<p style=”text-align: justify;”><strong>Devendra Fadnavis Story:</strong> स्कूल में हमेशा लास्ट बेंच पर बैठने वाले शांत और शर्मिले देवेंद्र फडणवीस का चयन आज महाराष्ट्र की पहली कुर्सी पर बैठने के लिए किया गया है. स्कूल के समय का एक शर्मीला लड़का महाराष्ट्र का एक सफल और अक्रामक नेता कैसे बना? एबीपी न्यूज की खास रिपोर्ट में देवेंद्र फडणवीस के शिक्षकों ने महाराष्ट्र के नए सीएम के कुछ अनकहे किस्से सुनाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नागपुर के शंकर नगर इलाके में स्थित सरस्वती विद्यालय में देवेंद्र फडणवीस की स्कूली पढ़ाई हुई है. स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर A4 क्लास की आखिरी बेंच पर बैठकर ही देवेंद्र फडणवीस ने 8वीं से 10वीं तक की पढ़ाई की और अब एक बार फिर महाराष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण पद यानी सीएम की कुर्सी तक पहुंचे हैं. लेकिन, देवेंद्र फडणवीस अपनी क्लास में अंतिम बेंच पर क्यों बैठते थे? यह किस्सा भी काफी रोचक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में सरस्वती स्कूल की प्रिंसिपल पुष्पा अनंत नारायण ने बताया कि खास बात यह कि 2010 में जब देवेंद्र फडणवीस की 10वीं बैच के 25 साल पूरे होने पर स्कूल में रियूनियन का कार्यक्रम हुआ था, उस समय भी देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पुरानी लास्ट बेंच पर बैठना ही पसंद किया था. वे अपने स्कूली सहपाठियों के साथ उसी लास्ट बेंच पर बैठे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फडणवीस के शिक्षकों ने बताए अनसुने किस्से</strong><br />आज एक सफल नेता के रूप में जाने जाने वाले नेता देवेंद्र फडणवीस पढ़ाई में बेहद साधारण थे. उनकी क्लास टीचर रहीं सावित्री सुब्रमनियम के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस हमेशा ही शांत और गंभीर बालक थे, लेकिन क्लास के दोस्तों के साथ दोस्ती निभाने में उनका कोई मुकाबला नहीं था. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि किसी एक की गलती पर फडणवीस और उनकी पूरी क्लास सजा भुगतती थी, लेकिन गलती किसकी थी यह कभी टीचरों को पता नहीं चल पाता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि जिस समय देवेंद्र फडणवीस स्कूली पढ़ाई कर रहे थे, उसी दौरान उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस नागपुर से एमएलसी/विधायक थे, लेकिन बावजूद इसके देवेंद्र फडणवीस के व्यवहार में कभी भी ऐसा नजर नहीं आता था कि वे एक विधायक के बेटे हैं. पैर में सादी चप्पल, कंधों पर कपड़े का बैग और घुंघराले बाल यही देवेंद्र फडणवीस की पहचान थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>1985 में 10वीं क्लास पास करने के बाद भी देवेंद्र फडणवीस का स्कूल से नाता हमेशा कायम रहा. आज भी स्कूल के छोटे-मोटे कार्यक्रमों में वे आते रहते हैं. आज स्कूल अपने इस गुणवान विद्यार्थी पर गर्व महसूस कर रहा है.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”दोपहर 3.30 बजे राज्यपाल से मिलेंगे महायुति के नेता, सरकार बनाने का पेश करेंगे दावा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mahayuti-to-meet-governor-tomorrow-at-3-30-pm-will-stake-claim-to-form-government-2835679″ target=”_blank” rel=”noopener”>दोपहर 3.30 बजे राज्यपाल से मिलेंगे महायुति के नेता, सरकार बनाने का पेश करेंगे दावा</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>नागपुर के शंकर नगर इलाके में स्थित सरस्वती विद्यालय में देवेंद्र फडणवीस की स्कूली पढ़ाई हुई है. स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर A4 क्लास की आखिरी बेंच पर बैठकर ही देवेंद्र फडणवीस ने 8वीं से 10वीं तक की पढ़ाई की और अब एक बार फिर महाराष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण पद यानी सीएम की कुर्सी तक पहुंचे हैं. लेकिन, देवेंद्र फडणवीस अपनी क्लास में अंतिम बेंच पर क्यों बैठते थे? यह किस्सा भी काफी रोचक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में सरस्वती स्कूल की प्रिंसिपल पुष्पा अनंत नारायण ने बताया कि खास बात यह कि 2010 में जब देवेंद्र फडणवीस की 10वीं बैच के 25 साल पूरे होने पर स्कूल में रियूनियन का कार्यक्रम हुआ था, उस समय भी देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पुरानी लास्ट बेंच पर बैठना ही पसंद किया था. वे अपने स्कूली सहपाठियों के साथ उसी लास्ट बेंच पर बैठे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फडणवीस के शिक्षकों ने बताए अनसुने किस्से</strong><br />आज एक सफल नेता के रूप में जाने जाने वाले नेता देवेंद्र फडणवीस पढ़ाई में बेहद साधारण थे. उनकी क्लास टीचर रहीं सावित्री सुब्रमनियम के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस हमेशा ही शांत और गंभीर बालक थे, लेकिन क्लास के दोस्तों के साथ दोस्ती निभाने में उनका कोई मुकाबला नहीं था. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि किसी एक की गलती पर फडणवीस और उनकी पूरी क्लास सजा भुगतती थी, लेकिन गलती किसकी थी यह कभी टीचरों को पता नहीं चल पाता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि जिस समय देवेंद्र फडणवीस स्कूली पढ़ाई कर रहे थे, उसी दौरान उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस नागपुर से एमएलसी/विधायक थे, लेकिन बावजूद इसके देवेंद्र फडणवीस के व्यवहार में कभी भी ऐसा नजर नहीं आता था कि वे एक विधायक के बेटे हैं. पैर में सादी चप्पल, कंधों पर कपड़े का बैग और घुंघराले बाल यही देवेंद्र फडणवीस की पहचान थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>1985 में 10वीं क्लास पास करने के बाद भी देवेंद्र फडणवीस का स्कूल से नाता हमेशा कायम रहा. आज भी स्कूल के छोटे-मोटे कार्यक्रमों में वे आते रहते हैं. आज स्कूल अपने इस गुणवान विद्यार्थी पर गर्व महसूस कर रहा है.</p>
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