खन्ना में कांग्रेस शासित नगर कौंसिल के अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ खिलाफ करप्शन का केस दर्ज किया गया। सिटी थाना 2 में दर्ज की गई एफआईआर नंबर 218 में नगर कौंसिल खन्ना के पूर्व जेई अजय कुमार गाबा और कौंसिल के ठेकेदार पवन कुमार को भी नामजद किया गया है। इन तीनों पर गली निर्माण में 3 लाख 17 हजार रुपए का गबन करने का आरोप है। इसके साथ ही एफआईआर में कांग्रेस की एक पार्षद और उसके पति का नाम भी सामने आया है। मामला संगीन होने के चलते फिलहाल पुलिस अधिकारी इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि एफआईआर को भी छिपाकर रखा गया और इसका जिक्र डेली क्राइम रिपोर्ट में भी नहीं किया गया। AAP पार्षद ने ईओ से की शिकायत सिटी थाना 2 में एफआईआर नंबर 218 दर्ज की गई है। चूंकि, यह अपराध भारतीय न्याय संहिता लागू होने से पहले का है। इसी कारण आईपीसी की तहत केस दर्ज किया गया है। नगर कौंसिल के ईओ चरणजीत सिंह की शिकायत पर आईपीसी की धारा 409 (गबन), 420 (हेराफेरी), 120बी (साजिश) के साथ साथ दि प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (1), 13 (2) के तहत केस दर्ज किया गया। ईओ ने अपने बयानों में लिखवाया है कि वार्ड नंबर 16 से पार्षद परमप्रीत सिंह पोंपी ने उनके पास शिकायत दी थी कि वीरू किराना वाली गली वार्ड नंबर 25 के निर्माण के नाम पर 4 लाख 20 हजार का टेंडर लगाकर 3 लाख 17 हजार का गबन किया गया। नगर कौंसिल खन्ना के तकनीकी अधिकारियों को मौके पर भेजकर इसकी जांच कराई गई। गली पुरानी बनी हुई थी। इंटरलॉकिंग टाइलों से यह गली नहीं बनाई गई। ईओ ने अपनी रिपोर्ट के बाद शिकायत एसएसपी को दी और इसकी जांच डीएसपी खन्ना को सौंपी गई। जांच पड़ताल के बाद केस दर्ज कर लिया गया। बार-बार बुलाने पर नहीं आए कौंसिल अध्यक्ष और कांग्रेस पार्षद के पति एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जब इस शिकायत की जांच की जा रही थी तो डीएसपी खन्ना की तरफ से नगर कौंसिल अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ और वार्ड नंबर 25 से कांग्रेस पार्षद अमनदीप कौर के पति रणवीर सिंह काका को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। बार- बार परवाना जारी करने के बावजूद दोनों नहीं आए और अपने बयान दर्ज नहीं कराए। इसके बाद डीए लीगल की राय ली गई और पुलिस ने केस दर्ज कर दिया। ठेकेदार का एफिडेविट सवालों के घेरे में इस केस में आरोपी ठेकेदार पवन कुमार का एफिडेविट सवालों के घेरे में है। ठेकेदार ने पुलिस के सामने एफिडेविट पेश किया। 5 जनवरी 2024 का तस्दीकशुदा यह एफिडेविट कई सवाल भी खड़े करता है। इसमें ठेकेदार ने कहा है कि साल 2021 में जब वीरू किराना स्टोर वाली गली में इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने का काम शुरू करने के लिए उसे कहा गया था तो वह मौके पर गया था। वहां के लोगों ने गली बनाने से इंकार कर दिया था। उस समय वहां कांग्रेस पार्षद अमनदीप कौर का पति रणबीर सिंह काका भी आ गया था। इसके बावजूद लोगों ने गली बनाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद रणबीर सिंह काका ने उसे फोन करके कहा था कि उसे (ठेकेदार) एमसी अमनदीप कौर ने बुलाया है। जिसके बाद रणबीर काका तथा अमनदीप कौर उसे गाड़ी में बिठाकर अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ के पास दफ्तर में ले गए थे। वहां इन तीनों ने उसे धक्के से कहा था कि गली का बिल बनाना है, उन्हें पैसों की जरूरत है। उसके मना करने के बावजूद अफसरों को वहां बुलाकर सरकारी कागजों में गलत एंट्रियां करके बिल उसे दिया गया। रणबीर सिंह काका उसके साथ बैंक में गया वहां रकम निकलवाकर उससे ले ली थी। सूत्रों की मानें तो इस केस में ठेकेदार के इस एफिडेविट को मुख्य आधार बनाया गया है। कहा जा रहा है कि ठेकेदार पवन कुमार को बेशक एफआईआर में नामजद किया गया है। लेकिन इस केस में ठेकेदार को सरकारी गवाह बनाने की भी तैयारी है। इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो अब वक्त बताएगा। हाईकोर्ट पहुंच चुका है मामला बता दें कि, नगर कौंसिल अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ पहले ही हाईकोर्ट जा चुके हैं। उन्होंने गुहार लगा रखी है कि उनके खिलाफ कोई भी झूठा केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। अध्यक्ष इसे राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। जिसके चलते कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट ने अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ को राहत देते हुए आदेश जारी किया था कि अध्यक्ष की गिरफ्तारी से 10 दिन पहले उन्हें नोटिस देना होगा। सूत्रों के अनुसार अब नगर कौंसिल अध्यक्ष के पारिवारिक सदस्य इस एफआईआर के विरोध में भी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। 2 दिन पहले रेड को लेकर हंगामा खन्ना में 2 दिन पहले नगर कौंसिल के अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ के उत्तम नगर स्थित घर में पुलिस की रेड के बाद हंगामा हो गया था। कौंसिल अध्यक्ष के परिवार और कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया था। यहां तक कि रेड के कुछ ही समय बाद पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली अपने साथियों सहित खुद मौके पर पहुंच गए थे और रेड करने आए एसएचओ हरदीप सिंह से जवाब मांगा था कि आखिर किस केस में पुलिस प्रधान को ढूंढ रही है और परिवार को क्यों तंग परेशान किया जा रहा है। 15 अगस्त को उल्टा तिरंगा फहराने का भी केस है दर्ज करीब दो साल पहले सिटी थाना 2 में ही नगर कौंसिल अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ के खिलाफ 15 अगस्त को कौंसिल परिसर में उल्टा तिरंगा फहराने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। इस केस में कौंसिल के माली जीवन कुमार को भी नामजद किया गया था। मामले में साढ़े तीन माह तक चली लम्बी जांच के बाद पुलिस ने यह बड़ी कार्रवाई की थी। कांग्रेस छोड़ आप में शामिल होने वाले गुरशरण सिंह गोगिया की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी। ईओ की शिकायत पर कार्रवाई हुई – डीएसपी डीएसपी खन्ना अमृतपाल सिंह भाटी ने कहा कि नगर कौंसिल के ईओ चरणजीत सिंह ने एसएसपी खन्ना के पास शिकायत की थी। इसकी जांच पड़ताल और डीए लीगल की राय के बाद एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की तफ्तीश जारी है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। खन्ना में कांग्रेस शासित नगर कौंसिल के अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ खिलाफ करप्शन का केस दर्ज किया गया। सिटी थाना 2 में दर्ज की गई एफआईआर नंबर 218 में नगर कौंसिल खन्ना के पूर्व जेई अजय कुमार गाबा और कौंसिल के ठेकेदार पवन कुमार को भी नामजद किया गया है। इन तीनों पर गली निर्माण में 3 लाख 17 हजार रुपए का गबन करने का आरोप है। इसके साथ ही एफआईआर में कांग्रेस की एक पार्षद और उसके पति का नाम भी सामने आया है। मामला संगीन होने के चलते फिलहाल पुलिस अधिकारी इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि एफआईआर को भी छिपाकर रखा गया और इसका जिक्र डेली क्राइम रिपोर्ट में भी नहीं किया गया। AAP पार्षद ने ईओ से की शिकायत सिटी थाना 2 में एफआईआर नंबर 218 दर्ज की गई है। चूंकि, यह अपराध भारतीय न्याय संहिता लागू होने से पहले का है। इसी कारण आईपीसी की तहत केस दर्ज