फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा और वारिस-ए-पंजाब के मुखी सांसद, अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें एक पत्र सौंपा जिसमें विश्वास दिलाया कि सारा पंथ उनके साथ है, इसीलिए वह बिना किसी दबाव के सुखबीर सिंह बादल को लेकर फैसला करें। सांसद अमृतपाल सिंह के पिता और पंजाब संगठन के अध्यक्ष तरसेम सिंह, सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने आज जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के दौरान मांग की है कि सुखबीर सिंह बादल और अकाली दल के मामले में पहले गुरु पंथ के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई जाए। अकाली दल को पुनर्जीवित करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया जाना चाहिए और प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम सम्मान वापस लिया जाना चाहिए। बिना किसी दबाव के करे फैसला : खालसा सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि आज वह श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और जत्थेदार सिंह जी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि जत्थेदार साहिबानों के बच्चों की रेकी का जा रही है। वह इसी मुद्दे को लेकर जत्थेदार जी से मुलाकात करने पहुंचे हैं। उन्हें विश्वास दिलाया है कि पूरा पंथ और सभी लोग उनके साथ हैं। वह बिना किसी दबाव के सुखबीर सिंह बादल पर फैसला लें। उन्होंने कहा कि पंथ को सबसे ज्यादा नुकसान उस समय हुआ जब अकाली दल और बीजेपी एक साथ थी। उन्होंने कहा कि अगर कोई जत्थेदार साहिब पर प्रेशर बनाना चाहता है तो ना बनाएं। उन्हें धमकाया ना जाए, क्योंकि सारा सिख पंथ उनके साथ है और हमेशा खड़ा रहेगा। बादल को दी जाए सजा : तरसेम सिंह अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब ने तन्खैया घोषित कर दिया था, उनके खिलाफ जल्द ही फैसला किया जाएगा, उन्होंने जत्थेदार साहिब से अपील की है कि किसी के बहकावे में आकर कोई फैसला न लिया जाए और सुखबीर सिंह बादल को सजा अवश्य दी जाए। फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा और वारिस-ए-पंजाब के मुखी सांसद, अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें एक पत्र सौंपा जिसमें विश्वास दिलाया कि सारा पंथ उनके साथ है, इसीलिए वह बिना किसी दबाव के सुखबीर सिंह बादल को लेकर फैसला करें। सांसद अमृतपाल सिंह के पिता और पंजाब संगठन के अध्यक्ष तरसेम सिंह, सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने आज जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के दौरान मांग की है कि सुखबीर सिंह बादल और अकाली दल के मामले में पहले गुरु पंथ के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई जाए। अकाली दल को पुनर्जीवित करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया जाना चाहिए और प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम सम्मान वापस लिया जाना चाहिए। बिना किसी दबाव के करे फैसला : खालसा सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि आज वह श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और जत्थेदार सिंह जी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि जत्थेदार साहिबानों के बच्चों की रेकी का जा रही है। वह इसी मुद्दे को लेकर जत्थेदार जी से मुलाकात करने पहुंचे हैं। उन्हें विश्वास दिलाया है कि पूरा पंथ और सभी लोग उनके साथ हैं। वह बिना किसी दबाव के सुखबीर सिंह बादल पर फैसला लें। उन्होंने कहा कि पंथ को सबसे ज्यादा नुकसान उस समय हुआ जब अकाली दल और बीजेपी एक साथ थी। उन्होंने कहा कि अगर कोई जत्थेदार साहिब पर प्रेशर बनाना चाहता है तो ना बनाएं। उन्हें धमकाया ना जाए, क्योंकि सारा सिख पंथ उनके साथ है और हमेशा खड़ा रहेगा। बादल को दी जाए सजा : तरसेम सिंह अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब ने तन्खैया घोषित कर दिया था, उनके खिलाफ जल्द ही फैसला किया जाएगा, उन्होंने जत्थेदार साहिब से अपील की है कि किसी के बहकावे में आकर कोई फैसला न लिया जाए और सुखबीर सिंह बादल को सजा अवश्य दी जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
फरीदकोट में पुलिस कस्टडी से अपराधी फरार:9 महीने बाद पकड़ में आया, कोर्ट में पेशी पर ले गई थी पुलिस
फरीदकोट में पुलिस कस्टडी से अपराधी फरार:9 महीने बाद पकड़ में आया, कोर्ट में पेशी पर ले गई थी पुलिस पंजाब के फरीदकोट में कोटकपूरा थाना पुलिस ने गंभीर अपराधों में नामजद एक आरोपी को नौ महीने की कड़ी मशक्कत के बाद जैसे तैसे करके पकड़ तो लिया, लेकिन आरोपी पुलिस को चकमा देकर पुलिस कस्टडी से फरार हो गया। आपको बता दें कि कोटकपूरा पुलिस द्वारा अंग्रेज सिंह नामक एक अपराधी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। नंवा नत्था वाला फरीदकोट निवासी अंग्रेज सिंह उर्फ बिट्टू के खिलाफ ऊपर कोटकपूरा सदर थाने में 25 नवंबर 2023 को आईपीसी की धारा 307,341,323,506,427,149 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। वह तभी से फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे। शनिवार को कोटकपूरा पुलिस द्वारा आरोपी को किसी तरह से गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को पुलिस आरोपी अंग्रेज सिंह को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के लिए लेकर गई थी,जहां से आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस कस्टडी से अपराधी के फरार हाेने से पुलिस में हड़कंप मच गया। अब फिर से उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को लगाया गया है।
पंजाब में SAD कल से सरकार के खिलाफ करेगा प्रदर्शन:10 से 23 सितंबर तक का प्रोग्राम तय, सीनियर नेता भी होंगे शामिल
पंजाब में SAD कल से सरकार के खिलाफ करेगा प्रदर्शन:10 से 23 सितंबर तक का प्रोग्राम तय, सीनियर नेता भी होंगे शामिल शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने 4 विधानसभा सीटों के उप चुनाव से पहले पंजाब सरकार को घेरने की तैयारी है। अकाली दल की तरफ से अब पूरे राज्य बिजली सब्सिडी खत्म करने, पेट्रोल डीजल पर वैट बढ़ाने और राज्य में बढ़ रहे अपराध समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन करने का प्रोग्राम बनाया है। प्रोग्राम का आगाज कल (सोमवार) से लुधियाना से होगा। पार्टी के प्रधान बलविंदर सिंह भूदड़ ने बताया कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने सभी अकाली नेताओं और समर्थकों से इस प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार को बेकनकाब करेंगे। इस तरह प्रदर्शन का शेड्यूल किया तैयार SAD की तरफ से प्रदर्शन के लिए पूरी योजना बनाई गई। यह धरने का प्रोग्राम 10 सितंबर से लेकर 23 सितंबर तक चलेंगे। 10 सितंबर को लुधियाना, 11 सितंबर फिरोजपुर, 12 सितंबर फाजिल्का, 13 सितंबर मोगा, 16 सितंबर श्री मुक्तर साहिब, 17 सितंबर बठिंडा, 18 सितंबर मानसा, 19 सितंबर संगरूर , 20 सितंबर बरनाला, और 23 को शहीद भगत सिंह नगर में प्रदर्शन में किया जाएगा। पहले निकाली थी पंजाब बचाओ यात्रा लोकसभा चुनाव से पहले SAD की तरफ से पूरे प्रदेश में पंजाब बचाओ यात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा पार्टी प्रधान सुखबीर बादल की अगुवाई में निकाली गई थी। इसमें लगभग सभी विधानसभा हलकों को कवर करने की कोशिश की गई थी। हालांकि पार्टी को इस यात्रा से चुनाव में फायदा नहीं मिला था। चुनाव में पार्टी बठिंडा सीट के अलावा किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी। सीएम के निशाने पर रहते हैं अकाली नेता सीएम भगवंत मान के निशाने पर शिरोमणि अकाली दल के नेता हमेशा रहते हैं। जब वह किसी प्रोग्राम में जाते हैं, तो अकाली दल के नेताओं खासकर प्रधान पर निशान जरूर बोलते हैं। इस बार विधानसभा में भी इस चीज से नहीं चूके हैं। उन्होंने इस दौरान भी पार्टी के प्रधान सुखबीर बादल का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा था।
कतर पुलिस ने गुरु ग्रंथ साहिब का एक स्वरूप लौटाया:दूसरे को सम्मानपूर्वक रखने का आश्वासन दिया; सिख युवक को गिरफ्तार कर बरामद किए थे
कतर पुलिस ने गुरु ग्रंथ साहिब का एक स्वरूप लौटाया:दूसरे को सम्मानपूर्वक रखने का आश्वासन दिया; सिख युवक को गिरफ्तार कर बरामद किए थे कतर की राजधानी दोहा में पुलिस की तरफ से कब्जे में लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दो पवित्र स्वरूपों में से एक को सम्मान सहित लौटा दिया गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के ऐतराज के बाद भारतीय दूतावास हरकत में आया। इसके बाद कतरी अधिकरियों के साथ संपर्क साधा गया। विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा- हमने कतरी अधिकारियों द्वारा जब्त किए गुरु ग्रंथ साहिब और सिख समुदाय द्वारा उनकी रिहाई की मांग के संबंध में रिपोर्ट देखी। सरकार ने पहले ही कतर पक्ष के साथ इस मामले को उठाया था और हमारे दूतावास ने दोहा में सिख समुदाय को घटनाक्रम से अवगत कराया। दूसरा स्वरूप के सम्मान का आश्वासन
प्रवक्ता ने कहा, कतर के अधिकारियों ने 2 व्यक्तियों से गुरु ग्रंथ साहिब के दो स्वरूप ले लिए थे। इन पर कतर सरकार की मंजूरी के बिना धार्मिक प्रतिष्ठान चलाने का आरोप लगाया गया था। हमारे दूतावास ने स्थानीय कानूनों के दायरे में हर संभव सहायता दी। पवित्र पुस्तक का एक स्वरूप कतर के अधिकारियों द्वारा लौटा दिया गया और यह आश्वासन दिया कि दूसरे स्वरूप को भी सम्मान के साथ रखा जाएगा। SGPC ने उठाया था मामला
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा दिए गए आदेश के बाद शिरोमणि कमेटी ने भारत के विदेश मंत्री और कतर के दोहा में भारतीय राजदूत को पत्र लिखा था। एडवोकेट धामी ने कहा कि भाई घन्हैया ह्यूमैनिटेरियन एड के ध्यान में आया था कि एक सिख को दिसंबर 2023 में कतर में दोहा पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में रिहा कर दिया। लेकिन, उससे मिले स्वरूप पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए। अल वकराह पुलिस स्टेशन में रखे हैं स्वरूप
SGPC प्रधान ने बताया कि पकड़े गए सिख के पास से श्री गुरु ग्रंथ के 2 पवित्र स्वरूप मिले। उन्हें स्थानीय पुलिस प्रशासन ने थाने में रखा। ये स्वरूप अल वकराह पुलिस स्टेशन में रखे गए। ये गुरु साहिब का बहुत बड़ा अपमान है। उन्होंने कहा कि दोहा में गिरफ्तार किया गया सिख बिरकत अल-अवामेर में अपनी संपत्ति में स्थापित गुरुद्वारा साहिब में निजी तौर पर गुरु साहिब की पूजा करता था। दैनिक मानदंडों के अनुसार स्थानीय सिखों के साथ मेल जोल रखता था, लेकिन कतर सरकार की गैर-जिम्मेदारी के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरा स्वरूप भी जल्द लौटाया जाएगा
वक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि दूसरा स्वरूप अभी कतर पुलिस स्टेशन में ही है, लेकिन उसे सम्मान के साथ रखा जाएगा। विदेश मंत्रालय उच्च प्राथमिकता के साथ कतर अधिकारियों के साथ मामले पर चर्चा जारी रखेंगे और शीघ्र समाधान की आशा करते हैं।