6 बहनें छटपटाती रहीं, मैं देखता रहा:आगरा में भाई बोला-किसी को बचा न सका, एक साथ 4 बहनों का अंतिम संस्कार

6 बहनें छटपटाती रहीं, मैं देखता रहा:आगरा में भाई बोला-किसी को बचा न सका, एक साथ 4 बहनों का अंतिम संस्कार

मैं अपने भाई कृष्णा और दो अन्य दोस्तों के साथ यमुना नदी में नहा रहा था। थोड़ी देर में मेरी 6 बहनें भी आ गईं। वहीं पर सबने फोटो खींचे, वीडियो बनाए और सेल्फी ली। इसके बाद यमुना में उतर गईं। तभी अचानक सब डूबने लगीं। एक बहन का हाथ पकड़ा। तभी दो बहनों ने मेरा पैर पकड़ लिया। मैं भी फिसल गया। यमुना में आगे गहरा गड्‌ढा था। मैं भी उसमें गिरने लगा। तभी उनका हाथ छूट गया, फिर मैं भी निकल आया। वो सभी बचने के लिए छटपटा रही थीं। मैं बेबस होकर बस देखता रहा। यह बात मुस्कान के चचेरे भाई दीपेश ने कही। मंगलवार को आगरा के नगला नाथू स्वामी गांव में यमुना नदी में डूबने से 6 बहनों की मौत हो गई थी। इनमें सुरेश की 3 बेटियां उनके छोटे भाई की एक बेटी और उनके साली की दो बच्चियां थीं। दो घंटे रेस्क्यू के बाद 6 बहनों को निकाला गया। चार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। देर शाम सबका अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुरेश की बड़ी बेटी की हफ्ते भर पहले सगाई हुई थी। जिस घर में खुशी का माहौल था, आज मातम पसरा हुआ है। 3 तस्वीरें देखिए- पहले जानिए पूरा घटनाक्रम सिकंदरा के नगला स्वामी गांव में सुरेश- दिनेश सहित 8 भाइयों का परिवार रहता है। मंगलवार सुबह 10 बजे सुरेश की बेटियां मुस्कान (17), संध्या (15) और दिव्या (14) घर से 800 मीटर दूर यमुना नदी पर नहाने जा रही थीं। उनके साथ दिनेश की बेटी नैना (13) भी गई। साथ में आगरा की टेढ़ी बगिया की रहने वाली मौसी की भी दो बेटियां सोनम और शिवानी भी थीं। इन 6 बहनों से पहले इसी परिवार के 4 चचेरे भाई भी यमुना नदी के तट पर नहाने गए थे। 6 बहनें भी नहाने पहुंच गईं। नहाते हुए वीडियो बनाने लगीं। इसी बीच पैर फिसलने से गहरे पानी में बह गईं। चचेरा भाई बोला- हाथ का घेरा बनाकर सब डुबकी लगा रही थीं
मुस्कान के चचेरे भाई दीपेश ने बताया- हम अपने भाई कृष्णा और दो अन्य बच्चों के साथ यमुना में नहा रहे थे। हमारे घर से यमुना नजदीक है। खेतों में होते हुए हम नहाने पहुंचे थे। थोड़ी देर में मुस्कान, दिव्या, संध्या, नैना, सोनम और शिवानी भी आ गईं। मैंने इनसे पूछा कि यहां क्या कर रही हो तो वो बोलीं कि नहाने आए हैं। इसके बाद वो वहीं पर फोटो खींचने लगीं। सबने वीडियो बनाए। इसके बाद सब नहाने के लिए यमुना में उतर गईं। वो ज्यादा अंदर नहीं गई थीं। सब आपस में मस्ती कर रही थीं। एक-दूसरे का हाथ पकड़कर उन्होंने घेरा बना लिया था। सब एक साथ डुबकी लगा रही थीं। तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वो यमुना में बह गईं। बहनें छटपटाती रहीं, मैं बेबस देखता रहा
