सुजानपुर के पूर्व MLA का आंगनवाड़ी सहायकों को लेकर बयान:बोले- 6 महीने से पूरा वेतन नहीं मिला, सुक्खू सरकार दोस्तों पर खर्च कर रही

सुजानपुर के पूर्व MLA का आंगनवाड़ी सहायकों को लेकर बयान:बोले- 6 महीने से पूरा वेतन नहीं मिला, सुक्खू सरकार दोस्तों पर खर्च कर रही

सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सहायकों को पिछले 6 महीनों से पूरे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इन सहायकों को केवल केंद्र द्वारा दी गई 3500 रुपए की ग्रांट इन ऐड ही मिल रही है जबकि उनकी सैलरी 6700 है। प्रदेश सरकार ने कागजी रूप से 300 रुपए का वेतन बढ़ोतरी का भी ऐलान किया गया था लेकिन इसका लाभ इन सहायकों को नहीं मिल रहा। राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि पहले तो प्रदेश में सुक्खू सरकार मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर सरकार ने मिनी आंगनवाड़ी को बंद तो नहीं की, लेकिन सहायकों के वेतन में कटौती कर उनके परिवारों को संकट में डाल दिया है। पूर्व विधायक ने कहा कि किराए के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया भी पिछले 6 महीने से नहीं दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक गरीब आदमी 3500 रुपए में अपने परिवार का महीने का खर्च कैसे चला सकता है। सरकार अपने मित्रों पर असीमित खर्च कर रही
राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार अपने मित्रों पर तो असीमित खर्च कर रही है और सरकारी खजाना उनके और उनके परिजनों के लिए खुला पड़ा है। जबकि गरीब आंगनवाड़ी सहायकों को भुखमरी की स्थिति में धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल कर्मचारियों को बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का भुगतान नहीं कर रही है बल्कि उनके उत्पीड़न में भी संलिप्त है। राजेंद्र राणा ने राज्य सरकार से मांग की कि मिनी आंगनवाड़ी सहायकों के पूरे वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि प्रदेश के कर्मचारियों के बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों को शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने झूठी गारंटी दी थी और कांग्रेस देश में हो रहे विभिन्न राज्यों के चुनाव में इन झूठी गारंटीयों की वजह से बदनाम हो रही है। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सहायकों को पिछले 6 महीनों से पूरे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इन सहायकों को केवल केंद्र द्वारा दी गई 3500 रुपए की ग्रांट इन ऐड ही मिल रही है जबकि उनकी सैलरी 6700 है। प्रदेश सरकार ने कागजी रूप से 300 रुपए का वेतन बढ़ोतरी का भी ऐलान किया गया था लेकिन इसका लाभ इन सहायकों को नहीं मिल रहा। राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि पहले तो प्रदेश में सुक्खू सरकार मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर सरकार ने मिनी आंगनवाड़ी को बंद तो नहीं की, लेकिन सहायकों के वेतन में कटौती कर उनके परिवारों को संकट में डाल दिया है। पूर्व विधायक ने कहा कि किराए के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया भी पिछले 6 महीने से नहीं दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक गरीब आदमी 3500 रुपए में अपने परिवार का महीने का खर्च कैसे चला सकता है। सरकार अपने मित्रों पर असीमित खर्च कर रही
राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार अपने मित्रों पर तो असीमित खर्च कर रही है और सरकारी खजाना उनके और उनके परिजनों के लिए खुला पड़ा है। जबकि गरीब आंगनवाड़ी सहायकों को भुखमरी की स्थिति में धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल कर्मचारियों को बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का भुगतान नहीं कर रही है बल्कि उनके उत्पीड़न में भी संलिप्त है। राजेंद्र राणा ने राज्य सरकार से मांग की कि मिनी आंगनवाड़ी सहायकों के पूरे वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि प्रदेश के कर्मचारियों के बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों को शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने झूठी गारंटी दी थी और कांग्रेस देश में हो रहे विभिन्न राज्यों के चुनाव में इन झूठी गारंटीयों की वजह से बदनाम हो रही है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर