पंजाब के बठिंडा में अकाली दल के एक नेता के घर पर बाइक सवार तीन युवकों द्वारा फायरिंग किए जाने का मामला सामने आया है। देर रात हुई इस वारदात के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है। अकाली दल नेता का भाई भी राजनीति में सक्रिय है और कांग्रेस से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, शनिवार की देर रात करीब 11 बजे एक बाइक पर सवार होकर आए तीन युवकों ने कांग्रेस महासचिव किरणजीत सिंह गहरी और अकाली दल के वरिष्ठ नेता जगदीप सिंह गहरी के घर पर फायरिंग की। अज्ञात युवकों द्वारा नेताओं के घर पर गोली चलाए जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है। घटना सीसी टीवी कैमरे में कैद हुई है। पुलिस ने की जांच पड़ताल मीडिया से बातचीत करते हुए अकाली दल नेता जगदीप सिंह गहरी ने बताया कि देर रात करीब 11 बजे एक बाइक पर तीन युवक आए और उनके घर पर फायरिंग करके फरार हो गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी है। उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पंजाब के बठिंडा में अकाली दल के एक नेता के घर पर बाइक सवार तीन युवकों द्वारा फायरिंग किए जाने का मामला सामने आया है। देर रात हुई इस वारदात के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है। अकाली दल नेता का भाई भी राजनीति में सक्रिय है और कांग्रेस से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, शनिवार की देर रात करीब 11 बजे एक बाइक पर सवार होकर आए तीन युवकों ने कांग्रेस महासचिव किरणजीत सिंह गहरी और अकाली दल के वरिष्ठ नेता जगदीप सिंह गहरी के घर पर फायरिंग की। अज्ञात युवकों द्वारा नेताओं के घर पर गोली चलाए जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है। घटना सीसी टीवी कैमरे में कैद हुई है। पुलिस ने की जांच पड़ताल मीडिया से बातचीत करते हुए अकाली दल नेता जगदीप सिंह गहरी ने बताया कि देर रात करीब 11 बजे एक बाइक पर तीन युवक आए और उनके घर पर फायरिंग करके फरार हो गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी है। उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में भगोड़ा ठेकेदार गिरफ्तार:पंजाब विजिलेंस बोलीं- कम रेट पर प्लॉट अलॉट करवाए, सरकारी टेंडर हासिल किए अमृतसर में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आज भगोड़े प्राइवेट ठेकेदार को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम विकास खन्ना है। जानकारी के अनुसार, आरोपी ने कई बार अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एआईटी), में निर्धारित कीमत से काफी कम रेट पर प्लॉट अलॉट करवाए और धोखे से सरकारी टेंडर भी हासिल किए थे। ब्यूरो ने बताया कि जांच के दौरान विजिलेंस ब्यूरो को पता चला कि आरोपी ठेकेदार ने अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तत्कालीन चेयरमैन की मिलीभगत से 200 वर्ग गज का प्लॉट बाजार दर से बहुत कम कीमत पर अपने नाम अलॉट कराया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। आरोपी ने धोखाधड़ी से अपनी फर्म को ट्रस्ट में दर्ज कराया और निर्धारित नियमों और शर्तों का उल्लंघन कर सरकारी टेंडर हासिल किए। इसके अलावा आरोपी ने धोखाधड़ी से एक वेरका मिल्क बूथ भी अपने नाम पर स्वीकृत कराया। ट्रायल कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया
ब्यूरो ने आगे बताया कि इस जांच के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो थाना, अमृतसर रेंज में एफआईआर दिनांक 6 जुलाई 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 409, 201, 120-बी, 13(2) और 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह आरोपी भगोड़ा था और ट्रायल कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। विजिलेंस ब्यूरो की टीमों ने आरोपी को पकड़ने के लिए कई छापेमारी की, जिसके चलते उसे आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आरोपी को केंद्रीय जेल अमृतसर से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले के सभी पहलुओं की आगे पूछताछ के लिए कोर्ट से एक दिन का रिमांड भी लिया गया है।
आतंकी डाल्ला का कथित ऑडियो वायरल:बोला- फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में सांसद अमृतपाल शामिल नहीं, पंजाबी इन्फ्लुएंसर को दी धमकी
आतंकी डाल्ला का कथित ऑडियो वायरल:बोला- फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में सांसद अमृतपाल शामिल नहीं, पंजाबी इन्फ्लुएंसर को दी धमकी फरीदकोट में हुए गुरप्रीत सिंह हत्याकांड मामले को लेकर पंजाब पुलिस के दावों को झूठा बताते हुए एक आतंकी अर्श डाल्ला का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव द्वारा किया गया “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख और खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल के शामिल होने वाले दावे को झूठा बताया है। ऑडियो में अपने आप को डाल्ला बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उक्त वारदात उसने करवाई है, ना कि किसी अन्य व्यक्ति ने। इस केस में अमृतपाल सिंह की कोई भूमिका नहीं है। हालांकि दैनिक भास्कर उक्त ऑडियो की पुष्टि नहीं करता। डीजीपी की प्रेसवार्ता के बाद से उक्त ऑडियो वायरल हो रहा है। डाल्ला बोला- गुरप्रीत को हमने मरवाया, ना कि किसी और ने वायरल हो रही कथित ऑडियो में अपने आप को अर्श डाल्ला बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा हत्या केस में मेरे साथ भाई अमृतपाल सिंह का नाम जोड़ा जा रहा है, ये सरासर नाजायज है। ये वारदात मैंने खुद की जिम्मेदारी पर करवाया है। इसमें और किसी का लेनादेना नहीं है। आगे डाल्ला ने कहा- इसकी हत्या इसलिए की गई, क्योंकि 6 माह पहले हमने फोन किया था तो मुझे गालियां दी गई। गुरप्रीत ने महिलाओं की गलत फोटो एडिट किए गए थे। जिसके चलते इसे फोन किया गया था। मुझे इस बारे में शिकायत मिली थी। जिसके चलते हमने इसका काम कर दिया। डाल्ला ने कहा कि गुरप्रीत कोई कौम दर्दी नहीं था, अगर ऐसा होता तो जिन्होंने बेअदबियां की हैं, उन्हें जाकर मारकर आता। डाल्ला ने आगे कहा- हमें किसी के मेडल की जरूरत नहीं है, हम खराब हैं और खराब ही रहेंगे। हम अपनी कौम के लिए जो कर सकेंगे वो करेंगे। दीप सिद्धू की संपथी लेने की कोशिश करता था और जो कौम के लिए काम कर रहे लोग जिंदा हैं, उन्हें गुरप्रीत गलत कहता था। इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाने वालों को भी धमकी कथित ऑडियो में डाल्ला ने कहा कि इंस्टाग्राम पर जो लोग वीडियो बनाते हैं, उनमें से भी एक आधे की बारी हम लगा देंगे। सुख रत्तिया और कोमल कौर का नाम लेते हुए ये धमकी दी गई। वहीं, कुल्हड़ पिज्जा कपल का नाम लिए बिना डाला ने कहा कि हम पिज्जा सभी के बिखेर देंगे। हमें इन्हें मारना पड़ जाएगा, वरना प्रशासन इन्हें समझा ले कि ये सोशल मीडिया पर गंद न डालें। हमारी कौम इन्हीं के चक्कर में खराब हो रही है, अगर इन में से कोई मर जाएगा तो कोई तूफान नहीं आने वाला। आखिरी में डाल्ला ने कहा- जो कौम के लिए अच्छा करेगा, उसकी हमेशा हम प्रशंसा ही करेंगे। कौम के बारे में बुरा बोलने वालों को मेरी धमकी है कि कहीं मुझसे कोई नुकसान मत करवा लेना। डीजीपी ने हत्या के लिंक सांसद अमृतपाल से बताए थे पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि इस मामले का मास्टरमाइंड आतंकी अर्शदीप सिंह डल्ला है। सारी जांच तथ्यों के आधार पर की जा रही है। अमृतपाल सिंह इस समय डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। इस हत्या के लिए कई ग्रुप बनाए गए थे। सभी ग्रुप को अलग-अलग काम सौंपे गए थे। मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार आए हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं।
सुखबीर सिंह माफीनामा किया गया सार्वजिनक:प्रकाश सिंह बादल द्वारा लिखे पत्र का भी हवाला, पंज सिंह साहिबान की बैठक में होगा फैसला
सुखबीर सिंह माफीनामा किया गया सार्वजिनक:प्रकाश सिंह बादल द्वारा लिखे पत्र का भी हवाला, पंज सिंह साहिबान की बैठक में होगा फैसला अकाली दल के समय में हुई बेअदबी की घटनाओं के लिए सुखबीर सिंह बादल की ओर से श्री अकाल तख्त को दिए गए माफीनामा को सार्वजनिक किया गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव ने यह माफीनामा सार्वजनिक किया है और कहा है कि पांच सिंह साहिबानों की बैठक में इसका फैसला किया जाएगा। आपको बता दें कि, अकाली दल के बागी गुट ने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में आकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और सुखबीर सिंह बादल को 2007 से अक्टूबर 2015 तक हुई घटनाओं के संबंध में दोषी ठहराया था। जिसके संबंध में पंज सिंह साहिबानों ने अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल से 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। जिसके मद्देनजर 24 जुलाई 2024 को शिरोमणि अकाली दल के नेताओं और अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष बंद लिफाफे के बारे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया गया था। लगातार हो रही थी सार्वजनिक करने की मांग श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव सुखदेव सिंह ने आज यह पत्र सार्वजनिक करते हुए कहा कि संगत की ओर से लगातार मांग कर रही थी कि बंद लिफाफे के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार जल्द ही पंज सिंह साहिबों के साथ बैठक कर इस संबंध में अपना फैसला सुनाएंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा प्रधान ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा है कि 24 सितंबर 2015 को श्री अकाल में सिंह साहिबों की सभा में डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में गुरमता किया गया था। जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष अवतार सिंह के आदेश पर मुख्य सचिव हरचरण सिंह द्वारा विज्ञापन जारी किए गए। वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी सफाई में कहा है कि अकाली दल के कुछ नेताओं की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को माफी पत्र सौंपा गया था। जो भी उनके खिलाफ लिख कर दे दिया गया है, बस वह सब अपनी झोली में डालते हैं और जो कुछ श्री अकाल तख्त साहिब देगा वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने इस माफीनामे में उनके पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के लिखे पत्र को भी जोड़ा है और उसका भी हवाला दिया है।