ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी गठित होने के बाद वक्फ संपत्ति को लेकर लगातार घमासान मचा हुआ है। लखनऊ में जेपीसी कमेटी की बैठक के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई कि 78% वक्फ संपत्ति सरकारी है। 14000 हेक्टेयर में 11000 हेक्टेयर जमीन वक्फ की नहीं है। इन आंकड़ों को लेकर लखनऊ के उलेमा ने नाराजगी जताई। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने ये दावा निराधार बताया। 21 जनवरी को लखनऊ के एक निजी होटल में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर सुझाव लेने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अंतिम बैठक थी। यूपी शासन की ओर से जेपीसी को बताया गया कि यूपी में वक्फ बोर्डों की 78 प्रतिशत जमीन सरकारी है। प्रदेश में कुल 14 हजार हेक्टयेर वक्फ भूमि है, जिसमें से 11 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी है। राजस्व विभाग ने भी किया था दावा बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। कहा ये जा रहा है राजस्व ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि 58 हजार वक्फ संपत्तियां राजस्व रिकॉर्ड में श्रेणी 5 व 6 की हैं। इन दोनों श्रेणियों में सरकारी और ग्राम सभा की जमीन दर्ज होती है। लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थित बहू बेगम का मकबरा भी सरकारी जमीन में बने होने की चर्चा लगातार हो रही है। आंकड़ों का कोई आधार नहीं शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा कि 78 प्रतिशत संपत्ति सरकारी है। ये किस का आधिकारिक बयान है इसकी कोई जानकारी नहीं है। अगर ये आंकड़े सरकारी हैं तो कहां से और किसने जारी किया। जेपीसी कमेटी की बैठक में हम मौजूद थे वहां इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई। हम खुद चिंता में हैं कि ये चर्चा का विषय कैसे बना। इमाम बाड़ा हुसैनाबाद ट्रस्ट में दर्ज अली जैदी ने कहा बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा सरकारी जमीन पर है। ये किसका दावा है और किस आधार पर है इसकी भी कोई जानकारी नहीं। इमाम बाड़े का हुसैनाबाद ट्रस्ट एक्ट है। बादशाह मोहम्मद अली शाह की डीड है। इमामबाड़ा और वहां की संपत्तियां उसी के जरिए कंट्रोल होती हैं। हाईकोर्ट के आदेशानुसार जिलाधिकारी इसके अध्यक्ष हैं। डीड के अनुसार हुसैनाबाद ट्रस्ट सभी कार्य कर रहा है। पहले भी हुए हैं संशोधन वक्फ एक्ट में समय-समय पर संशोधन किए गए। एक बार फिर सरकार इसमें संशोधन लेकर आई है। जेपीसी कमेटी में पूरे देश में इसपर विरोध और सुझाव दोनों ही दर्ज किए गए। लखनऊ समेत विभिन्न जनपदों में वक्फ की संपत्ति पर अवैध कब्जों को खाली करवाया गया जिसमें मुख्य रूप से मेरठ, लखनऊ और प्रयागराज शामिल है। वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कदम उठाना चाहिए। अंग्रेजों का विरोध करने पर नजूल में चढ़ी संपत्ति मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि सरकार को गुमराह किया गया है। 78 प्रतिशत सरकार की संपत्ति है ये बिल्कुल गलत है। ये बात कही जा रही है कि नजूल में लिखा हुआ है इसलिए यह सरकारी संपत्ति है। 1857 में जब अंग्रेजों ने कब्जा किया उस समय जिन लोगों ने उनका समर्थन नहीं किया उनकी संपत्ति नजूल में डाल दी गई। नजूल का कानून अंग्रेजों का बनाया हुआ है, जो हमारा अधिकार है वो रहेगा। हमारे बुजुर्गों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी इसलिए उनकी संपत्ति नजूल में चढ़ाई गई। बुजुर्गों की दान की हुई संपत्ति है इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने अपनी निजी संपत्ति को वक्फ किया है। मस्जिद, मदरसा और दरगाहों के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह किसी की संपत्ति पर कोई अवैध निर्माण नहीं है। सरकार का यह दावा है कि ढाई प्रतिशत संपत्ति सिर्फ वक्फ की है ये गलत आंकड़े हैं। सरकार की ओर से यह बात भी कही जा रही है कि मुसलमान की संपत्ति को ले लिया जाएगा। यह अन्याय है। ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की रिपोर्ट को प्रदर्शित के साथ लाया जाए। ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी गठित होने के बाद वक्फ संपत्ति को लेकर लगातार घमासान मचा हुआ है। लखनऊ में जेपीसी कमेटी की बैठक के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई कि 78% वक्फ संपत्ति सरकारी है। 14000 हेक्टेयर में 11000 हेक्टेयर जमीन वक्फ की नहीं है। इन आंकड़ों को लेकर लखनऊ के उलेमा ने नाराजगी जताई। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने ये दावा निराधार बताया। 21 जनवरी को लखनऊ के एक निजी होटल में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर सुझाव लेने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अंतिम बैठक थी। यूपी शासन की ओर से जेपीसी को बताया गया कि यूपी में वक्फ बोर्डों की 78 प्रतिशत जमीन सरकारी है। प्रदेश में कुल 14 हजार हेक्टयेर वक्फ भूमि है, जिसमें से 11 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी है। राजस्व विभाग ने भी किया था दावा बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। कहा ये जा रहा है राजस्व ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि 58 हजार वक्फ संपत्तियां राजस्व रिकॉर्ड में श्रेणी 5 व 6 की हैं। इन दोनों श्रेणियों में सरकारी और ग्राम सभा की जमीन दर्ज होती है। लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थित बहू बेगम का मकबरा भी सरकारी जमीन में बने होने की चर्चा लगातार हो रही है। आंकड़ों का कोई आधार नहीं शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा कि 78 प्रतिशत संपत्ति सरकारी है। ये किस का आधिकारिक बयान है इसकी कोई जानकारी नहीं है। अगर ये आंकड़े सरकारी हैं तो कहां से और किसने जारी किया। जेपीसी कमेटी की बैठक में हम मौजूद थे वहां इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई। हम खुद चिंता में हैं कि ये चर्चा का विषय कैसे बना। इमाम बाड़ा हुसैनाबाद ट्रस्ट में दर्ज अली जैदी ने कहा बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा सरकारी जमीन पर है। ये किसका दावा है और किस आधार पर है इसकी भी कोई जानकारी नहीं। इमाम बाड़े का हुसैनाबाद ट्रस्ट एक्ट है। बादशाह मोहम्मद अली शाह की डीड है। इमामबाड़ा और वहां की संपत्तियां उसी के जरिए कंट्रोल होती हैं। हाईकोर्ट के आदेशानुसार जिलाधिकारी इसके अध्यक्ष हैं। डीड के अनुसार हुसैनाबाद ट्रस्ट सभी कार्य कर रहा है। पहले भी हुए हैं संशोधन वक्फ एक्ट में समय-समय पर संशोधन किए गए। एक बार फिर सरकार इसमें संशोधन लेकर आई है। जेपीसी कमेटी में पूरे देश में इसपर विरोध और सुझाव दोनों ही दर्ज किए गए। लखनऊ समेत विभिन्न जनपदों में वक्फ की संपत्ति पर अवैध कब्जों को खाली करवाया गया जिसमें मुख्य रूप से मेरठ, लखनऊ और प्रयागराज शामिल है। वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कदम उठाना चाहिए। अंग्रेजों का विरोध करने पर नजूल में चढ़ी संपत्ति मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि सरकार को गुमराह किया गया है। 78 प्रतिशत सरकार की संपत्ति है ये बिल्कुल गलत है। ये बात कही जा रही है कि नजूल में लिखा हुआ है इसलिए यह सरकारी संपत्ति है। 1857 में जब अंग्रेजों ने कब्जा किया उस समय जिन लोगों ने उनका समर्थन नहीं किया उनकी संपत्ति नजूल में डाल दी गई। नजूल का कानून अंग्रेजों का बनाया हुआ है, जो हमारा अधिकार है वो रहेगा। हमारे बुजुर्गों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी इसलिए उनकी संपत्ति नजूल में चढ़ाई गई। बुजुर्गों की दान की हुई संपत्ति है इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने अपनी निजी संपत्ति को वक्फ किया है। मस्जिद, मदरसा और दरगाहों के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह किसी की संपत्ति पर कोई अवैध निर्माण नहीं है। सरकार का यह दावा है कि ढाई प्रतिशत संपत्ति सिर्फ वक्फ की है ये गलत आंकड़े हैं। सरकार की ओर से यह बात भी कही जा रही है कि मुसलमान की संपत्ति को ले लिया जाएगा। यह अन्याय है। ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की रिपोर्ट को प्रदर्शित के साथ लाया जाए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bastar Crime: साधुओं की वेशभूषा में ठगी करने वाले 6 आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, जगदलपुर में की थी सोने की चैन ठगी
Bastar Crime: साधुओं की वेशभूषा में ठगी करने वाले 6 आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, जगदलपुर में की थी सोने की चैन ठगी <p style=”text-align: justify;”><strong>Bastar Fraud Case:</strong> छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां साधू की वेशभूषा धारण कर एक व्यक्ति से सोने की चैन ठगने का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह आरोपी बाकायदा साधुओं का भेष धारण कर घर-घर घूम कर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. शिकायत मिलने पर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियो को धर दबोचा है. पुलिस ने आरोपियों के पास से ठगी का सामान और एक मारुति वैन भी बरामद की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आंध्र प्रदेश पुलिस की मदद से ठगों को दबोचा</strong><br />पुलिस ने जांच में पाया कि इन साधुओं के वेशभूषा में ठगी करने वाला एक आरोपी आदतन अपराधी है. इसके खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों के थाने में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. सभी आरोपी जगदलपुर के कुछ लोगों को ठगी का शिकार बनाने के बाद फरार होने के फिराक में थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि कोतवाली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आंध्र प्रदेश पुलिस से संपर्क किया और इन ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से ठगी का सामान भी बरामद कर लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों से ठगी की वारदातें बढ़ती जा रही है. ऑनलाइन ठगी हो या घर में पीतल के बर्तन और चांदी के आभूषण चमकाने वाले, इनके जरिये लगातार ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जगदलपुर में व्यक्ति से चैन की ठगी</strong><br />जगदलपुर शहर में साधुओं के वेशभूषा में कुछ लोग यहां के लोगों से ठगी करने पहुंचे हुए थे. जगदलपुर के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें पीड़ित ने बताया कि साधू की वेशभूषा में कुछ लोगों ने उनसे चैन की ठगी की है. शिकायत के बाद पुलिस टीम एक्टिव हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बस्तर एडिशनल एसपी महेश्वर नाग ने बताया कि बीते 3 अगस्त को कोतवाली थाना में प्रार्थी अरुण कुमार वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई कि अज्ञात साधुओं ने उनसे एक सोने की चैन की धोखाधड़ी कर भाग गए है. इस शिकायत पर आरोपियों की खोजबीन में कोतवाली पुलिस की टीम जुट गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिये आरोपियों को मारुति वैन में सवार होकर भागने की कोशिश करते हुए पाया. जिसके बाद विशेष टीम के जरिये तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को आंध्र प्रदेश पुलिस की मदद से नंदिगामा जिला कृष्णा से गिरफ्तार कर लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक आरोपी पर दर्ज हैं 25 आपराधिक मामले</strong><br />आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली है. गिरफ्तार आरोपी सोहन नाथ, शंकर नाथ, सुरेश नाथ, विक्की नाथ, बालू कोर, हेमू नाग सभी मध्य प्रदेश के खरगौन जिले के निवासी हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार आरोपियों में से सुरेश नाथ आदतन अपराधी है, जिसके ऊपर पूरे देशभर में 25 अपराध पंजीबद्ध हैं. सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 318 (4) BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध करके न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्तर पुलिस ने लोगों से की ये अपील</strong><br />बस्तर एडिशनल एसपी महेश्वर नाग ने कहा कि लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने के लिए इन दिनों आरोपी अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं और लूट और चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे है. ऐसे में उन्होंने बस्तर वासियो से अपील की है कि इस तरह के अनजान लोगों को अपने घर के अंदर प्रवेश ने करने दे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडिशनल एसपी महेश्वर नाग ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी अज्ञात को अपने महंगे आभूषण या घर के सामान देने से बचें. उन्होंने कहा कि पूजा पाठ या घर में जाप कराने के नाम पर साधुओं के वेशभूषा में आने वाले लोगों को जांच परख लें और इनसे सावधान रहें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”नारायणपुर की बहादुर बेटी को सलाम! 8 बदमाशों का अकेले किया मुकाबला, ऐसे बचाई पिता की जान” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/narayanpur-17-year-old-brave-daughter-fights-with-criminals-to-save-father-life-ann-2755108″ target=”_blank” rel=”noopener”>नारायणपुर की बहादुर बेटी को सलाम! 8 बदमाशों का अकेले किया मुकाबला, ऐसे बचाई पिता की जान</a></strong></p>
आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:गुरदासपुर में जन्मा, 1984 में खालिस्तानियों से जुड़ा; पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जेल से भगाए
आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:गुरदासपुर में जन्मा, 1984 में खालिस्तानियों से जुड़ा; पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जेल से भगाए पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग की गई। हालांकि, वह बाल-बाल बच गए। उन पर फायरिंग करने वाला गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक का रहने वाला आतंकी नारायण सिंह चौड़ा है। नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से ही था। वह बादल परिवार को दल पंथ का गद्दार मानता था। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। फिलहाल वह खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ है। आज फायरिंग के बाद पुलिस ने उसका फोन जब्त कर लिया है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि उसके फोन से कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस के रिकॉर्ड में नारायण सिंह का पता… अब नारायण सिंह चौड़ा के बारे में पढ़िए…. पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करने लगा
नारायण सिंह चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) के चौड़ा गांव में हुआ था। वह पंजाब में आतंकवाद के समय से ही काफी एक्टिव था। चौड़ा साल 1984 में पाकिस्तान गया था। वहां उसकी मुलाकात कई आतंकी संगठनों से हुई। चौड़ा ने आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी शुरू कर दी। उस दौरान पंजाब में हुई आतंकी गतिविधियों में नारायण सिंह की अहम भूमिका रही। उसने पाकिस्तान में रहते हुए गुरिल्ला वॉर और देशद्रोही साहित्य पर किताब लिखी थी। 2010 में UAPA का केस दर्ज
चौड़ा के खिलाफ 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन थाने में विस्फोटक अधिनियम के तहत करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए थे। वह अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) का आरोपी है। अमृतसर की कोर्ट से वह विस्फोटक अधिनियम के एक मामले में बरी भी हो चुका है। साल 2013 में गिरफ्तार हुआ
चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को पंडोरी गांव से गिरफ्तार किया गया। तीनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में छापा मारा था। वहां से पुलिस को RDX और हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। इसका केस चलता रहा, लेकिन चौड़ा जमानत पर बाहर आ गया था। बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड रहा है चौड़ा
नारायण सिंह चौड़ा पर आरोप है कि वह 2004 में हुए चंडीगढ़ की बुड़ैल जेलब्रेक कांड का मास्टरमाइंड था। चौड़ा फरार होने वाले आरोपियों से नियमित मिलने जाता था। वह खालिस्तानी समर्थक कैदियों से मिलता था और उन्हें खाना पीना, कपड़ा और अन्य जरूरत के सामान भी उपलब्ध करवाता था। जब पुलिस को इसका पता चला तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में सामने आया कि पगड़ी देने की बात कहकर चौड़ा उनसे मिलता था। पगड़ी वाले कपड़े की मदद से ही आरोपियों ने बुड़ैल जेल ब्रेक की थी और उसी से बाहर निकले थे। बुड़ैल जेल से भागने वाले कैदियों की मदद के लिए चौड़ा ने ही जेल की बिजली गुल की थी। इससे आरोपियों को जेल से फरार होने में कोई दिक्कत नहीं हुई। बता दें कि जेल से फरार होने वाले आरोपियों में पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा भी शामिल थे। तब पुलिस की जांच में पता चला था कि उक्त आरोपियों के लिंक पाकिस्तान में बैठे कुछ आतंकियों के साथ भी थे। सुरंग खोदने में की थी बेअंत सिंह के हत्यारों की मदद
पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह हत्याकांड में दोषी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा और एक अन्य दोषी देवी सिंह ने जेल से भागने के लिए महीनों तक जेल में सुरंग खोदी थी। चौड़ा ने भी सुरंग खोदने में इनकी मदद की थी। देवी सिंह भी जेल की सुरंग से फरार हो गया था। उसे पुलिस ने भगौड़ा घोषित किया हुआ है, लेकिन अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस यह भी नहीं जान सकी कि वह जिंदा है फिर उसकी मौत हो गई है। इन सभी आरोपियों को बैरक नंबर-7 में रखा गया था। बुड़ैल जेल ब्रेक मामले में साल 2005 में चौड़ा जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद चौड़ा फिर से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हो गया। उस समय चौड़ा इंग्लैंड में रह रहे आतंकी जोगा सिंह के लिंक में आया था। चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार
बता दें कि नारायण सिंह चौड़ा के निशाने पर बादल परिवार काफी समय से था। चौड़ा ने एक लोकल अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि बादल दल पंथ के गद्दार हैं। चौड़ा का आरोप था कि भाई जसपाल सिंह सिधवां चौड़ सहित कई सिंहों की हत्याएं और गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करवाने में बादलों का हाथ था। पुलिस की छानबीन के अनुसार, साल 2013 के जनवरी माह में केंद्र सरकार की इंटेलिजेंस ब्यूरो की ओर से पंजाब सरकार को एक लेटर भेजा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि आतंकी नारायण सिंह पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल को टारगेट कर सकता है। इसके बाद पंजाब के तत्कालीन DGP सुमेध सैनी ने दोनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। हालांकि, तब से उन पर कोई हमला नहीं हुआ। लेकिन, इस साल सुखबीर बादल ने अपनी गलतियां मानीं तो उन पर यह हमला हुआ। रणधीर सिंह के नाम से सक्रिय था चौड़ा
चौड़ा का असली नाम नारायण सिंह है, लेकिन वह रणधीर सिंह के नाम से खालिस्तान समर्थकों के बीच सक्रिय था। चौड़ा ने डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) में एक ठिकाना बनाया था, वहीं से वह गतिविधियों को अंजाम देता था। चौड़ा ने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी की स्थापना की थी और खुद को धार्मिक प्रचारक के रूप में पेश किया। पुलिस जो जब उसके ठिकाने की जानकारी मिली तो छापा मारा गया। वहां से पुलिस को कंप्यूटर, पेन ड्राइव, और अन्य संदिग्ध सामग्री मिली। बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ चौड़ा के लिंकों का पता पुलिस को तभी लगा था। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ये खबर भी पढ़ें… पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग:बाल-बाल बचे, गोल्डन टेंपल के बाहर सेवा कर रहे थे; हमलावर खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी देने को लेकर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है। पूरी खबर पढ़ें…
Nitish Kumar News: पटना में जलजमाव को लेकर एक्टिव हुए CM नीतीश, लिया जायजा, दिए कड़े निर्देश
Nitish Kumar News: पटना में जलजमाव को लेकर एक्टिव हुए CM नीतीश, लिया जायजा, दिए कड़े निर्देश <p style=”text-align: justify;”><strong>Nitish Kumar News:</strong> मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (11 अगस्त) पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पहाड़ी के ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया और शहर की जल निकासी की व्यवस्थाओं को देखा. इसके बाद मुख्यमंत्री ने पटना सिटी के वरमुता के अस्थाई ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया और जलनिकासी व्यवस्था की जानकारी ली. जलनिकासी को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरीक्षण के दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग प्रधान सचिव ने मुख्यमंत्री को पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के माध्यम से शहरी क्षेत्रों की जलनिकासी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को पूरी तरह फंक्शनल रखें'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसी व्यवस्था रखें कि मानसून के दौरान तेज बारिश की स्थिति में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो. शहर के सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को पूरी तरह फंक्शनल रखें. जलजमाव की स्थिति में तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं ताकि शहरवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि राजधानी पटना के साथ-साथ बिहार के कई जिलों में दो दिनों से बारिश हो रही है जिससे सभी नदियां उफान पर है. गंगा नदी भी उफान पर बह रही है. इसके साथ ही पटना में जलजमाव की समस्या की सूचना है. वहीं, इसको लेकर सीएम नीतीश एक्शन में दिख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: K<a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/gate-of-muzaffarpur-central-jail-was-opened-in-memory-of-freedom-fighter-khudiram-bose-ann-2758816″>hudiram Bose: एक रात के लिए क्यों खोला जाता है मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा का गेट? खुदीराम बोस से जुड़ा है इतिहास</a></strong><strong><br /></strong></p>