रेवाड़ी चलती रोडवेज बस के ब्रेक डाउन:गियर लगने बंद हुए, 50 यात्री लेकर चंडीगढ़ जा रही थी, बड़ा हादसा टला

रेवाड़ी चलती रोडवेज बस के ब्रेक डाउन:गियर लगने बंद हुए, 50 यात्री लेकर चंडीगढ़ जा रही थी, बड़ा हादसा टला

हरियाणा के रेवाड़ी में एक रोडवेज की एक बस बुधवार की सुबह हादसे का शिकार होते-होते बच गई। 80 की स्पीड पर चल रही बस के अचानक ब्रेक डाउन हो गए। साथ ही गियर लगने भी बंद हो गए। चालक-परिचालक की सूझ-बूझ की वजह से बस को तुरंत रोका गया। चेक करने पर पिछले टायर के एक्सल निकल हुए मिले। कंडेक्टर ऋषिराज के मुताबिक, किलोमीटर स्कीम की बस सुबह साढ़े 5 बजे रेवाड़ी बस स्टैंड के चंडीगढ़ के लिए निकली थी। बस को वाया रोहतक होते हुए चंडीगढ़ जाना था। बस में तकरीबन 50 यात्री सवार थे। रोडवेज की बस जैसे ही डीघल से निकलते ही कारौथा गांव के समीप पहुंची तो पहले अचानक गियर लगने बंद हो गए। इसके बाद ब्रेक डाउन हुए। टायर के एक्सल निकले मिले चालक और परिचालक ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए बस को रोका और यात्रियों को नीचे उतारकर बस के टायर चेक किए तो पिछले दोनों टायर के एक्सल निकले हुए थे। ड्राइवर ने तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद दूसरी बस में सवारियों को बैठाकर चंडीगढ़ के लिए रवाना किया गया। दरअसल, किलोमीटर स्कीम की बसें आए दिन हादसे का शिकार हो रही है। समय पर मेंटिनेंस नहीं होने की वजह से भी हादसे बढ़ रहे है। किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट बता दें कि किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट हैं, लेकिन फिर भी उन बसों को रूटों पर बेधड़क दौड़ाया जा रहा है। इससे हादसा होने का खतरा है। इन बसों के कभी रूट पर दौड़ते समय ब्रेक फेल हो जाते हैं, तो कभी गियर खुल जाते हैं और बॉक्स से हट जाते हैं। इसके अलावा कभी टायर खुलकर गिर जाते हैं तो ड्राइवरों की योग्यता पर भी सवाल उठते रहते हैं, लेकिन फिर भी रोडवेज इन बसों को अपने बेड़े में जगह दे रही है। इतना सब होने के बावजूद रोडवेज प्रशासन द्वारा इन बसों की जांच तक नहीं की जाती, जबकि सभी बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल हैं। रोडवेज जब अपनी बसों को रूट पर उतारती है तो एक-एक कड़ी की अच्छी तरह जांच करती है। जिसके बाद ही रूट पर बस को चलाया जाता है, लेकिन किलोमीटर स्कीम की सभी जांच प्राइवेट ठेकेदार को सौंप रखी हैं। जब किलोमीटर स्कीम की बस रूट पर जाती है तो रोडवेज के अधिकारी सिर्फ सफाई चेक करते हैं। बस में ब्रेक हैं या नहीं, गियर बॉक्स ठीक है या नहीं, बस चालू हालत में है या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। यह सब ठेकेदार के भरोसे छोड़ रखा है। अधिकारियों का कहना है कि किलोमीटर स्कीम बसों के फिटनेस की जांच आरटीए द्वारा की जाती है, रोडवेज द्वारा नहीं। कब-कब हुए हादसे कुछ दिनों पहले रेवाड़ी में दिल्ली जयपुर हाइवे एनएच-48 पर हरियाणा रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की एक बस रोड किनारे खड़े कंटेनर से टकरा गई। ड्राइवर ने बस को रोकने का भरसक प्रयास किया, लेकिन ब्रेक नहीं लग सके। कंटेनर से टकराने के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बस में बैठी कई सवारियों को भी चोट आई है। बस का ड्राइवर और कंडक्टर हादसे में बाल बाल बच गए। बस का अगला हिस्सा दोनों तरफ से क्षतिग्रस्त हो गया। 18 अक्टूबर को रेवाड़ी से चंडीगढ़ रूट पर गई रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की बस दादरी मोड पर अचानक खराब हो गई, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। बस की जब ड्राइवर ने जांच की तो पता चला बस की लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हुई थी। जिसके कारण ही बस खराब हो गई। इससे पहले भी खाटूश्याम समेत कई रूट पर बस के गियर खराब होने की भी सूचनाएं मिलती रही हैं। लेकिन फिर भी रोडवेज के ठेकेदार इन बसों की समय पर मेंटेनेंस नहीं कराते, जो यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रही हैं। हरियाणा के रेवाड़ी में एक रोडवेज की एक बस बुधवार की सुबह हादसे का शिकार होते-होते बच गई। 