरह से रोक लगाने से बिगोपुर गांव के लोग परेशान हो गए। बिगोपुर गांव के ग्रामीणों की माने तो जब उनके गांव के लोग धोलेड़ा से बस पकड़ने या फिर बैंक में काम कराने के लिए जाने लगे तो उन्हें रोका जाने लगा। साथ ही धोलेड़ा में बिगोपुर के ग्रामीणों की करीब 10 दुकानें है, जिन्हें 9 जून के बाद से ही बंद कराया हुआ है। उन्हें दुकानें तक खोलने नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं धोलेड़ा से अगर कोई बिगोपुर का स्टूडेंट बस पकड़ने के लिए पहुंचे तो उसे बस में ही सवार नहीं होने दिया जा रहा। धोलेड़ा के ग्रामीण मार्केट में धरना लगाकर बैठे
दोनों तरफ से तनाव होने की सूरत में 17 जून को बिगोपुर गांव की तरफ से आसपास के 31 गांवों की पंचायत बुलाई गई। जिसमें निर्णय लिया गया कि दोनों गांवों के 7-7 लोगों को शामिल कर इस पूरे मामले को सुलझाया जाएगा, लेकिन धोलेड़ा के ग्रामीण 13 जून से ही अपने गांव की मार्केट के बाहर धरना लगाकर बैठे हुए हैं। उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि लड़की को वापस उसके परिजनों के पास भेजा जाएगा। लड़की ने जान को खतरा बताया, सेफ हाउस में रह रहे
वहीं दूसरी तरफ जब लड़की को दोबारा से कोर्ट में पेश किया गया तो उसने खुद की जान को खतरा बताते हुए तीन लोगों पर आरोप भी लगाया। जिसके बाद लड़की और लड़के को फिर से 20 दिन के लिए सेफ हाउस में भेज दिया गया है। बुधवार को परेशान होकर बिगोपुर के ग्रामीण नारनौल में एसपी अर्श वर्मा से भी मिले और बताया कि शादी लड़का-लड़की ने की है और सामाजिक सौहार्द पूरे गांव का बिगाड़ा जा रहा है। इस पर एसपी ने 3 दिन के अंदर पूरे मामले का समाधान कराने का आश्वासन दिया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर