माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हेलिकॉप्टर की ऑनलाइन टिकट बुकिंग करवा रहे है तो सावधान हो जाए, क्योंकि ऑनलाइन टिकट बुकिंग के नाम पर भी फ्रॉड हो सकता है। साइबर अपराधियों ने अब माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट जैसी ही फेक वेबसाइट बना ली है। हरियाणा के करनाल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला से हेलिकॉप्टर की ऑनलाइन टिकट बुकिंग 9350 रुपए हड़प लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 8 नवंबर को करवाई थी टिकट बुक करनाल निवासी एक महिला के बुजुर्ग माता-पिता माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले थे। चूंकि माता वैष्णों देवी की चढ़ाई करीब 14 किलोमीटर की है और दोनों इतनी ऊंची चढ़ाई करने में असमर्थ हैं। उनका रास्ता थोड़ा आसान हो जाए, इसके लिए महिला ने अपने माता-पिता के लिए 8 नवंबर को हेलिकॉप्टर सर्विस की टिकट बुक कराई थी। वेबसाइट में सिर्फ डॉट का फर्क महिला ने गूगल पर ऑनलाइन सर्च किया तो उनके सामने एक वेबसाइट onlinemaavaishnodevi.org//login ओपन हुई और उस पर उसे टिकट बुक करने का ऑप्शन मिला। यह वेबसाइट दिखने में श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट online.maavaishnodevi.org//login जैसी लग रही थी। महिला ने टिकट बुक करने के बाद बताए गए नंबर पर कॉल किया। उन्हें टिकट बुकिंग की पुष्टि दी गई और पैसे ‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड’ नाम के एक खाते में जमा करने को कहा गया। उन्होंने 9 हजार 350 रुपए का भुगतान किया, लेकिन जब टिकट की जांच की गई तो वे फर्जी निकले। श्रद्धालुओं की आस्था पर चोट पीड़िता ने बताया कि यह ठगी उनके लिए केवल आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि उनकी आस्था को गहरी चोट पहुंचाने वाला भी है। यह धोखाधड़ी न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है। अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत उन्होंने करनाल साइबर थाना में की है। ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सतर्कता जरूरी साइबर थाना में जांच अधिकारी गौरव ने बताया कि महिला के साथ ऑनलाइन टिकट बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी हुई है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। संबंधित बैंक खाते और फर्जी वेबसाइट को चिह्नित कर आगे की जांच की जा रही है। श्राइन बोर्ड की सेवाओं से जुड़े मामलों में फर्जी वेबसाइटों और फोन कॉल्स से सतर्क रहना बेहद जरूरी है। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हेलिकॉप्टर की ऑनलाइन टिकट बुकिंग करवा रहे है तो सावधान हो जाए, क्योंकि ऑनलाइन टिकट बुकिंग के नाम पर भी फ्रॉड हो सकता है। साइबर अपराधियों ने अब माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट जैसी ही फेक वेबसाइट बना ली है। हरियाणा के करनाल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला से हेलिकॉप्टर की ऑनलाइन टिकट बुकिंग 9350 रुपए हड़प लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 8 नवंबर को करवाई थी टिकट बुक करनाल निवासी एक महिला के बुजुर्ग माता-पिता माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले थे। चूंकि माता वैष्णों देवी की चढ़ाई करीब 14 किलोमीटर की है और दोनों इतनी ऊंची चढ़ाई करने में असमर्थ हैं। उनका रास्ता थोड़ा आसान हो जाए, इसके लिए महिला ने अपने माता-पिता के लिए 8 नवंबर को हेलिकॉप्टर सर्विस की टिकट बुक कराई थी। वेबसाइट में सिर्फ डॉट का फर्क महिला ने गूगल पर ऑनलाइन सर्च किया तो उनके सामने एक वेबसाइट onlinemaavaishnodevi.org//login ओपन हुई और उस पर उसे टिकट बुक करने का ऑप्शन मिला। यह वेबसाइट दिखने में श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट online.maavaishnodevi.org//login जैसी लग रही थी। महिला ने टिकट बुक करने के बाद बताए गए नंबर पर कॉल किया। उन्हें टिकट बुकिंग की पुष्टि दी गई और पैसे ‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड’ नाम के एक खाते में जमा करने को कहा गया। उन्होंने 9 हजार 350 रुपए का भुगतान किया, लेकिन जब टिकट की जांच की गई तो वे फर्जी निकले। श्रद्धालुओं की आस्था पर चोट पीड़िता ने बताया कि यह ठगी उनके लिए केवल आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि उनकी आस्था को गहरी चोट पहुंचाने वाला भी है। यह धोखाधड़ी न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है। अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत उन्होंने करनाल साइबर थाना में की है। ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सतर्कता जरूरी साइबर थाना में जांच अधिकारी गौरव ने बताया कि महिला के साथ ऑनलाइन टिकट बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी हुई है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। संबंधित बैंक खाते और फर्जी वेबसाइट को चिह्नित कर आगे की जांच की जा रही है। श्राइन बोर्ड की सेवाओं से जुड़े मामलों में फर्जी वेबसाइटों और फोन कॉल्स से सतर्क रहना बेहद जरूरी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बेटे को घोड़ी पर बिठाकर स्कूल भेजा:पहला दिन यादगार बनाने को दूल्हे की तरह सजाया, बैंड-बाजे भी साथ में चले
हरियाणा में बेटे को घोड़ी पर बिठाकर स्कूल भेजा:पहला दिन यादगार बनाने को दूल्हे की तरह सजाया, बैंड-बाजे भी साथ में चले बच्चे के स्कूल का पहला दिन माता-पिता के लिए बेहद खास होता है। हरियाणा के बहादुरगढ़ के एक परिवार ने इसे यादगार बना दिया। पहले दिन पिता ने अपने बेटे को दूल्हे की तरह सजाया। इसके बाद घोड़ी पर बैठाया और बैंड-बाजे के साथ उसे स्कूल छोड़ने गए। पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ ही बच्चे अनमोल साहब के माता-पिता भी बैंड की धुन पर नाच रहे थे। स्कूल के पास खड़े अन्य अभिभावकों और बच्चों के चेहरों पर भी खुशी देखी गई। बहादुरगढ़ के दयानंद नगर निवासी विवेक आयुर्वेदिक दवाइयां बेचते हैं। जीवन यात्रा शुरू कर रहा है बेटा
विवेक ने बताया कि 3 साल का बेटा अनमोल साहिब अभी तक घर में रहता था। पहली बार घर से बाहर निकल जीवन यात्रा शुरू कर रहा है। इसलिए मैंने और मेरी पत्नी ने फैसला लिया कि बच्चे के लिए कुछ खास करेंगे। बैंड के साथ बच्चे को स्कूल छोड़कर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी संदेश दिया है। स्कूलों में महीने के दूसरे शनिवार को छुट्टी रहेगी
हरियाणा के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में महीने के दूसरे शनिवार को छुट्टी रहेगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा आदेश जारी किया था। आदेशों में स्पष्ट कहा गया था कि 9 नवंबर 2024 को सेकेंड सेटरडे यानी दूसरे शनिवार के अवसर पर सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश रहेगा। आदेशों में यह भी लिखा था, कि यह देखने में आ रहा है कि राजपत्रित स्थानीय अथवा अन्य घोषित छुटि्टयों के दौरान कुछ स्कूल पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य क्रियाकलापों के लिए विद्यार्थियों को स्कूल में बुलाते हैं, जो कि गलत है। इसलिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह आदेश दिए गए हैं कि अवकाश के दौरान किसी भी क्रियाकलाप के लिए विद्यार्थियों को विद्यालय में न बुलाया जाए। यदि किसी विद्यालय द्वारा आदेशों की अवहेलना की जाती है तो उसका मामला विभागीय कार्रवाई हेतु उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाएगा। इसको लेकर कोई भी कार्रवाई हुई तो संबंधित स्कूल के मुखिया-प्रशासन स्वयं इसके जिम्मेवार होंगे। पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूल टाइमिंग बदलने की भी मांग की
हरियाणा के अधिकांश सरकारी स्कूलों में बच्चों की शाम 6 बजकर 15 मिनट पर छुट्टी होती है, जिसके कारण छात्रों को घर लौटते समय काफी अंधेरा हो जाता है। इससे अभिभावक बेहद चिंतित हैं, खासकर अब जब दिन जल्दी ढलने लगे हैं।
स्कूल प्रशासन ने दो शिफ्टों में कक्षाएं संचालित कर रखी हैं, जिसमें पहली शिफ्ट सुबह 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए और दूसरी शिफ्ट दोपहर में 6वीं से 8वीं कक्षा के लिए है। दूसरी शिफ्ट में स्कूल शाम 6:15 पर बंद होता है, जो पेरेंट्स के लिए एक समस्या बन गया है। पेरेंट्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किए जाने की मांग की है।
दिवाली पर हरियाणवी लड़ियों से जगमगाएगा अयोध्या का राम मंदिर:करनाल की 250 महिलाओं के ग्रुप का कमाल, चाइनीज लड़ियों को दे रहीं टक्कर
दिवाली पर हरियाणवी लड़ियों से जगमगाएगा अयोध्या का राम मंदिर:करनाल की 250 महिलाओं के ग्रुप का कमाल, चाइनीज लड़ियों को दे रहीं टक्कर हरियाणा के करनाल में बनी स्वदेशी लड़ियों की दिवाली पर खूब डिमांड है। ये लड़ियां चीन में बनी लड़ियों को टक्कर दे रही हैं। सेवा भारती से जुड़ी महिलाएं लड़ियां बनाने में इतनी एक्सपर्ट हो चुकी हैं कि महज 4 महिलाएं ही 300 से ज्यादा लड़ियां एक दिन में बना देती हैं। एक लड़ी की कीमत 150 रुपए है। लोकल फॉर वोकल का लक्ष्य लेकर चली संस्था की महिलाओं द्वारा तैयार की गई लड़ियां अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में भी शोभा बढ़ा चुकी हैं। इस दिवाली पर करीब 40 हजार लड़ियां राम मंदिर के लिए गई हैं। RSS की सेवा भारती विंग 1980 में अस्तित्व में आई थी। मौजूदा समय में यश देव त्यागी संस्था के अध्यक्ष हैं। महासचिव पंकज क्लेव हैं और कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी कृष्ण विज के पास है। बीते 5 साल से संस्था आत्मनिर्भर भारत, नारी सशक्तिकरण और स्वावलंबी भारत अभियान को बढ़ावा दे रही है। लड़ियों के अलावा यहां पर मल्टी ग्रेन आटा, पापड़, बड़ियां और टोकरी बनती हैं। संस्था के साथ लगभग 14 गांवों की 250 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। महिलाएं गरीब परिवारों से हैं और ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है। अगर आमदनी की बात की जाए तो महिलाओं को कमीशन बेस पर मेहनताना मिलता है, जिससे उनके परिवार का गुजारा हो जाता है। ममता बोली- अच्छी आमदनी हो जाती है
महिला ममता ने बताया कि मैं 4 साल से संस्था के साथ जुड़कर काम कर रही हूं। मैं लड़ियों में सर्किट लगाने का काम करती हूं। मुझे यहां से अच्छी आमदनी हो जाती है। महिलाएं आगे बढ़ रही हैं और महिलाओं को भी चाहिए कि वे आत्मनिर्भर बने। यहां बहुत से गांव की महिलाएं काम करती हैं। यहां पर लड़ियों के अलावा दीये भी बनाए जाते हैं, इसके अलावा सिलाई सेंटर भी है। यहां महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने की ट्रेनिंग दी जाती है। इतना ही नहीं, लड़कियों के लिए कंप्यूटर क्लासेस भी लगती हैं। महिलाएं लड़ियां बनाने के काम में इतनी निपुण हो चुकी हैं कि यहां पर एक दिन में 300 लड़ियां भी बना लेती हैं। 45 सालों से काम कर रही है संस्था
संस्था के प्रांत उपाध्यक्ष रोशन लाल ने बताया कि सेवा भारती संस्था गरीब समाज के उत्थान के लिए पिछले 45 वर्षों से काम कर रही है। लड़ियों के प्रोजेक्ट से 13-14 गांवों से लगभग 250 परिवार जुड़े हुए हैं और उन्हें गर्व भी महसूस होता है कि हम स्वदेशी अभियान से जुड़े हुए हैं। यहां पर 15 साल से लेकर 70 साल तक की महिलाएं काम कर रही हैं। इसमें ज्यादा पढ़ी लिखी महिलाएं नहीं है। जिस काम को करने से हम डरते हैं, उस काम को महिलाएं अच्छी तरह से कर रही हैं। लड़ियां बनाने के लिए 2 या 3 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है, उसके बाद वे लड़ी बनाने में सक्षम हो जाती हैं।
अहमदाबाद, दिल्ली और गाजियाबाद से आता है कच्चा माल
रोशन लाल ने बताया कि संस्था 1980 से कार्य कर रही है। करनाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किए हुए 5 साल हो चुके हैं। पहले साल जो लड़ियों का लोट गया था, उसके बाद आज तक किसी तरह की शिकायत नहीं आई। यहां पर हाथों से ही लड़ियों का काम किया जाता है। इसमें मशीनों का यूज नहीं होता। लड़ियों के लिए कच्चा माल अहमदाबाद, दिल्ली और गाजियाबाद से लिया जाता है। देश-विदेश में जा रहीं लड़ियां रोशन लाल ने बताया कि यहां से अयोध्या के राम मंदिर के लिए भी लड़ियां गई हैं। राम मंदिर कमेटी को पता है कि करनाल में लड़ियां बनती हैं। उन्होंने हमसे संपर्क किया था। 22 जनवरी को जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था, तब राम मंदिर के लिए यहां से लड़ियां गई थीं। दरअसल, हमारे एक कार्यकर्ता ने राम मंदिर में लड़ियां देखी थीं। उनकी क्वालिटी ठीक नहीं थी। हमारे कार्यकर्ता ने राम मंदिर प्रबंधन कमेटी के कार्यकर्ता से बात की और स्वदेशी लड़ियों के बारे में बताया और सैंपल दिखाया। जिसके बाद राम मंदिर से हमें लड़ियों का ऑर्डर मिल गया। अब करनाल से भोपाल, जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों में भी लड़ियां गई हैं। यहां से लोग अपने रिश्तेदारों को कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूएसए में भी लड़ियां भेज रहे हैं। संस्था के प्रोग्राम में स्टॉल लगाकर करते हैं मार्केटिंग रोशन लाल ने बताया कि यह कोई व्यापार नहीं है। यह तो केवल स्वदेशी अपनाओ अभियान है, नारी सशक्तिकरण अभियान और मेरा स्वावलंबी भारत अभियान है। इन अभियान को एक ही प्रकल्प से बल मिलता है। मार्केटिंग की बात करें तो करनाल में सेवा भारती का हेड ऑफिस है और हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर हमारी समितियां है। उन समितियों के कार्यकर्ता समाज में स्वदेशी के प्रति सजगता लाते है। इसके साथ ही संस्था के कार्यक्रमों के दौरान भी स्टॉल लगाकर मार्केटिंग की जाती है। लोगों में स्वदेशी के प्रति जागरूकता आई है और यही संस्था के लिए सबसे बड़ा सम्मान है।
विनेश ने भाई को बांधी राखी:शगुन में 500 के नोट की गड्डी मिली; हंसते हुए बोली-मेरे भाई ने जिंदगी में इतना ही कमाया
विनेश ने भाई को बांधी राखी:शगुन में 500 के नोट की गड्डी मिली; हंसते हुए बोली-मेरे भाई ने जिंदगी में इतना ही कमाया पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिस्क्वालिफाई होने पर मेडल से चूकी रेसलर विनेश फोगाट ने सोमवार को अपने पैतृक गांव बलाली में रक्षाबंधन का त्योहार बनाया। इस दौरान विनेश ने अपने भाई हरेंद्र फोगाट की कलाई पर राखी बांधी। भाई हरेंद्र फोगाट ने शगुन के तौर पर विनेश फोगाट को 500 के नोट की गड्डी दी। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें विनेश फोगाट भाई के हाथ पर बंधी राखी को दिखाते हुए हंसी-मजाक करती दिख रही है। वीडियो में विनेश हंसते हुए ये कहती दिख रही कि ‘मैं करीब 30 साल हो गई। पहले मुझे 10 रुपए मिलते थे। पिछले साल भाई ने 500 रुपए दिए थे, लेकिन इस बार मुझे (500 के नोट की गड्डी दिखाते हुए) ये मिला है। मेरे भाई ने जिंदगी में इतना ही कमाया है, जो मेरे हिस्से में आया।’ डिस्क्वालिफाई होने पर मेडल से चूकी बता दें कि इस बार विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में 50KG फ्रीस्टाइल कुश्ती में हिस्सा लिया था। 6 अगस्त को एक ही दिन में तीन मैच खेलकर फाइनल में एंट्री करते हुए सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था। 7 अगस्त की रात को विनेश का गोल्ड मेडल के लिए मैच होना था। लेकिन उसी दिन सुबह विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था, क्योंकि मैच से पहले उनका वजह 50KG की कैटेगरी के लिहाज से 100 ग्राम ज्यादा था। जिसके बाद विनेश ने कुश्ती से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। विनेश का भारत लौटने पर ग्रैंड वेलकम हो चुका दो दिन पहले विनेश पेरिस से भारत लौटी थी। विनेश के स्वागत में नई दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर उनके बलाली गांव तक करीब 125 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला गया, जिसमें 100 से ज्यादा जगह उनका स्वागत किया गया। जगह-जगह उन्हें नोटों की माला पहनाई गई। रात में बलाली गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया, जिसमें विनेश फोगाट को सम्मान के तौर पर उपहार की बारिश हुई। किसी ने उन्हें गोल्ड मेडल पहनाया तो किसी ने नोटों की माला से उनका सम्मान किया। ग्रैंड वेलकम देख विनेश की आंखे भर आई थी।