महाराष्ट्र के CM रेस में कौन आगे? एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बड़ा खुलासा, लिस्ट में कई दिग्गज महाराष्ट्र के CM रेस में कौन आगे? एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बड़ा खुलासा, लिस्ट में कई दिग्गज महाराष्ट्र Bihar News: ‘बिहार की प्रगति के लिए ऐतिहासिक दिन…’, सड़क परियोजनाओं के उद्घाटन पर बोले जीतन राम मांझी
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वाराणसी में हड़ताल से 40 हजार मरीज परेशान हुए:11 दिनों की स्ट्राइक में 1000 की नहीं हुई सर्जरी, 440 मरीज ही भर्ती किए गए
वाराणसी में हड़ताल से 40 हजार मरीज परेशान हुए:11 दिनों की स्ट्राइक में 1000 की नहीं हुई सर्जरी, 440 मरीज ही भर्ती किए गए वाराणसी के बीएचयू अस्पताल ( सर सुन्दर लाल चिकित्सालय) में 11 दिन से चल रही हड़ताल रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार की शाम खत्म कर दी। 11 दिन चली इस हड़ताल से पूर्वांचल और बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, एमपी के करीब 40 हजार मरीज हलकान हुए। इसमें अकेले गंभीर सर्जरी के 1000 से अधिक मरीज थे। 9 दिन चली ओपीडी, वापस लौटे 35 हजार से अधिक मरीज
आईएमएस बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को उठाते हुए 13 अगस्त से हड़ताल कर दी। इस हड़ताल का व्यापक प्रभाव देखने को मिला। सर सुन्दर लाल चिकित्सालय में ओपीडी, वार्ड, जांच केंद्र सहित अन्य जगहों पर कामकाज ठप कर विरोध शुरू किया। जिसके बाद सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी शुरू की जिसमें 9 दिन में लगभग 36 हजार मरीजों को लौटना पड़ा। 1000 से अधिक की नहीं हो सकी सर्जरी
बीएचयू में सर्जरी को लेकर एक-एक महीने की वेटिंग होती है। ऐसे में रेजिडेंट के हड़ताल पर होने से मरीजों को दर-दर भटकना पड़ा और पहले से तय लगभग 1000 से अधिक सर्जरी नहीं हो सकी। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीज डिपार्टमेंट में भटकते दिखे की कोई उनकी सहायता कर दे पर सीनियर डॉक्टर ने भी हाथ खड़े कर दिए। 440 मरीज हुए एडमिट 672 हुए डिस्चार्ज
इन 11 दिनों की हड़ताल में महज 440 मरीजों को ही एडमिट किया गया। वहीं 672 को डिस्चार्ज भी मिला। हड़ताल की वजह से ओपीडी में दिक्कतें थी। रेजिडेंट ने इमरजेंसी में मदद की बात कही थी पर कुछ दिन में वहां से भी नदारद रहे। इस दौरान ओपीडी में पहले दिन 4019 मरीज देखे गए पर अगले ही दिन यह संख्या घटकर 1500 के आस-पास पहुंच गई। 17 अगस्त को महज 151 मरीज ही ओपीडी में देखे गए। रोजाना आते हैं 6000 मरीज
आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार ने बताया- बीएचयू में एक दिन में 6000 मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमे 4 हजार नए और 2 हजार पुराने मरीज होते हैं। रेजिडेंट ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है और वो आज से काम पर लौटेंगे।
Bidhyut Ranjan Sarangi: कौन हैं बिद्युत रंजन सारंगी? जिन्हें बनाया गया झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस
Bidhyut Ranjan Sarangi: कौन हैं बिद्युत रंजन सारंगी? जिन्हें बनाया गया झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand High Court New Chief Justice Bidhyut Ranjan Sarangi: </strong>जस्टिस बिद्युत रंजन सारंगी (Bidyut Ranjan Sarangi) को झारखंड हाई कोर्ट का नया चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति <a title=”द्रौपदी मुर्मू” href=”https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu” data-type=”interlinkingkeywords”>द्रौपदी मुर्मू</a> ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की अनुशंसा पर इसकी मंजूरी दी है. वह फिलहाल ओडिशा हाई कोर्ट के जस्टिस हैं. उनकी नियुक्ति की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बिद्युत रंजन सारंगी की नियुक्ति झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की सेवानिवृत्ति के बाद हुई है. जस्टिस संजय कुमार मिश्र करीब सात महीने पहले सेवानिवृत्त हुए थे. उसके बाद 29 दिसंबर 2023 को जस्टिस एस. चंद्रशेखर को झारखंड हाईकोर्ट का एक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया गया था. अब उनका तबादला राजस्थान हाई कोर्ट कर दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्रीय मंत्री ने दी यह जानकारी</strong><br />अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को ट्वीट किया था, ”भारतीय संविधान से मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारत की राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद बिद्युत रंजन सांरगी को झारखंड हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया है. झारखंड हाई कोर्ट के जज चंद्रशेखर का राजस्थान हाई कोर्ट में तबादला कर दिया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लॉ में पीएचडी हैं जस्टिस सारंगी</strong><br />जस्टिस सारंगी का जन्म 20 जुलाई 1962 को छत्तीसगढ़ के नयागढ़ जिले के ओडागांव के पंतीखारी सासन गांव में हुआ था. वह प्रतिष्ठित सारंगी परिवार से आते हैं. जस्टिस सांरगी की पढ़ाई भुवनेश्वर के बी जे बी कॉलेज से हुई है. उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से एलएलबी और एलएलएम की से की है. उन्होंने संबलपुर यूनिवर्सिटी से लॉ में पीएचडी भी की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>27 साल का है अनुभव</strong><br />जस्टिस सारंगी का कानून की प्रैक्टिस और न्यायाधीश के रूप में 27 वर्षों का लंबा अनुभव है. उन्हें 20 जून 2013 को ओडिशा हाईकोर्ट का जस्टिस नियुक्त किया गया था. इसके पहले वह ओडिशा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस कर चुके हैं. जस्टिस सारंगी ने 1985 में ओडिशा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करना शुरू किया था. वह ओडिशा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन, क्रिमिनल कोर्ट बार एसोसिएशन और सेंट्रल ट्राइब्यूनल बार एसोसिएशन के सदस्य हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”‘झारखंड के लोग…’, चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाने पर हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/assam-cm-himanta-biswa-sarma-reaction-on-jharkhand-former-cm-champai-soren-2729594″ target=”_self”>’झारखंड के लोग…’, चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाने पर हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान</a></strong></p>
गोल-गप्पे में छुपा था टिकट का राज़? पूर्व सीएम की बहू को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार
गोल-गप्पे में छुपा था टिकट का राज़? पूर्व सीएम की बहू को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार <p style=”text-align: justify;”><strong>Raghuvar Das Daughter in Law Purnima Das BJP Ticket:</strong> झारखंड में विधानसभा चुनाव का आगाज़ हो गया है और इसी के तहत बीजेपी ने 66 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में जमशेदपुर विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को टिकट दिया गया है. दिलचस्प बात यह रही कि पूर्णिमा दास के ‘गोल-गप्पों’ को लेकर किए गए एक फेसबुक पोस्ट से लोग तीन दिन पहले से ही अंदाजा लगाने लगे थे कि उन्हें बीजेपी उम्मीदवार बनाया जाएगा. यह सुनने में हैरान करने वाला है, आइए जानते हैं पोस्ट में ऐसा क्या था?</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, कुछ समय पहले पूर्णिमा दास ने सहेलियों के साथ गोल-गप्पे खाते हुए एक वीडियो शेयर किया था, जिसके कैप्शन में लिखा था- ‘चुनावी माहौल एक तरफ और गोलगप्पों का मजा एक तरफ.’ उनके इस पोस्ट पर लोगों ने कमेंट करते हुए उन्हें भावी विधायक बनने की बधाइयां देनी भी शुरू कर दी थीं. किसी ने लिखा- ‘विधायक बनने की अग्रिम बधाई’ तो किसी ने कमेंट किया- ‘आपको सबसे कम उम्र का मंत्री बनते देखना चाहते हैं.’ बीजेपी की लिस्ट इसके तीन दिन बाद यानी शनिवार (20 अक्टूबर) को जारी हुई, जिसमें पूर्णिमा दास का नाम शामिल था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या था पूर्णिमा ललित दास का फेसबुक पोस्ट</strong><br />पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू ने वीडियो पोस्ट कर लिखा था, “चुनावी माहौल एक तरफ़ और गोलगप्पे का मजा एक तरफ. हम महिलाएं अगर माहौल गरम हो न तो वहां हम नरमी से पेश आती हैं. वैसे हम मार्केट आए और गोलगप्पे ना खाएं, ऐसा तो हो नहीं सकता. बाजार आने पे पता चलता है कि हमारे पास बहुत से विकल्प होते हैं, पर उनमें से उचित मूल्य और गुणवत्ता के आधार पर और इतने विकल्पों में से किसी एक के चुनाव के बाद जब हम थक जाती हैं तो ये गोलगप्पे ही हैं, जो हम में और ऊर्जा भरते हैं. हमारे फेवरेट गोलगप्पे वाले भइया हैं, जगह बताइए कौन सी है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी से टिकट मिलने पर क्या बोलीं पूर्णिमा दास?</strong><br />पूर्णिमा दास ने कहा, “मुझे बड़ी जिम्मेदारी मिली है. यहां का इतिहास देखा जाए तो कई बड़े-बड़े धुरंधर इस सीट से निकले हैं, लेकिन कभी किसी महिला को मौका नहीं दिया गया था. अब महिला कार्यकर्ताओं को भी मौका मिलेगा कि वह बाहर निकलेंगी. महिलाओं कार्यकर्ताओं को इतना विस्तृत क्षेत्र प्रदान नहीं किया जा रहा है, इसलिए मैं आगे आकर उनका प्रतिनिधित्व करूंगी. महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे दुर्व्यवहार को रोकूंगी क्योंकि महिला सम्मान प्राथमिकता है. अगर घर की महिला सुरक्षित नहीं है तो आपके देश के सुरक्षित होने का कोई महत्व नहीं रह जाता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”हरियाणा में अपनाई ये रणनीति अब झारखंड में भी लाई BJP, JMM बोली- ‘पहले अपने गिरेबान में झांकें'” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-election-2024-bjp-candidate-list-shows-nepotism-jmm-hemant-soren-targets-arjun-munda-2807086″ target=”_blank” rel=”noopener”>हरियाणा में अपनाई ये रणनीति अब झारखंड में भी लाई BJP, JMM बोली- ‘पहले अपने गिरेबान में झांकें'</a></strong></p>