किसी को मिली खुशी किसी को मायूसी… झारखंड में जीत और हार का स्वाद चखने वाले VIP नेता किसी को मिली खुशी किसी को मायूसी… झारखंड में जीत और हार का स्वाद चखने वाले VIP नेता झारखंड संभल जामा मस्जिद सर्वे के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- उपचुनाव के बाद बौखला गए हैं सपा नेता
Related Posts
नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, डरकर भागे नक्सली, 2 IED बम बरामद
नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, डरकर भागे नक्सली, 2 IED बम बरामद <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा मनाये जा रहे शहीदी सप्ताह के आखिरी दिन बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में जवानों ने नक्सलियों की मौजूदगी पर एक बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया. नक्सलियों के ठिकानों पर दबिश देते हुए जवानों ने जमकर गोलीबारी की. करीब डेढ़ घंटे तक नक्सलियों और जवानों के बीच गोलीबारी हुई. हालांकि मुठभेड़ में किसी के मारे जाने की खबर अभी नहीं है लेकिन जवानों की तरफ से दावा किया गया है मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सलियों को गोली लगी है. नक्सली वहां से भागने में कामयाब रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों द्वारा लगाए गए पांच -पांच किलो के पाइप बम को जवानों ने बरामद कर निष्क्रिय करने में सफलता हासिल की है. नक्सली इस पाईप बम के जरिए जवानों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में थे,लेकिन इस ऑपरेशन में जवानों के साथ गए BDS की टीम ने पाइप बम को ढूंढ निकाला और इसे निष्क्रिय कर दिया. बताया जा रहा है कि जवानों की माओवादी संगठन के रावघाट एरिया कमेटी के नक्सलियो से मुठभेड़ हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जवानों ने किया कई नक्सलियों के घायल होने का दावा </strong><br />नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कच्चापाल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी, बीएसएफ, बस्तर फाइटर के जवानों की एक संयुक्त टीम को मौके पर रवाना किया गया था. कोहकामेटा थाना क्षेत्र के कच्चापाल के पहाड़ियों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जवानों ने जमकर गोलीबारी की, लेकिन नक्सली पहाड़ों और जंगलों की आढ़ लेकर मौके से भाग निकले. जवानों ने दावा किया है कि इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों को गोली भी लगी है. क्योंकि मौके पर खून के धब्बे भी देखे गए हैं. हालांकि नक्सलियों का सामान बरामद नहीं हो पाया है. एसपी ने बताया कि फिलहाल जवानों की टीम सुरक्षित वापस पुलिस कैंप लौट गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शहीदी सप्ताह में कोई वारदात नहीं कर पाए नक्सली</strong><br />बता दें कि हर साल बस्तर में माओवादी संगठन के द्वारा 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाया जाता है. इस दौरान अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को माओवादी संगठनों द्वारा याद किया जाता है. माओवादियों ने शनिवार 3 अगस्त को एक प्रेसनोट जारी कर बीते 6 महीनो में बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में हुए मुठभेड़ में बड़ी संख्या में अपने नक्सली साथियों के मारे जाने की जानकारी दी है. इसके साथ नक्सलियों ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों की भी हत्या करने का आरोप लगाया है. नक्सली अपने इस शहीदी सप्ताह के दौरान पूरे बस्तर संभाग में किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए. मानसून के बावजुद भी लगातार जवानों के द्वारा चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सली बैक फुट पर नजर आए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”जान खतरे में डाल उफनती नदी को पार कर रहे ग्रामीण, लंबे समय से कर रहे सड़क और पुल की मांग” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/kanker-weather-villagers-risking-lives-crossing-swollen-river-demanding-roads-and-bridges-chhattisgarh-ann-2752849″ target=”_blank” rel=”noopener”>जान खतरे में डाल उफनती नदी को पार कर रहे ग्रामीण, लंबे समय से कर रहे सड़क और पुल की मांग</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