किया गया है। नगर कौंसिल के ईओ चरणजीत सिंह की शिकायत पर आईपीसी की धारा 409 (गबन), 420 (हेराफेरी), 120बी (साजिश) के साथ साथ दि प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (1), 13 (2) के तहत केस दर्ज किया गया। ईओ ने अपने बयानों में लिखवाया है कि वार्ड नंबर 16 से पार्षद परमप्रीत सिंह पोंपी ने उनके पास शिकायत दी थी कि वीरू किराना वाली गली वार्ड नंबर 25 के निर्माण के नाम पर 4 लाख 20 हजार का टेंडर लगाकर 3 लाख 17 हजार का गबन किया गया। नगर कौंसिल खन्ना के तकनीकी अधिकारियों को मौके पर भेजकर इसकी जांच कराई गई। गली पुरानी बनी हुई थी। इंटरलॉकिंग टाइलों से यह गली नहीं बनाई गई। ईओ ने अपनी रिपोर्ट के बाद शिकायत एसएसपी को दी और इसकी जांच डीएसपी खन्ना को सौंपी गई। जांच पड़ताल के बाद केस दर्ज कर लिया गया। बार-बार बुलाने पर नहीं आए कौंसिल अध्यक्ष और कांग्रेस पार्षद के पति एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जब इस शिकायत की जांच की जा रही थी तो डीएसपी खन्ना की तरफ से नगर कौंसिल अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ और वार्ड नंबर 25 से कांग्रेस पार्षद अमनदीप कौर के पति रणवीर सिंह काका को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। बार- बार परवाना जारी करने के बावजूद दोनों नहीं आए और अपने बयान दर्ज नहीं कराए। इसके बाद डीए लीगल की राय ली गई और पुलिस ने केस दर्ज कर दिया। ठेकेदार का एफिडेविट सवालों के घेरे में इस केस में आरोपी ठेकेदार पवन कुमार का एफिडेविट सवालों के घेरे में है। ठेकेदार ने पुलिस के सामने एफिडेविट पेश किया। 5 जनवरी 2024 का तस्दीकशुदा यह एफिडेविट कई सवाल भी खड़े करता है। इसमें ठेकेदार ने कहा है कि साल 2021 में जब वीरू किराना स्टोर वाली गली में इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने का काम शुरू करने के लिए उसे कहा गया था तो वह मौके पर गया था। वहां के लोगों ने गली बनाने से इंकार कर दिया था। उस समय वहां कांग्रेस पार्षद अमनदीप कौर का पति रणबीर सिंह काका भी आ गया था। इसके बावजूद लोगों ने गली बनाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद रणबीर सिंह काका ने उसे फोन करके कहा था कि उसे (ठेकेदार) एमसी अमनदीप कौर ने बुलाया है। जिसके बाद रणबीर काका तथा अमनदीप कौर उसे गाड़ी में बिठाकर अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ के पास दफ्तर में ले गए थे। वहां इन तीनों ने उसे धक्के से कहा था कि गली का बिल बनाना है, उन्हें पैसों की जरूरत है। उसके मना करने के बावजूद अफसरों को वहां बुलाकर सरकारी कागजों में गलत एंट्रियां करके बिल उसे दिया गया। रणबीर सिंह काका उसके साथ बैंक में गया वहां रकम निकलवाकर उससे ले ली थी। सूत्रों की मानें तो इस केस में ठेकेदार के इस एफिडेविट को मुख्य आधार बनाया गया है। कहा जा रहा है कि ठेकेदार पवन कुमार को बेशक एफआईआर में नामजद किया गया है। लेकिन इस केस में ठेकेदार को सरकारी गवाह बनाने की भी तैयारी है। इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो अब वक्त बताएगा। हाईकोर्ट पहुंच चुका है मामला बता दें कि, नगर कौंसिल अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ पहले ही हाईकोर्ट जा चुके हैं। उन्होंने गुहार लगा रखी है कि उनके खिलाफ कोई भी झूठा केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। अध्यक्ष इसे राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। जिसके चलते कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट ने अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ को राहत देते हुए आदेश जारी किया था कि अध्यक्ष की गिरफ्तारी से 10 दिन पहले उन्हें नोटिस देना होगा। सूत्रों के अनुसार अब नगर कौंसिल अध्यक्ष के पारिवारिक सदस्य इस एफआईआर के विरोध में भी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। 2 दिन पहले रेड को लेकर हंगामा खन्ना में 2 दिन पहले नगर कौंसिल के अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ के उत्तम नगर स्थित घर में पुलिस की रेड के बाद हंगामा हो गया था। कौंसिल अध्यक्ष के परिवार और कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया था। यहां तक कि रेड के कुछ ही समय बाद पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली अपने साथियों सहित खुद मौके पर पहुंच गए थे और रेड करने आए एसएचओ हरदीप सिंह से जवाब मांगा था कि आखिर किस केस में पुलिस प्रधान को ढूंढ रही है और परिवार को क्यों तंग परेशान किया जा रहा है। 15 अगस्त को उल्टा तिरंगा फहराने का भी केस है दर्ज करीब दो साल पहले सिटी थाना 2 में ही नगर कौंसिल अध्यक्ष कमलजीत सिंह लद्दड़ के खिलाफ 15 अगस्त को कौंसिल परिसर में उल्टा तिरंगा फहराने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। इस केस में कौंसिल के माली जीवन कुमार को भी नामजद किया गया था। मामले में साढ़े तीन माह तक चली लम्बी जांच के बाद पुलिस ने यह बड़ी कार्रवाई की थी। कांग्रेस छोड़ आप में शामिल होने वाले गुरशरण सिंह गोगिया की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी। ईओ की शिकायत पर कार्रवाई हुई – डीएसपी डीएसपी खन्ना अमृतपाल सिंह भाटी ने कहा कि नगर कौंसिल के ईओ चरणजीत सिंह ने एसएसपी खन्ना के पास शिकायत की थी। इसकी जांच पड़ताल और डीए लीगल की राय के बाद एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की तफ्तीश जारी है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में क्रॉस बॉर्डर स्मगलर लक्खा अरेस्ट:अमृतसर पुलिस ने 35 करोड़ की हेरोइन की जब्त; ड्रोन से मंगवा रहा था खेप
पंजाब में क्रॉस बॉर्डर स्मगलर लक्खा अरेस्ट:अमृतसर पुलिस ने 35 करोड़ की हेरोइन की जब्त; ड्रोन से मंगवा रहा था खेप पंजाब की अमृतसर पुलिस ने सीमा पार मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। क्रॉस बॉर्डर स्मगलर लखविंदर सिंह उर्फ लक्खा को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने फिलहाल नई कानून नियम के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपी की वीडियो-ग्राफी कर नई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी से पूछताछ जारी है। डीजीपी पंजाब गौरव यादव की तरफ से जारी जानकारी के अनुसार अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने लखविंदर उर्फ लाखा को गिरफ्तार किया है, जो मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त था। पाक स्थित ड्रग तस्कर के संपर्क में था और उसी से लगातार हेरोइन की खेप मंगवा रहा था। तरनतारन से जब्त की गई हेरोइन अमृतसर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर तरनतारन के खेमकरण से 5 किलो हेरोइन बरामद की है। इसकी कीमत 35 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पाकिस्तान से ड्रग्स लाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता था। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है और उसके बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।
पंजाब के तरनतारन बॉर्डर पर पाक घुसपैठिया ढेर:चुनौती देने पर भी नहीं रुका; BSF जवानों ने फायर कर मार गिराया
पंजाब के तरनतारन बॉर्डर पर पाक घुसपैठिया ढेर:चुनौती देने पर भी नहीं रुका; BSF जवानों ने फायर कर मार गिराया पंजाब के तरनतारन बॉर्डर पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने एक पाक घुसपैठिए को ढेर कर दिया। स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर बॉर्डर पर जारी अलर्ट को देखते हुए BSF के जवानों ने सतर्कता में ये कदम उठाया। वे भारतीय सीमा में घुस आया था और बार-बार चुनौती देने पर भी वापस ना लौटा। फिलहाल BSF जवानों ने उसके शव को कब्जे में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया है। BSF की तरफ से जारी जानकारी के अनुसार, घटना 12-13 अगस्त की मध्य रात्रि की है। BSF के जवानों ने पाकिस्तान से एक घुसपैठिए की संदिग्ध गतिविधि देखी। ये पंजाब के तरनतारन जिले के सीमावर्ती गांव डल के पास पड़ने वाले क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद सीमा सुरक्षा बाड़ की ओर आ रहा था। सतर्क BSF के जवानों ने घुसपैठिए को चुनौती दी, लेकिन वह नहीं रुका और सीमा सुरक्षा बाड़ की ओर बढ़ता रहा। खतरे को भांपते हुए और रात के समय सीमा पर हाई अलर्ट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ड्यूटी पर तैनात जवानों ने आगे बढ़ रहे घुसपैठिए पर गोलीबारी की, जिससे वह मौके पर ही ढेर हो गया। नशे की तस्करी के लिए अति संवेदनशील है डल एरिया पंजाब बॉर्डर पर पड़ते इस घटना स्थल की बात करें तो तरनतारन का डल एरिया ड्रग्स तस्करी के लिए अति संवेदनशील है। यहां से BSF ने कई बार भारी मात्रा में हेरोइन की खेप बरामद की हैं। वहीं, स्वतंत्रता दिवस के चलते पूरे बॉर्डर एरिया पर अलर्ट जारी है। BSF प्रवक्ता का कहना है कि सतर्क बीएसएफ जवानों ने एक बार फिर सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की साजिश रचने वाले सीमा पार आतंकी-सिंडिकेट के नापाक मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। एक महीने में ये तीसरी घटना बीते एक महीने में पंजाब बॉर्डर पर घुसपैठ के मामलों में कुछ इजाफा देखने को मिला है। बीती 23 जुलाई और उसके बाद 26 जुलाई को दो घुसपैठिए BSF ने अमृतसर बॉर्डर से गिरफ्तार किए थे। इनसे कुछ संदिग्ध नहीं मिला था। जिसके बाद इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। वहीं, 1 अगस्त को तरनतारन बॉर्डर से ही विदेशी हथियार बरामद किए गए थे, जो सरहद पार से ही भारतीय सीमा में भेजे गए थे।
पटियाला में एसएचओ समेत दो पर केस:विजिलेंस ब्यूरो ने की कार्रवाई, रिश्वत में मांगे थे 50 हजार रुपए
पटियाला में एसएचओ समेत दो पर केस:विजिलेंस ब्यूरो ने की कार्रवाई, रिश्वत में मांगे थे 50 हजार रुपए पुलिस केस में मदद के बदले में करप्शन करने वाले भादसों थाना एसएचओ इंदरजीत सिंह व एएसआई अमरजीत पर विजिलेंस ने एफआईआर रजिस्टर किया है। सोमवार को विजिलेंस पटियाला रेंज की टीम ने बयान जारी करते हुए बताया कि इन दोनों पुलिस अधिकारियों ने पचास हजार रुपए रिश्वत ली थी, जिसकी शिकायत सीएम के आनलाइन पोर्टल पर की गई थी। इस कंप्लेंट की जांच के बाद विजिलेंस पटियाला ने एफआईआर दर्ज की लेकिन तब तक दोनों पुलिस अधिकारी फरार हो गए। पुलिस के पास यह कंप्लेंट हरमन सिंह नामक व्यक्ति ने की थी। 35000 रूपए और मांग रहे थे दोनों आरोपी हरमन सिंह की कंप्लेंट के अनुसार उसके व साथियों के खिलाफ भादसों थाना में एक केस दर्ज हुआ था। इस केस में मदद करते हुए इन पुलिस अधिकारियों ने पचास हजार रुपए घूस के लिए थे। यह पैसे हासिल करने के बाद दोनों पार्टियों में समझौता हो गया था, जिसके बाद एफआईआर खारिज की जानी थी। एफआईआर खारिज करने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बदले में यह लोग 35 हजार रुपए रिश्वत मांग रहे थे। जिस वजह से परेशान होकर हरमन सिंह ने विजिलेंस के सीएम द्वारा शुरू किए आनलाइन पोर्टल पर कंप्लेंट फाइल कर दी थी। विजिलेंस पटियाला ने सबूत वेरीफाई करने के बाद केस रजिस्टर किया है।