80 की स्पीड पर चल रही बस के अचानक ब्रेक डाउन हो गए। साथ ही गियर लगने भी बंद हो गए। चालक-परिचालक की सूझ-बूझ की वजह से बस को तुरंत रोका गया। चेक करने पर पिछले टायर के एक्सल निकल हुए मिले। कंडेक्टर ऋषिराज के मुताबिक, किलोमीटर स्कीम की बस सुबह साढ़े 5 बजे रेवाड़ी बस स्टैंड के चंडीगढ़ के लिए निकली थी। बस को वाया रोहतक होते हुए चंडीगढ़ जाना था। बस में तकरीबन 50 यात्री सवार थे। रोडवेज की बस जैसे ही डीघल से निकलते ही कारौथा गांव के समीप पहुंची तो पहले अचानक गियर लगने बंद हो गए। इसके बाद ब्रेक डाउन हुए। टायर के एक्सल निकले मिले चालक और परिचालक ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए बस को रोका और यात्रियों को नीचे उतारकर बस के टायर चेक किए तो पिछले दोनों टायर के एक्सल निकले हुए थे। ड्राइवर ने तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद दूसरी बस में सवारियों को बैठाकर चंडीगढ़ के लिए रवाना किया गया। दरअसल, किलोमीटर स्कीम की बसें आए दिन हादसे का शिकार हो रही है। समय पर मेंटिनेंस नहीं होने की वजह से भी हादसे बढ़ रहे है। किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट बता दें कि किलोमीटर स्कीम की 70% बसें अनफिट हैं, लेकिन फिर भी उन बसों को रूटों पर बेधड़क दौड़ाया जा रहा है। इससे हादसा होने का खतरा है। इन बसों के कभी रूट पर दौड़ते समय ब्रेक फेल हो जाते हैं, तो कभी गियर खुल जाते हैं और बॉक्स से हट जाते हैं। इसके अलावा कभी टायर खुलकर गिर जाते हैं तो ड्राइवरों की योग्यता पर भी सवाल उठते रहते हैं, लेकिन फिर भी रोडवेज इन बसों को अपने बेड़े में जगह दे रही है। इतना सब होने के बावजूद रोडवेज प्रशासन द्वारा इन बसों की जांच तक नहीं की जाती, जबकि सभी बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल हैं। रोडवेज जब अपनी बसों को रूट पर उतारती है तो एक-एक कड़ी की अच्छी तरह जांच करती है। जिसके बाद ही रूट पर बस को चलाया जाता है, लेकिन किलोमीटर स्कीम की सभी जांच प्राइवेट ठेकेदार को सौंप रखी हैं। जब किलोमीटर स्कीम की बस रूट पर जाती है तो रोडवेज के अधिकारी सिर्फ सफाई चेक करते हैं। बस में ब्रेक हैं या नहीं, गियर बॉक्स ठीक है या नहीं, बस चालू हालत में है या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। यह सब ठेकेदार के भरोसे छोड़ रखा है। अधिकारियों का कहना है कि किलोमीटर स्कीम बसों के फिटनेस की जांच आरटीए द्वारा की जाती है, रोडवेज द्वारा नहीं। कब-कब हुए हादसे कुछ दिनों पहले रेवाड़ी में दिल्ली जयपुर हाइवे एनएच-48 पर हरियाणा रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की एक बस रोड किनारे खड़े कंटेनर से टकरा गई। ड्राइवर ने बस को रोकने का भरसक प्रयास किया, लेकिन ब्रेक नहीं लग सके। कंटेनर से टकराने के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बस में बैठी कई सवारियों को भी चोट आई है। बस का ड्राइवर और कंडक्टर हादसे में बाल बाल बच गए। बस का अगला हिस्सा दोनों तरफ से क्षतिग्रस्त हो गया। 18 अक्टूबर को रेवाड़ी से चंडीगढ़ रूट पर गई रोडवेज की किलोमीटर स्कीम की बस दादरी मोड पर अचानक खराब हो गई, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। बस की जब ड्राइवर ने जांच की तो पता चला बस की लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हुई थी। जिसके कारण ही बस खराब हो गई। इससे पहले भी खाटूश्याम समेत कई रूट पर बस के गियर खराब होने की भी सूचनाएं मिलती रही हैं। लेकिन फिर भी रोडवेज के ठेकेदार इन बसों की समय पर मेंटेनेंस नहीं कराते, जो यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रही हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर