करनाल में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों के 6 दिसंबर को प्रस्तावित दिल्ली कूच के सवाल पर कहा कि दिल्ली कूच का कोई मुद्दा दा नहीं है। तीन कृषि कानूनों के समय पर मुद्दा था। पंजाब में किसानों ने जो प्रदर्शन चलाया हुआ है, उससे पंजाब का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों से संबंधित राइस मिलर बिहार और मध्यप्रदेश की तरफ चले गए। जहां प्रदर्शन चलेंगे, धरने चलेंगे वहां नुकसान होगा और जहां पर कानून व्यवस्था ठीक रहेगी, वहां पर विकास होगा। हरियाणा में कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा, लेकिन हम किसी के खिलाफ भी नहीं है, क्योंकि हम भी किसान है और हम भी समझते है। नीलामी नहीं बिक्री करेंगे- राणा मंडी में किसानों की फसल खरीद के फार्मो पर नीलामी की तिथि लिखा हुआ है। जिसपर मंत्री ने कहा कि इस परंपरा को बदला जाएगा, क्योंकि किसान की फसल नीलाम नहीं होती, बल्कि बिकती है। इसलिए इन सभी फार्मों में से नीलामी शब्द हटाकर वहां पर बिक्री शब्द का प्रयोग किया जाएगा। तलवार की जगह कलम की गई है भेंट पर बोले राणा कार्यक्रम के दौरान तलवार की जगह कलम भेंट की गई। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि जब तलवार का जमाना था, तब तलवार से इतिहास लिखा जाता था, लेकिन अब कलम का जमाना है, अब पढ़ने का जमाना है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के राज में सुनने में आता था कि पढ़ने से नौकरी नहीं मिलती थी, बल्कि सिफारिश से नौकरी मिलती थी। लेकिन मनोहर लाल जब मुख्यमंत्री बने तो बिना खर्ची बिना पर्ची का दौर शुरू हुआ और अब पढ़कर युवा नौकरी लगते है। राजपूत सभा ने किया सम्मानित करनाल राजपूत सभा की ओर से हरियाणा सरकार के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, असंध से विधायक योगेंद्र राणा और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल के प्रतिनिधि कविंद्र राणा का सम्मान समारोह किया गया। जिसमें उन्हें पगड़ी, शाल और पेन भेंट की गई। मंच पर मौजूद हरियाणा सरकार के चेयरमैन अमरपाल राणा, जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सोहन सिंह राणा को भी मान सम्मान का प्रतीक पगड़ी, शाल और तलवार की जगह पेन भेंट कर सम्मानित किया। बता दें कि राजपूत सभा के कार्यक्रम में अक्सर तलवार भेंट कर अतिथि का सम्मान किया जाता था, लेकिन करनाल राजपूत सभा ने अतिथियों को इस बार पेन भेंट कर नई परंपरा शुरू की है। स करनाल में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों के 6 दिसंबर को प्रस्तावित दिल्ली कूच के सवाल पर कहा कि दिल्ली कूच का कोई मुद्दा दा नहीं है। तीन कृषि कानूनों के समय पर मुद्दा था। पंजाब में किसानों ने जो प्रदर्शन चलाया हुआ है, उससे पंजाब का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों से संबंधित राइस मिलर बिहार और मध्यप्रदेश की तरफ चले गए। जहां प्रदर्शन चलेंगे, धरने चलेंगे वहां नुकसान होगा और जहां पर कानून व्यवस्था ठीक रहेगी, वहां पर विकास होगा। हरियाणा में कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा, लेकिन हम किसी के खिलाफ भी नहीं है, क्योंकि हम भी किसान है और हम भी समझते है। नीलामी नहीं बिक्री करेंगे- राणा मंडी में किसानों की फसल खरीद के फार्मो पर नीलामी की तिथि लिखा हुआ है। जिसपर मंत्री ने कहा कि इस परंपरा को बदला जाएगा, क्योंकि किसान की फसल नीलाम नहीं होती, बल्कि बिकती है। इसलिए इन सभी फार्मों में से नीलामी शब्द हटाकर वहां पर बिक्री शब्द का प्रयोग किया जाएगा। तलवार की जगह कलम की गई है भेंट पर बोले राणा कार्यक्रम के दौरान तलवार की जगह कलम भेंट की गई। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि जब तलवार का जमाना था, तब तलवार से इतिहास लिखा जाता था, लेकिन अब कलम का जमाना है, अब पढ़ने का जमाना है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के राज में सुनने में आता था कि पढ़ने से नौकरी नहीं मिलती थी, बल्कि सिफारिश से नौकरी मिलती थी। लेकिन मनोहर लाल जब मुख्यमंत्री बने तो बिना खर्ची बिना पर्ची का दौर शुरू हुआ और अब पढ़कर युवा नौकरी लगते है। राजपूत सभा ने किया सम्मानित करनाल राजपूत सभा की ओर से हरियाणा सरकार के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, असंध से विधायक योगेंद्र राणा और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल के प्रतिनिधि कविंद्र राणा का सम्मान समारोह किया गया। जिसमें उन्हें पगड़ी, शाल और पेन भेंट की गई। मंच पर मौजूद हरियाणा सरकार के चेयरमैन अमरपाल राणा, जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सोहन सिंह राणा को भी मान सम्मान का प्रतीक पगड़ी, शाल और तलवार की जगह पेन भेंट कर सम्मानित किया। बता दें कि राजपूत सभा के कार्यक्रम में अक्सर तलवार भेंट कर अतिथि का सम्मान किया जाता था, लेकिन करनाल राजपूत सभा ने अतिथियों को इस बार पेन भेंट कर नई परंपरा शुरू की है। स हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुरूक्षेत्र की धरती से हरियाणा जीतने का मंत्र देंगे शाह:29 जून को आएंगे गृहमंत्री, प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक लेंगे
कुरूक्षेत्र की धरती से हरियाणा जीतने का मंत्र देंगे शाह:29 जून को आएंगे गृहमंत्री, प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक लेंगे हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) तीसरी बार सत्ता तक पहुंचना चाहती है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव को 3 महीने का समय बचा है। ऐसे में भाजपा जल्द ही चुनावी शंखनाद फूंकने वाली है। अबकी बार हरियाणा में चुनाव जीतने की रणनीति गृहमंत्री अमित शाह ने अपने हाथों में ले ली है। वह 29 जून को हरियाणा के कुरूक्षेत्र आ रहे हैं। कुरूक्षेत्र में वह भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक लेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ-साथ हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद बैठक में भाग लेंगे। इतना ही नहीं करीब 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता इस बैठक में हिस्सा लेंगे। हरियाणा में तीसरी बाद सत्ता तक पहुंचना चाहती है भाजपा हरियाणा में 2014 से ही भाजपा की सरकार है। केंद्र में 2014 को नरेंद्र मोदी के सामान्तर ही हरियाणा में खट्टर सरकार बनी थी। 2019 में भी हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और भाजपा जजपा के सहयोग से सत्ता तक पहुंची। मगर अबकी बार खट्टर सांसद का चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री बन गए हैं और उनकी जगह नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बन गए। ऐसे में यह चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है। खट्टर के जाने के बाद भाजपा के पास प्रदेश में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। इसलिए चुनाव के रण में उतरने से पहले अमित शाह कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। भाजपा की राह आसान नहीं 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं वहीं बार इस बार लोकसभा में भाजपा 5 सीटें कांग्रेस से हार गई। कांग्रेस लोकसभा चुनावों में मजबूत बनकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा में से कांग्रेस ने गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाकर उभरी वहीं भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में भाजपा के सामने इस बार मुकाबला टफ है। इन कारणों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर : भाजपा हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। हरियाणा में 10 साल से भाजपा की सरकार है। हरियाणा की जनता प्रदेश में बदलाव की ओर देख रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला मगर इसका फायदा लोकसभा चुनाव में नहीं मिला। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जरूर मोदी के नाम के वोट मिले मगर अबकी बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समाज की नाराजगी : भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समाज को साधने की है। लोकसभा चुनाव में दोनों समाज ने भाजपा के खिलाफ होकर एकजुट होकर वोट किया। इसका परिणाम था कि जिन विधानसभा में जाट समाज या एससी समाज का प्रभाव है उन विधानसभा में भाजपा की हार हुई है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को साधने की है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना : भाजपा के सामने केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है। केंद्र सरकार की ओर से बनाए तीन कृषि कानून को लेकर काफी लंबा आंदोलन हुआ। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर जबरदस्ती की और साथ नहीं दिया। इस कारण किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं केंद्र की अग्निवीर योजना से हरियाणा के युवा खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा नाराज हैं। हरियाणा में बड़े स्तर पर युवा आर्मी भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई। विधानसभा चुनाव में पुराने फॉर्मूले पर लौटेगी BJP… माइक्रो मैनेजमेंट पर करेगी फोकस विधानसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा ‘माइक्रो मैनेजमेंट’ के फॉर्मूले पर चलेगी और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के घर तक पहुंचेगी। यानी इस बार भाजपा हरियाणा जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। विपक्ष के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा, जिसे भेदना आसान नहीं होगा। भाजपा ने अपने पहले कार्यक्रम में ही संकेत दिए हैं कि इस बार किसी भी दूसरे दल के लिए भाजपा को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा। जिस तरह केंद्रीय नेताओं ने हर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री कहा है, उससे साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में हर कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो रविवार को हरियाणा दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नेता में जो भी कमी हो, वह कमी कार्यकर्ता बताएंगे। कार्यकर्ता के कहने पर फीडबैक लेने के बाद उस कमी को ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा बदलाव करने से भी भाजपा पीछे नही हटेगी। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा लंगर-लंगोट कसकर मैदान में उतर चुकी है। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिले फीडबैक के बाद हरियाणा भाजपा में बड़े बदलाव होने तय माने जा रहे हैं।
हरियाणा में मैरिज पैलेस में लगी आग:घुड़चढी के दौरान आतिशबाजी से हादसा; चौथी मंजिल से गिरे अंगारों ने नीचे खड़ी कार भी जलाई
हरियाणा में मैरिज पैलेस में लगी आग:घुड़चढी के दौरान आतिशबाजी से हादसा; चौथी मंजिल से गिरे अंगारों ने नीचे खड़ी कार भी जलाई हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना शहर में बुधवार रात आतिशबाजी के कारण एक बैंक्वेट हॉल में आग लग गई। इससे बैंक्वेट हॉल में रखा सारा सजावटी सामान जल गया। वहीं, आग बैंक्वेट हॉल की चौथी मंजिल पर लगी थी, जिससे आग के अंगारे लगातार नीचे गिरते रहे। इससे बिल्डिंग के नीचे खड़ी एक कार में भी आग लग गई। बताया जा रहा है कि जिस समय बैंक्वेट हॉल में आग लगी, उस समय शादी समारोह चल रहा था। हालांकि, आग लगने से किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन लाखों का नुकसान जरूर हुआ है। मैरिज पैलेस में दुर्घटना के PHOTOS… घुड़चढी के दौरान लगी आग
जानकारी के अनुसार, आग गोहाना में बरोदा चौक पर बने बजाज पैलेस में लगी थी। पैलेस के मालिक हंसराज ने बताया है कि कल रात (बुधवार) पैलेस में शादी समारोह चल रहा था। रात में दूल्हे की घुड़चढी करवाई जा रही थी। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। इसी आतिशबाजी के दौरान आग की एक चिंगारी मैरिज पैलेस की चौथी मंजिल पर चली गई। वहां एक कुर्सी पड़ी हुई थी, जिस पर उड़कर चिंगारी गिरी। उसी चिंगारी ने आग भड़का दी और चौथी मंजिल पर रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। पैलेस मालिक बोले- 8 से 10 लाख का नुकसान हुआ
आग बहुत भयानक थी। जब आग ज्यादा बढ़ गई तो उसके अंगारे बिल्डिंग से नीचे गिरने लगे। इससे बिल्डिंग के नीचे खड़ी एक कार में भी आग लग गई, जिससे कार के आगे का हिस्सा जल गया। हंसराज बताते हैं इस दुर्घटना में उनका करीब 8 से 10 लाख का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि पैलेस में रोहतक से बारात आई थी। जब पैलेस की चौथी मंजिल पर आग लग गई तो मौके पर अफरातफरी मच गई थी। सभी लोग पैलेस से निकलकर बाहर सड़क पर आ गए थे। इसके बाद फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने 1 घंट में आग पर काबू पाया। इसके बाद पैलेस में शादी संपन्न हुई।
अमूल के बाद हरियाणा में वीटा ने बढ़ाए दाम:2 रुपए महंगा, रात 12 बजे से कीमतें लागू; फ्लेवर्ड मिल्क के रेट वही रहेंगे
अमूल के बाद हरियाणा में वीटा ने बढ़ाए दाम:2 रुपए महंगा, रात 12 बजे से कीमतें लागू; फ्लेवर्ड मिल्क के रेट वही रहेंगे लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बाद अचानक दूध के दामों में वृद्धि हुई है। हरियाणा समेत देशभर में अमूल दूध प्रति लीटर के हिसाब से 2 रुपए महंगा हो गया है। वहीं हरियाणा में अमूल के साथ वीटा ने भी दूध के दाम में 2 रुपए की बढ़ोतरी की है। रेट बढ़ने का मुख्य कारण बढ़ती गर्मी को माना जा रहा है। हरियाणा में अमूल के अलावा वीटा का दूध काफी बिकता है। वहीं पंजाब ने भी वेरका दूध के दाम 2 रुपए तक बढ़ा दिए हैं। वीटा अधिकारियों के अनुसार समय को देखते हुए 2 रुपए प्रति किलो के अनुसार दाम बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके अलावा हरियाणा में किसानों से मिलने वाले दूध के दाम भी 30 रुपए तक बढ़ाए गए हैं। किसानों को पहले 730 रुपए किग्रा फैट के हिसाब से कीमत दी जाती थी जो अब 760 पर किग्रा फैट कर दी गई है। इसका असर भी दूध की कीमतों पर पड़ा है। वहीं लस्सी, दही और फ्लेवरर्ड मिल्क के पुराने रेट ही रहेंगे। इनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब इस हिसाब से मिलेगा दूध
अंबाला वीटा मिल्क प्लांट के CEO सरबजीत सिंह ने बताया कि फुल फैट क्रीम दूध 66 रुपए बिकता था वह अब 68 रुपए हो गया है। इसके अलावा साढ़े चार फैट का दूध 60 रुपए 62 रुपए हो गया है। 3 फैट टोंड मिल्क 54 से 56 रुपए और डीटीएन डेढ़ फैट मिल्क 48 से 50 रुपए प्रति लीटर हो गया है। आपको बता दें कि वीटा ने पिछले साल ही दूध के रेट में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। ऐसे समझें दूध की कीमत एफसीएम छह फैट मिल्क (ओरेंज रंग) 68 रुपए स्टैंडर्ट मिल्क ( ग्रीन पैकेट) 62 रुपए
टोंड मिल्क ( नीला पैकेट) 56 रुपए
डीटीएन मिल्क ( पीला रंग) 50 रुपए देसी गाय का दूध पुराने रेट पर मिलेगा जहां एक ओर वीटा ने किराया बढ़ा दिया है वहीं गाय के A2 मिल्क पर कोई किराया नहीं बढ़ाया गया है। हरियाणा के कुरूक्षेत्र में इसका प्लांट है। यहां देसी गाय का दूध सीधा किसानों व पशुपालकों से खरीदा जाता है। देसी गाय के दूध का रेट 60 रुपए लीटर है।