दीपेश ने बताया- बहनों की चीख सुनकर मैं उनकी ओर भागा। सब डूब रही थीं, मैंने एक बहन का हाथ पकड़ा। तभी दो बहनों ने मेरा पैर पकड़ लिया। मैं भी फिसल गया। यमुना में आगे गहरा गड्‌ढा था। मैं भी उसमें गिरने लगा। तभी उनका हाथ छूट गया, फिर मैं निकल आया। बहनों को बचाने के लिए मैंने शोर मचाया। फोन कर गांव में सूचना दी। वो सभी बचने के लिए छटपटा रही थीं। मैं बेबस होकर बस देखता रहा। 10 मिनट में गांव से लोग आ गए। फिर सभी लोग बहनों को तलाशने के लिए यमुना में उतरे। छोटा भाई बोला- मुझे तैरना नहीं आता था
जिस समय हादसा हुआ उस समय मुस्कान का चचेरा छोटा भाई कृष्णा भी उनके साथ था। वो भी साथ में नहा रहा था। वो बहनों की फोटो खींच रहा था। उसके पास मुस्कान का मोबाइल था। कृष्णा ने बताया कि देखते ही देखते सब डूबने लगीं। मैं किनारे पर खड़ा था। मुझे तैरना नहीं आता था, इसलिए अंदर नहीं जा पाया। मैंने शोर मचाकर लोगों को बुलाया। पानी बढ़ने से नदी किनारे कटान और गड्‌ढा हो गया था
लोगों ने बताया- आए दिन गांव के बच्चे यहां पर नहाते रहते हैं। जिस जगह पर हादसा हुआ है, वहां पर कुछ दिन पहले तक पानी नहीं था। यमुना में पानी बढ़ने पर किनारे पर कटान होने से गड्‌ढा हो गया। नहाते समय बच्चियों के पैर अचानक उस गड्‌ढे में फिसल गया। इससे वो गहरे पानी में बह गईं। मां और दादी गश खाकर बेहोश हुईं
हादसे के बाद गांव में मातम पसर हुआ है। अपनी तीन बेटियों को खोने वाली कांता का रो-रोकर बुरा हाल था। वो बेटियों को याद करते-करते गश खाकर बेहोश हो रही थीं। वो बार-बार एक ही बात कह रही थीं मुस्कान, संध्या, दिव्या लौट आओ। मेरी बिटिया लौट आ। वहीं, बच्चियों की दादी तो सुध खो चुकी थीं। गांव की महिलाएं उन्हें दिलासा दे रही थीं। मगर, उनका रो-रो कर बुरा हाल था। रात को एक साथ 4 बहनों को किया दफन
हादसे के बाद रात करीब 7.30 बजे एक साथ चार बहनों के शव गांव पहुंचे। बाकी दो मौसेरी बहनों के शव उनके घर ले जाए गए। गांव में शव पहुंचते ही चीत्कार गूंज उठी। गांव में बच्चियों को दफनाने के लिए जेसीबी से चार गड्ढे खोदे गए। सभी बहनों को दफनाया गया। वहीं, दो मौसेरी बहनों का अंतिम संस्कार टेढ़ी बगिया में किया गया। ————————– ये खबर भी पढ़िए- आगरा में पत्नी-बेटी की हत्या कर पति भागा: गला दबाकर ईंट से चेहरा कूचा, पड़ोसी बोले- दोनों में अक्सर झगड़ा होता था आगरा में मां-बेटी की हत्या कर दी गई। पति फरार है। उसी पर पत्नी और बेटी की हत्या का आरोप है। मामला थाना इरादतनगर के वृथला गांव का है। पुलिस ने मौके पर जांच-पड़ताल की। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। वृथला गांव में कृष्णकांत अपने परिवार के साथ रहता है। परिवार में पत्नी कृष्णा और 3 बच्चे थे। DCP ईस्ट अली अब्बास ने बताया- दोपहर करीब 12 बजे पुलिस को सूचना मिली कि कृष्णकांत की पत्नी कृष्णा और बेटी लाडो की हत्या हो गई है। पुलिस पहुंची, तो घर में मां और बेटी की लाश पड़ी थी। पढ़ें पूरी खबर…. मैं अपने भाई कृष्णा और दो अन्य दोस्तों के साथ यमुना नदी में नहा रहा था। थोड़ी देर में मेरी 6 बहनें भी आ गईं। वहीं पर सबने फोटो खींचे, वीडियो बनाए और सेल्फी ली। इसके बाद यमुना में उतर गईं। तभी अचानक सब डूबने लगीं। एक बहन का हाथ पकड़ा। तभी दो बहनों ने मेरा पैर पकड़ लिया। मैं भी फिसल गया। यमुना में आगे गहरा गड्‌ढा था। मैं भी उसमें गिरने लगा। तभी उनका हाथ छूट गया, फिर मैं भी निकल आया। वो सभी बचने के लिए छटपटा रही थीं। मैं बेबस होकर बस देखता रहा। यह बात मुस्कान के चचेरे भाई दीपेश ने कही। मंगलवार को आगरा के नगला नाथू स्वामी गांव में यमुना नदी में डूबने से 6 बहनों की मौत हो गई थी। इनमें सुरेश की 3 बेटियां उनके छोटे भाई की एक बेटी और उनके साली की दो बच्चियां थीं। दो घंटे रेस्क्यू के बाद 6 बहनों को निकाला गया। चार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। देर शाम सबका अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुरेश की बड़ी बेटी की हफ्ते भर पहले सगाई हुई थी। जिस घर में खुशी का माहौल था, आज मातम पसरा हुआ है। 3 तस्वीरें देखिए- पहले जानिए पूरा घटनाक्रम सिकंदरा के नगला स्वामी गांव में सुरेश- दिनेश सहित 8 भाइयों का परिवार रहता है। मंगलवार सुबह 10 बजे सुरेश की बेटियां मुस्कान (17), संध्या (15) और दिव्या (14) घर से 800 मीटर दूर यमुना नदी पर नहाने जा रही थीं। उनके साथ दिनेश की बेटी नैना (13) भी गई। साथ में आगरा की टेढ़ी बगिया की रहने वाली मौसी की भी दो बेटियां सोनम और शिवानी भी थीं। इन 6 बहनों से पहले इसी परिवार के 4 चचेरे भाई भी यमुना नदी के तट पर नहाने गए थे। 6 बहनें भी नहाने पहुंच गईं। नहाते हुए वीडियो बनाने लगीं। इसी बीच पैर फिसलने से गहरे पानी में बह गईं। चचेरा भाई बोला- हाथ का घेरा बनाकर सब डुबकी लगा रही थीं
मुस्कान के चचेरे भाई दीपेश ने बताया- हम अपने भाई कृष्णा और दो अन्य बच्चों के साथ यमुना में नहा रहे थे। हमारे घर से यमुना नजदीक है। खेतों में होते हुए हम नहाने पहुंचे थे। थोड़ी देर में मुस्कान, दिव्या, संध्या, नैना, सोनम और शिवानी भी आ गईं। मैंने इनसे पूछा कि यहां क्या कर रही हो तो वो बोलीं कि नहाने आए हैं। इसके बाद वो वहीं पर फोटो खींचने लगीं। सबने वीडियो बनाए। इसके बाद सब नहाने के लिए यमुना में उतर गईं। वो ज्यादा अंदर नहीं गई थीं। सब आपस में मस्ती कर रही थीं। एक-दूसरे का हाथ पकड़कर उन्होंने घेरा बना लिया था। सब एक साथ डुबकी लगा रही थीं। तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वो यमुना में बह गईं। बहनें छटपटाती रहीं, मैं बेबस देखता रहा
दीपेश ने बताया- बहनों की चीख सुनकर मैं उनकी ओर भागा। सब डूब रही थीं, मैंने एक बहन का हाथ पकड़ा। तभी दो बहनों ने मेरा पैर पकड़ लिया। मैं भी फिसल गया। यमुना में आगे गहरा गड्‌ढा था। मैं भी उसमें गिरने लगा। तभी उनका हाथ छूट गया, फिर मैं निकल आया। बहनों को बचाने के लिए मैंने शोर मचाया। फोन कर गांव में सूचना दी। वो सभी बचने के लिए छटपटा रही थीं। मैं बेबस होकर बस देखता रहा। 10 मिनट में गांव से लोग आ गए। फिर सभी लोग बहनों को तलाशने के लिए यमुना में उतरे। छोटा भाई बोला- मुझे तैरना नहीं आता था
जिस समय हादसा हुआ उस समय मुस्कान का चचेरा छोटा भाई कृष्णा भी उनके साथ था। वो भी साथ में नहा रहा था। वो बहनों की फोटो खींच रहा था। उसके पास मुस्कान का मोबाइल था। कृष्णा ने बताया कि देखते ही देखते सब डूबने लगीं। मैं किनारे पर खड़ा था। मुझे तैरना नहीं आता था, इसलिए अंदर नहीं जा पाया। मैंने शोर मचाकर लोगों को बुलाया। पानी बढ़ने से नदी किनारे कटान और गड्‌ढा हो गया था
लोगों ने बताया- आए दिन गांव के बच्चे यहां पर नहाते रहते हैं। जिस जगह पर हादसा हुआ है, वहां पर कुछ दिन पहले तक पानी नहीं था। यमुना में पानी बढ़ने पर किनारे पर कटान होने से गड्‌ढा हो गया। नहाते समय बच्चियों के पैर अचानक उस गड्‌ढे में फिसल गया। इससे वो गहरे पानी में बह गईं। मां और दादी गश खाकर बेहोश हुईं
हादसे के बाद गांव में मातम पसर हुआ है। अपनी तीन बेटियों को खोने वाली कांता का रो-रोकर बुरा हाल था। वो बेटियों को याद करते-करते गश खाकर बेहोश हो रही थीं। वो बार-बार एक ही बात कह रही थीं मुस्कान, संध्या, दिव्या लौट आओ। मेरी बिटिया लौट आ। वहीं, बच्चियों की दादी तो सुध खो चुकी थीं। गांव की महिलाएं उन्हें दिलासा दे रही थीं। मगर, उनका रो-रो कर बुरा हाल था। रात को एक साथ 4 बहनों को किया दफन
हादसे के बाद रात करीब 7.30 बजे एक साथ चार बहनों के शव गांव पहुंचे। बाकी दो मौसेरी बहनों के शव उनके घर ले जाए गए। गांव में शव पहुंचते ही चीत्कार गूंज उठी। गांव में बच्चियों को दफनाने के लिए जेसीबी से चार गड्ढे खोदे गए। सभी बहनों को दफनाया गया। वहीं, दो मौसेरी बहनों का अंतिम संस्कार टेढ़ी बगिया में किया गया। ————————– ये खबर भी पढ़िए- आगरा में पत्नी-बेटी की हत्या कर पति भागा: गला दबाकर ईंट से चेहरा कूचा, पड़ोसी बोले- दोनों में अक्सर झगड़ा होता था आगरा में मां-बेटी की हत्या कर दी गई। पति फरार है। उसी पर पत्नी और बेटी की हत्या का आरोप है। मामला थाना इरादतनगर के वृथला गांव का है। पुलिस ने मौके पर जांच-पड़ताल की। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। वृथला गांव में कृष्णकांत अपने परिवार के साथ रहता है। परिवार में पत्नी कृष्णा और 3 बच्चे थे। DCP ईस्ट अली अब्बास ने बताया- दोपहर करीब 12 बजे पुलिस को सूचना मिली कि कृष्णकांत की पत्नी कृष्णा और बेटी लाडो की हत्या हो गई है। पुलिस पहुंची, तो घर में मां और बेटी की लाश पड़ी थी। पढ़ें पूरी खबर….   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर