5 साल के बाहुबली महराज को याद है रामचरित मानस:योगी शिवतांडव सुनते रहे, संतों जैसे सुबह 4 बजे उठते, गुरुकुल जाते हैं

5 साल के बाहुबली महराज को याद है रामचरित मानस:योगी शिवतांडव सुनते रहे, संतों जैसे सुबह 4 बजे उठते, गुरुकुल जाते हैं

स्थान : श्रृंगवेरपुर धाम, तारीख : 2 अप्रैल। BJP का आयोजन था। मंच पर योगी आदित्यनाथ बैठे थे। एक 5 साल का बच्चा शिव तांडव स्त्रोत सुना रहा था। सब सांस बांधकर इस बच्चे को सुन रहे थे। करीब 10 मिनट तक बच्चा स्त्रोत सुनाता रहा। जिस तरह से योगी मुस्कुराते रहे, ऐसा लगा कि वह खुद भी बच्चे के फैन हो गए। उस बच्चे का नाम है, बाहुबली श्रीश महराज। सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद अचानक बाहुबली श्रीश महाराज सुर्खियों में आ गए। इतनी कम उम्र में उन्हें शिव तांडव स्त्रोत कैसे कंठस्थ था? उनका उच्चारण इतना साफ कैसे है? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम प्रयागराज से 40km दूर श्रृंगवेरपुर धाम पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए कौन है बाहुबली महराज
श्रृंगवेरपुर धाम प्रयागराज की वही जगह है, जहां श्रीराम अयोध्या से वनवास के लिए निकलने के बाद पहुंचे थे। यहां निषादराज की मदद से गंगा नदी पार की थी। यहीं पर बाहुबली श्रीश महाराज का जन्म हुआ। 5 साल के श्रीश पंडित अरुण द्विवेदी के इकलौते बेटे हैं। अरुण टीचिंग जॉब से जुड़े हैं। बेटे को रामचरित मानस पढ़वाने में मदद भी करते हैं। श्रीश की मां आराधना हाउसवाइफ हैं। जब श्रीश महराज को हमने पहली बार देखा, तो लगा कि रामलला अपने बाल स्वरूप में हमारे सामने आ गए। उनके माथे पर बड़ा सा तिलक, गले में माला, शरीर पर पीले वस्त्र और हाथों में धनुष था। पूछा- आप ऐसे कपड़ों में कैसे रह लेते हैं ? हमें जवाब मिला- मैं बिल्कुल राम की तरह जीना चाहता हूं। इसी लिए धनुष-बाण लेकर चलता हूं, मुझे उनके कपड़े भी अच्छे लगते हैं। फिर हमने श्रीश के पिता अरुण से बातचीत का सिलसिला शुरू किया। पिता अरुण द्विवेदी कहते हैं- 5 साल की उम्र में इसने रामचरित मानस, शिवतांडव समेत तमाम श्लोक कंठस्थ कर लिए हैं। कोई भी चीज एक या दो बार सुनता या पढ़ता है, तो इसे याद हो जाती है। इसकी मेमोरी बहुत तेज है। हमें भी अच्छा लगता है कि बेटा धर्म की चीजें सीख रहा है। आजकल के मोबाइल, कार्टून जैसे विषयों से दूर रहता है। अरुण द्विवेदी से हमने पूछा- शिक्षा-दीक्षा कैसे होती है? उन्होंने बताया- श्रीश को फिलहाल एक प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं। वह वहां UKG का स्टूडेंट है। अपने क्लास में भी श्रीश सबका बहुत प्यारा है। वहां टीचर उसे बड़े प्यार से बैठाते हैं। उससे पढ़ाई के साथ श्लोक भी सुनते रहते हैं। जब हमें लगा कि श्रीश की सनातन में रुचि बचपन से दिख रही है। तो हमने सनातन धर्म की पद्धति के अनुसार इनको गुरुकुल भी भेजना शुरू कर दिया। यहां पास में ही एक गुरुकुल है, जहां यह शास्त्रों का ज्ञान ले रहे हैं। वहां रामचरित मानस, शिव तांडव समेत कई शास्त्र सिखाए जाते हैं। श्रीश की याद करने क्षमता बहुत अच्छी है, इसलिए उसे रामायण कंठस्थ होती जा रही है। शिवतांडव एक फ्लो में सुना देता है। यहां कई और बच्चे भी आते हैं। ​​​आसपास कई गांव के लोग इन्हें अच्छी तरह से जानते हैं। यहां तक कि कई संत भी इनसे श्लोक और रामायण सुनने लगते हैं। संतों की तरह होती है दिनचर्या
अमूमन 5 साल की उम्र के बच्चे खेलने-कूदने में लगे रहते हैं। श्रीश बाहुबली जरा हटके हैं। हमने उनके पिता से श्रीश की दिनचर्या पूछी, तो एक छोटे बच्चे के अनुसार यह काफी चौंकाने वाली थी। हमें पता चला कि सुबह 4 बजे वह सोकर उठ जाते हैं। इसके बाद स्नान करते हैं। फिर प्रभु राम की पूजा-पाठ में लीन हो जाते हैं। दो घंटे तक रामचरित मानस का पाठ करने के बाद अपने स्कूल के लिए तैयार होते हैं। स्कूल से आने के बाद शास्त्रों की शिक्षा लेने के लिए अपने गुरु ज्योतिषाचार्य श्रीराम पद पीठ पीठाधीश्वर स्वामी श्रीराम प्रसाद दास महाराज के पास पहुंचते हैं। यहां शाम तक रहते हैं। इनका भोजन भी गुरुकुल में ही होता है। कई बार तो ये स्कूल भी नहीं जाते, सुबह से ही गुरुकुल निकल जाते हैं। हमने पूछा- टीवी तो देखते होंगे? पिता ने कहा- उन्हें मोबाइल पर गेम, रील्स देखना पसंद नहीं है। टीवी भी कम ही देखते हैं। घूमने वगैरह का भी कोई शौक नहीं है। योगी जी ने हमसे पूछा- क्या चाहिए आपको
हमने श्रीश महाराज से पूछा- आप करीब एक घंटे तक योगी आदित्यनाथ के साथ थे। वो आपसे बात करते भी दिखे। उन्होंने कहा- योगीजी ने हमसे पूछा कि क्या चाहिए आपको? तब हमने अपने लिए कुछ नहीं मांगा। हमने कहा कि योगीजी निषादराज धाम में एक श्रृंगि ऋषि का बड़ा पार्क बनवा दीजिए। उन्होंने आश्वासन भी दिया और मंच से इसकी घोषणा भी कर दी। जब योगीजी जाने लगे, तब मैंने उनसे कहा कि मुझे एक बार मोदीजी से मिलवा दीजिए। इस पर मुस्कुराते हुए योगीजी ने कहा था, जरूर मिलवाएंगे। ————————— यह खबर भी पढ़ें : योगी बोले- भूमाफिया को विदा किया, प्रयागराज में 5 साल के बच्चे ने शिव तांडव सुनाया, श्रीराम-निषादराज की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने यूपी से माफिया को विदा कर दिया। प्रयागराज अब इलाहाबाद नहीं पूरी तरह से प्रयागराज हो गया है। योगी ने वक्फ बिल के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। पढ़िए पूरी खबर… स्थान : श्रृंगवेरपुर धाम, तारीख : 2 अप्रैल। BJP का आयोजन था। मंच पर योगी आदित्यनाथ बैठे थे। एक 5 साल का बच्चा शिव तांडव स्त्रोत सुना रहा था। सब सांस बांधकर इस बच्चे को सुन रहे थे। करीब 10 मिनट तक बच्चा स्त्रोत सुनाता रहा। जिस तरह से योगी मुस्कुराते रहे, ऐसा लगा कि वह खुद भी बच्चे के फैन हो गए। उस बच्चे का नाम है, बाहुबली श्रीश महराज। सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद अचानक बाहुबली श्रीश महाराज सुर्खियों में आ गए। इतनी कम उम्र में उन्हें शिव तांडव स्त्रोत कैसे कंठस्थ था? उनका उच्चारण इतना साफ कैसे है? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम प्रयागराज से 40km दूर श्रृंगवेरपुर धाम पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए कौन है बाहुबली महराज
श्रृंगवेरपुर धाम प्रयागराज की वही जगह है, जहां श्रीराम अयोध्या से वनवास के लिए निकलने के बाद पहुंचे थे। यहां निषादराज की मदद से गंगा नदी पार की थी। यहीं पर बाहुबली श्रीश महाराज का जन्म हुआ। 5 साल के श्रीश पंडित अरुण द्विवेदी के इकलौते बेटे हैं। अरुण टीचिंग जॉब से जुड़े हैं। बेटे को रामचरित मानस पढ़वाने में मदद भी करते हैं। श्रीश की मां आराधना हाउसवाइफ हैं। जब श्रीश महराज को हमने पहली बार देखा, तो लगा कि रामलला अपने बाल स्वरूप में हमारे सामने आ गए। उनके माथे पर बड़ा सा तिलक, गले में माला, शरीर पर पीले वस्त्र और हाथों में धनुष था। पूछा- आप ऐसे कपड़ों में कैसे रह लेते हैं ? हमें जवाब मिला- मैं बिल्कुल राम की तरह जीना चाहता हूं। इसी लिए