गुरदासपुर जिले के गांव डीडा सांसियां में गत 15 जून को तीन नौजवानों की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया था और घटना के अगले दिन ही गांव में नशा तस्करी का काम करने वाले करीब 6 घरों के लोग गांव छोड़ फरार हो गए थे। पुलिस प्रशासन ने उक्त छह घरों को पूरी तरह से सील कर दिया था। अब इस मामले में नया मोड़ उस समय आया है। जब नहरी विभाग ने उक्त गांव के 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं। जिनमें से अभी सिर्फ 56 लोगों को ही नोटिस मिले हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में बाकी गांव वासियों के भी घर खाली करवाए जा रहे हैं। नहरी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह किसी साजिश के तहत नहीं बल्कि रुटीन के तहत चल रहे कामों का परिणाम है। पूरे गांव को लपेट रहा जिला प्रशासन- ग्रामीण गांव की महिला सरपंच कमलेश कुमारी, विक्रांत, करण कुमार, परमजीत, संजू और कुलदीप ने बताया कि गांव में नशे की ओवर डोज से मरे नौजवानों के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर उनके गांव में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी कारण गांव में नशे का कारोबार करने वाले संदिग्ध लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं और उन्हें घर खाली करने के लिए जून के अंत में जिला प्रशासन ने 6 नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन अब जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में पूरे गांव को लपेट रहा है। लोगों ने कार्रवाई पर उठाए सवाल उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोग नशे का कारोबार करते थे। जिन पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर कुछ लोग गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ लोग फरार हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से गांव के लोग भी खुश हैं। लेकिन अब नहरी विभाग द्वारा गांव के 71 लोगों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उक्त घर नहरी विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे करके बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में उनके दादा पड़दादा पिछले 150 सालों से अधिक समय से रह रहे हैं और अब वो वहां रह रहे हैं। नहरों पर हुए अवैध कब्जे पहली सरकार को पहले क्यों नजर नहीं आए। यह सब उनके गांव को बदनाम करने और नहर किनारे बने घरों के लोगों को बेघर करने के लिए किया जा रहा है। गांव वासियों ने बताया कि गांव के बहुत से लोग सरकारी नौकरियां कर रहे हैं, कुछ लोग सेना में भी हैं, जरूरी नहीं कि गांव के कुछ लोग नशा तस्करी करते हैं तो पूरे गांव को उनके साथ मिला दिया जाए। एक्सईएन ने दी मामले की जानकारी नहरी विभाग के एक्सईएन करणबीर सिंह बैंस ने बताया कि उक्त मामले का नशे से कोई लेना देना नहीं है। उनके विभाग के एसडीओ रोहित प्रभाकर ने उनकी कोर्ट में एक केस लगाया था। जिसमें बताया गया था कि गांव डीडा सांसिया में कुछ लोगों ने नहरी विभाग की जमीन पर कब्जा करके घर बनाए गए हैं और उसी केस के तहत गांव के कुछ लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। गुरदासपुर जिले के गांव डीडा सांसियां में गत 15 जून को तीन नौजवानों की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया था और घटना के अगले दिन ही गांव में नशा तस्करी का काम करने वाले करीब 6 घरों के लोग गांव छोड़ फरार हो गए थे। पुलिस प्रशासन ने उक्त छह घरों को पूरी तरह से सील कर दिया था। अब इस मामले में नया मोड़ उस समय आया है। जब नहरी विभाग ने उक्त गांव के 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं। जिनमें से अभी सिर्फ 56 लोगों को ही नोटिस मिले हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में बाकी गांव वासियों के भी घर खाली करवाए जा रहे हैं। नहरी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह किसी साजिश के तहत नहीं बल्कि रुटीन के तहत चल रहे कामों का परिणाम है। पूरे गांव को लपेट रहा जिला प्रशासन- ग्रामीण गांव की महिला सरपंच कमलेश कुमारी, विक्रांत, करण कुमार, परमजीत, संजू और कुलदीप ने बताया कि गांव में नशे की ओवर डोज से मरे नौजवानों के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर उनके गांव में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी कारण गांव में नशे का कारोबार करने वाले संदिग्ध लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं और उन्हें घर खाली करने के लिए जून के अंत में जिला प्रशासन ने 6 नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन अब जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में पूरे गांव को लपेट रहा है। लोगों ने कार्रवाई पर उठाए सवाल उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोग नशे का कारोबार करते थे। जिन पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर कुछ लोग गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ लोग फरार हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से गांव के लोग भी खुश हैं। लेकिन अब नहरी विभाग द्वारा गांव के 71 लोगों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उक्त घर नहरी विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे करके बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में उनके दादा पड़दादा पिछले 150 सालों से अधिक समय से रह रहे हैं और अब वो वहां रह रहे हैं। नहरों पर हुए अवैध कब्जे पहली सरकार को पहले क्यों नजर नहीं आए। यह सब उनके गांव को बदनाम करने और नहर किनारे बने घरों के लोगों को बेघर करने के लिए किया जा रहा है। गांव वासियों ने बताया कि गांव के बहुत से लोग सरकारी नौकरियां कर रहे हैं, कुछ लोग सेना में भी हैं, जरूरी नहीं कि गांव के कुछ लोग नशा तस्करी करते हैं तो पूरे गांव को उनके साथ मिला दिया जाए। एक्सईएन ने दी मामले की जानकारी नहरी विभाग के एक्सईएन करणबीर सिंह बैंस ने बताया कि उक्त मामले का नशे से कोई लेना देना नहीं है। उनके विभाग के एसडीओ रोहित प्रभाकर ने उनकी कोर्ट में एक केस लगाया था। जिसमें बताया गया था कि गांव डीडा सांसिया में कुछ लोगों ने नहरी विभाग की जमीन पर कब्जा करके घर बनाए गए हैं और उसी केस के तहत गांव के कुछ लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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