हरियाणा कांग्रेस में टिकट के लिए बड़े नेता आमने-सामने:भाजपा सांसद के भाई ने तोशाम से मांगा टिकट, जेजेपी विधायक की डिमांड शाहबाद सीट
हरियाणा कांग्रेस में टिकट के लिए बड़े नेता आमने-सामने:भाजपा सांसद के भाई ने तोशाम से मांगा टिकट, जेजेपी विधायक की डिमांड शाहबाद सीट हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। राजनीति पार्टियां अपनी तरफ से तैयारियों में लगी है। वहीं कांग्रेस ने हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर हुए आवेदन के हिसाब से दूसरा सर्वे शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने 10 अगस्त तक आवेदन मांगे थे। इसमें 90 सीटों पर 2556 दावेदार सामने आए हैं। कांग्रेस के आवेदन सूची में चौंकाने वाले नाम भी हैं। सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम सांसद चौधरी धर्मबीर के भाई राजबीर लाला का है। राजबीर लाला भाजपा के भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मबीर का पूरा चुनाव प्रचार भी संभालते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि धर्मबीर के भाई ने किरण चौधरी के सामने तोशाम से कांग्रेस का टिकट मांगा है। इसी सीट पर बंसीलाल के पौते अनिरुद्ध ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है। दूसरा चौंकाने वाला नाम शाहबाद के मौजूदा विधायक रामकरण काला का है। रामकरण काला JJP के विधायक हैं। JJP विधायक ने कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन किया है। तोशाम और टोहाना सीट पर मचेगा घमासान
किरण चौधरी के भाजपा में जाने के बाद तोशाम सीट पर चौधरी बंसीलाल के पौते और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी ने आवेदन किया है। वहीं चौधरी धर्मबीर के भाई राजबीर लाला ने भी यहां से आवेदन किया है। रणबीर महेंद्रा के परिवार ने इस बार बाढ़डा सीट से परिवार ने दावेदारी पेश नहीं की है। पिछले बार अनिरुद्ध चौधरी के पिता रणबीर महेंद्रा नैना चौटाला के सामने बाढड़ा विधानसभा से लड़े और वह दूसरे नंबर पर रहे थे। नैना चौटाला से हार के बाद अबकी बार रणबीर महेंद्रा अपनी पारंपरिक सीट पर शिफ्ट हो गया है। कांग्रेस बंसीलाल की पुत्रवधु किरण चौधरी के सामने पौते अनिरुद्ध चौधरी को लड़ाएगी या धर्मबीर के भाई राजबीर को इस पर पार्टी का फैसला करना आसान नहीं होगा। वहीं जजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने देवेंद्र बबली के इलाके टोहाना से कांग्रेस का टिकट मांगा है। देवेंद्र बबली की भी कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। बबली सैलजा के भरोसे टिकट के लिए बैठे हैं वहीं निशान सिंह को कांग्रेस में लाने वाले भूपेंद्र हुड्डा हैं। ऐसे में पार्टी किसे टिकट देगी किसे नाराज करेगी। यह आने वाला समय बताएगा। हुड्डा अपनी सीट पर अकेले दावेदार, सुरजेवाला ने पत्ते नहीं खोले
बता दें कि पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई से महज 1 आवेदन आया है। हुड्डा अपनी सीट पर अकेले दावेदार हैं। वहीं कांग्रेस नेता अवतार सिंह भड़ाना ने 3 जगह से दावेदारी जताई है। अवतार भड़ाना ने नांगल चौधरी, पुन्हाना और एनआईटी फरीदाबाद से दावेदारी ठोकी है। भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने चरखी दादरी से कांग्रेट का टिकट के लिए आवेदन किया है। सबसे खास बात है कि कैथल विधानसभा से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने किसी समर्थक का आवेदन नहीं करवाया है। चर्चाएं हैं कि सुरजेवाला खुद या बेटे आदित्य सुरजेवाला को यहां से चुनाव लड़वा सकते हैं मगर सुरजेवाला परिवार में किसी ने आवेदन नहीं किया है। रिजर्व सीटों पर सर्वाधिक नामांकन
खास बात यह है कि हरियाणा की 14 रिजर्व सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा रिजर्व सीटों पर पिछड़ गई थी यही कारण है कि हरियाणा की रिजर्व सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं। रिजर्व सीटों को देखें तो मुलाना विधानसभा में 45, शाहबाद में 56, गुहला में 45, नीलोखेड़ी में 88, इसराना में 33, खरखौदा 54, नरवाना 44, रतिया 38, कालांवाली 14, बवानीखेड़ा 75, कलानौर 55, झज्जर 12 बावल 52 और पटौदी में 42 आवेदन कांग्रेस के आए हैं। इसके अलावा कांग्रेस की नीलोखेड़ी सीट पर सबसे अधिक 88 आवेदन आए हैं। इसके बाद जुलाना से 86, बवानीखेड़ा से 78, बाढ़डा से 60 और उकलाना से 57 लोगों ने आवेदन किया है। किसी ने 2 से 3 सीटों पर तो कहीं पिता-पुत्र, पति-पत्नी ने दावेदारी जताई
विधानसभा में कई सीटें ऐसी हैं जहां पिता-पुत्र, पति-पत्नी ने एक ही सीट पर दावेदारी जताई है तो कुछ लोगों ने एक से अधिक सीटों पर दावेदारी जताई है। सिरसा में 3 पिता-पुत्रों ने दावेदारी जताई है। इसमें राजकुमार शर्मा उनके बेटे मोहित शर्मा, वीरभान मेहता और बेटे राजन मेहता, अमीरचंद चावला, करण चावला ने आवेदन किया है। नलवा सीट पर पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह और उनके बेटे गौरव सिंह ने आवेदन किया है। फतेहाबाद में प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा और उनके बेटे ने एक सीट से ही दावेदारी जताई है। हांसी में पूर्व मंत्री सुभाष गोयल और उनके बेटे सुशील गोयल ने आवेदन किया है। हिसार में हनुमान ऐरन और उनकी पत्नी रेखा ऐरन ने आवेदन किया है। जजपा विधायकों वाली सीट पर अधिक आवेदन
खास बात है कि जिन सीटों पर जजपा के विधायक हैं उन सीटों पर कांग्रेस की ओर से ज्यादा आवेदन हैं। इसका कारण है कि जजपा के वोट बैंक में कांग्रेस सेंधमारी कर चुकी है। लोकसभा चुनाव में भी जजपा के अधिकांश सीटों में कांग्रेस आगे रही थी। टोहाना, नारनौंद, उचाना, जुलाना, बाढड़ा, उकलाना, नरवाना, शाहबाद और गुहला जैसी सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी। टोहाना में कांग्रेस के 21, उचाना में 17, जुलाना में 86, बाढड़ा में 60, शाहबाद में 56, गुहला में 45, उकलाना में 57, नरवाना में 44 और बरवाला में 55 लोगों ने आवेदन किया है।
Greater Noida News: दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-1 लागू, ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण कब?
Greater Noida News: दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-1 लागू, ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण कब? <p><strong>Grater Noida News:</strong> दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-1 लागू होने के बाद नियमो को सख्ती से लागू कराने की बात कही जा रही है लेकिन नोएडा ग्रेटर नोएडा में रियल्टी ये है कि सड़कों के किनारे डस्ट और मिट्टी के ढेर नजर आ रहे हैं. जो हवा के साथ उड़कर प्रदूषण को बढ़ाने का काम कर रहे है. यहां पर न तो पानी का छिड़काव होता हुआ नजर आ रहा और न ही इन्हें ढकने की कोशिश की गई है. </p>
<p>आपको बता दे बिल्डरों की संस्था क्रेडाई (Confederation of Real Estate Developers Association of India) ने भी दिल्ली एनसीआर में बिल्डरों से अपील की है कि वो अपने 500 मीटर से अधिकार निर्माणाधीन साइट पर एंटी स्मॉग गन जरूर रखें ताकि समय समय पर पानी का छिड़काव कर डस्ट को उड़ने से रोका जा सके. वैसे तो नोएडा ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों कि अधिकांश साइट पर कार्य बंद है लेकिन जहां पर कार्य चल रहा वहा कुछ जगहों पर एंटी स्मॉग गन तैनात मिली तो कुछ जगहों पर नहीं मिली. </p>
<p><strong>निर्माणाधीन साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य</strong><br />हालांकि एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान पॉल्यूशन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा कि, 500 मीटर से बड़ी निर्माणाधीन साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है. साथ ही खुले में तंदूर लगाने पर भी रोक लगाई गई है. इतना ही नहीं वाहनों से निकलने वाले धुएं के बाद अगर नोएडा ग्रेटर नोएडा में सबसे ज्यादा पॉल्यूशन किसी से होता है तो वो डस्ट से क्यो की हवा के साथ डस्ट उड़कर प्रदूषण को और बढ़ाने का काम करती है. </p>
<p>पॉल्यूशन विभाग के अधिकारियों की माने तो सबसे ज्यादा डस्ट नोएडा एक्सटेशन में उड़ती है. पॉल्यूशन विभाग ने पूरे जिले में करीब 30 से अधिक स्पॉट भी चिन्हित किए है. जहां वो निगरानी भी करते है लेकिन जब पॉल्यूशन सड़कों के किनारे पड़ी डस्ट के उड़ने से होता है. तो इनकी रोकथाम के लिए जिम्मेदार विभाग कोई ठोस कदम उठा रहे है या नहीं जब इसकी पड़ताल की तो तस्वीरे बिल्कुल अलग नजर आईं. </p>
<p>हमारी टीम कई जगह गई जहा डस्ट और मिट्टी सड़क किनारे पड़ी हुई नजर आईं लेकिन न वहा पर पानी का छिड़काव किया जा रहा था और न उन्हें ढका गया था. यही डस्ट हवा के साथ उड़कर पॉल्यूशन के स्तर को बढ़ाती है जिसकी वजह से बुजुर्ग बच्चों और जो अस्थमा के मरीज हैं उन्हें काफी दिक्कत होती है.</p>
<p>ये भी पढ़ें: </p>