धनुष-बाण लेकर चलता हूं, मुझे उनके कपड़े भी अच्छे लगते हैं। फिर हमने श्रीश के पिता अरुण से बातचीत का सिलसिला शुरू किया। पिता अरुण द्विवेदी कहते हैं- 5 साल की उम्र में इसने रामचरित मानस, शिवतांडव समेत तमाम श्लोक कंठस्थ कर लिए हैं। कोई भी चीज एक या दो बार सुनता या पढ़ता है, तो इसे याद हो जाती है। इसकी मेमोरी बहुत तेज है। हमें भी अच्छा लगता है कि बेटा धर्म की चीजें सीख रहा है। आजकल के मोबाइल, कार्टून जैसे विषयों से दूर रहता है। अरुण द्विवेदी से हमने पूछा- शिक्षा-दीक्षा कैसे होती है? उन्होंने बताया- श्रीश को फिलहाल एक प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं। वह वहां UKG का स्टूडेंट है। अपने क्लास में भी श्रीश सबका बहुत प्यारा है। वहां टीचर उसे बड़े प्यार से बैठाते हैं। उससे पढ़ाई के साथ श्लोक भी सुनते रहते हैं। जब हमें लगा कि श्रीश की सनातन में रुचि बचपन से दिख रही है। तो हमने सनातन धर्म की पद्धति के अनुसार इनको गुरुकुल भी भेजना शुरू कर दिया। यहां पास में ही एक गुरुकुल है, जहां यह शास्त्रों का ज्ञान ले रहे हैं। वहां रामचरित मानस, शिव तांडव समेत कई शास्त्र सिखाए जाते हैं। श्रीश की याद करने क्षमता बहुत अच्छी है, इसलिए उसे रामायण कंठस्थ होती जा रही है। शिवतांडव एक फ्लो में सुना देता है। यहां कई और बच्चे भी आते हैं। ​​​आसपास कई गांव के लोग इन्हें अच्छी तरह से जानते हैं। यहां तक कि कई संत भी इनसे श्लोक और रामायण सुनने लगते हैं। संतों की तरह होती है दिनचर्या
अमूमन 5 साल की उम्र के बच्चे खेलने-कूदने में लगे रहते हैं। श्रीश बाहुबली जरा हटके हैं। हमने उनके पिता से श्रीश की दिनचर्या पूछी, तो एक छोटे बच्चे के अनुसार यह काफी चौंकाने वाली थी। हमें पता चला कि सुबह 4 बजे वह सोकर उठ जाते हैं। इसके बाद स्नान करते हैं। फिर प्रभु राम की पूजा-पाठ में लीन हो जाते हैं। दो घंटे तक रामचरित मानस का पाठ करने के बाद अपने स्कूल के लिए तैयार होते हैं। स्कूल से आने के बाद शास्त्रों की शिक्षा लेने के लिए अपने गुरु ज्योतिषाचार्य श्रीराम पद पीठ पीठाधीश्वर स्वामी श्रीराम प्रसाद दास महाराज के पास पहुंचते हैं। यहां शाम तक रहते हैं। इनका भोजन भी गुरुकुल में ही होता है। कई बार तो ये स्कूल भी नहीं जाते, सुबह से ही गुरुकुल निकल जाते हैं। हमने पूछा- टीवी तो देखते होंगे? पिता ने कहा- उन्हें मोबाइल पर गेम, रील्स देखना पसंद नहीं है। टीवी भी कम ही देखते हैं। घूमने वगैरह का भी कोई शौक नहीं है। योगी जी ने हमसे पूछा- क्या चाहिए आपको
हमने श्रीश महाराज से पूछा- आप करीब एक घंटे तक योगी आदित्यनाथ के साथ थे। वो आपसे बात करते भी दिखे। उन्होंने कहा- योगीजी ने हमसे पूछा कि क्या चाहिए आपको? तब हमने अपने लिए कुछ नहीं मांगा। हमने कहा कि योगीजी निषादराज धाम में एक श्रृंगि ऋषि का बड़ा पार्क बनवा दीजिए। उन्होंने आश्वासन भी दिया और मंच से इसकी घोषणा भी कर दी। जब योगीजी जाने लगे, तब मैंने उनसे कहा कि मुझे एक बार मोदीजी से मिलवा दीजिए। इस पर मुस्कुराते हुए योगीजी ने कहा था, जरूर मिलवाएंगे। ————————— यह खबर भी पढ़ें : योगी बोले- भूमाफिया को विदा किया, प्रयागराज में 5 साल के बच्चे ने शिव तांडव सुनाया, श्रीराम-निषादराज की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने यूपी से माफिया को विदा कर दिया। प्रयागराज अब इलाहाबाद नहीं पूरी तरह से प्रयागराज हो गया है। योगी ने वक्फ बिल के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर