हरियाणा के सिरसा में बाल भवन के पास एक तेज रफ्तार एक कार ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार पुलिस कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सिविल लाइन थाना पुलिस ने साथी पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर अज्ञात चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बुधवार को शव का सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। जानकारी के अनुसार हुडा पुलिस चौकी में तैनात एसपीओ हरजीत कुमार मंगलवार शाम को बाइक पर सवार होकर जा रहा थे। बाल भवन के पास एक तेज रफ्तार कार ने बाइक को टक्कर मारी। जिससे हरजीत सड़क पर जा गिरा और कार चालक उसे कुचल दिया। इसके बाद चालक कार लेकर फरार हो गया। घटना के बाद काफी लोग वहां जमा हो गए। घायल हरजीत को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक हरजीत सिरसा के गांव दड़बी का रहने वाला था। बाल भवन के पास कार ने मारी टक्कर हुडा चौकी में तैनात एसआई कमल सिंह ने पुलिस को बताया कि वह शाम को सरकारी गाड़ी में जा रहा था। उसके सामने बाल भवन के पास तेज रफ्तार कार ने बाइक को टक्कर मारी। कार चालक बाइक चालक को कुचलता हुआ फरार हो गया। उसने पास जाकर देखा तो हरजीत खून से लथपथ हालत में सड़क पर पड़ा था। पुलिस का कहना है कि अज्ञात चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही उसकी पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कार का नंबर पता चल चुका है। दोपहर को शव का पोस्टमॉर्टम करके परिजनों को सौंप दिया गया। हरियाणा के सिरसा में बाल भवन के पास एक तेज रफ्तार एक कार ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार पुलिस कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सिविल लाइन थाना पुलिस ने साथी पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर अज्ञात चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बुधवार को शव का सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। जानकारी के अनुसार हुडा पुलिस चौकी में तैनात एसपीओ हरजीत कुमार मंगलवार शाम को बाइक पर सवार होकर जा रहा थे। बाल भवन के पास एक तेज रफ्तार कार ने बाइक को टक्कर मारी। जिससे हरजीत सड़क पर जा गिरा और कार चालक उसे कुचल दिया। इसके बाद चालक कार लेकर फरार हो गया। घटना के बाद काफी लोग वहां जमा हो गए। घायल हरजीत को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक हरजीत सिरसा के गांव दड़बी का रहने वाला था। बाल भवन के पास कार ने मारी टक्कर हुडा चौकी में तैनात एसआई कमल सिंह ने पुलिस को बताया कि वह शाम को सरकारी गाड़ी में जा रहा था। उसके सामने बाल भवन के पास तेज रफ्तार कार ने बाइक को टक्कर मारी। कार चालक बाइक चालक को कुचलता हुआ फरार हो गया। उसने पास जाकर देखा तो हरजीत खून से लथपथ हालत में सड़क पर पड़ा था। पुलिस का कहना है कि अज्ञात चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही उसकी पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कार का नंबर पता चल चुका है। दोपहर को शव का पोस्टमॉर्टम करके परिजनों को सौंप दिया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में निगम के चेयरमैन होंगे पावरफुल:20 लाख का होगा निजी कोष; सिक्योरिटी के लिए बॉडीगार्ड मिलेगा
हरियाणा में निगम के चेयरमैन होंगे पावरफुल:20 लाख का होगा निजी कोष; सिक्योरिटी के लिए बॉडीगार्ड मिलेगा हरियाणा के सरपंचों की तरह अब निकाय चेयरमैन व वाइस चेयरमैनों की भी पावर बढ़ने वाली है। शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने जनप्रतिनिधियों के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी का खाका तैयार कर लिया है। इस खाका में जहां बिल पास करने के लिए चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सचिव की कमेटी में से 2 को साइन की पॉवर दी जाएगी तो वहीं सरकारी काम के लिए अब वह खुद की गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके एवज में उन्हें विभाग की ओर से 16 रुपए प्रति किलोमीटर के तहत पैसों की अदायगी की जाएगी। हर महीने वह 2500 किलोमीटर तक गाड़ी का इस्तेमाल कर सकेंगे। दरअसल, निकाय चेयरमैनों की ओर से लंबे समय से वित्तीय पावर बढ़ाने सहित अन्य अधिकार देने की मांग की जा रही। इस संबंध में महीनों पहले शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने प्रदेश भर के चेयरमैनों के साथ बैठक की थी जिसमें उनकी मांगों को उचित बताते हुए प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए थे। फिलहाल मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेजी जा चुकी है जहां से मुख्यमंत्री की स्वीकृति का इंतजार है। पेमेंट अप्रूवल कमेटी में मिलेगी जगह निकाय एसोसिएशन की ओर से महीनों पहले निकाय मंत्री सुभाष सुधा के साथ हुई बैठक में 5 सूत्रीय एजेंडे को लागू करने की मांग की गई थी। निकाय एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष रजनी विरमानी ने मंत्री को बताया है कि पेमेंट अप्रूवल कमेटी में जिन-जिन सदस्यों को रखा गया है उनके बीच विवाद होने की संभावना ज्यादा है, इसलिए इस कमेटी में सिर्फ निर्वाचित अध्यक्ष व जो भी अधिकारी हो तथा जिस वार्ड में काम होना हो वहां के निर्वाचित मेंबर को ही शामिल किया जाए। 20 लाख तक का होगा निजी कोष सभी निकायों में निर्वाचित अध्यक्ष के पास भी कम से कम 15-20 लाख रुपए तक के काम करवाने के लिए हर महीने निजी कोष में बजट दिया जाए। सभी शहरों में काफी सामुदायिक केंद्र व धर्मशालाएं लंबे समय से बनी हैं जो जर्जर हालत में पहुंच गई है लेकिन उनके पास मलकीयत के दस्तावेज नहीं है। ऐसी धर्मशालाओं के जीर्णोद्वार का काम निकायों को देना चाहिए।
इसके अलावा सभी चेयरमैनों को सिक्योरिटी के तहत अंगरक्षक उपलब्ध करवाने के साथ ही अफसरों पर प्रधानों का नियंत्रण स्थापित करने की पॉवर देनी चाहिए। सरपंचों की सरकार बढ़ा चुकी पावर कुरुक्षेत्र में पंचायती राज सम्मेलन के दौरान सीएम नायब सैनी सरपंचों की पावर बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। जिसके बाद अब सरपंच ई-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख तक के काम करा सकेंगे। खट्टर के CM रहते यह लिमिट 5 लाख कर दी गई थी।जिसका सरपंच लगातार विरोध कर रहे थे। वह ई-टेंडरिंग को ही खत्म करने की मांग कर रहे थे। इसके विरोध में यूनियन तक बनाई गई और खट्टर का सीएम रहते खूब विरोध भी किया गया।हालांकि सीएम ने अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल काम कराने की लिमिट में ही राहत दी है।
नफे सिंह मर्डर केस में CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे:ब्रिटेन के गैंगस्टर का नाम; हत्यारों ने गाड़ी में लगाई GPS डिवाइस
नफे सिंह मर्डर केस में CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे:ब्रिटेन के गैंगस्टर का नाम; हत्यारों ने गाड़ी में लगाई GPS डिवाइस हरियाणा के चर्चित INLD के पूर्व MLA नफे सिंह मर्डर केस में केंद्रीय जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहली चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। इस चार्जशीट में बड़े-बड़े खुलासे किए गए हैं। हालांकि इस चार्जशीट में सीबीआई ने नफे सिंह राठी के मर्डर का मोटिव क्लीयर नहीं किया है। जिसके बाद इनेलो नेता के मर्डर का रहस्य और गहरा गया है। चार्जशीट में ब्रिटेन के एक गैंगस्टर का नाम शामिल किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि हत्यारों ने नफे सिंह के मर्डर से पहले उनकी गाड़ी की लोकेशन जानने के लिए एक GPS सिस्टम भी लगाया था। 25 फरवरी को बहादुरगढ़ में बराही रेलवे क्रासिंग पर नफे सिंह की 10 गोलियां लगने से मौत हो गई थी। इस दौरान उनके सहयोगी जयकिशन दलाल की 4 गोलियां लगने से मौत हो गई थी। उन पर I-20 कार में सवार हमलावरों ने हमला किया था, जिन्होंने उनका पीछा किया और उनकी एसयूवी पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थी। क्यों आया गैंगस्टर नंदू का नाम सीबीआई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि 4 शूटर और ब्रिटेन में रहने वाले एक गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने सिग्नल ऐप के जरिए बातचीत की थी। इसके साथ ही मर्डर के बाद ब्रिटेन स्थित ‘वांटेड’ गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने आईएनएलडी प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। कपिल सांगवान दिल्ली पुलिस की अपराधियों की सूची में वह मोस्ट वांटड अपराधी है। जीजा की हत्या का लिया बदला मर्डर के बाद कपिल गैंगस्टर के द्वारा की गई पोस्ट में लिखा था कि उसने ये मर्डर अपने जीजा और दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए किया है। हरियाणा पुलिस ने भी इस मामले में कोई सक्रियता नहीं दिखाई थी, तो उसे मजबूर होकर उनका मर्डर करना पड़ा। यहां पढ़िए मर्डर केस की जांच में अब तक क्या क्या हुआ… फॉर्च्यूनर से मिली 8 गोलियां हत्या के दो दिन बाद पुलिस फॉर्च्यूनर को सत्यम टोयोटा शोरूम ले गई, जहां जांच के दौरान उन्हें 8 गोलियां और 13 गोलियों के टुकड़े मिले। नई दिल्ली के द्वारका में ‘म्यूजिक कार’ शॉप से खरीदा गया एक जीपीएस ट्रैकर भी वाहन के पिछले हिस्से से जुड़ा हुआ पाया गया। हालांकि डिवाइस का खरीदार अज्ञात है, लेकिन CBI जांच से पता चला है कि कपिल सांगवान ने एसयूवी की लाइव लोकेशन को ट्रैक करने के लिए 8 फरवरी से 3 मार्च के बीच यूके से लॉगिन क्रेडेंशियल संचालित किए थे। सांगवान की चैट सामने आई फरवरी में धर्मेंद्र ने सांगवान के निर्देशानुसार शूटरों के लिए एक आई-20 कार का इंतजाम किया। शूटरों में से एक सचिन, जो तिहाड़ जेल में रहने के दौरान गुलिया से परिचित था, को गुलिया ने 17 फरवरी को फेसबुक मैसेंजर के जरिए सिग्नल ऐप इन्स्टॉल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सांगवान ने 18 फरवरी को सचिन से संपर्क किया और कहा, ‘अमित गुलिया ने तेरा नंबर दिया था। भई एक दुश्मन मारना है। 307 करनी है, बहादुरगढ़ में। चले जइयो।” मर्डर से पहले सांगवान को सेल्फी भेजी सचिन ने इस काम में मदद के लिए आशीष उर्फ बाबा को चुना। 23 फरवरी को वे नांगलोई से बहादुरगढ़ मेट्रो स्टेशन गए, जहां सचिन ने निर्देशानुसार सेल्फी ली और सांगवान को भेज दी। शूटरों के दूसरे समूह नकुल और अतुल को रोहतक से बहादुरगढ़ के लिए कैब लेते समय पकड़ा गया। वे i-20 कार लेकर सचिन और आशीष के साथ हो लिए।अतुल 4 पिस्तौल, 100 राउंड गोलियां और 2 लाख रुपए नकद लेकर आया था। उसने सचिन और आशीष को नफे सिंह की पहचान नहीं बताई। उसने उनके फोन जब्त कर लिए और उन्हें बंद कर दिया। नफे सिंह हत्यारों से कुछ कहना चाहते थे सीबीआई का चार्जशीट में कहना है कि नफे सिंह ने कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन लगातार गोलियों की आवाज के कारण वह कुछ नहीं कह पाया। संजीत बचाव में गोली नहीं चला सका। ड्राइवर राकेश ने गुस्से में संजीत से कहा, “चला ले ना। जब मार जाएंगे, तो क्या फायदा?” लेकिन वह इतना डरा हुआ था कि गोली नहीं चला सका और उसके हाथ कांपने लगे। चार्जशीट में सीबीआई का ये कहना है। यहां पढ़िए मर्डर से पहले की STORY मर्डर वाले दिन, हत्यारे नफे सिंह के कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि वह करोर गांव में है। उन्होंने वहां उसका पीछा किया, लेकिन हमला करने का मौका नहीं मिला। अगले दिन, उन्होंने बहादुरगढ़ के आरआर फार्म तक उसका पीछा किया और फिर जटवाड़ा मोहल्ला में उसके घर के पास, क्योंकि उन्हें सांगवान से लाइव लोकेशन मिल रही थी। 25 फरवरी को उन्होंने नफे सिंह का बहादुरगढ़ के सेक्टर 7 से लेकर सराय गांव और फिर अशोधा गांव तक पीछा किया। अशोधा में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नफे सिंह अपने भतीजे राकेश, गनमैन संजीत और जयकिशन दलाल के साथ बराही के रास्ते बहादुरगढ़ के लिए रवाना हुए। शूटरों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया। जैसे ही बराही रेलवे क्रॉसिंग बंद हुई, चारों शूटर अपनी गाड़ी से निकले और नफे सिंह की एसयूवी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
हरियाणा में लगाए जाएंगे वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट:गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में स्थापित होंगे, प्रदेश के अन्य शहरों में भी विस्तार की योजना
हरियाणा में लगाए जाएंगे वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट:गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में स्थापित होंगे, प्रदेश के अन्य शहरों में भी विस्तार की योजना हरियाणा में जल्द ही कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट लगेंगे, जिन्हें ग्रीन कोल प्लांट भी कहा जाता है। इस प्लांट के लिए एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NVVNL) और हरियाणा सरकार के बीच जल्द ही समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में प्लांट स्थापित करने के बाद इस पहल का विस्तार हरियाणा के अन्य शहरों में भी किया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों से यह योजना सिरे चढ़ाई जा रही है। एनवीवीएनएल के अधिकारी जल्द ही हरित कोयला संयंत्र (ग्रीन कोल प्लांट) स्थापित करने के लिए कुछ स्थलों का दौरा करेंगे। इन संयंत्रों को क्रियान्वित करने के लिए श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें हरियाणा सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। शहरों में ठोस कचरे से मिलेगी निजात
शहरों में लगातार बढ़ते ठोस कचरे से निजात पाने के लिए नगर निगम में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। बैठक के दौरान ठोस अपशिष्ट से ग्रीन कोल बनाने की एनवीवीएनएल की पहल पर विस्तृत चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि ग्रीन कोल, जिसे जैव-कोयला भी कहा जाता है, पारंपरिक अपशिष्ट का एक स्थायी विकल्प है, क्योंकि इसे थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए नियमित कोयले के साथ मिश्रित किया जा सकता है। वाराणसी में एक संयंत्र स्थापित किया
एनवीवीएनएल ने हाल ही में ठोस अपशिष्ट से ग्रीन कोल बनाने के लिए वाराणसी में एक संयंत्र स्थापित किया है। यह संयंत्र 600 टन अपशिष्ट का उपभोग करेगा और 200 टन ग्रीन कोल का उत्पादन करेगा, जिससे बहुत कम अवशेष बचेगा। एनवीवीएनएल हल्द्वानी, वडोदरा, नोएडा, गोरखपुर और भोपाल में भी ग्रीन कोल संयंत्र स्थापित करने के लिए विभिन्न चरणों में कार्य कर रहा है। खट्टर हरियाणा में लगाना चाहते हैं प्लांट
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में हरित कोयला परियोजनाएं स्थापित की जाएं। नगर निगम आयुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि नगर निगम ने पहले ही इस प्रक्रिया को शुरू की दी है और एनवीवीएनएल अधिकारियों के साथ गुरुग्राम में कुछ साइट्स दिखाई हैं। प्रतिदिन 1200 टन कचरे का निपटान होगा
केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि नगर निगम एनवीवीएनएल के साथ मिलकर बंधवाड़ी या गुरुग्राम व मानेसर के आसपास वैकल्पिक स्थलों पर एक ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करे। उन्होंने कहा कि यह प्लांट प्रतिदिन लगभग 1200 टन ठोस अपशिष्ट का निपटान करने में सक्षम होना चाहिए। इसी प्रकार, फरीदाबाद नगर निगम को एनवीवीएनएल के साथ मिलकर गांव मोठूका में उपलब्ध भूमि पर 1000 टन प्रतिदिन क्षमता का प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। गुरुग्राम-मानेसर व फरीदाबाद में वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करने से न केवल अपशिष्ट समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी।