UP के संभल की मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मस्जिद कमेटी ने सर्वे का आदेश निरस्त करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका पर आज CJI की बेंच सुनवाई करेगी। वहीं, आज ही चंदौसी कोर्ट में भी जामा मस्जिद पक्ष की अपील पर सुनवाई होगी। साथ ही सर्वे की रिपोर्ट भी सब्मिट की जाएगी। उधर, आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने ऐलान किया है कि वो जुमे की नमाज के बाद आज संभल जाएंगे। संभल में मारे गए लोगों के घर वालों से मिलेंगे। इसके साथ ही तौकीर रजा ने संभल हिंसा में मारे गए पत्थरबाजों को शहीद का दर्जा दिया है। कहा- इन लोगों की पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर हत्या की है। इसके लिए अदालत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस जिम्मेदार हैं। एसडीएम-सीओ ने दर्ज कराई FIR, सीओ को लगी थी गोली, पत्थरबाजी में एसडीएम घायल हुए थे
संभल में हुई हिंसा के मामले में एसडीएम-सीओ ने 1600 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सीओ अनुज चौधरी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा- 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान 700-800 लोगों की भीड़ घातक हथियारों से लैस होकर आ गई। मैंने भीड़ को न्यायालय के आदेश के बारे में बताया। लेकिन, भीड़ पुलिस फोर्स पर पत्थर चलाने लगी। मुझे जान से मारने की नीयत से फायर किया, जिससे मेरे दाहिने पैर में गोली लगी। वहीं, एसडीएम रमेश बाबू ने भी 800-900 अज्ञात लोगों पर हथियारों से लैस होकर हमला करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। संभल में हिंसा के बाद आज जुमे की पहली नमाज
हिंसा का बाद आज संभल में पहली जुमे की नमाज है। इसके लिए गुरुवार रात पुलिस फोर्स ने सड़कों और गलियों में फ्लैग मार्च किया। मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- सभी अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे। इन सबके बावजूद हम सतर्क हैं। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स तैनात है। बाहरी ताकतें यहां न घुस पाएं, हम इस पर नजर रख रहे हैं। हम सोशल मीडिया और दूसरे सोर्सेस पर भी नजर रख रहे हैं, जिनसे लोग उकसाते हैं और अफवाहें फैलाते हैं। वहीं, गुरुवार को पुलिस ने 4 और उपद्रवियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 32 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आज संभल कोर्ट में पेश होगी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट
शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सब्मिट की जाएगी। इसे लेकर कोर्ट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारी पुलिस फोर्स तैनात है। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कमिश्नर नियुक्त करते हुए एक हफ्ते में सर्वे रिपोर्ट मांगी थी। पहली बार टीम ने 19 नवंबर की रात को ही सर्वे किया था। दूसरी बार 24 नवंबर (रविवार) को जब सर्वे के लिए पहुंची, तो हिंसा भड़क गई थी। संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
संभल में हुई हिंसा और 4 युवकों की मौत का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि संभल में पुलिस ने बर्बरता की है। याचिका में फायरिंग और बर्बरता में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। साथ ही संभल डीएम, एसपी, मुरादाबाद कमिश्नर के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सर्वे से लेकर हुई हिंसा की पूरी घटना की विस्तृत जांच CBI से कराई जाए। वाराणसी के समाजसेवी डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की तरफ से वकील इमरान उल्लाह और वकील विनीत विक्रम ने यह याचिका दाखिल की है। संभल में स्थिति सामान्य
मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- संभल में स्थिति सामान्य है। बाजार-स्कूल खुले हैं। एहतियातन फोर्स लगाई गई है। जैसे-जैसे लोगों को चिह्नित किया जाएगा, वैसे-वैसे उनके खिलाफ कार्रवाई करते रहेंगे। कई अवैध हथियार भी वहां से पाए गए हैं। जांच जारी है। संभल पुलिस और प्रशासन ड्रोन की मदद से भी निगरानी रख रहा है। वहीं, हिंसा के बाद 1 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों की संभल में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधियों के जिले में आने पर रोक रहेगी। जानिए कैसे भड़की थी हिंसा
24 नवंबर की सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में 3 हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। 19 नवंबर को पहली बार हुआ था सर्वे
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया था। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर (आज) को होगी। जानिए संभल की मस्जिद का पूरा विवाद
हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। UP के संभल की मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मस्जिद कमेटी ने सर्वे का आदेश निरस्त करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका पर आज CJI की बेंच सुनवाई करेगी। वहीं, आज ही चंदौसी कोर्ट में भी जामा मस्जिद पक्ष की अपील पर सुनवाई होगी। साथ ही सर्वे की रिपोर्ट भी सब्मिट की जाएगी। उधर, आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने ऐलान किया है कि वो जुमे की नमाज के बाद आज संभल जाएंगे। संभल में मारे गए लोगों के घर वालों से मिलेंगे। इसके साथ ही तौकीर रजा ने संभल हिंसा में मारे गए पत्थरबाजों को शहीद का दर्जा दिया है। कहा- इन लोगों की पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर हत्या की है। इसके लिए अदालत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस जिम्मेदार हैं। एसडीएम-सीओ ने दर्ज कराई FIR, सीओ को लगी थी गोली, पत्थरबाजी में एसडीएम घायल हुए थे
संभल में हुई हिंसा के मामले में एसडीएम-सीओ ने 1600 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सीओ अनुज चौधरी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा- 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान 700-800 लोगों की भीड़ घातक हथियारों से लैस होकर आ गई। मैंने भीड़ को न्यायालय के आदेश के बारे में बताया। लेकिन, भीड़ पुलिस फोर्स पर पत्थर चलाने लगी। मुझे जान से मारने की नीयत से फायर किया, जिससे मेरे दाहिने पैर में गोली लगी। वहीं, एसडीएम रमेश बाबू ने भी 800-900 अज्ञात लोगों पर हथियारों से लैस होकर हमला करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। संभल में हिंसा के बाद आज जुमे की पहली नमाज
हिंसा का बाद आज संभल में पहली जुमे की नमाज है। इसके लिए गुरुवार रात पुलिस फोर्स ने सड़कों और गलियों में फ्लैग मार्च किया। मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- सभी अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे। इन सबके बावजूद हम सतर्क हैं। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स तैनात है। बाहरी ताकतें यहां न घुस पाएं, हम इस पर नजर रख रहे हैं। हम सोशल मीडिया और दूसरे सोर्सेस पर भी नजर रख रहे हैं, जिनसे लोग उकसाते हैं और अफवाहें फैलाते हैं। वहीं, गुरुवार को पुलिस ने 4 और उपद्रवियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 32 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आज संभल कोर्ट में पेश होगी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट
शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सब्मिट की जाएगी। इसे लेकर कोर्ट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारी पुलिस फोर्स तैनात है। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कमिश्नर नियुक्त करते हुए एक हफ्ते में सर्वे रिपोर्ट मांगी थी। पहली बार टीम ने 19 नवंबर की रात को ही सर्वे किया था। दूसरी बार 24 नवंबर (रविवार) को जब सर्वे के लिए पहुंची, तो हिंसा भड़क गई थी। संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
संभल में हुई हिंसा और 4 युवकों की मौत का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि संभल में पुलिस ने बर्बरता की है। याचिका में फायरिंग और बर्बरता में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। साथ ही संभल डीएम, एसपी, मुरादाबाद कमिश्नर के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सर्वे से लेकर हुई हिंसा की पूरी घटना की विस्तृत जांच CBI से कराई जाए। वाराणसी के समाजसेवी डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की तरफ से वकील इमरान उल्लाह और वकील विनीत विक्रम ने यह याचिका दाखिल की है। संभल में स्थिति सामान्य
मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- संभल में स्थिति सामान्य है। बाजार-स्कूल खुले हैं। एहतियातन फोर्स लगाई गई है। जैसे-जैसे लोगों को चिह्नित किया जाएगा, वैसे-वैसे उनके खिलाफ कार्रवाई करते रहेंगे। कई अवैध हथियार भी वहां से पाए गए हैं। जांच जारी है। संभल पुलिस और प्रशासन ड्रोन की मदद से भी निगरानी रख रहा है। वहीं, हिंसा के बाद 1 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों की संभल में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधियों के जिले में आने पर रोक रहेगी। जानिए कैसे भड़की थी हिंसा
24 नवंबर की सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में 3 हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। 19 नवंबर को पहली बार हुआ था सर्वे
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया था। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर (आज) को होगी। जानिए संभल की मस्जिद का पूरा विवाद
हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर