प्रयागराज में 8 दिनों में 18000 मामलों की सुनवाई टली:वकील की हत्या के विरोध में 8वें दिन हड़ताल जारी, सड़क पर वकील, बातचीत बेनतीजा

प्रयागराज में 8 दिनों में 18000 मामलों की सुनवाई टली:वकील की हत्या के विरोध में 8वें दिन हड़ताल जारी, सड़क पर वकील, बातचीत बेनतीजा

प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्‌डू की पीटकर हत्या का मामला जिला प्रशासन, पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हत्याकांड के बाद पुलिस अफसरों ने किसी तरह बवाल होने से बचा लिया लेकिन अब वकीलों का आक्रोश आंदोलन में बदल गया है। जिला अधिवक्ता संघ के ऐलान के बाद इस हत्याकांड के विरोध में पिछले शुक्रवार से शुरू हुई वकीलों की हड़ताल एक हफ्ते पूरे होने जा रही है। यानि 8 दिनों से जिला अदालत के वकील हड़ताल पर रहकर न्यायिक कार्य से वितर हैं। कामकाज ठप होने से जिला अदालत में सुनवाई ठप है। वकीलों ने कचहरी परिसर के बाहर टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। अफसरों से कई राउंड की वार्ता फेल हो गई। हालांकि इसके बाद भी हजारों वकील संयम बरत रहे हैं और बवाल होते होते बच रहा है। प्रयागराज जिला अदालत बड़ी अदालतों में शुमार हैं। यहां करीब रोज 4 हजार तक केसों की सुनवाई होती रही है। अब 8 दिनों की हड़ताल की वजह से अमूमन 18000 केसों की सुनवाई लटक गई है। यह आंकड़ा वकील ही बता रहे हैं। विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, हंगामा करने वाले वकीलों का कहना है कि 8 दिनों में 18000 केसों की सुनवाई टल रही है। जिला प्रशासन को इसकी फिक्र नहीं है। वकीलों का संगठन आंकड़ों को और ज्यादा बताता है। आपको बता दें कि प्रयागराज जिला अदालत में करीब 25 सेंशन जजों के यहां सुनवाई होती है। इसी प्रकार 18 मजिस्ट्रेट सुनवाई करते हैं जो क्रिमिनल केसों को देखते हैं। इसी तरह करीब 27 सिविल मजिस्ट्रेट हैं जहां एक दिन में 200 के करीब केसों को देखा जाता है। अधिवक्ता मनीष खन्ना बताते हैं कि आंकड़ा देखा जाए तो एक मजिस्ट्रेट के यहां करीब 200 केसों की सुनवाई एक दिन में होती है। इससे ज्यादा केस भी सुने जाते हैं। हड़ताल की वजह से एक भी केस नहीं सुने जा रहे हैं। इस पर प्रशासन को विचार करना चाहिए। क्या है मामला जानिये प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्‌डू की हत्या के खिलाफ वकीलों की हड़ताल जारी है। अपनी मांगों पर अड़े वकील लगातार न्यायिक कार्य से विरत चल रहे हैं। वकीलों ने कचहरी परिसर के ही टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों समेत अन्य वकील अपनी बातें रख रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई लेकिन हड़ताल खत्म नहीं हुई। धीरे धीरे वकीलों का आक्रोश बढ़ रहा है। गुरुवार को भी वकीलों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला हत्याकांड में अब तक की गई प्रशासनिक कार्यकार्र से असंतुष्ट वकीलों के तेवर तीखे हो गए हैं। वकीलों का कहना है कि जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि गिरफ्तारी तत्काल नहीं की गई तो आंदोलन की दिशा और दशा बदलने को मजबूर होना पड़ेगा। वकीलों ने निर्णय लिया है कि अब सड़क पर आमसभा शुरू होगी। वकीलों ने मांग किया है कि परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रूपये, शस्त्र लाइसेंस, सरकारी नौकरी दी जाए। हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। हमलावरों के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएं। उन्हे ठेकेदारी में ब्लैक लिस्टेड किया जाए। डीएम, कमिश्नर कार्यालय का घेराव हंगामा हो चुका है गुस्साए वकील जमकर हंगामा कर चुके हैं। हड़ताल के पहले दिन कचहरी गेट पर पुतला दहन के साथ ही टायर जलाकर विरोध जताया था। रोज नारेबाजी हाेती है। शनिवार को डीएम कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया गया था। साथ ही पुलिस कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन दे चुके हैं। जिला अधिवक्ता संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। वकील एकजुट हैं। वह कचहरी परिसर में रोज सभा कर रहे हैं। जेल भेजे गए आरोपी 1. निखिल कान्त सिंह पुत्र मान सिंह निवासी नरियांव थाना जंहागीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, उम्र करीब 26 वर्ष। 2. प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह पुत्र जितेन्द्र प्रताप सिहं निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, उम्र 48 वर्ष 3.मनोज सिंह पुत्र स्वर्गीय बबन सिंह निवासी ग्राम तिलापुर जमधारवा थाना रेवती जिला बलिया जानिये कब हुई हत्या, क्या था घटनाक्रम 17 नवंबर की रात प्रयागराज के सलोरी इलाके में अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्‌डू पर जानलेवा हमला हुआ था। सिंचाई विभाग के ठेकेदार से विवाद के बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। ठेकेदार के साथ तीन गाड़ियों से आए लोगों ने फायरिंग करने के बाद अखिलेश शुक्ला को राइफल की बट्, राड से इतना पीटा कि वह खून से लथपथ हो गए। इसके बाद हमलावर उन्हें छोड़कर चले गए। मारपीट में कई और लोग भी जख्मी हुए हैं। गंभीर हालत में वकील को अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें मेदांता लखनऊ रेफर कर दिया गया था। इसके बाद 21 नवंबर को अखिलेश शुक्ला की मौत हो गई थी। वकील की मौत के बाद सलोरी बाजार बंद हो गया। शव पहुंचने पर हंगामे की तैयारी थी लेकिन पुलिस अधिकारियों ने समझा कर मामला शांत करा दिया था। 22 नवंबर की सुबह वकील के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया था। जिला अधिवक्ता संघ ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान करते हुए हड़ताल कर दी थी। प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्‌डू की पीटकर हत्या का मामला जिला प्रशासन, पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हत्याकांड के बाद पुलिस अफसरों ने किसी तरह बवाल होने से बचा लिया लेकिन अब वकीलों का आक्रोश आंदोलन में बदल गया है। जिला अधिवक्ता संघ के ऐलान के बाद इस हत्याकांड के विरोध में पिछले शुक्रवार से शुरू हुई वकीलों की हड़ताल एक हफ्ते पूरे होने जा रही है। यानि 8 दिनों से जिला अदालत के वकील हड़ताल पर रहकर न्यायिक कार्य से वितर हैं। कामकाज ठप होने से जिला अदालत में सुनवाई ठप है। वकीलों ने कचहरी परिसर के बाहर टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। अफसरों से कई राउंड की वार्ता फेल हो गई। हालांकि इसके बाद भी हजारों वकील संयम बरत रहे हैं और बवाल होते होते बच रहा है। प्रयागराज जिला अदालत बड़ी अदालतों में शुमार हैं। यहां करीब रोज 4 हजार तक केसों की सुनवाई होती रही है। अब 8 दिनों की हड़ताल की वजह से अमूमन 18000 केसों की सुनवाई लटक गई है। यह आंकड़ा वकील ही बता रहे हैं। विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, हंगामा करने वाले वकीलों का कहना है कि 8 दिनों में 18000 केसों की सुनवाई टल रही है। जिला प्रशासन को इसकी फिक्र नहीं है। वकीलों का संगठन आंकड़ों को और ज्यादा बताता है। आपको बता दें कि प्रयागराज जिला अदालत में करीब 25 सेंशन जजों के यहां सुनवाई होती है। इसी प्रकार 18 मजिस्ट्रेट सुनवाई करते हैं जो क्रिमिनल केसों को देखते हैं। इसी तरह करीब 27 सिविल मजिस्ट्रेट हैं जहां एक दिन में 200 के करीब केसों को देखा जाता है। अधिवक्ता मनीष खन्ना बताते हैं कि आंकड़ा देखा जाए तो एक मजिस्ट्रेट के यहां करीब 200 केसों की सुनवाई एक दिन में होती है। इससे ज्यादा केस भी सुने जाते हैं। हड़ताल की वजह से एक भी केस नहीं सुने जा रहे हैं। इस पर प्रशासन को विचार करना चाहिए। क्या है मामला जानिये प्रयागराज में वकील अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्‌डू की हत्या के खिलाफ वकीलों की हड़ताल जारी है। अपनी मांगों पर अड़े वकील लगातार न्यायिक कार्य से विरत चल रहे हैं। वकीलों ने कचहरी परिसर के ही टेंट लगाकर आमसभा शुरू कर दी है। जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों समेत अन्य वकील अपनी बातें रख रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई लेकिन हड़ताल खत्म नहीं हुई। धीरे धीरे वकीलों का आक्रोश बढ़ रहा है। गुरुवार को भी वकीलों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला हत्याकांड में अब तक की गई प्रशासनिक कार्यकार्र से असंतुष्ट वकीलों के तेवर तीखे हो गए हैं। वकीलों का कहना है कि जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि गिरफ्तारी तत्काल नहीं की गई तो आंदोलन की दिशा और दशा बदलने को मजबूर होना पड़ेगा। वकीलों ने निर्णय लिया है कि अब सड़क पर आमसभा शुरू होगी। वकीलों ने मांग किया है कि परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में एक करोड़ रूपये, शस्त्र लाइसेंस, सरकारी नौकरी दी जाए। हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। हमलावरों के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएं। उन्हे ठेकेदारी में ब्लैक लिस्टेड किया जाए। डीएम, कमिश्नर कार्यालय का घेराव हंगामा हो चुका है गुस्साए वकील जमकर हंगामा कर चुके हैं। हड़ताल के पहले दिन कचहरी गेट पर पुतला दहन के साथ ही टायर जलाकर विरोध जताया था। रोज नारेबाजी हाेती है। शनिवार को डीएम कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया गया था। साथ ही पुलिस कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन दे चुके हैं। जिला अधिवक्ता संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। वकील एकजुट हैं। वह कचहरी परिसर में रोज सभा कर रहे हैं। जेल भेजे गए आरोपी 1. निखिल कान्त सिंह पुत्र मान सिंह निवासी नरियांव थाना जंहागीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, उम्र करीब 26 वर्ष। 2. प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह पुत्र जितेन्द्र प्रताप सिहं निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, उम्र 48 वर्ष 3.मनोज सिंह पुत्र स्वर्गीय बबन सिंह निवासी ग्राम तिलापुर जमधारवा थाना रेवती जिला बलिया जानिये कब हुई हत्या, क्या था घटनाक्रम 17 नवंबर की रात प्रयागराज के सलोरी इलाके में अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला उर्फ गुड्‌डू पर जानलेवा हमला हुआ था। सिंचाई विभाग के ठेकेदार से विवाद के बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। ठेकेदार के साथ तीन गाड़ियों से आए लोगों ने फायरिंग करने के बाद अखिलेश शुक्ला को राइफल की बट्, राड से इतना पीटा कि वह खून से लथपथ हो गए। इसके बाद हमलावर उन्हें छोड़कर चले गए। मारपीट में कई और लोग भी जख्मी हुए हैं। गंभीर हालत में वकील को अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें मेदांता लखनऊ रेफर कर दिया गया था। इसके बाद 21 नवंबर को अखिलेश शुक्ला की मौत हो गई थी। वकील की मौत के बाद सलोरी बाजार बंद हो गया। शव पहुंचने पर हंगामे की तैयारी थी लेकिन पुलिस अधिकारियों ने समझा कर मामला शांत करा दिया था। 22 नवंबर की सुबह वकील के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया था। जिला अधिवक्ता संघ ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान करते हुए हड़ताल कर दी थी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर