बीते शनिवार को झांसी रूट पर गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच पनकी फैक्ट्री एरिया के पास साबरमती एक्सप्रेस के हुए रेल हादसे के मामले में गठित वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की पांच सदस्यीय टीम की स्थलीय जांच गुरुवार को पूरी हो गई है। प्रमुख मुख्य संरक्षाधिकारी की अगुवाई में जांच टीम ने बयान और नापजोख की। बुधवार और गुरुवार को चालक, सहायक चालक,गार्ड सहित 34 रेल कर्मियों से एसएजी ने पूछताछ की। स्पीडो मीटर की सील खोली गई तो पता चला कि 95 किमी. की स्पीड में चल रही साबरमती एक्सप्रेस के इंजन से बोल्डर टकराया। इससे कैटिल गार्ड तो टूटा ही, साथ ही इंजन और सटे कोच में टक्कर के निशान मिले। बोल्डर के ट्रैक पर उछलने या रगड़ने से ट्रैक की गिट्टियां उछलकर इंजन के निचले हिस्से में जा गिरी थी। पनकी थाने जाकर भी जांच की
शुक्रवार और शनिवार की रात 2.27 बजे साबरमती एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे बोल्डर से टकराई थी। इसके बाद ट्रेन के इंजन सहित सभी 22 कोच डिरेल हो गए थे। इस मामले में रेलवे ने वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड की जांच कमेटी गठित की थी। यह कमेटी सोमवार को कानपुर आ गई थी। इसके बाद पड़ताल शुरू की। स्थलीय ट्रैक की पटरियों के साथ कोचों की नाप-जोख की। पनकी थाने जाकर रखे बोल्डर की नाप की। क्षतिग्रस्त बोल्डर को भी उठवाकर दिखवाया। SAG जांच में साजिश की पुष्टि!
रेलवे की एसएजी जांच में चार दिनों से चल रही पूछताछ और स्थलीय निरीक्षण के बाद किसी साजिश को बल दे रही है। पूछताछ और स्थलीय सबूतों से यह बात पता चली है कि बोल्डर तो बाहर से लाया गया है। इस वजह से ही बोल्डर ने इंजन में तो कई जगह टकराया ही है, साथ ही इंजन से सटे कोच में टक्कर के कई निशान छोड़े हैं। कहीं भी ट्रैक नहीं मिला क्षतिग्रस्त
इसके अलावा रेलवे ट्रैक एक किमी. आगे और पीछे कहीं पर भी क्षतिग्रस्त नहीं मिला है। अब तक जांच में यह पता चला है कि बोल्डर रखा गया है। अब रेलवे की जांच टीम ने साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के कारणों को तो जान चुकी है। अब बोल्डर कहां से कौन लाया है। इसके लिए पनकी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। इसकी जांच पुलिस कर रही है। चालक के बयान की जांच में पुष्टि हुई
साबरमती एक्सप्रेस के चालक एपी सिंह बुधेला और सहायक चालक ने घटना वाले दिन ही बयान दिया था कि चलती ट्रेन में ट्रैक पर कोई बोल्डर दिखा और जब तक ब्रेक लगाते, तब तक ट्रेन का इंजन जोरदार तरीके से टकराया और ट्रेन खड़खड़ाहट की आवाज के साथ डिरेल हो गई। तत्काल कंट्रोल को सूचना देकर संचालन रोकने की बात कही थी। NIA ने शुरू की जांच, आज करेगी निरीक्षण
केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दो अफसर कानपुर पहुंचे। यहां पर एनआईए के निरीक्षकों ने चालक, सहायक चालक और गार्ड से पूछताछ की। गार्ड ने बताया कि धूल के गुबार देख लैंप से देखा तो ट्रेन टेढ़ी होकर खड़ी हो गई थी। मेन चालक ने बताया कि ट्रैक पर बोल्डर दिखा और इंजन की टक्कर के बाद ट्रेन के चौतरफा धूल के गुबार छा गए थे। इसके बाद इंजन सहित सभी कोच डिरेल हुए। साबरमती रेल हादसे को साजिश मान एनआईए ने भी इसे संज्ञान लेकर जांच शुरू की है। अब एनआईए टीम शुक्रवार को स्थलीय निरीक्षण और पनकी थाने में जाकर पूछताछ करेगी। बीते शनिवार को झांसी रूट पर गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच पनकी फैक्ट्री एरिया के पास साबरमती एक्सप्रेस के हुए रेल हादसे के मामले में गठित वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की पांच सदस्यीय टीम की स्थलीय जांच गुरुवार को पूरी हो गई है। प्रमुख मुख्य संरक्षाधिकारी की अगुवाई में जांच टीम ने बयान और नापजोख की। बुधवार और गुरुवार को चालक, सहायक चालक,गार्ड सहित 34 रेल कर्मियों से एसएजी ने पूछताछ की। स्पीडो मीटर की सील खोली गई तो पता चला कि 95 किमी. की स्पीड में चल रही साबरमती एक्सप्रेस के इंजन से बोल्डर टकराया। इससे कैटिल गार्ड तो टूटा ही, साथ ही इंजन और सटे कोच में टक्कर के निशान मिले। बोल्डर के ट्रैक पर उछलने या रगड़ने से ट्रैक की गिट्टियां उछलकर इंजन के निचले हिस्से में जा गिरी थी। पनकी थाने जाकर भी जांच की
शुक्रवार और शनिवार की रात 2.27 बजे साबरमती एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे बोल्डर से टकराई थी। इसके बाद ट्रेन के इंजन सहित सभी 22 कोच डिरेल हो गए थे। इस मामले में रेलवे ने वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड की जांच कमेटी गठित की थी। यह कमेटी सोमवार को कानपुर आ गई थी। इसके बाद पड़ताल शुरू की। स्थलीय ट्रैक की पटरियों के साथ कोचों की नाप-जोख की। पनकी थाने जाकर रखे बोल्डर की नाप की। क्षतिग्रस्त बोल्डर को भी उठवाकर दिखवाया। SAG जांच में साजिश की पुष्टि!
रेलवे की एसएजी जांच में चार दिनों से चल रही पूछताछ और स्थलीय निरीक्षण के बाद किसी साजिश को बल दे रही है। पूछताछ और स्थलीय सबूतों से यह बात पता चली है कि बोल्डर तो बाहर से लाया गया है। इस वजह से ही बोल्डर ने इंजन में तो कई जगह टकराया ही है, साथ ही इंजन से सटे कोच में टक्कर के कई निशान छोड़े हैं। कहीं भी ट्रैक नहीं मिला क्षतिग्रस्त
इसके अलावा रेलवे ट्रैक एक किमी. आगे और पीछे कहीं पर भी क्षतिग्रस्त नहीं मिला है। अब तक जांच में यह पता चला है कि बोल्डर रखा गया है। अब रेलवे की जांच टीम ने साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के कारणों को तो जान चुकी है। अब बोल्डर कहां से कौन लाया है। इसके लिए पनकी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। इसकी जांच पुलिस कर रही है। चालक के बयान की जांच में पुष्टि हुई
साबरमती एक्सप्रेस के चालक एपी सिंह बुधेला और सहायक चालक ने घटना वाले दिन ही बयान दिया था कि चलती ट्रेन में ट्रैक पर कोई बोल्डर दिखा और जब तक ब्रेक लगाते, तब तक ट्रेन का इंजन जोरदार तरीके से टकराया और ट्रेन खड़खड़ाहट की आवाज के साथ डिरेल हो गई। तत्काल कंट्रोल को सूचना देकर संचालन रोकने की बात कही थी। NIA ने शुरू की जांच, आज करेगी निरीक्षण
केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दो अफसर कानपुर पहुंचे। यहां पर एनआईए के निरीक्षकों ने चालक, सहायक चालक और गार्ड से पूछताछ की। गार्ड ने बताया कि धूल के गुबार देख लैंप से देखा तो ट्रेन टेढ़ी होकर खड़ी हो गई थी। मेन चालक ने बताया कि ट्रैक पर बोल्डर दिखा और इंजन की टक्कर के बाद ट्रेन के चौतरफा धूल के गुबार छा गए थे। इसके बाद इंजन सहित सभी कोच डिरेल हुए। साबरमती रेल हादसे को साजिश मान एनआईए ने भी इसे संज्ञान लेकर जांच शुरू की है। अब एनआईए टीम शुक्रवार को स्थलीय निरीक्षण और पनकी थाने में जाकर पूछताछ करेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर